भाई-बहन के अटूट स्नेह के पर्व रक्षाबंधन की सभी को ढेर सारी शुभकामनाऐं ...
आज 9 अगस्त को रक्षाबंधन है, राखी बांधने का यह रहेगा शुभ मुहूर्त !
रक्षाबंधन का पावन पर्व श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है यानी सावन के आखिरी दिन पर राखी मनाई जाती है। इस बार राखी पूर्णिमा 8 अगस्त की दोपहर 2 बजकर 12 मिनट से शुरू होकर 9 अगस्त की दोपहर 1 बजकर 24 मिनट तक रहेगी। राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 47 मिनट से शुरू हो जाएगा। इसलिए इस बार राखी का त्योहार 9 अगस्त दिन शनिवार को मनाया जा रहा है।
पंचांग अनुसार पूर्णिमा तिथि 8 अगस्त की दोपहर 2 बजकर 12 मिनट से लेकर 9 अगस्त की दोपहर 1 बजकर 24 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार रक्षाबंधन पर्व 9 अगस्त को मनाया जाएगा। इस बार बहनों को राखी बांधने के लिए पूरे 7 घंटे 29 मिनट का समय मिल रहा है।
हर साल रक्षाबंधन पर परेशान करने वाली भद्रा इस बार सूर्योदय से पहले ही समाप्त हो जाएगी। जिससे बहनें बिना किसी अड़चन के भाइयों को राखी बांध सकेंगी। 9 अगस्त को रक्षाबंधन सुबह 5 बजकर 47 मिनट से शुरू होकर दोपहर 1 बजकर 24 मिनट तक है। पूर्णिमा तिथि दोपहर 01:24 पर खत्म हो रही है इसलिए बहनों को सलाह है कि इससे पहले ही भाइयों को राखी बांध लें।
रक्षाबंधन के दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:00 से 12:53 बजे तक रहेगा। कई बहनें इस शुभ मुहूर्त में अपने भाइयों को राखी बांधती हैं।
- रक्षाबंधन शुभ चौघड़िया मुहूर्त
- शुभ - उत्तम - 07:27 AM से 09:07 AM
- लाभ - उन्नति - 02:06 PM से 03:46 PM
- अमृत - सर्वोत्तम - 03:46 PM से 05:26 PM
- रक्षाबंधन पर राहुकाल कब से कब तक रहेगा
- रक्षाबंधन पर राहुकाल सुबह 09:07 से 10:47 बजे तक रहेगा। बहनें इस मुहूर्त में राखी बांधने से बचें।
- राखी बांधते समय कितनी गांठ लगानी चाहिए और कौन सा मंत्र बोलना चाहिए
राखी बांधते समय उसमें कितनी गांठ लगाई जा रही है इसका भी विशेष महत्व होता है। चलिए आपको बताते हैं राखी बांधते समय कितने गांठ बांधनी जरूरी होती है।
राखी बांधते समय कितनी गांठ लगानी चाहिए ...
सामान्यतः राखी बांधते समय तीन गांठें बांधने की सलाह दी जाती है। जिसमें पहली गांठ इस संकल्प के साथ बांधी जाती है कि भाई को लंबी उम्र, सुरक्षा और सुख-समृद्धि की प्राप्ति हो। दूसरी गांठ भाई-बहन के रिश्ते में अटूट प्रेम, विश्वास और सम्मान की भावना को दर्शाती है तो वहीं तीसरी गांठ भाई को उसके कर्तव्यों की याद दिलाती है कि वह अपने जीवन में हमेशा धर्म, सत्य और मर्यादा के मार्ग पर चलें और हर परिस्थिति में अपनी बहन की रक्षा करे। राखी में गांठें बांधते समय बहन शांत रहकर अपने भाई को रक्षा, प्रेम और सद्बुद्धि का आशीर्वाद देती है। कहते हैं इस तरह से राखी बांधने से भाई से नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं।
वहीं कुछ जगहों पर भाइयों को राखी बांधने समय उसमें पांच गांठें लगाई जाती हैं जो पंचतत्व और पांच देवताओं को समर्पित होती हैं। बहनों को गांठ बांधते समय ‘ॐ रक्षं च रक्षाय’ मंत्र का मन ही मन जाप जरूर करना चाहिए। इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि राखी में गांठें धीरे-धीरे और पूरी श्रद्धा के साथ लगाएं जिससे ईश्वर की कृपा आपके भाई पर सदैव बनी रहे।
राखी बांधते समय बहन,भाई के लिए इनमे से कोई भी एक मंत्र मन ही मन बोल सकती है...
- “ॐ येन बद्धो बलि राजा दानवेन्द्रो महाबलः। तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल॥”
- “रक्षासूत्रं शुभं दत्तं भुक्तिमुक्तिफलप्रदं। चीरयित्वा पवित्रेण बद्धं चास्तु सुते रणे॥”
- “चिरंजीवी भव। आयुष्मान् भव। विजयी भव। सर्वसंपदां प्राप्तिर्भवतु।”
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।)
0 Comments