G News 24 : 13 से 18 अक्टूबर तक इन राज्यों में भयंकर बारिश मचाएगी तांडव !

 अक्टूबर के महीने में मौसम क्यों मचा रहा प्रलय...

13 से 18 अक्टूबर तक इन राज्यों में भयंकर बारिश मचाएगी तांडव !

भारत का मौसम इस बार अक्टूबर में कुछ अलग ही रंग दिखा रहा है. कहीं भारी बारिश और भूस्खलन तो कहीं बर्फबारी और हल्की फुहारें. दिल्ली-एनसीआर में बारिश ने मौसम को ठंडा कर दिया है तो दार्जिलिंग में भूस्खलन ने मुश्किलें बढ़ा दीं हैं. जम्मू-कश्मीर में बर्फबारी ने सबको चौंका दिया है. आखिर इस मौसम की वजह क्या है? और 13 से 18 अक्टूबर तक किन राज्यों में भयंकर बारिश होने वाली है. जानें सबकुछ.

अक्टूबर आते ही मानसून तो विदा हो गया, लेकिन मौसम ने फिर से तांडव मचा दिया है. दक्षिण भारत में भारी बारिश का सिलसिला जारी है, जबकि उत्तर में हल्की फुहारें और ठंडक का अहसास हो रहा है. मौसम विभाग (IMD) ने अलर्ट जारी किया है कि 13 से 18 अक्टूबर तक दक्षिणी राज्यों में तेज बारिश, बिजली चमक और तेज हवाएं चलेंगी. इससे बाढ़, भूस्खलन और यातायात में खलल की आशंका है. आखिर इस अजीब मौसम की क्या वजह? आइए समझते हैं अंदर की पूरी कहानी.

पश्चिमी विक्षोभ का असर

मीडिया रिपोर्ट में छपी खबर के मुताबिक, मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बार पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbances) इस अजीब मौसम का सबसे बड़ा कारण हैं. ये मौसमी सिस्टम भूमध्य सागर से भारत की ओर आते हैं और उत्तरी भारत में नमी और अस्थिरता लाते हैं. यूके की यूनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग के रिसर्च साइंटिस्ट डॉ. अक्षय देवरस कहते हैं, “पश्चिमी विक्षोभ की वजह से उत्तरी भारत में मौसम अस्थिर है. ये सिस्टम मानसून के बाद सामान्य हैं, क्योंकि ऊपरी हवाओं में जेट स्ट्रीम इन्हें रास्ता देती है. इस बार ये विक्षोभ ज्यादा तीव्र हैं.”

हाल के वर्षों में मौसम की चरम घटनाएं बढ़ी हैं, लेकिन विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि हर घटना को जलवायु परिवर्तन से जोड़ना सही नहीं. आईआईटी भुवनेश्वर के जलवायु शोधकर्ता डॉ. वी. विनोज कहते हैं, “भारत में मौसम कई कारकों से प्रभावित होता है, जैसे ENSO (एल नीनो-सदर्न ऑसिलेशन), शहरीकरण और जमीन के इस्तेमाल में बदलाव. अभी हम ENSO के हल्के नकारात्मक चरण में हैं, जिससे बारिश की संभावना बढ़ती है.”

डॉ. देवरस कहते हैं, “अक्टूबर में एक-दो पश्चिमी विक्षोभ सर्दी की भविष्यवाणी के लिए काफी नहीं. हालांकि, ला नीना के प्रभाव से उत्तरी भारत में सर्दी ठंडी हो सकती है, लेकिन हाल के वर्षों में पश्चिमी विक्षोभ सर्दी की शुरुआत में कम हुए हैं, जिससे सूखी शुरुआत हो सकती है.” लेकिन आईएमडी ने चेतावनी दी है कि 18 अक्टूबर तक कई राज्यों में भारी बारिश हो सकती है. 

13-18 अक्टूबर: कौन-कौन से राज्य प्रभावित?

