G News 24 : ग्वालियर क्षेत्र के आरोपियों ने दमोह में चुराए लाखों के टायर !

 पुलिस ने तीन को किया गिरफ्तार,एक फरार है... 

ग्वालियर क्षेत्र के आरोपियों ने दमोह में चुराए लाखों के टायर !

दमोह। दमोह के टायर हाउस में हुए लाखों के टायर चोरी का खुलासा हो गया। ग्वालियर जिले से आए आरोपियों ने ही दमोह के इमलाई गांव में संचालित मां शारदा टायर हाउस से 21 टायर चुराए थे। सभी आरोपियों को देहात थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से टायर और चोरी में उपयोग किया गया ट्रक बरामद कर पुलिस ने अरोपियों को  न्यायालय में पेश कर दिया है।

ट्रक के 21 नए टायर हो गए थे चोरी

देहात थाना के इमलाई गांव में मां शारदा टायर हाउस संचालित है। दुकान संचालक अभय असाटी निवासी मांगज वार्ड दो ने दस अप्रैल को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि नौ अप्रैल की रात वह अपनी दुकान बंद करके घर चले गये थे। अगले दिन कर्मचारी सौरभ पटेल ने फोन पर सूचना दी कि दुकान का शटर उखड़ा है और ऊपर की ओर उठा हुआ है। दुकान पर जाकर देखा तो दुकान का शटर खुला था अंदर जाकर देखा तो ट्रक के 21 नए टायर चोरी हो गए थे। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात आरोपियों पर धारा 457, 380 के तहत केस दर्ज कर विवेचना में लिया।

एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी के निर्देश पर एएसपी संदीप मिश्रा और सीएसपी अभिषेक तिवारी के मार्गदर्शन में देहात थाना टीआई रविंद्र बागरी के द्वारा टीम का गठन किया गया और सायबर सेल टीम की मदद भी ली गई। सायवर सेल टीम की मदद से जिला शिवपुरी में एक संदेही ट्रक की पहचान की गई जिसके बाद पुलिस टीम शिवपुरी पहुंची और ट्रक को जब्त कर एक आरोपी को गिरफ्तार किया। उससे पूछताछ की गई तो उसने अपने साथियों के साथ ट्रक हाउस से टायर चोरी करना स्वीकार्य कर लिया। सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से चोरी किए गए ट्रक के टायर और घटना में उपयोग किया गया ट्रक जब्त कर दमोह लाया गया और आराोपियों को न्यायालय में पेश किया गया।

यह आरोपी हुए गिरफ्तार

पकड़े गए आरोपियों में इरफान शाह पिता शब्बीर शाह 24 निवासी मोहना थाना जिला ग्वालियर, शकील पिता शम्मू शाह 36 निवासी मोहना थाना जिला ग्वालियर, सुखबिंदर सिंह बडेच पिता हरदेव सिंह 24 निवासी चकसेरपुर थाना इंडोरी जिला भिंड को गिरफ्तार किया गया।  एक आरोपी शानू खान निवासी थाना मोहना जिला ग्वालियर फरार है। आरोपियों के पास से 13 नये टायर कुल कीमत तीन लाख 31 हजार रुपये, ट्रक क्रमांक एमपी 33 एच 7221 कुल कीमत 11 लाख, तीन एंड्राइड मोबाइल कीमत 35000 रुपये बरामद किए गए हैं। 

टायर चोरी के मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उनका एक साथी अभी फरार है, जिसकी तलाश की जा रही है। आरोपियों के पास से चोरी किए गए टायर भी बरामद कर लिए गए हैं - दमोह, एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी 

G News 24 : सूरत में वोटिंग नहीं हुई फिर भी जीत गए भाजपा के मुकेश दलाल !

 आखिर कैसे बिना चुनाव के जीत जाते हैं उम्मीदवार जानिए-

सूरत में वोटिंग नहीं हुई फिर भी जीत गए भाजपा के मुकेश दलाल !

