G News 24 : मंदिर और चर्च को लेकर को लेकर दिए बयानों को लेकर एक बार फिर चर्चाओं में है जाकिर नायक

मनी लॉन्ड्रिंग और यूएपीए के तहत कई मामलों में आरोपी और घोषित भगोड़ा है जाकिर ...

मंदिर और चर्च को लेकर को लेकर दिए बयानों को लेकर एक बार फिर चर्चाओं में है जाकिर नायक 

मनी लॉन्ड्रिंग और यूएपीए के तहत कई मामलों में आरोपी और घोषित भगोड़ा जाकिर नाइक एक बार फिर चर्चाओं में है. उसने मंदिर और चर्च को लेकर कहा है कि इनके लिए काम नहीं करना चाहिए. मंदिर या चर्च बनाने के लिए काम करना पाप करने के जैसा है. हुदा टीवी पर उसका यह वीडिया प्रसारित हुआ है. साल 2016 से जाकिर नाइक फरार है और इस वक्त मलेशिया में रह रहा है. वह खुद को इस्लामिक स्कॉलर बताता है. वैसे तो आधिकारिक तौर उसकी ऐसा कोई सोर्स नहीं है, जिससे उसकी कमाई होती हो. हालांकि, प्रवर्तन निदेशायल ने 193.06 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग केस में उसका नाम दर्ज किया है.

193 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग केस में भी जुड़ा है नाम !

2019 में ईडी ने उसके खिलाफ चार्जशीट जारी की थी. इसमें उस पर आरोप लगाया गया कि जाकिर नाइक ने भारत के एक बैंक में 49 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए. इसके अलावा, ईडी उसकी 50.46 करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त कर चुकी है.

 टेरर फंडिंग से मिले 212 करोड़ के फंड से 52 प्रॉपर्टी खरीदी !

ईडी ने टेरर फंडिंग से जुड़े मामले में जाकिर नाइक के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी. ईडी का दावा था कि 12 टेरर फंडिंग मामलों में 212 करोड़ की पहचान की गई. इस फंड से 52 प्रॉपर्टी खरीदी गई थीं. जब्त की गई जाकिर नाइक की 50.46 करोड़ की संपत्ति में म्यूचुअल फंड्स, चेन्नई में इस्लामिक इंटरनेशनल स्कूल, 10 फ्लैट, तीन गोडाउन, दो बिल्डिंग और पुणे और मुंबई की जमीनें शामिल हैं. 

यूएई से जाकिर नाइक ने भेजे 49.20 करोड़ रुपये !

जाकिर नाइक के इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) को भी करोड़ों रुपये का फंड मिला. ईडी ने बताया कि आईआरएफ को साल 2003-04 और 2016 से 2017 के बीच विभिन्न संदिग्ध और अज्ञात सोर्स से 64 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए. इस फंड का इस्तेमाल ज्यादातर शांति सम्मेलन में किया गया. इसके अलावा, 2012 से 2016 के बीच भारत में जाकिर नाइक के बैंक अकाउंट में 49.20 करोड़ रुपये ट्रांसफर हुए. यह अमाउंट संयुक्त अराब अमीरात में उसके बैंक अकाउंट से भेजे गए थे. एजेंसी ने बताया कि इस इस पैसे से नाइक ने मुंबई और पुण में प्रॉपर्टी खरीदी. उसने अपने रिश्तेदारों के नाम पर यह राशि इकट्ठा की थी. इसके अलावा, उसके नाम पर बेहिसाब संदिग्ध कैश ट्रांजेक्शन भी शामिल है.

अपने भाषणों से फैलाकर युवाओं को भड़काता है जाकिर नाइक !

जाकिर नाइक वैसे तो खुद को पीस लीडर, इस्लामिक धर्मगुरु और उपदेशक बताता है. हालांकि, उसके भाषणों से शांति नहीं बल्कि हिंसा बढ़ती है. साल 2016 में ईडी और नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी, NIA ने उसे वांटेड घोषित कर दिया था, जिसके बाद वह मलेशिया भाग गया. जाकिर नाइक ने साल 1990 में  इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन शुरू किया था, जिसे लेकर आरोप हैं कि वह इसके जरिए फंडिंग इकट्ठा करके कट्टरपंथ को बढ़ावा देता है. साल 2016 में उसके फाउंडेशन पर यूएपीए के तहत बैन लगा दिया गया. उसने पीस टीवी नाम से एक चैनल भी शुरू किया, जिसका प्रसारण दुबई से होता था. इस पर वह ऐसे भाषण देता था, जिससे युवा भड़ककर कट्टरपंथ के रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित होते थे. यह चैनल भारत और बांग्लादेश समेत कई देशों में प्रतिबंधित है.

जुलाई, 2016 में ढाका में हुए बम ब्लास्ट के कारण चर्चा में आया जाकिर नाइक !

जुलाई, 2016 में बांग्लादेश की राजधानी ढाका में बम ब्लास्ट हुआ था. इस हमले के आरोपियों में से एक ने बताया कि वो जाकिर नाइक की वीडियो से प्रभावित था. इसके कुछ महीनों के बाद जाकिर नाइक देश से भाग गया. इसके अलावा, अप्रैल, 2019 में श्रीलंका में ईस्टर संडे पर हुए बम धमाकों के भी तार जाकिर नाइक से जुड़े हैं. हमले की जिम्मेदारी लेने वाले नेशनल तौहीथ जमाथ के मुखिया जेहरान हाशिम ने जाकिर नाइक की तारीफ की थी. उसने श्रीलंकाई मुसलमानों से पूछा कि वो उसके लिए क्या कर सकते हैं.

G News 24 : पाकिस्तानी नेताओं और अफसरों ने खरीद डाला आधा दुबई !

दुबई में पाकिस्तानी नेताओं की संपत्ति का खुलासा...

 पाकिस्तानी नेताओं और अफसरों ने खरीद डाला आधा दुबई !

नई दिल्ली। पाकिस्तान में एक तरफ खाने के लाले हैं तो दूसरी तरफ कुछ रईसजादों ने दुबई में लाखों करोड़ों रुपए की संपत्ति खरीद रखी है. कंगाली की दहलीज पर खड़े पाकिस्तान के सभी लोग गरीब नहीं है, यह खुलासा एक हालिया रिपोर्ट से हुआ है. अरबों डॉलर की संपत्ति खरीदने वालों में पाकिस्तान के बड़े नेता, सेवानिवृत्त जनरल, नौकरशाह, बैंकर और मनी लॉन्डर्स शामिल है. लीक हुई रिपोर्ट में दुबई के पॉश इलाकों में  कमर्शिल प्रॉपर्टी के मालिकों की डिटेल सामने आई है. 

दुबई में खरीदी गई संपत्तियों की कुल वेल्यू करीब 11 अरब डॉलर है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दुनिया भर के 70 से ज्यादा मीडिया आउटलेट्स के एक इन्वेस्टिगेटिव प्रोजेक्ट "दुबई अनलॉक्ड" ने दुबई में भ्रष्ट नेताओं, मनी लॉन्ड्रर्स और ड्रग लॉर्ड्स समेत प्रमुख वैश्विक हस्तियों की सैकड़ों संपत्तियों का खुलासा किया है. डेटा में साल 2020 से 2022 तक के कमर्शियल प्रॉपर्टी के रिकॉर्ड शामिल हैं. प्रॉपर्टी लीक डेटा के मुताबिक, 17 हजार पाकिस्तानियों ने 23000 से ज्यादा संपत्तियां दुबई में खरीदी हैं, इनमें पाकिस्तान के टॉप नेताओं के नाम शुमार हैं.

कंगाल पाकिस्तान के मालामाल नेता

दुबई मे संपत्ति खरीदने वालों में राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के तीन बच्चे,  पूर्व पीएम नवाज शरीफ के बेटे हुसैन नवाज शरीफ, आंतरिक मंत्री मोहसिन नकवी की पत्नी, शरजील मेमन, सीनेटर फैसल वावदा और सिंध और बलूचिस्तान विधानसभाओं के कई विधायकों के नाम शामिल हैं. जबकि जरदारी की बड़ी बेटी, बख्ताबर भुट्टो जरदारी दुबई की निवासी हैं. उनका बेटा बिलावल भुट्टो जरदारी और बेटी आसिफा भुट्टो जरदारी चार संपत्तियों के मालिक हैं. अपने वकील के जरिए आसिफा ने कहा है कि दुबई में खरीदी गई सभी संपत्तियों की जानकारी उन्होंने पाकिस्तान में रेलिवेंट अथॉरिटीज और इलेक्टोरल वॉचडॉग को दी है. 