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने आने वाले सप्ताह में केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना सहित दक्षिणी राज्यों में व्यापक वर्षा और गरज के साथ छींटे पड़ने का अनुमान लगाया है. 12 अक्टूबर, 2025 को जारी अखिल भारतीय मौसम पूर्वानुमान और चेतावनी बुलेटिन के अनुसार, इन क्षेत्रों में 18 अक्टूबर तक हल्की से मध्यम वर्षा और कुछ स्थानों पर भारी वर्षा जारी रहेगी. रविवार रात 8:02 बजे जारी बुलेटिन यह भी बताता है कि मध्य और पूर्वी भारत के अधिकांश हिस्सों से दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी की प्रक्रिया चल रही है, जबकि दक्षिणी प्रायद्वीपीय क्षेत्र कई मौसम प्रणालियों के प्रभाव में बना हुआ है. निवासियों और यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे वर्तमान पूर्वानुमान को ध्यान में रखते हुए अपनी तत्काल यात्रा योजना बनाएं. मुश्किल क्षेत्रों में, यदि संभव हो तो अनावश्यक यात्रा से बचें.

13 से 18 अक्टूबर तक कहां बारिश का प्रलय?

नवीनतम बुलेटिन के अनुसार, 13 से 18 अक्टूबर तक तमिलनाडु, केरल, दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक, आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्रों और यनम (पुडुचेरी में) में हल्की से मध्यम वर्षा या गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है. इस अवधि के दौरान केरल और तमिलनाडु में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा होने की संभावना है, जबकि तटीय आंध्र प्रदेश और दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक के कुछ हिस्सों में 13 और 14 अक्टूबर को वर्षा की गतिविधियों में वृद्धि देखी जाएगी.

13 से 16 अक्टूबर के बीच कहां बारिश?

13 से 16 अक्टूबर के बीच केरल, माहे (पुडुचेरी में) तमिलनाडु, तटीय आंध्र प्रदेश, यनम, रायलसीमा और तेलंगाना में गरज के साथ बिजली और 30-40 किमी/घंटा की गति से तेज़ हवाएं चलने की संभावना है. लक्षद्वीप में भी आज 13 अक्टूबर को तेज़ हवाओं के साथ गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है. आईएमडी ने 13-18 अक्टूबर तक केरल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा और गरज के साथ बौछारें पड़ने की चेतावनी दी है, जबकि तेलंगाना और कर्नाटक में गरज के साथ बिजली गिर सकती है. 

पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों में कितनी होगी बारिश?

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ओडिशा में 13 और 14 अक्टूबर को कुछ स्थानों पर भारी वर्षा, उसके बाद गरज के साथ छींटे और बिजली गिरने की संभावना है. 14 से 16 अक्टूबर के बीच छत्तीसगढ़ और विदर्भ क्षेत्र में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा या गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं. पूर्वोत्तर भारत में, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिज़ोरम और त्रिपुरा में गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है, हालांकि उसके बाद वर्षा की गतिविधि धीरे-धीरे कम हो जाएगी. मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली सहित मध्य और उत्तरी भारत के अधिकांश हिस्सों में इस पूरे सप्ताह मौसम शुष्क रहने की संभावना है.

पूरे भारत में तापमान

12 अक्टूबर को, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और बिहार के कुछ हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से काफ़ी ऊपर (5 डिग्री सेल्सियस से ज़्यादा) रहा, जबकि असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिज़ोरम, त्रिपुरा, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और विदर्भ क्षेत्र जैसे क्षेत्रों में यह सामान्य से ऊपर (3-5 डिग्री सेल्सियस ज़्यादा) रहा. मध्य प्रदेश के इंदौर में सबसे कम न्यूनतम तापमान 14.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो मध्य भारत के कुछ हिस्सों में ठंडी रातों की शुरुआत का संकेत है. इसके विपरीत, कोंकण क्षेत्र, गोवा, तमिलनाडु, पुडुचेरी और केरल के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर रहा. राजस्थान के बाड़मेर में सबसे ज़्यादा तापमान 36.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.

मानसून की वापसी

अब महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार के शेष हिस्सों के साथ-साथ झारखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, छत्तीसगढ़, ओडिशा और तेलंगाना से अगले 24 घंटों के भीतर मानसून की वापसी के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं. पूर्वोत्तर राज्यों से अगले 2-3 दिनों में मानसून की वापसी की उम्मीद है.

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