सूरत में वोटिंग से पहले ही भाजपा के उम्मीदवार मुकेश दलाल ने सोमवार, 22 अप्रैल को चुनाव जीत लिया और जैसे ही ये जानकारी सबके सामने आई कि मुकेश दलाल को निर्विरोध चुन लिया गया है, उन्हें बधाइयां मिलनी शुरू हो गईं। हो भी क्यों ना, मुकेश दलाल पिछले 12 साल में निर्विरोध लोकसभा चुनाव जीतने वाले पहले उम्मीदवार बन गए हैं। साल 1951 से अब तक के चुनाव में बिना किसी चुनावी जंग में उतरे संसदीय चुनाव जीतने वालों की संख्या करीब 35 हो गई है।

बता दें कि इस बार का लोकसभा चुनाव सात चरणों में हो रहा है और पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को संपन्न हो चुका है। चुनाव संपन्न होने से पहले ही बीजेपी ने इस जीत के साथ अपना खाता खोल लिया है। अब फाइनल नतीजे क्या होंगे ये तो किसी को नहीं पता लेकिन मुकेश दलाल की जीत के साथ ही भाजपा ने पहला मुकाम हासिल कर लिया है। सूरत लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर नीलेश कुंभानी चुनावी मैदान में उतरे थे, लेकिन डिस्ट्रिक रिटर्निंग ऑफिसर ने प्रथम दृष्टया उनके नामांकन पत्र की जांच में पाया कि प्रस्तावकों के हस्ताक्षर में कुछ गलतियां थीं और इस कारण चुनाव आयोग ने नीलेश कुंभानी का नामांकन रद्द कर दिया था। इसके साथ ही बड़ी बात ये हुई कि सूरत लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने वाले बाकी अन्य उम्मीदवारों ने भी सोमवार, 22 अप्रैल को अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया, जिसकी वजह से बीजेपी के उम्मीदवार मुकेश दलाल को निर्विरोध रूप से विजेता घोषित कर दिया गया है। इससे पहले बीजेपी के 10 उम्मीदवारों ने अरुणाचल प्रदेश में निर्विरोध जीत दर्ज की थी।

इन उम्मीदवारों के नामांकन भी हुए निरस्त

बरेली लोकसभा सीट से बसपा प्रत्याशी छोटेलाल गंगवार का नामांकन पत्र खारिज हो गया है। 20 अप्रैल को नामांकन पत्रों की जांच में बसपा प्रत्याशी के नामांकन पत्रों में त्रुटि मिलने के कारण इसे खारिज कर दिया गया है। कोकराझार से लगातार तीसरी बार चुनाव लड़ने जा रहे सांसद नबा कुमार सरानिया का नामांकन पत्र भी 21 अप्रैल को रद्द कर दिया गया। रिटर्निंग ऑफिसर प्रदीप कुमार द्विवेदी ने बताया कि सरानिया का नामांकन पत्र अवैध पाया गया और इस वजह से यह कार्रवाई की गई। बता दें कि गण सुरक्षा पार्टी (जीएसपी) के प्रमुख सरानिया 2014 से कोकराझार सीट पर निर्दलीय सांसद हैं।

मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने प्रदेश की 29 में से खजुराहो सीट समाजवादी पार्टी के लिए छोड़ी थी। यहां से समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार मीरा दीपनारायण यादव ने नामांकन भरा था जिनका नामांकन रद्द हो गया है। उनके नामांकन पत्र रद्द होने की वजह ये बताई जा रही है कि नामांकन फॉर्म पर प्रत्याशी के दो जगह हस्ताक्षर होते हैं, जिसमें से एक जगह मीरा यादव ने हस्ताक्षर नहीं किए थे। मतदाता पहचान पत्र की सत्यापित प्रति की जगह पुरानी प्रति दे दी गई थी। इसके अलावा, कई निर्दलीय और गैर मान्यता प्राप्त दलों के उम्मीदारों के भी नामांकन रद्द कर दिए गए हैं।

बिना वोटिंग के 1951 से अब तक 35 उम्मीदवार जीते

ये पहली बार नहीं है कि चुनाव से पहले मुकेश दलाल ने जीत दर्ज की है, साल 2012  में समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार डिंपल यादव ने कन्नौज लोकसभा उपचुनाव निर्विरोध रूप से जीता था, यह सीट अखिलेश यादव के यूपी के सीएम बनने के बाद खाली हो गई थी। इससे पहले वाईबी चव्हाण, पी.एम. सईद, एससी जमीर, फारूख अब्दुल्ला जैसे उम्मीदवारों ने भी जीत हासिल की थी और नौ कैंडिडेट ऐसे थे जिन्होंने उपचुनाव में वोटिंग से पहले ही जीत दर्ज की थी।

