सड़क पर उतरने की चेतावनी के बाद...
जब पूर्व मुख्यमंत्री से नाराज नहीं हूं तो सिंधिया से कैसी नाराजगी : कमलनाथ
भोपाल । विधानसभा चुनाव में दिए वचन पत्र के वचनों को पूरा करने को लेकर कांग्रेस पार्टी के नेताओं के बीच चल रहे बयानबाजी के क्रम में मंगलवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक बार फिर पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर आलोचना वाले भाव के साथ टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि जब मैं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से नाराज नहीं हूं तो सिंधिया से कैसी नाराजगी।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के निवाड़ी में अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण संबंधी कांग्रेस वचन पत्र के वचन के पूरा नहीं होने पर दी गई सड़क पर उतरने की चेतावनी के बाद मुख्यमंत्री और सिंधिया के बीच शुरू हुई तल्ख टिप्पणियों का क्रम लगातार जारी है।
इसको लेकर कमलनाथ-सिंधिया के बीच पैदा हुई कड़वाहट और नाराजगी से लगातार सुर्खियां बन रही हैं। कमलनाथ ने समन्वय समिति की बैठक के बाद यह तक कह दिया था कि तो वो मैदान में उतर जाएं। मगर अब मुख्यमंत्री कमलनाथ इस मुद्दे पर पर्दा डालना चाहते हैं, लेकिन उनकी सिंधिया के व्यवहार के प्रति नाराजगी कम होती नजर नहीं आ रही है।
मंगलवार को मुख्यमंत्री ने अल्टरनेट प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग की कार्यशाला के दौरान मीडिया से चर्चा में इस मुद्दे पर साफगोई से टिप्पणी कर दी। उन्होंने कहा कि वे किसी से नाराज नहीं होते। जब शिवराज से नाराज नहीं हूं तो सिंधिया से कैसी नाराजगी।
उल्लेखनीय है कि सिंधिया की अपनी ही सरकार के प्रति यह नाराजगी, उनके द्वारा विधानसभा चुनाव 2018 में चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष के नाते जनता से किए गए वचन पत्र के वचनों के पूरा नहीं होने की वजह से है। चुनाव में कांग्रेस ने किसी भी नेता को मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट नहीं किया था, लेकिन वे मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में शामिल थे।
चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद हाईकमान ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को सरकार की कमान सौंपी। इससे सिंधिया खेमे में मायूसी छा गई थी और इसके बाद से उनके समर्थक कभी मुख्यमंत्री बनाने तो कभी पीसीसी अध्यक्ष बनाए जाने की मांग करते रहे हैं। इससे मुख्यमंत्री कमलनाथ और सिंधिया धड़ों के आपसी संबंधों में भी कड़वाहट का अहसास होता दिखता है।











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