ओसीसीआरपी की 'दुबई अनलॉक' की रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान के रसूखदार लोगों के पास दुबई में महंगी संपत्तियां हैं. इनमें दिवंगत जनरल परवेज मुशर्रफ, पूर्व प्रधान मंत्री शौकत अजीज, सेवानिवृत्त जनरल, एक पुलिस प्रमुख, एक राजदूत और एक वैज्ञानिक के नाम भी शामिल हैं. इन सभी ने खुद या फिर अपने परिवार के जरिए दुबई में संपत्तियां खरीदी हैं. 

स्टूडियो अपार्टमेंट से लेकर शानदार विला तक

लीक प्रॉपर्टी में खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री मोहसिन नकवी की पत्नी के पास दुबई में अघोषित विला है, जिसका जिक्र उनके सीनेट चुनाव नामांकन पत्र में नहीं किया गया था. मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े अल्ताफ खनानी नेटवर्क और आपराधिक गतिविधियों में शामिल डॉक्टर हामिद मुख्तार शाह जैसे लोग भी दुबई में संपत्ति के मालिक हैं. डेटा से खुलासा हुआ है कि दुबई मरीना, एमिरेट्स हिल्स और पाम जुमेराह जैसे पॉश इलाकों में पाकिस्तान की नामचीन हस्तियों के कॉम्पैक्ट स्टूडियो और अपार्टमेंट से लेकर छह-बेडरूम वाले शानदार विला तक शामिल हैं. लीक हुए डेटा से पाकिस्तानियों की अचल संपत्ति का भी पता चला है. साल 2022 तक 23,000 से ज्यादा संपत्तियां पाकिस्तानी नागरिकों के नाम पर हैं.

G News 24 : वैज्ञानिकों ने खोज ली नई पृथ्वी,ये सूर्य की नहीं एक अल्ट्राकूल बौने तारे की करती है परिक्रमा !

इसकी खासियत जानेंगे तो हो जाएंगे हैरान...

वैज्ञानिकों ने खोज ली नई पृथ्वी,ये सूर्य की नहीं एक अल्ट्राकूल बौने तारे की करती है परिक्रमा !

खगोलविदों ने पृथ्वी के आकार का एक नया ग्रह खोजा है जो बृहस्पति के आकार के एक अल्ट्राकूल बौने तारे की परिक्रमा करता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस नए एक्स्ट्रासोलर ग्रह या एक्सोप्लैनेट का नाम स्पेकुलोस-3बी है और यह पृथ्वी के अपेक्षाकृत करीब, केवल 55 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है। आपको जानकर हैरानी होगी कि ये बौना तारा हमारे सूर्य से दोगुना ठंडा है, साथ ही दस गुना कम विशाल है और सौ गुना कम चमकदार है। स्पेक्युलोस-3बी हर 17 घंटे में एक बार लाल बौने तारे के चारों ओर घूमता है, जिससे ग्रह पर एक वर्ष पृथ्वी के एक दिन से छोटा हो जाता है। यह एक्सोप्लैनेट भी संभवतः अपने तारे से "ज्वार से बंद" है, जिसका अर्थ है कि इसमें एक दिन और एक रात होती है।

हैरान करने वाली बातें

बेल्जियम में लीज विश्वविद्यालय के खगोलशास्त्री और अध्ययन के प्रमुख लेखक माइकल गिलोन ने कहा, अपनी छोटी कक्षा के कारण, SPECULOOS-3b को पृथ्वी द्वारा सूर्य से प्राप्त ऊर्जा की तुलना में प्रति सेकंड लगभग कई गुना अधिक ऊर्जा प्राप्त होती है। "हम मानते हैं कि ग्रह समकालिक रूप से घूमता है, इसलिए एक ही पक्ष, जिसे दिन का पक्ष कहा जाता है, हमेशा तारे का सामना करता है, जैसे चंद्रमा पृथ्वी के लिए करता है। दूसरी ओर, रात का पक्ष अंतहीन अंधेरे में बंद हो जाता है।" 

खगोलविदों ने कही ये बात

नेचर एस्ट्रोनॉमी में प्रकाशित यह खोज स्पेकुलोस परियोजना द्वारा की गई थी, जिसका नेतृत्व बेल्जियम में लीज विश्वविद्यालय ने बर्मिंघम, कैम्ब्रिज, बर्न और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी विश्वविद्यालयों के सहयोग से किया था। SPECULOOS (सर्च फॉर प्लैनेट्स ईक्लिप्सिंग अल्ट्रा-कूल स्टार्स) की स्थापना दुनिया भर में स्थित रोबोटिक दूरबीनों के नेटवर्क का उपयोग करके अल्ट्रा-कूल ड्वार्फ सितारों की परिक्रमा करने वाले एक्सोप्लैनेट की खोज के लिए की गई थी।

तारों का जीवनकाल

विशेष रूप से, अति-ठंडे लाल बौने तारे हमारी आकाशगंगा में लगभग 70% तारे बनाते हैं और लगभग 100 अरब वर्षों तक जीवित रहते हैं। Space.com के अनुसार, लाल बौने तारों का जीवनकाल असाधारण रूप से लंबा होता है क्योंकि वे सूर्य से हजारों डिग्री ठंडे होते हैं, जबकि अल्ट्राकूल बौने तारे हमारे सूर्य की तुलना में ठंडे और छोटे होते हैं, उनका जीवनकाल सौ गुना अधिक होता है - लगभग 100 अरब वर्ष - और उम्मीद है कि वे ब्रह्मांड में अभी भी चमकने वाले अंतिम तारे होंगे।

''SPECULOOS-3b इस मायने में खास है 

यह लंबा जीवन काल परिक्रमा करने वाले ग्रहों पर अलौकिक जीवन विकसित करने के अवसर प्रदान कर सकता है। बर्मिंघम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अमौरी ट्रायड ने कहा, ''अल्ट्राकूल ड्वार्फ का छोटा आकार छोटे ग्रहों का पता लगाना आसान बनाता है। ट्रायड ने कहा, ''SPECULOOS-3b इस मायने में खास है कि इसके तारकीय और ग्रहीय गुण इसे वेब के लिए एक इष्टतम लक्ष्य बनाते हैं, जो इसकी सतह बनाने वाली चट्टानों की संरचना के बारे में जानकारी प्राप्त करने में सक्षम है।

G News 24 : राष्ट्रीय नेताओं के कारण,PoK को भारत में मिलाने की जोर-शोर से उठ रही है मांग !

 देश के दिग्गज नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं...

राष्ट्रीय नेताओं के कारण,PoK को भारत में मिलाने की जोर-शोर से उठ रही है मांग !

भारत सरकार ने आर्टिकल 370 को जिस तरह से निरस्त कर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केंद्र शासित प्रदेश बनाए, उसी तरह अब अगले कदम में पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoK) को भारत में मिलाने की चर्चा जोर पकड़ने लगी है। पोओके को भारत में मिलाने की मांग को लेकर दिग्गज नेताओं के बयान भी सामने आ रहे हैं। हाल ही में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि पीओके भारत का हिस्सा है और हम इसे लेकर रहेंगे। PoK में विरोध प्रदर्शनों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद एक समय अशांत रहे कश्मीर में शांति लौट आई है, लेकिन पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर अब विरोध प्रदर्शनों और आजादी के नारों से गूंज रहा है। 

बीत दिन बीजेपी के दिग्गज नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "पाकिस्तान ने हमला किया था जम्मू-कश्मीर पर, हमारी सेनाएं बहादुरी के साथ लड़ रही थी, अगर तीन दिन और युद्ध विराम नहीं होता, तो पीओके होता ही नहीं, सारा का सारा कश्मीर हमारा होता। कांग्रेस और पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पाप किया और युद्धविराम कर दिया, जिस कारण पीओके पाकिस्तान में रह गया। आज भारतीय जनता पार्टी का संकल्प है कि अब पीओके हमारा है और हम उसे लेकर रहेंगे, वो भारत का अभिन्न अंग है। उन्होंने कहा कि ये एतिहासिक भूल, अपराध और पाप है, जो पंडित जवाहरलाल नेहरू ने किया। क्या-क्या नहीं किया, एक देश में दो निशान, दो विधान, दो प्रधान कौन लेकर आया। कश्मीर हमारा था, हम लोग नारे लगाते रहे कि एक देश में दो निशान, दो विधान, दो प्रधान नहीं चलेंगे, लेकिन कांग्रेस ने ये पाप किया और धारा 370 लगा दी। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रणाम करता हूं कि उन्होंने एक झटके में धारा-370 खत्म करके देश से दो निशान, दो विधान, दो प्रधान हटा दिए।

इन नेताओं के आये बयान तो ...