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 84-ए के अनुसार जो व्यक्ति भारत का नागरिक नहीं है, उसे चुनाव लड़ने का कोई अधिकार नहीं है। लोकसभा, विधानसभा चुनाव में चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी की न्यूनतम उम्र 25 वर्ष निर्धारित की गई है, इससे कम उम्र का शख़्स चुनाव नहीं लड़ सकता है। इसके साथ ही लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 4(डी) के अनुसार, जिस व्यक्ति का नाम संसदीय क्षेत्र की मतदाता सूची में नहीं है, वह चुनाव नहीं लड़ सकता है। साथ ही वह व्यक्ति जिसे किसी मामले में दो साल या उससे अधिक की सज़ा हुई है, वह चुनाव नहीं लड़ सकता है।

चुनाव लड़ने के लिए किसी भी उम्मीदवार को नामांकन पत्र भरना होता है। उसके प्रस्तावक नामांकन पत्र भरने के बाद रिटर्निंग ऑफिसर या चुनाव की अधिसूचना में निर्दिष्ट सहायक रिटर्निंग ऑफिसर को सौंप सकते हैं। किसी भी उम्मीदवार को अपना नामांकन पत्र निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि से पहले या उससे पहले पहुंचाना आवश्यक है।

चुनाव आयोग के मुताबिक, उम्मीदवार को नामांकन पत्र दाखिल करते समय अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए। इसके साथ ही रिटर्निंग अधिकारी को नामांकन प्रस्तुत करते समय उसी समय प्रारंभिक जांच करनी चाहिए और यदि कोई प्रथम दृष्टया गलती उसे दिखाई देती है, तो उसे उम्मीदवार के ध्यान में लाना चाहिए। नामांकन पत्र में लिपिकीय या मुद्रण संबंधी गलतियों को नजरअंदाज किया जा सकता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उम्मीदवार को नामांकन पत्र दाखिल करते समय सावधानी नहीं बरतनी चाहिए और रिटर्निंग ऑफिसर को ऐसी गलतियों को उम्मीदवार के ध्यान में नहीं लाना चाहिए।

नामांकन के दौरान इन गल्तियों के कारण  निरस्त हो जाते हैं  नामांकन  पत्र 

प्रत्याशी का सिक्योरिटी डिपॉजिट जमा किया होना चाहिए। प्रत्याशी के असली हस्ताक्षर होने चाहिए। प्रस्तावक के हस्ताक्षर, असली हस्ताक्षर होने चाहिए और मतदाता सूची में उसका नाम होना चाहिए। यदि यह साबित हो जाए कि प्रत्याशी के बदले किसी और ने हस्ताक्षर किए हैं तो नामांकन खारिज हो जाता है।

G News 24 : डॉक्टरों ने महिला को सुअर की किडनी ट्रांसप्लांट कर बचाई जान !

 मौत की दहलीज पर खड़ी थी महिला...

डॉक्टरों ने महिला को सुअर की किडनी ट्रांसप्लांट कर बचाई जान !

                                                                            सांकेतिक तस्वीर 

न्यूयॉर्क। मौत की दहलीज पर खड़ी एक महिला के लिए डॉक्टर उस वक्त भगवान बन गए, जब उन्होंने सारी उम्मीदें तोड़ चुकी और अपनी आखिरी सांसें गिन रही महिला को फिर से जीवनदान दे दिया। बता दें कि यह महिला किडनी रोग से ग्रस्त थी। महिला की दोनों किडनी ने काम करना बंद कर दिया था। कोई दूसरी किडनी उसके लिए उपलब्ध नहीं थी। ऐसे में महिला मरीज की सांसें उखड़ने ही वाली थीं, मगर अमेरिकी डॉक्टरों ने उसमें सुअर की किडनी ट्रांसप्लांट कर कमाल कर दिया। 

अमेरिका में डॉक्टरों ने न्यूजर्सी की एक मरणासन्न महिला के शरीर में सुअर की किडनी प्रतिरोपित कर और यांत्रिक तरीके से उसकी धड़कनें चलाकर उसकी जान बचाई है। यह चिकित्सा जगत में किसी बड़े चमत्कार से कम नहीं है। लिसा पिसानो नामक महिला के हृदय और गुर्दे ने काम करना बंद कर दिया था और वह इतनी अस्वस्थ हो गई थी कि परंपरागत अंग प्रतिरोपण संभव नहीं था। ‘एनवाईयू लैंगोन हेल्थ’ चिकित्सा संस्थान के डॉक्टरों ने एक अनोखा तरीका निकाला जिसमें महिला के दिल की धड़कन बनाए रखने के लिए एक यांत्रिक पंप लगाया और कुछ दिन बाद आनुवंशिक रूप से संवर्धित सुअर की एक किडनी प्रतिरोपित की गई।

