कानून पीड़ित को न्याय रिफ्लेक्टर देखकर नहीं,वाहन नंबर के आधार पर देता है...
बिना नंबर प्लेट दौड़ते ट्रैक्टर-ट्रॉली और डंपर,कानून सिर्फ़ दोपहिया वालों के लिए है !
सड़कों पर रोज़ दौड़ते ट्रैक्टर-ट्रॉली और लोडिंग डंपर आज एक गंभीर सवाल बन चुके हैं। न नंबर प्लेट, न वाहन पहचान—बस पीछे चमकता हुआ एक रिफ्लेक्टर और प्रशासन की कथित “कर्तव्यपूर्ति” पूरी ! विडंबना यह है कि अगर यही गलती कोई दोपहिया वाहन चालक कर दे, तो उसका चालान काटने में पुलिस को एक पल नहीं लगता।
तो सवाल लाज़मी है क्या ट्रैफिक नियम कुछ खास वाहनों के लिए शिथिल हैं?
- नियम सबके लिए या चुनिंदा लोगों के लिए?
- मोटर व्हीकल एक्ट साफ़ कहता है कि हर वाहन पर वैध नंबर प्लेट होना अनिवार्य है। फिर ट्रैक्टर-ट्रॉली और डंपर पर यह नियम क्यों लागू नहीं होता?
- क्या परिवहन विभाग ने इन्हें कोई विशेष छूट या मौन अनुमति दे रखी है?
- या फिर यह सब कुछ प्रशासनिक उदासीनता का परिणाम है?
दुर्घटना के बाद ‘अदृश्य’ हो जाते हैं ये वाहन...
हकीकत यह है कि सड़क हादसों के बाद सबसे पहले जो वाहन फरार होते हैं, वे अक्सर यही होते हैं, बिना नंबर, बिना पहचान, बिना जवाबदेही।
नंबर प्लेट न होने का मतलब है...
- दोषी की पहचान असंभव
- पीड़ित को न्याय मिलना मुश्किल
- कानून का मज़ाक
- क्या नंबर न लिखने के पीछे अवैध लोडिंग, खनन या अन्य गैरकानूनी गतिविधियों से बचने की मंशा नहीं झलकती?
- रिफ्लेक्टर लगाना काफी नहीं है, साहब !
यह सच है कि रिफ्लेक्टर लगाने से सामने वाला वाहन सावधान हो सकता है,यह एक सकारात्मक कदम है।
लेकिन सवाल यह है ...
- अगर वही वाहन एक्सीडेंट कर भाग जाए, तो उसे पकड़ा कैसे जाएगा?
- केवल रिफ्लेक्टर लगवाकर पुलिस अपनी जिम्मेदारी से मुक्त नहीं हो सकती।
- कानून का पालन आधा-अधूरा नहीं, पूर्ण होना चाहिए।
जनता का सीधा सवाल प्रशासन से...
- क्या बिना नंबर प्लेट वाहन चलाना अपराध नहीं?
- क्या पुलिस की कार्रवाई सिर्फ़ आसान शिकार तक सीमित है?
- क्या भारी वाहनों पर कार्रवाई करने से परहेज़ किया जाता है?
- इन सवालों के जवाब अब शासन और प्रशासन को देने होंगे।
अब ज़रूरी है सख़्त कार्रवाई...
- बिना नंबर प्लेट चल रहे ट्रैक्टर-ट्रॉली और डंपरों पर तत्काल रोक
- प्राथमिकता के आधार पर नंबर प्लेट अनिवार्य करवाई जाए
- उल्लंघन करने वालों पर भारी चालान और वाहन ज़ब्ती
- दिखावटी कार्रवाई नहीं, स्थायी समाधान
- कानून रिफ्लेक्टर से नहीं, नंबर प्लेट से चलता है
- अगर आज भी प्रशासन ने आंख मूंदे रखीं, तो कल सड़क पर बहता खून केवल हादसा नहीं—
- प्रशासनिक लापरवाही का प्रमाण माना जाएगा।
अब वक्त है...
ट्रैक्टर ट्रॉली या लोडिंग डंपर पर पुलिस का ध्यान केवल रिफ्लेक्टर लगाने तक ही सीमित,नंबर की अनदेखी न हो ! ट्रेक्टर वैसे तो कृषि कार्यों के लिए है लेकिन कृषि कार्यों से कहीं अधिक ये रेता-गिट्टी और पत्थर आदि ढोने का काम इनसे खुलेआम किया जाता है। और वह पुलिस के सामने। इस पर भी अविलंब रोक लगना चाहिए।
1.क्योंकि जब यही गलती कोई दो पहिया वाहन चालक करता है तो उसका अच्छा खासा चालान काट देने वाली पुलिस आखिरकार इन ट्रैक्टर ट्रॉली और लोडिंग डंपर चालकों पर इतनी मेहरबान क्यों !
2.क्या यह सरेआम ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन नहीं है या फिर ट्रांसपोर्ट विभाग ने इनको अलग से परमिशन दे रखी है ?
3.क्योंकि यही वे वाहन होते हैं जो दुर्घटनाओं को अंजाम दे भाग जाते हैं !
4.नंबर ना लिखने का कारण शायद, कुछ गलत कार्यों में इनकी सलंग्नता जाहिर होने की तरफ भी इशारा करती है !
5.पुलिस यह सब देखकर अनदेखा कर रही है क्यों?
6.हां पुलिस एक दिखावा जरूर कर रही है वो है, रिफ्लेक्टर लगाने का काम पुलिस कर रही है। अच्छी बात है । रिफ्लेक्टर देखकर सामने वाला वाहन एक्सीडेंट से बचने की कोशिश करेगा, लेकिन अगर यही वाहन एक्सीडेंट करके भागेंगे तो इन्हें कैसे पकड़ेंगे ?
7.इसलिए पुलिस को इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि जिन वाहनों पर नंबर नहीं डाले हैं पहले उनका अच्छा-खासा चालान काटे और उसके बाद उन पर प्राथमिकता के साथ नंबर डलवाने का कार्य करना चाहिए। केवल रिफ्लेक्टर भर लगा देने से पुलिस की जिम्मेदारी खत्म नहीं हो जाती है।
कानून को चमकाने का नहीं, लागू करने का।










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