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, "भारत के संविधान के अनुसार, पूरा जम्मू-कश्मीर हमारा है। पूरे जम्मू-कश्मीर को भारत में लाना हमारी संवैधानिक जिम्मेदारी है और उस जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए हमें 400 सीटें चाहिए।" 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "80 करोड़ लोग भारत में मुफ्त में राशन की सुविधा का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। पाकिस्तान की आबादी 23 से 24 करोड़ है। पाकिस्तान में एक किलो आटे के लिए मारपीट हो रही है। PoK में लगातार आंदोलन चल रहे हैं कि हमें भारत का हिस्सा बनाइए, क्योंकि भारत में पीएम मोदी का शासन है और इसलिए हम भारत में खुशहाल रह पाएंगे। ये जो पाकिस्तान का राग अलाप रहे हैं उन्हें कहिए की जाओ पाकिस्तान का ही हिस्सा बनो..."

भाजपा नेता रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, "PoK निश्चित तौर पर हिंदुस्तान का ही एक हिस्सा है। आपने देखा होगा कि भारत की संसद में पाक अधिकृत उस क्षेत्र की 24 विधानसभाएं बकायदा कानून बनाकर पास की गई हैं। वो दिन दूर नहीं है जब धारा 370 हटने की ही तरह वो क्षेत्र भी पूरे स्वाभिमान के साथ भारत में जुड़ सकेगा।"

इससे पहले विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने फिर दोहराया है कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर PoK भारत का हिस्सा है और हमेशा रहेगा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के हालात बदले हैं और यहां के लोग प्रगति कर रहे हैं, जबकि पीओके में रहने वालों के साथ भेदभाव और बुरा बर्ताव होता है। इस वजह से शायद वहां के लोग अपनी तुलना जम्मू-कश्मीर के लोगों से करते हैं।

G News 24 : पूरी दुनिया में नौकरियों को बहा ले जाएगी एआई सुनामी : IM

 इस समस्या को लेकर आईएमएफ की बॉस क्रिस्टलीना जोर्जीवा भी हैं परेशान ...

पूरी दुनिया में नौकरियों को बहा ले जाएगी एआई सुनामी : IMF

पिछले एक साल से पूरी दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की होड़ तेज हो गई है. ऐसे में एआई को नौकरियों के लिए बड़ा खतरा माना जा रहा है. हर कंपनी इस टेक्नोलॉजी को जल्द से जल्द अपने यहां लागू करने पर काम कर रही है. पिछले एक साल से भी ज्यादा समय से दुनियाभर की कंपनियों में कॉस्ट कटिंग और रीस्ट्रक्चरिंग के नाम पर लाखों लोगों की नौकरियां भी छीनी जा चुकी हैं. अब इंटरनेशनल मोनेट्री फंड (IMF) की चीफ क्रिस्टलीना जोर्जीवा (Kristalina Georgieva) ने भी एआई को लेकर चिंता जताई है. उन्होंने कहा है कि एआई की एक सुनामी आ रही है. इससे सारी दुनिया में नौकरियों के लिए बड़ा खतरा पैदा हो गया है. यह चिंताजनक स्थिति है. इस बारे में सारी दुनिया को सोचने की आवश्यकता है. 

दो साल में पूरी दुनिया में खत्म हो जाएंगे 40 फीसदी जॉब्स 

आईएमएफ (International Monetary Fund) की एमडी क्रिस्टलीना जोर्जीवा के अनुसार, दो साल में एआई का बुरा असर नौकरियों पर दिखाई देने लगेगा. विकसित देशों में 60 फीसदी नौकरियां जाने की आशंका है. साथ ही दुनिया में 40 फीसदी नौकरियां जा सकती हैं. इसके चलते पैदा होने वाले सामाजिक असंतुलन और बदलावों पर हमें ध्यान देना होगा. उन्होंने कहा कि ग्लोबल जॉब मार्केट पर एआई का असर किसी सुनामी की तरह विध्वंसक हो सकता है. 

एआई सुनामी से लोगों को बचाने का हमारे पास कम समय  

स्विस इंस्टिट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज द्वारा ज्यूरिख में आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए आईएमएफ बॉस ने कहा कि हमें न सिर्फ बिजनेस बल्कि लोगों को भी इन बड़े बदलावों के लिए तैयार करना होगा. एआई से आने वाले बदलावों के लिए बिजनेस तो तैयार हो चुके हैं. मगर, हमारे पास लोगों को इस एआई सुनामी को झेलने के लिए तैयार करने का बहुत कम समय बचा है. एआई प्रोडक्टिविटी को जबरदस्त तरीके से बढ़ा सकती है. मगर, यह गलत सूचनाओं के प्रचार-प्रसार और समाज में भेदभाव को भी बहुत बढ़ा सकती है. 

वर्ल्ड इकोनॉमी ने झेले हैं कई संकट, हालत नाजुक 

क्रिस्टलीना जोर्जीवा ने कहा कि वर्ल्ड इकोनॉमी ने हाल के कुछ सालों में कोरोना महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे भयावह संकट झेले हैं. इकोनॉमी नाजुक हालत में है. फिलहाल हम मंदी के दौर में नहीं हैं. मगर, पर्यावरण में बदलाव और उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं पर बढ़ते कर्ज से आगे जाकर संकट खड़े हो सकते हैं. 

G News 24 : भारत-ईरान के बीच चाबहार बंदरगाह की डील से भड़का अमेरिका

 डील को लेकर अमेरिका की ओर से ज्यादा सकारात्मक रुख नहीं ,प्रतिबंध की दी चेतावनी ...

भारत-ईरान के बीच चाबहार बंदरगाह की डील से भड़का अमेरिका

भारत और ईरान ने हाल ही में  चाबहार बंदरगाह पर एक टर्मिनल के संचालन के लिए दीर्घकालिक अनुबंध पर हस्ताक्षर किया है। इस बंदरगाह को लेकर डील के बाद व्यापार करना आसान हो जाएगा और इससे एशियाई देशों में भारत की पहुंच और मजबूत हो जाएगी। हालांकि, दूसरी ओर से इस डील को लेकर अमेरिका की ओर से ज्यादा सकारात्मक रुख नहीं दिखाई दिया है। अमेरिका ने इशारों में इस डील को लेकर प्रतिबंध की चेतावनी भी दी है। 

अमेरिका ने कहा है कि  ईरान के साथ व्यापारिक सौदे करने वाले किसी भी देश पर प्रतिबंध लगाए जाने का खतरा है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा है कि USA जानता है कि ईरान और भारत ने चाबहार बंदरगाह से जुड़े एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार चाबहार बंदरगाह और ईरान के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों के संदर्भ में अपनी विदेश नीति के लक्ष्यों पर बात करे।

दैनिक संवाददाता सम्मेलन में वेदांत पटेल से चाबहार बंदरगाह को लेकर ईरान-भारत समझौते के बारे में सवाल किया गया। इस पर पटेल ने कहा कि ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध लागू हैं और हम उन्हें बरकरार रखेंगे।  कोई भी इकाई, कोई भी व्यक्ति जो ईरान के साथ व्यापारिक समझौते पर विचार कर रहा है, उन्हें संभावित जोखिम और प्रतिबंधों के बारे में पता होना चाहिए। 

जल्द विकसित होगा बंदरगाह

रॉयटर्स के हवाले कहा गया है कि ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों ने इस बंदरगाह के विकास की गति को धीमा कर दिया है। मगर अब भारत के सहयोग से इसके जल्द विकसित होने की उम्मीद है। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा, "जब भी कोई दीर्घकालिक व्यवस्था संपन्न होगी, तो बंदरगाह में बड़े निवेश का रास्ता साफ हो जाएगा।" उन्होंने कहा कि कैबिनेट सहयोगी जहाजरानी मंत्री सर्बदानंद सोनोवाल ईरान की यात्रा पर हैं।

G.NEWS 24 : अफगानिस्तान में बाढ़ से मरने वालों का आंकड़ा 330 के पार

1,000 से अधिक घर नष्ट हुए...