मैसाचूसेट्स के जनरल अस्पताल में हुआ प्रत्यारोपण

महिला में किडनी का यह प्रत्यारोपण आसान नहीं था। मगर पिछले महीने मैसाचूसेट्स जनरल अस्पताल में उनकी प्रतिरोपण सर्जरी की गई। एनवाईयू की टीम ने बुधवार को घोषणा की कि पिसानो की सेहत में सुधार हो रहा है। वह दूसरी महिला हैं जिनके शरीर में सुअर की किडनी लगाई गई है। पिसानो ने कहा, ‘‘मेरी सारी उम्मीदें खत्म हो गई थीं। मैंने एक कोशिश करके देखी थी।

G News 24 : हैदराबाद में AIMIM के ओवैसी और कांग्रेस के वलीउल्लाह से भी दमदार उम्मीदवार हैं माधवी लता !

 भाजपा की उम्मीदवार के माधवी लता तेलंगाना के सबसे अमीर उम्मीदवारों में से एक है...

हैदराबाद में AIMIM के ओवैसी और कांग्रेस के वलीउल्लाह से भी दमदार उम्मीदवार हैं माधवी लता !

हैदराबाद लोकसभा सीट से भाजपा की उम्मीदवार कोम्पेला माधवी लता के पास 221.37 करोड़ रुपये की पारिवारिक संपत्ति है, जो उन्हें तेलंगाना के सबसे अमीर उम्मीदवारों में से एक बनाती है। वह, उनके पति कोम्पेला विश्वनाथ, (दोनों व्यवसायी) और उनके तीन आश्रित बच्चों के पास 165.46 करोड़ रुपये की चल संपत्ति है और दंपति के पास 55.91 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है। लता के पति विश्वनाथ कोमपल्ले आईआईटी मद्रास से पढ़ाई कर चुके हैं और फिनटेक व हेल्थकेयर कंपनी के संस्थापक हैं।

3.78 करोड़ रुपये के सोने के आभूषण

माधवी लता ने बुधवार को अपना नामांकन दाखिल करते समय चुनाव आयोग को सौंपे एक हलफनामे में परिवार की संपत्ति का विवरण दिया। 49 वर्षीय भाजपा उम्मीदवार जुड़वां शहर सिकंदराबाद में रहती हैं। वह हाल ही में भाजपा में शामिल हुईं और पहली बार चुनाव मैदान में हैं। उन्होंने घोषणा की कि उनके पास सूचीबद्ध और गैर-सूचीबद्ध कंपनियों में 25.20 करोड़ रुपये के निवेश सहित 31.31 करोड़ रुपये की चल संपत्ति है। विरिंची लिमिटेड में उनका 7.80 करोड़ रुपये का निवेश है। उनके पास 3.78 करोड़ रुपये के सोने के आभूषण भी हैं।

लता के परिवार पर 27 करोड़ रुपये की देनदारी

उनके पति के पास 88.31 करोड़ रुपये की चल संपत्ति है, जिसमें विरिंची लिमिटेड में 52.36 करोड़ रुपये के शेयर शामिल हैं। उनके तीन आश्रित बच्चों के पास भी 45 करोड़ रुपये से अधिक की कुल चल संपत्ति है। भाजपा उम्मीदवार के पास 6.32 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति भी है, जबकि उनके पति की अचल संपत्ति का मूल्य 49.59 करोड़ रुपये है। संपत्तियों में हैदराबाद और उसके आसपास गैर-कृषि भूमि और वाणिज्यिक और आवासीय भवन शामिल हैं। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान उनकी आय 3.76 लाख रुपये थी जबकि वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 1.22 करोड़ रुपये थी। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान विश्वनाथ की आय 2.82 करोड़ रुपये जबकि 2021-22 के दौरान 6.86 करोड़ रुपये थी। माधवी लता पर 90 लाख रुपये की देनदारी है जबकि उनके पति पर 26.13 करोड़ रुपये की देनदारी है। 

