क्षेत्रीय भाजपाई राजनीति में कई बड़े नेता उखड़े उखड़े से है...
रूठे मुन्ना ने ,प्रभारी मंत्री के आग्रह करने के बाद भी नहीं खाया खाना !
ग्वालियर। ग्वालियर में क्षेत्रीय भाजपाई राजनीति में कई बड़े नेता उखड़े उखड़े से है। यह नेता अपने निजी कामों की वजह से नहीं, बल्कि सार्वजनिक हित के काम भी न हो पाने से नाराज है। शनिवार को पूर्व विधायक व भाजपा के वरिष्ठ नेता मुन्नालाल गोयल भी बेहद नाराजगी भरे दिखाई दिये। मुन्नालाल गोयल प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट से मिलने मुरार व्हीआईपी सर्किट हाउस पहुंचे तो मंत्री जी ने कहा कि आईये भोजन कर लें। इस पर पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल ने कहा कि मैं भोजन करने नहीं आया हूं।
आप मेरी बात सुनो और निगम कमिश्नर संघप्रिय को बुलाओ। केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस और विधायकी छोड़कर आने वाले मुन्नालाल की पीड़ा थी कि उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। मुन्नालाल का कहना था कि मैं व्यक्तिगत काम की नहीं बोलता, मैं तो जनहित के काम ही बोलता हूं तो भी मेरी सुनवाई नहीं हो रही है। प्रभारी मंत्री सिलावट औश्र पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल काफी देर अलग बात करते रहे, मुन्नालाल ने कहा कि उन्होंने बैसली नदी को सुंदर, गंदगी रहित बनाने व वहां पर्यावरण को बेहतर बनाने का संकल्प लिया है।
मुन्नालाल ने मंत्री से कहा कि वह और उनके समर्थक बैसली नदी के किनारे पर्यावरण बेहतर कर साफ सफाई कर नया अध्याय लिख रहे हैं, लेकिन निगम का कोई सहयोग नहीं मिल रहा। वह निगम कमिश्नर से भी लगातार मिल रहे है, लेकिन उनकी बात पूरी नहीं की जा रही हैं।
प्रभारी मंत्री ने फिर कमिश्नर को भी बुलाया
प्रभारी मंत्री सिलावट भाजपा नेता मुन्नालाल के साथ अलग बैठे, फिर प्रभारी मंत्री ने निगम कमिश्नर संघप्रिय को भी बुलाया, फिर तीनों एक साथ बैठे। इसके बाद प्रभारी मंत्री सिलावट ने कमिश्नर से मुन्नालाल के जनहित के कामों को प्राथमिकता देने की बात कही।
नमामि गंगे के 11 करोड़ कहा गये
पूर्व विधायक मुन्नालाल ने कहा कि नमामि गंगे अभियान के तहत 23 करोड़ रूपये मिले थे, इसके बाद 11 करोड़ रूपये गुपचुप खर्च कर दिये। यह राशि 11 करोड़ कहां गई इसका हिसाब चाहिये। जबकि इससे बैसली नदी से जुड़े छोटे बांधों व पानी स्रोतों को जोड़ा जाना था।










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