हाईकोर्ट ने कस्टडी में हुई मौत की जांच के आदेश CBI को दिए
5 पुलिसवालों और होमगार्ड पर 20 लाख का जुर्माना
सुरेश के बेटे अशोक रावत के अनुसार, बेलगड़ा पुलिस ने रिपोर्ट लिखने से मना कर दिया। 20 हजार रुपए की रिश्वत मांगने लगे। कहने लगे पैसे नहीं दोगे, तो सुरेश नहीं छूटेगा। तब वह अपने समधी मंगल सिंह के साथ बाहर खड़ा हाे गया। थाने के अंदर से मारपीट की आवाज आई, तो वह दौड़कर अंदर गया। उसे पुलिसवालों ने आगे जाने से रोक दिया। थोड़ी देर बाद पता चला कि पिता सुरेश की हालत खराब हो गई है।पुलिसकर्मी विजय सिंह राजपूत, नीरज प्रजापति, विजय कुशवाहा, अरुण मिश्रा, धर्मेंद्र, होमगार्ड सैनिक एहसान खान पिता को मृत अवस्था में उठाकर बाहर लाए। पुलिस की गाड़ी में रखकर भितरवार अस्पताल ले गए। उनके साथ मंगल सिंह और मैं भी गाड़ी में बैठकर भितरवार अस्पताल आए थे। अस्पताल पहुंचे और डॉक्टरों ने उन्हें चेक किया तो मृत घोषित कर दिया।
मौत के बाद लिखी रिपोर्ट
अशोक ने बताया कि पुलिस ने पिता की मौत के बाद केस दर्ज किया। हमने पुलिसवालों के खिलाफ केस दर्ज कराया। हत्या के केस में न्यायालय में तभी से सुनवाई चल रही है। आदेश से न्यायपालिका पर विश्वास मजबूत हुआ है।हाईकोर्ट के न्यायाधीश जीएस अहलूवालिया ने आदेश दिया है कि पुलिसकर्मियों और होमगार्ड सैनिक से क्षतिपूर्ति राशि वसूल कर मृतक के परिवार को दी जाए। एसपी ये जुर्माना हाईकोर्ट के प्रिंसिपल रजिस्ट्रार के पास 5 जनवरी 2023 तक जमा कराएंगे।
किससे कितनी होगी वसूली
- एएसआई विजय सिंह राजपूत (रिटा. व तत्कालीन थाना प्रभारी): 10 लाख रुपए
- प्रधान आरक्षक अरुण मिश्रा: 5 लाख रुपए
- आरक्षक नीरज प्रजापति: 2 लाख रुपए
- आरक्षक धर्मेंद्र: 1 लाख रुपए
- आरक्षक विजय कुशवाह: 1 लाख रुपए
- होमगार्ड सैनिक एहसान खान: 1 लाख रुपए
- जांचकर्ता दोषी तो उन पर भी CBI करे केस दर्ज
एडवोकेट निर्मल शर्मा ने बताया क्थ् मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने CBI को निर्देशित किया है कि यदि जांच में कोई लापरवाही सामने आती है, तो संबंधित जांच करने वाले पुलिसकर्मी के खिलाफ भी केस दर्ज किया जाए। साथ ही इस केस से जुड़े जितने भी आरोपी हैं उनका निलंबन तब तक बहाल रखा जाए, जब तक केस का ट्रायल पूरा नहीं हो जाता।एडवोकेट निर्मल शर्मा ने बताया- CCTV स्क्रिप्ट के अनुसार, मृतक सुरेश ने पुलिस बंदीगृह में घुसकर दो बार आत्महत्या करने का प्रयास किया। वह लगभग सुबह 11 बजे थाने पहुंच गया था और पहली बार शाम को 6.23 बजे पर साफी गेट पर बांधकर लटका और नीचे गिर गया। 6.27 बजे सुरेश फिर से अंदर गया और फांसी लगा ली। 6.56 बजे आरक्षक विजय बंदीगृह में गया और सुरेश को खोलने का प्रयास किया। इस दौरान लगभग 10 मिनट तक थाने की लाइट गुल रही।
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