तीर चलाने का किया था इशारा

भाजपा उम्मीदवार पर एक आपराधिक मामला दर्ज है। उनके खिलाफ पिछले सप्ताह बेगम बाजार थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 295-ए के तहत मामला दर्ज किया गया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने सिद्दी अंबर बाजार के सर्कल में स्थित मस्जिद की ओर एक काल्पनिक तीर चलाने का इशारा किया था। हैदराबाद सीट पर उनका मुकाबला ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख व मौजूदा सांसद असदुद्दीन ओवैसी और कांग्रेस के उम्मीदवार मोहम्मद वलीउल्लाह समीर से होगा।

G News 24 : इंडी गठबंधन 1 YEAR 1 PM का फॉर्म्यूला बना रहा : मोदी

 साफ-साफ है की मोदी आपका उम्मीदवार है और आपके सामने खड़ा है...

इंडी गठबंधन 1 YEAR 1 PM का फॉर्म्यूला बना रहा : मोदी 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने I.N.D.I.A गठबंधन के पीएम वाले फॉर्मूले का जिक्र करते ही विपक्ष की दुखदी रग पर हाथ रख दिया. साथ ही विपक्ष के सीक्रेट फॉर्मूले को लेकर बड़ा दावा भी कर दिया. पीएम मोदी ने I.N.D.I.A गठबंधन पर नया हमला किया है. गठबंधन का नेता तय ना होने को लेकर पीएम ने तंज कसा और हर साल नया पीएम बनाने की प्लानिंग का आरोप लगाया. मोदी ने ऐसा क्यों कहा? प्रधानमंत्री के इस बयान के मायने क्या हैं और मोदी के इस बाउंसर का सामना विरोधी कैसे करेंगे, इसे लेकर भी अब हलचल बढ़ गई है.

पीएम नरेंद्र मोदी ने इस दावे के पीछे कुछ मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला दिया है. प्रधानमंत्री मोदी ने बैतूल की रैली से ये मुद्दा उठाकर विपक्षी दलों को निशाने पर जरूर ले लिया. दूसरे चरण का चुनाव प्रचार खत्म होने से चंद घंटे पहले पीएम ने नया टॉपिक सामने रखा और विरोधियों की टेंशन बढ़ा दी. मोदी के इस दावे के पीछे की सबसे बड़ी वजह है विपक्ष की ओर से कोई चेहरा घोषित ना किया जाना. इसके अलावा एक वजह विपक्षी दलों की आपसी खींचतान भी है, क्योंकि सभी पार्टियों की अपनी हसरतें हैं और पीएम बनने की चाहत हर किसी के दिल में है.

कांग्रेस चाहती है कि राहुल गांधी देश के प्रधानमंत्री बनें. टीएमसी चाहती है पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को पीएम बनाया जाए. शरद पवार की एनसीपी अपने नेता को देश का प्रधानमंत्री बनते देखना चाहती है. ऐसे ही सपने उद्धव ठाकरे की पार्टी भी देख रही है. इस रेस में समाजवादी पार्टी भी पीछे नहीं है और उनका इरादा अखिलेश यादव को पीएम बनाने का है. वहीं, तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की पार्टी की तमन्ना भी उन्हें पीएम बनाने की है.

गठबंधन में पीएम बनने का सपना देखने वालों की कोई कमी नहीं

I.N.D.I.A गठबंधन में पीएम बनने का सपना देखने वालों की कोई कमी नहीं, मगर परेशानी ये है कि मोदी से मुकाबले के लिए आगे किसे किया जाय ये अब तक तय नहीं हो पाया है. विपक्ष पर पीएम मोदी ताबड़तोड़ हमले कर रहे हैं. सवाल विपक्ष के पीएम उम्मीदवार का हो या कांग्रेस के मेनिफेस्टो का हर मुद्दे पर प्रधानमंत्री आक्रामक हैं. इसीलिए, विरोधियों को इसमें ध्यान भटकाने वाली सियासत दिख रही है. लोकसभा के रण में हर रोज नए मुद्दे आ रहे हैं. एक दूसरे को घेरने और आरोपों की बौछार करने में कोई पीछे नहीं रहना चाहता. ऐसे में मोदी की ओर से विपक्ष के पीएम पद के दावेदार को लेकर पूछे गए सवाल पर भी सियासी संग्राम छिड़ना तय है. 