अफगानिस्तान में बाढ़ से मरने वालों का आंकड़ा 330 के पार

काबुल। विश्व खाद्य कार्यक्रम के अफगानिस्तान कार्यालय और स्थानीय अफगान अधिकारियों के अनुसार, अफगानिस्तान के बगलान, तखर, बदख्शां और घोर प्रांतों के प्रमुख हिस्सों में बारिश और बाढ़ के कारण 330 से अधिक लोग मारे गए हैं. संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने शनिवार को सोशल मीडिया पर कहा कि अकेले उत्तरी बगलान प्रांत में 300 से अधिक लोग मारे गए हैं। 

जबकि 1,000 से अधिक घर नष्ट हो गए हैं.एजेंसी ने कहा कि 'डब्ल्यूएफपी अब जीवित बचे लोगों को फोर्टिफाइड बिस्कुट वितरित कर रहा है.' स्थानीय अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि युद्धग्रस्त अफगानिस्तान के बगलान, तखर, बदख्शां और घोर प्रांतों के प्रमुख हिस्सों में बारिश और बाढ़ के कारण कम से कम 160 लोग मारे गए हैं और 117 अन्य घायल हो गए हैं अफगानिस्तान में भारी बारिश और बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है. पिछले महीने में, हताहतों की संख्या और संपत्ति की क्षति हुई। 

सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो में शनिवार को बगलान में अस्पताल के पीछे दर्जनों लोग अपने प्रियजनों की तलाश में एकत्र हुए दिखाई दे रहे हैं अधिकारियों ने पहले कहा था कि अप्रैल में देश में भारी बारिश और बाढ़ से कम से कम 70 लोगों की मौत हो गई. लगभग 2,000 घर, तीन मस्जिदें और चार स्कूल भी क्षतिग्रस्त हो गए। 

G News 24 : धरती पर आ सकती है प्रलय, 20 साल में पहली बार पृथ्वी की तरफ आती दिखी सौर ज्वालाएं !

 अमेरिकी वैज्ञानिकों ने दी  है भयानक भू-चुंबकीय तूफान की चेतावनी...

धरती पर आ सकती है प्रलय, 20 साल में पहली बार पृथ्वी की तरफ आती दिखी सौर ज्वालाएं !

अमेरिका की नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) ने इस सौर तूफान को लेकर अलर्ट जारी किया है, क्योंकि एजेंसी को बाहरी अंतरिक्ष में एक शक्तिशाली सौर तूफान के बारे में पता चला है. अमेरिकी एजेंसी ने बताया कि इस तूफान का जीपीएस सिस्टम पर भी असर पड़ सकता है. NOAA का मौसम पूर्वानुमान केंद्र (SWPC) 8 मई से शुरू हुई सौर ज्वालाओं और कोरोनल मास इजेक्शन (CME) के बाद सूर्य की निगरानी कर रहा है. अंतरिक्ष मौसम पूर्वानुमान केंद्र ने एक बयान में कहा कि शुक्रवार 10 मई की शाम तक के लिए थी लेकिन यदि अधिक सौर विस्फोट हुआ तो भू-चुंबकीय तूफान की स्थिति पूरे सप्ताह बनी रह सकती है.

वैज्ञानिकों के मुताबिक 8 मई के बाद से कई सौर ज्वालाएं और कोरोनल मास इजेक्शन देखे गए थे, जिसके बाद नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन ने अलर्ट जारी किया. एजेंसी ने बताया कि सूर्य काफी बड़ा है और इसपर कई धब्बे हैं, जिन्हें सनस्पॉट कहा जाता है. वैज्ञानिकों ने बताया कि बुधवार को सनस्पॉट से कई मजबूत सौर ज्वालाएं निकली हैं. इनमें से कम से कम 5 ज्वालाएं कोरोनल मास इजेक्शन यानी सीएमई थी. ये सभी पृथ्वी की तरफ आती दिखी हैं. वैज्ञानिकों ने बताया कि सूर्य से निकलने वाले तूफानों से पृथ्वी के लिए कोई खतरा न हो, इसके ध्यान में रखकर निगरानी की जा रही है.  

NOAA की चेतावनी में बताया गया है कि हमारे ग्रह की तरफ आने वाले भू-चुंबकीय तूफान पृथ्वी की कक्षा और पृथ्वी की सतह पर भारी नुकसान कर सकते हैं. ये तूफान नेविगेशन, रेडियो और सैटेलाइट संचालन को प्रभावित कर सकते हैं. इसके अलावा इंटरनेट आउटेज के लिए भी ये खतरनाक हो सकते हैं, ऐसे में पूरी दुनिया का आधुनिक संचार सिस्टम बाधित हो सकता है.

G News 24 : World War II का हीरो 100 साल की उम्र में शादी करने जा रहा है !

 टेरेंस 96 साल की गर्लफ्रेंड के साथ शादी करने जा रहा है...

World War II का हीरो 100 साल की उम्र में शादी करने जा रहा है !

प्यार की कहानियां आपने भी खूब सुनी होंगी। प्यार करने की कोई उम्र नहीं होती है। प्यार तो किसी को कभी भी हो सकता है। फिल्मों में हीरो हीरोइन को आपने इश्क फरमाते भी देखा होगा लेकिन हम आपको एक अनोखी प्रेम कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं। असल में यह कहानी नहीं बल्कि सच्ची घटना है। घटना भी ऐसी जिसके बारे में जानकर आप हैरत में पड़ जाएंगे। दरअसल, 100 साल का एक शख्स अपनी 96 साल की गर्लफ्रेंड के साथ शादी करने जा रहा है। दोनों एक-दूसरे को साल 2021 से डेट कर रहे हैं।

खास है शादी की जगह 

अमेरिका के लिए विश्व युद्ध II में हेरोल्ड टेरेंस ने बड़ी बहादुरी से जंग लड़ी थी। विश्व युद्ध वो किसी हीरो से कम नहीं थे। जंग के दिन बीत गए, सालों गुजर गए लेकिन अब  टेरेंस अपने प्यार की वजह से चर्चा में आ गए हैं। हेरोल्ड टेरेंस की पर्सनल लाइफ को लेकर लोग बात कर रहे हैं। असल में टेरेंस फ्रांस में अपनी प्रेमिका के साथ शादी के बंधन में बंधने वाले हैं। दोनों की शादी उस समुद्री तट पर हो रही है जहां वर्ल्ड वॉर के दौरान अमेरिकी सेना जंग लड़ने के लिए उतरी थी।

किया जाएगा सम्मानित 

खास बात यह भी है कि विश्व युद्ध II के दौरान अमेरिकी एयरफोर्स का हिस्सा रह चुके हेरोल्ड को 6 जून के दिन डी-डे लैंडिंग की 80वीं वर्षगांठ पर सम्मानित किया जाएगा। यह वही दिन था जब अमेरिका ने मित्र देशों से जुड़कर वर्ल्ड वॉर का रुख बदल दिया था। इस वॉर में हेरोल्ड उन खुशकिस्मत लोगों में से थे जो जिन्दा बचकर लौट आए थे।

कौन हैं टेरेंस की प्रेमिका

हेरोल्ड टेरेंस की प्रेमिका का नाम स्वेरलिन है। स्वेरलिन की शादी 21 साल की उम्र में हुई थी और वह 40 की उम्र में विधवा होने से पहले दो लड़कियों और एक लड़के की मां थी। शादी के 18 साल बाद उनके दूसरे पति की मृत्यु हो गई। वह 2019 में सोल काट्ज़ की मृत्यु से पहले 25 साल तक उनके साथ रहीं। उनके सात पोते-पोतियां और सात परपोते हैं। यह काट्ज़ की बेटी, जोआन शोशेम थी, जिसने उन्हें 2021 में टेरेंस से मिलवाया था।

ऐसे शुरू हुई लव स्टोरी 

स्वेरलिन टेरेंस से तब मिलीं जब उनके बच्चे वर्षों पहले उनके पोते-पोतियों के साथ एक शिविर में गए थे। शोशेम ने स्वेरलिन के बारे में कहा, "उसने मेरे पिता को बहुत खुशी दी।" "मैं नहीं चाहती थी कि वो अकेली रहें।" लेकिन थेल्मा की मृत्यु के बाद, टेरेंस को अन्य महिलाओं में कोई दिलचस्पी नहीं थी और उसने बमुश्किल स्वेरलिन पर ध्यान दिया।

स्वेरलिन ने क्या बताया 

स्वेरलिन ने बताया, ''ऐसा कुछ भी नहीं था।'' फिर भी, टेरेंस के दोस्त स्टेनली ईसेनबर्ग उन्हें अगली रात डिनर पर ले गए। ईसेनबर्ग ने कहा, "मैंने उसे पहले कभी इस तरह चमकते हुए नहीं देखा था। मैंने कहा, 'तुम प्यार में हो'' टेरेंस ने कहा, 'मुझे नहीं पता, मेरे मन में इस तरह भावनाएं पहले कभी नहीं आई थीं।''

'प्यार में होना सिर्फ युवाओं के लिए नहीं है'

स्वेरलिन ने कहा, उस डेट के बाद टेरेंस ने मुझे उसे ठुकराने का "मौका नहीं दिया"। 94 साल की उम्र में भी वह प्यार में थीं। उन्होंने हंसते हुए कहा, "वह मुझे पूरी दुनिया से परिचित करा रहा था, 'मैं चाहता हूं कि तुम मेरी प्रियतमा से मिलो,' और मैं उसे दो दिन से ज्यादा नहीं जानती थी।" “प्यार में होना सिर्फ युवाओं के लिए नहीं है।'' फिलहाल, अब पूरी दुनिया में मशहूर हो चुके इस जोड़े की शादी होने वाली है। लोग बेहद दिलचस्पी ने इनके बारे में जानना चाह रहे हैं।

G News 24 : डैमेज कंट्रोल होते देख सैम पित्रोदा को अपने पद से देना पड़ गया इस्तीफा !

