अल्लाह से फरियाद
अल्लाह से फरियाद
अल्लाह अब पैगम्बर भेजो,
पकडो इन शैतानो को ।
आओ मोहम्मद नींद जागो,
समझाओ अनजानों को ।
नाम तुम्हारा रटते-रटते,
ये मानवता भूल गए ।
इन्हे बचाने आए फ़रिश्ते,
उनके मुंह पे थूक गए ।
अब कुरान की हर आयत का,
मतलब इनने बदल दिया ।
ऑखों पर नफ़रत का चश्मा,
प्यार से मिलकर कतल किया ।
खामोशी का वक्त नहीं अब,
बाहर आओ मजारों से ।
किसने बदली भाषा इनकी,
पूछों इन मक्कारो से ।
चन्द विदेशी गिरगिट इनसे,
इनका घर जलवाते है ।
ये जाहिल मक्कार फरेबी,
ऐसे ही बिक जाते हैं ।
जहाँ इबादत तेरी होती,
उसमें शाजिस रचते हैं ।
मुल्क मिटाने की खातिर,
हर बार सफाई धरते है ।
हिन्दुस्तानी आज मुस्लमाॅ,
इनसे बचकर रहता है ।
इनकी हर करतूत छिपाकर,
अल्लाह-अल्लाह कहता है ।
मौला आज दुआ कर तुमसे,
नेक मुसलमाॅ रोते हैं ।
इन गद्दारों के चक्कर में,
खुद बदनामी सहते हैं ।
मौला दे फरमान जरूरी,
आज गवाही तेरी है ।
बचा तेरी इस कायनात को,
मालिक क्या मजबूरी है ।
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