 साफ-साफ है की मोदी आपका उम्मीदवार है और आपके सामने खड़ा है

बैतूल पीएम मोदी ने अपनी स्पीच में कहा, 'बिना नाम बताए आप देश को किसी हाथ सुपुर्द करेंगे क्या? नाम तो पता होना चाहिए. वो देश किसको देना चाहिए, किसी को नाम नहीं पता. अंधेरे में तीर मारेंगे क्या? यहां तो साफ-साफ है की मोदी आपका उम्मीदवार है. आपके सामने खड़ा है. इंडी गठबंधन 1 YEAR 1 PM का फॉर्म्यूला बना रहा. एक साल कोई और पीएम और दूसरे साल कोई और. देश, आपका सपना, आपके बच्चों का भविष्य बचेगा क्या? ये तो पीएम कुर्सी का भी ऑक्शन करने लगे हैं. इनके यहां 4 लोग कुर्सी की टांग पकड़ कर कुर्सी मिलने की उम्मीद में खींचतान करते रहेंगे. ये मुंगेरीलाल के हसीं सपने कहकर सो जाने की बात नहीं. ये डरावना खेल है. ये आपके सपनो को चूर चूर करने वाला खेल है. आप जाग जाइए, चेत जाइए..देश को बचाने के लिए आगे आइए.

G News 24 : पाकिस्तान के कानून मंत्री ने संसद में बोला सच,रावी नदी पर भारत का अधिकार !

हम उसके खिलाफ इंटरनेशनल कोर्ट नहीं जा सकते...

पाकिस्तान के कानून मंत्री ने संसद में बोला सच,रावी नदी पर भारत का अधिकार !

सिंधु जल संधि को पहली बार पाकिस्तान के कानून मंत्री को देश की  पाकिस्तान संसद में सच बताना पड़ा. पाकिस्तान के कानून मंत्री आजम नजीर तरार ने कहा है कि रावी नदी पर भारत का अधिकार है और हम उसके खिलाफ इंटरनेशनल कोर्ट नहीं जा सकते. यह संधि पाकिस्तान को कानूनी रूप से बाध्य करती है कि वह पड़ोसी देश के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में न जाए. तरार ने पाकिस्तानी संसद में एक चर्चा के दौरान कहा, पाकिस्तान और भारत के बीच एक जल संधि है. रावी नदी के पानी का अधिकार भारत का है और हम इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकते. दरअसल, मंगलवार को पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में सिंधु जल संधि को लेकर सवाल पूछा गया था. इसमें पूछा गया कि  रावी नदी पर भारत की आक्रामकता को लेकर पाकिस्तान सरकार क्या कर रही है? इसपर पाकिस्तान के कानून मंत्री आजम नजीर तरार ने कहा कि पाकिस्तान और भारत के बीच एक जल संधि है, हम इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकते. इस मुद्दे पर भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अदालत का सहारा भी नहीं लिया जा सकता

कानूनी मुद्दों का न हो राजनीतिकरण

उन्होंने कहा, दोनों देशों के बीच 1960 में सिंधु जल संधि हुई थी. इसके तहत भारत रावी, सतलज और ब्यास नदियों के पानी पर दावा करता है. संसद के निचले सदन में नोटिस पेश करने वाले जरताज गुल ने तरार पर प्रहार करते हुए कहा कि आज कानून मंत्री ने रावी नदी पर भारत का अधिकार स्वीकार कर लिया है, जो खेदजनक है. इस पर कानून मंत्री ने कहा कि कानूनी मुद्दों का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए. जो सच है, वह बताया जा रहा है.

दोनों देशों ने किए थे जल संधि पर हस्ताक्षर

कानून मंत्री ने कहा, सिंधु जल संधि पर दोनों देशों ने 1960 में हस्ताक्षर किए थे. वहीं, मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत ने शाहपुर कंडी बैराज के पूरा होने के साथ रावी नदी से पाकिस्तान की ओर पानी रोक दिया है. शाहपुर कंडी बैराज पंजाब और जम्मू-कश्मीर की सीमा पर है. रावी से जम्मू और कश्मीर को अब 1,150 क्यूसेक पानी मिलेगा, जो पहले पाकिस्तान को दिया गया था. इसलिए पाकिस्तान की संसद में यह मुद्दा चर्चा का विषय बना रहा.