विवादित बयानों के सरताज पर गिरी गाज.. 

डैमेज कंट्रोल होते देख सैम पित्रोदा को अपने पद से देना पड़ गया इस्तीफा !

सैम पित्रोदा ने इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के चीफ रहते हुए उन्होंने जो जो बयान दिए हैं, उनसे डैमेज कंट्रोल होते देख सैम पित्रोदा को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ गया है। असल में इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के चीफ सैम पित्रोदा ने हाल ही में नया विवादित बयान दिया जब उन्होंने कहा कि उत्तर भारत के लोग तो गोरे जैसे नजर आते हैं, जबकि, पूर्वी भारत के लोग चाइनीज जैसे दिखते हैं. दक्षिण भारतीय लोग अफ्रीकन जैसे और पश्चिम भारत के लोग अरब के लोगों जैसे दिखते हैं.

वैसे तो सैम पित्रोदा लंबे समय से अपने बयानों के चलते चर्चा में रहे लेकिन हुआ यह कि इस बार पित्रोदा ने जो टिप्पणी कर दी, वो कांग्रेस भी नहीं पच पाया. बीजेपी हमलावर हो गई. यहां तक कि एक रैली में पीएम मोदी ने इन टिप्पणियों को ‘‘नस्ली’’ बताते हुए कहा कि लोग त्वचा के रंग के आधार पर देशवासियों का अपमान करने के प्रयास को बर्दाश्त नहीं करेंगे.

नस्लीय टिप्पणी को लेकर पूरे देश में विवाद बढ़ गया

अब चूंकि नस्लीय टिप्पणी को लेकर पूरे देश में विवाद बढ़ गया, ऐसे में सैम पित्रोदा ने इस पद से इस्तीफा दे दिया है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी इसकी पुष्टि की है. जयराम रमेश ने कहा कि सैम पित्रोदा ने अपनी मर्ज़ी से इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का फ़ैसला किया है. कांग्रेस अध्यक्ष ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है.

कांग्रेस ने खुद को अलग कर लिया..

इससे पहले पित्रोदा के बयान पर विवाद बढ़ने के बाद कांग्रेस ने उनके बयान से खुद को अलग कर लिया था. कांग्रेस महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने यह भी लिखा कि सैम पित्रोदा द्वारा भारत की विविधताओं को जो उपमाएं दी गई हैं, वह अत्यंत गलत व अस्वीकार्य हैं. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इन उपमाओं से अपने-आप को पूर्ण रूप से अलग करती है.

सैम पित्रोदा का एक पॉडकास्ट सामने उठा विवाद 

हाल ही में यह पूरा मामला तब शुरू हुआ जब सैम पित्रोदा का एक पॉडकास्ट सामने आया था जिसमें उन्होंने कहा था कि वह उस भारत में विश्वास रखते हैं जहां भाषा, धर्म, संस्कृति, रंग-रूप, रिवाज, खान-पान आदि की विविधता के बावजूद लोग 70-75 साल से, कुछ छिटपुट झगड़ों को छोड़कर, खुशनुमा माहौल में एक साथ रह रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम भारत जैसे विविधता से भरे देश को एक साथ लेकर चल सकें, जहां पूरब के लोग चीनियों जैसे दिखते हैं तो पश्चिम के लोग अरब जैसे, उत्तर के लोग संभवतः गोरों जैसे तो दक्षिण के लोग अफ्रीकियों जैसे, लेकिन इन सबसे कोई फर्क नहीं पड़ता.

पीएम मोदी ने भी लिया था आड़े हाथ ..

पित्रोदा के बयान पर भारत में बवाल मच गया. पीएम मोदी ने भी तंज कसा. पीएम मोदी ने तेलंगाना के वारंगल में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि शहजादे के फिलॉस्फर और गाइड अंकल ने बड़ा रहस्य खोला है. उन्होंने कहा कि जिनकी चमड़ी का रंग काला होता है, वो सब अफ्रीका के हैं, मतलब देश के अनेक लोगों को चमड़ी के रंग के आधार पर उन्होंने इतनी बड़ी गाली दे दी. इसके अलावा कई भाजपा नेताओं ने भी पित्रोदा के बयान पर जमकर हमला बोला.

सैम पित्रोदा गांधी परिवार के करीबी माने जाते हैं

एक जमाने में राजीव के करीबी रहे और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा गांधी परिवार के करीबी माने जाते हैं. वे अमेरिका में रहते हैं. ये वही सैम पित्रोदा हैं जो अभी कुछ ही साल पहले सिख विरोधी दंगों पर आपत्तिजनक बयान देकर चर्चा में आए थे. तब उन्होंने कहा था कि मैं इसके बारे में नहीं सोचता हूं. 

विवादित बयानों के सरताज...

कुछ दिन पहले ही उन्होंने कहा था कि एक बार जब राजीव गांधी ने ने लगातार पांच हजार लोगों से हाथ मिलाया तो उनकी हथेली से खून बहने लगा था. हालांकि पित्रोदा ने यह भी कहा कि वे सभी लोग गांवों के थे और उनमें से ज्यादातर खुरदरी त्वचा वाले मेहनत वाले लोग थे. उन्होंने बताया कि इसके बाद राजीव गांधी की हथेली से खून बहने लगा. उन्होंने राम मंदिर पर बयान देते हुए कहा था कि यह राष्ट्रीय महत्व का मुद्दा नहीं होना चाहिए. हालांकि कांग्रेस ने राम मंदिर वाले उनके बयान से खुद को अलग कर लिया था.

G News 24 :भारत बन गया विश्व का पहला प्रेषित धन (remittances) प्राप्त करने वाला देश !

  संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार,भारत अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों का उद्गम स्थल है...

भारत बन गया विश्व का पहला प्रेषित धन (remittances) प्राप्त करने वाला देश !

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संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र प्रवासन एजेंसी ने कहा है कि भारत को 2022 में 111 अरब डॉलर से अधिक धन प्रेषण प्राप्त हुआ जो दुनिया में सबसे अधिक है. इसके साथ ही वह 100 अरब डॉलर के आंकड़े तक पहुंचने वाला और उसे पार करने वाला पहला देश बन जाएगा. अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) ने मंगलवार को जारी अपनी विश्व प्रवासन रिपोर्ट 2024 में कहा कि 2022 में भारत, मैक्सिको, चीन, फिलीपींस और फ्रांस शीर्ष पांच धन प्रेषण प्राप्तकर्ता देश (remittance recipient countries) होंगे. धन प्रेषण का मतलब है कि भुगतान या उपहार के रूप में भेजी गई धनराशि.

रिपोर्ट में कहा गया, 'भारत बाकी देशों से काफी आगे रहा, जिसने 111 अरब डॉलर से अधिक प्राप्त किया, वह 100 अरब डॉलर के आंकड़े तक पहुंचने और उसे पार करने वाला पहला देश बना. वर्ष 2022 में मैक्सिको दूसरा सबसे बड़ा धन प्रेषण प्राप्तकर्ता रहा. यह स्थान इसने 2021 में भी बरकरार रखा, जब उसने चीन को पीछे छोड़ दिया, जो ऐतिहासिक रूप से भारत के बाद दूसरा सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता रहा था.'

रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार, भारत 2010 (53.48 बिलियन यूएसडी), 2015 ( 68.91 बिलियन यूएसएस) और 2020 ( 83.15 बिलियन यूएसडी) में प्रेषण प्राप्त करने वाला शीर्ष देश था, जिसमें प्रेषण 2022 में 100 बिलियन यूएसडी का आंकड़ा पार कर 111.22 बिलियन यूएसडी तक पहुंच गया. इसमें कहा गया है कि उपक्षेत्र से बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों के साथ, दक्षिण एशिया विश्व स्तर पर सबसे अधिक धन प्रेषण प्राप्त करने वाले देशों में से एक है.

दक्षिण एशिया में भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश टॉप पर: दक्षिण एशिया के तीन देश - भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश विश्व में अंतरराष्ट्रीय धन प्रेषण के शीर्ष दस प्राप्तकर्ताओं में शामिल हैं. ये इस उपक्षेत्र से श्रम प्रवास के महत्व को रेखांकित करता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को 2022 में 111 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक प्राप्त होने का अनुमान है.

यह दुनिया में अब तक का सबसे बड़ा अंतर्राष्ट्रीय धन प्रेषण प्राप्तकर्ता है और इस आंकड़े तक पहुंचने वाला पहला देश है. पाकिस्तान और बांग्लादेश 2022 में क्रमश: छठे और आठवें सबसे बड़े अंतर्राष्ट्रीय धन प्रेषण प्राप्तकर्ता थे जिन्हें क्रमशः लगभग 30 बिलियन अमरीकी डॉलर और 21.5 बिलियन अमरीकी डॉलर प्राप्त हुए.

हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि इस उपक्षेत्र में कई लोगों के लिए धन प्रेषण एक जीवन रेखा बनी हुई है, लेकिन इन देशों के प्रवासी श्रमिकों को अनेक प्रकार के जोखिमों का सामना करना पड़ रहा है, जिनमें वित्तीय शोषण, प्रवास लागत के कारण अत्यधिक वित्तीय ऋण, विदेशी द्वेष और कार्यस्थल पर दुर्व्यवहार शामिल हैं. खाड़ी देश विश्व भर के प्रवासी श्रमिकों के लिए महत्वपूर्ण गंतव्य बने हुए हैं.

वर्ष 2022 फुटबॉल विश्व कप ने उप-क्षेत्र के लिए प्रवासी श्रमिकों के महत्व के साथ-साथ अधिकारों के उल्लंघन को भी रेखांकित किया है. कई खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) देशों में कुल जनसंख्या में प्रवासियों का अनुपात अभी भी उच्च है. संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत और कतर में प्रवासियों की संख्या राष्ट्रीय जनसंख्या का क्रमशः 88 प्रतिशत, अर्थात् लगभग 73 और 77 प्रतिशत थी. अधिकांश प्रवासी, जिनमें से अनेक भारत, मिस्र, बांग्लादेश, इथियोपिया और केन्या जैसे देशों से आते हैं. वे निर्माण, आतिथ्य, सुरक्षा, घरेलू कार्य और खुदरा जैसे क्षेत्रों में काम करते हैं.

भारत अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों का उद्गम स्थल: रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग 18 मिलियन या कुल जनसंख्या का 1.3 प्रतिशत, भारत दुनिया में सबसे बड़ी संख्या में अंतर्राष्ट्रीय प्रवासियों का उद्गम स्थल भी है, जिनमें से बड़ी संख्या में प्रवासी संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका और सऊदी अरब जैसे देशों में रहते हैं. भारत 4.48 मिलियन प्रवासियों के साथ 13वें स्थान पर है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत शीर्ष 10 अंतर्राष्ट्रीय देश-से-देश प्रवास गलियारों में से एक है. इस गलियारे में भारत- संयुक्त अरब अमीरात, भारत- अमेरिका, भारत- सऊदी अरब और बांग्लादेश शामिल हैं. मैक्सिको अब भारत के बाद दुनिया में अंतरराष्ट्रीय धन प्रेषण का दूसरा सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता है.

धन प्रेषण प्राप्तकर्ता में पिछड़ा चीन: चीन लंबे समय से दूसरे स्थान पर था, लेकिन 2021 में मैक्सिको ने इसे पीछे छोड़ दिया. अनुमान है कि मध्य अमेरिकी देश को 2022 में 61 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक प्राप्त हुआ, जबकि चीन को लगभग 51 बिलियन अमरीकी डालर प्राप्त हुए. रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन में धन प्रेषण प्रवाह में कमी के लिए कई कारक जिम्मेदार हैं, जिनमें जनसांख्यिकीय बदलाव शामिल हैं. इसके परिणामस्वरूप कामकाजी आयु वर्ग की आबादी कम हो गई है और देश की शून्य-कोविड नीति, जिसने लोगों को काम के लिए विदेश यात्रा करने से रोक दिया है.

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि एशिया के देश दुनिया में सबसे बड़ी संख्या में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मोबाइल छात्रों का उदगम स्थान है. वर्ष 2021 में दस लाख से अधिक अंतरराष्ट्रीय मोबाइल छात्र चीन से थे, जो विश्व स्तर पर अब तक की सबसे अधिक संख्या है. यह भारत के छात्रों की संख्या से दोगुने से भी अधिक है जो दूसरे स्थान (लगभग 508,000) पर है.

दुनिया में अंतरराष्ट्रीय मोबाइल छात्रों के लिए सबसे बड़ा गंतव्य देश अमेरिका (833,000 से ज्यादा) है. उसके बाद ब्रिटेन (करीब 601,000), ऑस्ट्रेलिया (करीब 378,000), जर्मनी (376,000 से ज्यादा) और कनाडा (करीब 318,000) का स्थान है. चीन भी अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण गंतव्य है. खास तौर पर कोरिया, थाईलैंड, पाकिस्तान और भारत के छात्रों के लिए.

रिपोर्ट में कहा गया है कि यूरोप और उत्तरी अमेरिका के गंतव्य देशों जैसे अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, स्पेन, इटली और भारत में भी पुरुष अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों की तुलना में महिलायें अधिक हैं. भारत में पुरुषों की तुलना में महिला प्रवासियों की संख्या थोड़ी ज्यादा है. पुरुष प्रवासियों के उच्च अनुपात वाले देशों में भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान शामिल हैं.अमेरिका में अनियमित प्रवासन एक सतत चुनौती और प्रमुख नीतिगत मुद्दा बना हुआ है. इसमें असामान्य मूल देशों से आने वालों की संख्या बढ़ रही है.

G News 24 : मां ने 3 साल के बेटे को मारी गोली और फिर खुदकुशी कर ली !

 पहले वो बेटे से बोली 'अपने पिता को अलविदा कहो'...

मां ने 3 साल के बेटे को मारी गोली और फिर खुदकुशी कर ली !

अमेरिका से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां टेक्सास में महिला और उसके तीन साल के बेटे की मौत हो गई थी। पुलिस ने अब इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि 32 साल की महिला ने पहले अपने तीन साल के बेटे को गोली मारी फिर आत्महत्या कर ली। महिला और उसके बेटे की मौत का खुलासा 21 सेकंड के एक वीडियो के चलते हुआ है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि महिला कुछ दिनों से मानसिक तनाव से गुजर रही थी और अपने पूर्व पति से उसका झगड़ा चल रहा था। मौत से पहले उसने अपने बेटे से उसके पिता को अलविदा कहलवाया, फिर मैसेज भेजते हुए कहा कि अपने बेटे को अलविदा कहो।

19 मार्च को घटी थी घटना 

द न्यूयॉर्क पोस्ट में छपि खबर के मुताबिक, महिला का नाम सवाना क्रिगर था। उसने पहले अपने तीन साल के बेटे की गोली मारी फिर खुदकुशी कर ली। यह घटना 19 मार्च को सैन एंटोनियो के एक पार्क में घटी थी। क्रिगर और उनके बेटे कैडेन को सिर पर गोली लगने के घाव के साथ मृत पाया गया था।

महिला ने पूर्व पति को भेजे मैसेज 

पुलिस अधिकारी पिछले कई हफ्तों से हत्या और आत्महत्या के बीच मामले की जांच कर रहे थे। जांच के दौरान ही उन्हें पूरे मामले का एक वीडियो मिला। वीडियो देखने के बाद पुलिस अधिकार सन्न रह गए। पुलिस के अनुसार, अपनी मौत से पहले क्रिगर परेशान करने वाले व्यवहार कर रही थी। उसने अपने पूर्व पति को धमकी भरे वीडियो और टेक्स्ट भेजे। 

नौकरी से दिया इस्तीफा 

पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि क्रिगर ने 18 मार्च की दोपहर नौकरी से इस्तीफा दिया और सीधे अपने पूर्व पति के घर चली गई। इस दौरान महिला का पूर्व पति काम पर गया था। पूर्व पति के घर पर तोड़फोड़ करने के बाद क्रिगर अपने घर लौट आई थी। 

जांच के दौरान घर की तलाशी के समय क्रिगर की शादी की पोशाक और बिस्तर पर रखी तस्वीरें मिलीं। क्रिगर ने मरने से पहले कहा था, अब मेरे पास घर में रहने के लिए कुछ नहीं है। इसके बाद पूर्व पति को लिखे अंतिम संदेश में लिखा था, अपने बेटे को अलविदा कहो।  21 सेकंड के उस वीडियो में क्रिगर और उसका बेटा पार्क में बैठे हुए दिखाई दे रहे हैं, जहां बाद में उनके शव पाए गए थे। 

G News 24 : मैरून पासपोर्ट के द्वारा 34 देशों में बिना वीजा के मिल जाती है एंट्री !

