शासन, प्रशासन के नाम मेरी पाती…

शासन, प्रशासन के नाम मेरी पाती…

कोविड-19, ऐसी महामारी पूरा देश वर्ष 2020 से आज तक इसके शिकंजे में है। इस वर्ष तो मौत का तांडव देखने को मिल रहा है। ऑक्सिजन की कमी, दवाईयों की कमी, इंजेक्शन की मारा मारी, पिछले वर्ष से कुछ सीखा नहीं या सीखना नहीं चाहा। परिवार के परिवार उजड़ गयें अब तो भगवान ना करें गांव उजड़ने पर है। ऐसा विक्राल रूप कभी नहीं देखा। वैक्सीन के विज्ञापन पर विज्ञापन वैक्सिन कहां पता नहीं। वैक्सीन के रेट्स पर ही उलझा दो देश इसी बहस में 3 से 4 दिन लगा रहेगा। क्या चल रहा है और यें क्यू चल रहा है। हर एक घंटे मंे नई नीती पर विचार या तो जो पहले बनाई थी उस पर काम नहीं हुआ या करना नहीं चाहा या चाहते ही नहीं की वो हों। 

एम्बूलेंस के रेट्स तय करने पर बहस उसने ज्यादा लिया उसे नहीं लेना चाहिये अब शासन का आदेश है प्रायवेट एंबूलेंस ये रेट लेंगी, अरे आप सरकार हो आपकी क्या व्यवस्था है। कुछ नहीं तो निजी हाॅस्पीटल के रेट निर्धारण करने में फिर 4 से 5 दिन की बहस हर तरफ जनता को लुटने क्यों छोड़ा जाता है। केवल मीडिया पर आये एक भाषण दिया जो घोषणा की उसका कोई धरातल भी तैयार नहीं हुआ है, वह सुचारू रूप से जनता तक पहुंचेगी कैसे, जनता ने आपकी घोषणा सुनी बस वह खुश मगर उसका लाभ लेने पहुंची तो वह मौजूद ही नहीं। क्या हो रहा है। जनता आपकी है जनता ने आपको चुना है जो सच हो वह बोलिये सभी आपके साथ है मगर क्यूं ऐसा किया जाता है। 

अप्रैल से सुन रहे युवाओं के लिये टीका टीका टीका कहां है वह टीका पोर्टल पर जाइयें, ऐप पर जाईये, वेइसाईट पर जाईयें कहते हुये शर्म आती है सरकार अगर टीका है तो कह दो सीधे हास्पीटल जाईयें मगर नहीं इसीमें उलझा दो लोग लगे पड़े है। कुछ को इंटरनेट आता है कुछ को नहीं इसीमें उलझा दो क्या साजिश है। साफ साफ बोलिये जनता ने ही तो चुना है आपको यां इसमें भी कोई झोल है। एक छोटी सा पुण्य कार्य पिछले वर्ष से हो रहा है। वह भी फिल्म अभिनेता सोनू सूद के माध्यम से मेने हाल ही में उनका एक इंटरव्यू देखा बहुत अच्छा लगा मगर आंखे खुली वह व्यक्ति जो पूरे देश के प्रदेशों की सरकार पर बैठे सत्ताधीशों का उपयोग कर देशवासियों को फायदा दे रहा है। 

तो प्रभू नमन करता हूँ आप सभी सत्ताधीशों को आप क्यू नहीं कर पाते, या तो आपमें वह इच्छा शक्ति नहीं है यां करना नहीं है हमें तो यही लगेगा, सोनू सूद आपकी ही व्यवस्था को उपयोग करता है, ऐयरपोट खुलवाता है, थानों कार्यालयों मे बैठकर हर प्रदेश के आलाकमानों से तुरंत आवागमन की स्वीड्डति लेता है और अपना काम कर देशवासियों के हित की सोच कर आगे बढ़ता है नई परेशानियों का हल ढूढने, अरे मेरे सत्ताधीशो यह तो वहीं बात हुई आपको पता हीं नहीं है शायद आप पर कौनसी ताकते प्रभाव है जो आप कर सकते है मगर नहीं आप स्वतः संज्ञान में लेकर क्यूं नहीं कर पाते कितने आई.ए.एस. कितने बहु शिक्षित अधिकारी लाखें में भरे पड़े है शायद हजारों करोड़ो का मानदेय उन्हें दीया जाता होगा वह सब क्या कर रहे है। 

या तो वो आपको चला रहें है या आपको उनसे उनकी काबलियत के अनुसार कार्य कराना नहीं आता। है मेरे देश की सरकारों आपके पास असीमित पावर है उसका उपयोग करों, आपकी इन शक्तियों का सोनू सूद उपयोग कर सकता है आप क्यूं नहीं।बहुत मन दुःखता है आपतो अपने बड़े बड़े महलोंनुमा कार्यालयों, संसद भवन, विधानसभा, मंत्रालय से वर्चुअल पर वर्चुअल हो रहे हो है सत्ताधीशों आपकी बहुत सी जनता को इस वर्चुअल शब्द का ज्ञान भी नहीें है। मेरा तो स्वंय का आप सभी से निवदेन है एक बार एकांतवाश में जाकर ध्यान व्यान लगाओं जब आपने अपने पद के लिये शपथ खाई थी उस शपथ को एक बार फिर पढ़ो, मुझे लगता है तभी संभलेगा इंडिया तभी बढ़ेगा हमारा इंडिया। 

सभी से अपील है, सेनेटाईजर, मास्क का उपयोग अपने घर कमरे से लेकर, जहाँ भी जायें करते रहे, सभी के स्वास्थ्य लाभ की कामना...

                                                       रोहित अस्थाना

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