G News 24 : पाकिस्तानी लड़की के सीने में धड़केगा 'भारत का दिल'

 19 साल की आयशा रशन को बॉर्डर पार भारत में मिली नई जिंदगी...

पाकिस्तानी लड़की के सीने में धड़केगा 'भारत का दिल'

                                                                           सांकेतिक तस्वीर 

भारत और पाकिस्तान के रिश्तों को लेकर दोनों देशों के बीच समय-समय पर टेंशन बढ़ती रहती है जो अभी कायम है  लेकिन इन सबके बीच एक और तस्वीर है जो मानवता को दिखाती है. पाकिस्तान की आयशा रशन (19) पिछले 10 साल से हार्ट की बीमारी से पीड़ित थीं. जो कि साल 2014 में इलाज के लिए भारत आई थीं. डॉक्टरों ने पेस मेकर लगाकर उन्हें कुछ समय के लिए राहत दी, लेकिन उन्हें फिर परेशानियों का सामना करना पड़ा. इसके बाद डॉक्टरों ने उसके परिवार को हार्ट ट्रांसप्लांट की सलाह दी. पाकिस्तानी लड़की आयशा रशन की किस्मत पलटी और भारतीय डॉक्टरों ने उसकी जिंदगी बदल दी. चेन्नई स्थित एमजीएम हेल्थकेयर हॉस्पिटल में तैनात इंस्टीट्यूट ऑफ हार्टएंड लंग ट्रां सप्लांट के डायरेक्टर डॉ. केआर बालाकृष्णन और को-डायरेक्टर डॉ. सुरेश राव ने फ्री में सर्जरी करने की पेशकश की. 

भारत से इस तरह जगी उम्मीद

चेन्नई स्थित एमजीएम हेल्थकेयर हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने परिजनों को बताया कि हार्ट ट्रांसप्लांट की जरूरत है, क्योंकि आयशा के हार्ट पंप में लीकेज हो गया था, जिसके चलते उसे एक्स्ट्रा कार्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन सिस्टम पर रखा गया था. परिवार के लोगों का कहना था कि आयशा के हार्ट प्लांट को बदलने के लिए करीब 35 लाख रुपए की जरूरत थी. मगर, उनके पास पैसों की आर्थिक तंगी थी. जिसको लेकर अस्पताल के डॉक्टरों ने परिजनों की ऐश्वर्यम ट्रस्ट से मुलाकात करवाई, जिन्होंने आयशा की आर्थिक मदद का भरोसा दिया.

हालांकि, आयशा को पिछले 6 महीने पहले हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए एक डोनर मिला. जिसके बाद परिवार के लोगों की उम्मीद जगी. इसके बाद डोनर के हार्ट को दिल्ली से लाया गया. इसके बाद चेन्नई के एमजीएम हेल्थकेयर ने आयशा की हार्ट ट्रांसप्लांट का ऑपरेशन मुफ्त में किया था.

पाकिस्तान से बेहतर इलाज की सुविधाएं हैं भारत में

इस दौरान आय़शा के परिवार वालों का कहना है कि वो फैशन डिजायनर बनना चाहती है. उधर, आय़शा ने अपने हार्ट के ट्रांसप्लांट का ऑपरेशन होने पर कहा, "मैं दिल पाकर बहुत खुश हूं. मैं इसके लिए भारत सरकार को यहां के डॉक्टरों को शुक्रिया कहती हूं." जबकि, आयशा की मां ने बताया कि जब आयशा को भारत लाया गया तो उसके जिंदा बचने के चांस महज 10% थे. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से बेहतर इलाज की सुविधाएं भारत में हैं.  

भारत में ऑपरेशन और सहायता के लिए के लिए मां ने दिया धन्यवाद

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में डॉक्टरों ने कहा कि वहां ट्रांसप्लांट की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है तो हमने डॉ. केआर बालाकृष्णन से संपर्क किया. जिसके चलते मैं इलाज के लिए भारत सरकार और डॉक्टरों को धन्यवाद देती हूं. भारत और यहां के डॉक्टर बहुत शानदार हैं. वहीं, डॉ. केआर बालाकृष्णन ने कहा कि आयशा मेरी बेटी की तरह है. वैसे भी हमारे लिए हर जिंदगी मायने रखती है.