 इस पासपोर्ट के जरिए 90 दिन का स्टे और VVIP फैसिलिटी...

मैरून पासपोर्ट के द्वारा 34 देशों में बिना वीजा के मिल जाती है एंट्री !

विदेश मंत्रालय भारतीय नागरिकों को 4 तरह के पासपोर्ट जारी करता है- ब्लू, ऑरेंज, व्हाइट और मैरून पासपोर्ट. मैरून पासपोर्ट को ही डिप्लोमेटिक पासपोर्ट कहते हैं, जो सबसे ताकतवर है. 34 देशों में बिना वीजा एंट्री, 90 दिन का स्टे और VVIP फैसिलिटी, इसी पासपोर्ट के जरिए जर्मनी भागे रेप के आरोपी प्रज्वल रेवन्ना। यौन उत्पीड़न के मामले में नाम सामने आने के बाद जनता दल सेक्यूलर (JDS) के पूर्व नेता और सांसद प्रज्वल रेवन्ना जर्मनी भाग गए हैं. गुरुवार (2 मई) को विदेश मंत्रालय ने बताया कि प्रज्वल रेवन्ना डिप्लोमेटिक पासपोर्ट के जरिए जर्मनी भागे हैं. मंत्रालय ने यह भी बताया कि रेवन्ना को वीजा नोट भी जारी नहीं किया गया था. तो बिना वीजा के रेवन्ना को जर्मनी में एंट्री कैसे मिल गई? इसकी वजह है ऑपरेशनल वीजा एग्जम्पशन एग्रीमेंट और डिप्लोमेटिक पासपोर्ट.

इस समझौते के तहत भारतीय 34 देशों में वीजा के बगैर डिप्लोमेटिक पासपोर्ट के जरिए 90 दिन तक रह सकते हैं, लेकिन डिप्लोमेटिक पासपोर्ट हर किसी को जारी नहीं किया जाता है. सांसद, राजनयिक और हाई लेवल सरकारी अधिकारियों के लिए ही यह सुविधा है. प्रज्वल रेवन्ना कर्नाटक की हसन लोकसभा सीट से सांसद हैं. उन पर कई महिलाओं के यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हैं.

विदेश मंत्रालय इशू करता है इस तरह के पासपोर्ट !

भारत में नागरिकों को चार तरह के पासपोर्ट इशू किए जाते हैं, जो ब्लू पासपोर्ट, व्हाइट पासपोर्ट, ऑरेंज पासपोर्ट और मैरून पासपोर्ट है. मैरून पासपोर्ट को ही डिप्लोमेटिक पासपोर्ट कहा जाता है. पासपोर्ट्स का रंग अलग-अलग इसीलिए रखा गया है ताकि कस्टम और पासपोर्ट चेक करने वाले अधिकारी को पहचानने में आसानी रहे. ब्लू पासपोर्ट तो बहुत कॉमन है और ज्यादारतर नागरिकों को यही पासपोर्ट इशू किया जाता है. यह 10 साल के लिए वैलिड रहता है विदेश मंत्रालय लोगों को व्यक्तिगत या पेशेवर जरूरतों के लिए जारी करता है. अब जानते हैं कि व्हाइट, ऑरेंज और डिप्लोमिटिक पासपोर्ट किन लोगों को जारी किए जाते हैं और इनके तहत क्या फैसिलिटी मिलती हैं-

ऑरेंज पासपोर्ट

साल 2018 से भारत सरकार ने ऑरेंज पासपोर्ट जारी करना शुरू किया है. ये पासपोर्ट उन लोगों को इशू किए जाते हैं, जो 10वीं तक पढ़ें हों और माइग्रेंट लेबर के तौर पर विदेश में जाकर काम करना चाहते हैं. इसके लिए हीआमतौर पर ये पासपोर्ट इशू किया जाता है. दूसरे पासपोर्ट की तरह ऑरेंज पासपोर्ट में आखिरी पेज नहीं होता है, जिसमें सभी महत्पूर्ण डिटेल्स का विवरण होता है. ये लोग जो शैक्षिक रूप से योग्य नहीं हैं, ईसीआर (Immigration Check Required) कैटेगरी के अंतर्गत आते हैं.

व्हाइट पासपोर्ट

ब्लू और ऑरेंज पासपोर्ट की तुलना में व्हाइट या सफेद पासपोर्ट ज्यादा पावरफुल पासपोर्ट है. यह उन सरकारी अधिकारियों को जारी किया जाता है, जो सरकारी कामकाज से विदेश की यात्रा करते रहते हैं. व्हाइट पासपोर्ट सरकारी अधिकारियों के लिए इमीग्रेशन प्रोसेस को आसान बना देता है और कस्टम अधिकारियों को भी सरकारी अधिकारी को पहचानना आसान हो जाता है. व्हाइट पासपोर्ट के लिए आवेदक को अलग से एप्लीकेशन देकर बताना होता है कि उसको यह क्यों चाहिए और अलग से कई सुविधाएं भी मिलती हैं.

डिप्लोमेटिक या मैरून पासपोर्ट

डिप्लोमेटिक पासपोर्ट टाइप डी पासपोर्ट है, जो पांच कैटेगरी के लोगों को जारी किया जाता है. पहला देश की आधिकारिक यात्रा करने वाले लोग, जिनमें सांसद, केंद्रीय मंत्री और राजनेता आते हैं. दूसरा सरकारी कामकाज से विदेश की यात्रा करने वाले हाई लेवल अधिकारी, तीसरा आईएफएस की ए और बी कैटेगरी के तहत काम करने वाले अधिकारी, चौथा जॉइंट अधिकारी रैंक या उससे बड़े ऑफिसर और पांचवां आईएफएस अधिकारी और विदेश मंत्रालय की इमीडिएट फैमिलि को डिप्लोमेटिक पासपोर्ट की सुविधा मिलती है.

ऐसे कुछ सेलेक्टेड लोगों को भी डिप्लोमेटिक पासपोर्ट की सुविधा मिल सकती है, जो सरकार के लिए आधिकारिक विदेश यात्रा करते हैं. यह भारत सरकार की ओर से जारी किया जाने वाला सबसे ताकतवर पासपोर्ट है, जिससे कोई शख्स बिना वीजा के 34 देशों में एंट्री ले सकता है. इसके जरिए वह विदेश में गिरफ्तारी, हिरासत और कई कानूनी कार्रवाइयों से बच सकता है.

90 दिन दिन तक वैलिड रहता है डिप्लोमेटिक पासपोर्ट !

किसी सांसद के लिए डिप्लोमेटिक पासपोर्ट उसके कार्यकाल तक ही वैलिड रहता है. पिछले साल लोकसभा की सदस्यता रद्द होने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अपना डिप्लोमेटिक पासपोर्ट लौटाना पड़ा था.

इन देशों में बिना वीजा के एंट्री ले सकते हैं भारतीय !

साल 2011 में भारत सरकार ने 34 देशों के साथ ऑपरेशन  वीजा एग्जम्पशन एग्रीमेंट किया था. इसके तहत जर्मनी, फ्रांस, ऑस्ट्रिया, अफगानिस्तान, चेक रिपब्लिक, इटली, ग्रीस, ईरान और स्वीटजरलैंड में डिप्लोमेटिक पासपोर्ट होल्डर बिना वीजा के एंट्री ले सकता है, लेकिन शर्त ये है कि स्टे 90 दिन से ज्यादा का न हो. इसके अलावा, 99 देशों के साथ भारत का एग्रीमेंट है, जिसके तहत डिप्लोमेटिक पासपोर्ट के अलावा सर्विस और ऑफिशियल पासपोर्ट के साथ ऑपरेशन वीजा एग्जम्पशन की सुविधा प्राप्त कर 90 दिन के लिए स्टे कर सकते हैं. इन देशों में बहरीन, ब्राजील, मिस्त्र, हांगकांग, ओमान, सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं. 

