एमएसएमई का बजट 450 करोड़ से बढ़ाकर 2100 करोड़ कर दिया गया है...
कृषि फूड आधारित उद्योग में कार्यरत प्रत्येक कर्मचारी के लिए,उद्यमियों को प्रति माह 5 हजार रुपये : CM
भोपाल।मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव रविवार को भोपाल के गोविंदपुरा स्थित एमएसएमई कन्वेंशन सेंटर में आयोजित लघु उद्योग भारती के स्टार्टअप महाकुंभ 2025 के समापन सत्र और लघु उद्योग भारती के नवनिर्मित प्रदेश कार्यालय ‘उद्यम सेतु’ के लोकार्पण समारोह में शामिल हुए। करीब 4 करोड़ की लागत से बने इस भवन का लोकार्पण वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हुआ मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योगों के हित में ही राष्ट्र का हित निहित है। लघु और कुटीर उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और इन्हीं के बल पर आत्मनिर्भर भारत का मार्ग प्रशस्त होगा।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अब किसी भी प्रकार का संस्थागत या बैंक लोन चुकता होते ही संबंधित संपत्ति स्वतः मॉर्टगेज से मुक्त हो जाएगी। इसका लाभ एमएसएमई उद्योगों को भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लघु उद्योगों की स्थापना और संचालन से जुड़ी अनुमतियों को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा। रोजगार आधारित उद्योगों को विशेष प्रोत्साहन और नए आईटीआई, पॉलिटेक्निक व इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने पर सब्सिडी देने का भी आश्वासन दिया। डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में 6 करोड़ से अधिक एमएसएमई देश की जीडीपी में 30% और निर्यात में 45% हिस्सेदारी रखते हैं। यही उद्योग रोजगार सृजन के बड़े स्रोत हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “मेक इन इंडिया” और “वोकल फॉर लोकल” अभियान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि छोटे उद्योग ही आत्मनिर्भर भारत की असली नींव हैं।
साथ ही सीएम ने कहा कि प्रदेश में कृषि फूड आधारित उद्योग स्थापित करने वाले उद्यमियों को विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा। इन उद्योगों में कार्यरत प्रत्येक कर्मचारी के लिए उद्यमियों को 10 साल तक प्रति माह 5 हजार रुपये वेतन सहायता दी जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस पहल से लाड़ली बहनों और युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि लघु उद्योगों के लिए फायर एनओसी की प्रक्रिया सरल करने के लिए दिसंबर में विधानसभा में नया कानून लाया जाएगा। इससे उद्योगों के लिए एनओसी लेने में आसानी होगी। वहीं, ब्लॉक स्तर पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित कर लघु उद्योगों को भूमि आवंटन किया जाएगा।
90% रोजगार लघु उद्योगों से आते हैं
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल जी ने कहा कि देश में करीब 6 करोड़ लघु उद्यम हैं, जिनका जीडीपी में 45% योगदान है। 90 प्रतिशत रोजगार लघु उद्योगों से आते हैं, जबकि बड़े उद्योगों का योगदान केवल 6.5 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि विश्व में मशीनों की बढ़ोतरी से रोजगार घट रहा है। अमेरिका की जनसंख्या हमसे कम है, फिर भी वहां बेरोजगारी ज्यादा है। भारत में लघु उद्योगों का विस्तार ही रोजगार का स्थायी समाधान है।
एमएसएमई का बजट 2100 करोड़
एमएसएमई मंत्री चेतन काश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में एमएसएमई का बजट 450 करोड़ से बढ़ाकर 2100 करोड़ कर दिया गया है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे रोजगार पाने के बजाय उद्यमी बनें और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का निर्माण करें। लघु उद्योग भारती के अखिल भारतीय अध्यक्ष घनश्याम ओझा ने कहा कि प्रदेश में 80 लाख सूक्ष्म और लघु उद्योग हैं, जिन्हें विकसित कर रोजगार की विशाल संभावनाएँ खड़ी की जा सकती हैं।
उद्यमियों ने सीएम के सामने रखी यह मांगे
लघु उद्योग भारती मप्र के अध्यक्ष राजेश मिश्रा ने मुख्यमंत्री के समक्ष कई मांगें रखीं। उन्होंने कहा कि उद्यमियों को भवन कर (प्रॉपर्टी टैक्स) में अतिरिक्त छूट दी जाए। छोटी पूंजी वाले उद्योगों के लिए 2000 वर्ग फीट तक मल्टी-स्टोरी भवन की अनुमति हो। अन्य राज्यों की तुलना में अधिक स्टाम्प ड्यूटी को कम किया जाए। साथ ही कोरोना काल में जिन उद्यमियों को भूखंड आवंटित हुए थे, उनका आवंटन बरकरार रखा जाए और फायर एनओसी की प्रक्रिया सरल की जाए।
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