1967 एक्ट के प्रावधानों के अनुसार कोर्ट के निर्देश पर रद्द किया जा सकता है डिप्लोमेटिक पासपोर्ट !

राज्यसभा सचिवालय के बुलेटिन के अनुसार, सांसदों को डिप्लोमेटिक वीजा के तहत यात्रा करने से तीन हफ्ते पहले पॉलिटिकल क्लीयरेंस के लिए आवेदन करना चाहिए और यात्रा के वक्त सुनिश्चित करें कि उनका आवेदन स्वीकार कर लिया गया है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रज्वल का डिप्लोमेटिक पासपोर्ट रद्द करने की मांग की है. प्रज्वल रेवन्ना का पासपोर्ट कोर्ट के निर्देश पर रद्द किया जा सकता है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा. 'किसी का पासपोर्ट रद्द करने के लिए 1967 एक्ट के प्रावधानों के अनुसार कोर्ट के निर्देश की जरूरत होती है, लेकिन इस मामले में किसी कोर्ट से हमें कोई निर्देश नहीं मिला है.

G News 24 : आए तो थे शव को दफनाने लेकिन खुद ही मिट्टी में दफन हो गए लोग

 हादसे में मिट्टी धंसकने से शव को दफना रहे लोग अंदर ही दफन हो गए ... 

आए तो थे  शव को दफनाने लेकिन खुद ही मिट्टी में दफन हो गए लोग 

हिंदू धर्म में शवों को जलाकर उन्हें अपनी दाह संस्कार की परंपरा निभाते हैं तो मुस्लिमों में शव को दफनाकर ये परंपरा निभाई जाती है। ईसाइयों में भी शव को दफनाने का रिवाज है। मौत के बाद भी लोगों को उनके संस्कारों के अनुसार विदा किया जाता है। चीन में भी कुछ ऐसे ही दाह संस्कार किया जाता है। उनके इस परंपरा से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जो वाकई में लोगों का दिल दहला रहा है। 

वायरल हो रहे इस वीडियो में एक शव के अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही है। शव को दफनाने के लिए JCB से मिट्टी खोदी जा चुकी है। शव को एक बड़े से ताबूत के अंदर रखकर उसे कब्र खोदकर उसमें बनी दीवार में दफन किया जा रहा है। ताबूत को दफनाने के लिए 4-5 लोग काम भी कर रहे हैं। दो लोग ऊपर से उस दीवार को प्लास्टिक से ढंकने की कोशिश कर रहे हैं। तभी अचानक से कब्र की ऊपरी हिस्से की मिट्टी धंस जाती है। जो दीवार बनाई गई थी वह भी मिट्टी के अंदर दफन हो जाती है। इस दर्दनाक हादसे में कुछ लोग मिट्टी के अंदर ही दब जाते हैं। घटना चीन की बताई जा रही है, जो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है।

G.NEWS 24 : जर्मनी ने दे डाली रूस को साइबर हमले के नतीजे भुगतने की धमकी !

यूक्रेन से युद्ध के बीच...

जर्मनी ने दे डाली रूस को साइबर हमले के नतीजे भुगतने की धमकी !

ब्रसेल्स। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच जर्मनी ने मॉस्को को बड़ी चेताननी दे डाली है। जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक ने रूस पर उनके देश को निशाना बनाकर साइबर हमले करने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को चेतावनी दी कि उसे इसकी कीमत चुकानी होगी। जर्मनी ने कहा कि वह रूस को छोड़ेगा नहीं। इस मुद्दे पर उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) और यूरोपीय संघ ने भी जर्मनी का समर्थन किया और कहा कि वे साइबर जगत में रूस की ‘दुर्भावनापूर्ण’ गतिविधि को ऐसे ही नहीं जाने देंगे। 

बता दें कि यूक्रेन-रूस युद्ध के दौरान जर्मनी द्वारा यूक्रेन को दी जा रही सैन्य मदद को लेकर पहले ही दोनों देशों के बीच तनाव है। इस बीच जर्मनी को रूस की ओर से साइबर हमले किए जाने की आशंका है। जर्मनी की विदेश मंत्री ने आरोप लगाया कि पिछले साल देश की गठबंधन सरकार में प्रमुख पार्टी सोशल डेमोक्रेट्स पर निशाना साधकर हुए साइबर हमले में रूस के सरकारी हैकर संलिप्त थे। जर्मनी इसका कड़ा जवाब देने की तैयारी कर रहा है। 

ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड शहर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा, ‘‘रूस के सरकारी हैकर जर्मनी के साइबर जगत में हमले के लिए जिम्मेदार हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम कह सकते हैं कि एपीटी28 समूह ने इस हमले को अंजाम दिया जिसे रूस की सैन्य खुफिया सेवा संचालित करती है।’’ बेयरबॉक ने कहा, ‘‘यह निश्चित तौर पर बर्दाश्त करने योग्य नहीं है और अस्वीकार्य है और इसके परिणाम भुगतने होंगे। जर्मनी का कहना है कि साइबर हमले में रूस के सरकारी कर्मचारी शामिल थे।

G News 24 : 2024 में 'नरेंद्र मोदी को रोकने के लिए पाकिस्तानी नेता ने जमकर की राहुल गांधी की तारीफ !

 राहुल गांधी आग (बढ़िया भाषण देने के संदर्भ में) लगा रहे हैं :फवाद चौधरी

2024 में  'नरेंद्र मोदी को रोकने के लिए पाकिस्तानी नेता ने जमकर की राहुल गांधी की तारीफ !

हिंदुस्तान में कुछ बड़ा होने जा रहा हो और पाकिस्तान चुप बैठा रहे भला ये तो संभव ही नहीं है। भारत में चल रहे  लोकसभा चुनाव 2024 के बीच पाकिस्तान के पूर्व मंत्री फवाद चौधरी ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की तारीफ की है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष की जोरदार स्पीच से जुड़े वीडियो पर कमेंट करते हुए दावा किया कि राहुल गांधी को आग (बढ़िया भाषण देने के संदर्भ में) लगा रहे हैं. फवाद चौधरी ने जिस वीडियो पर प्रतिक्रिया दी थी, उसे एक्स पर @newt0nlaws नाम के हैंडल से शेयर किया गया था और उस एडिटेड क्लिप में वह बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी पर हमलावर नजर आए. 

इस बीच, भारतीय हिंदी न्यूज चैनल से हुई बातचीत में पाकिस्तान के पूर्व मंत्री ने कहा, "नरेंद्र मोदी को रोकना जरूरी है."  कांग्रेस सांसद की तारीफ को लेकर हुए सवाल पर उन्होंने बताया- अतिवादियों के खिलाफ जो भी बात करेगा, उसे मैं सपोर्ट करूंगा. मैं मानता हूं कि राहुल गांधी ने हिंदुस्तान की मौजूदा तस्वीर को सही से सबके सामने रखा है. 

कांग्रेस MP को लेकर यह बात भी बोले PAK नेता

राहुल गांधी की ओर से पीएम नरेंद्र मोदी के कारोबारियों को सपोर्ट करने करने के आरोप पर पाकिस्तान के लीडर ने बताया, राहुल गांधी ने भारत में लोगों को यह समझाया कि वहां अमीरों और गरीबों की खाईं किस तरह बढ़ रही है. कैसे मौजूदा भारत से गरीब आदमी पूरी तरह बाहर हो गया है और सिर्फ तीन अरबपति ही अतिवाद बेच रहे हैं.

राहुल गांधी को सपोर्ट करेंगे फवाद चौधरी !

यह पूछे जाने पर कि क्या आप राहुल गांधी को प्रमोट करेंगे? फवाद चौधरी दो टूक बोले, "मैं हर उस व्यक्ति को समर्थन दूंगा, जो सही बात कहता है...फिर चाहे वह राहुल गांधी हों या कोई और हो. भारत के ढेरों पत्रकार सही बात कहते हैं और इसलिए मैं उन्हें भी सपोर्ट करता हूं." फवाद चौधरी के मुताबिक, अधिकारों की बात सार्वभौमिक है. चाहें इंडिया में कोई करे या कहीं और उसे सही कहा जाना चाहिए. 

PM नरेंद्र मोदी ने मुद्दा बना कांग्रेस को घेरा  !

राहुल गांधी पर फवाद चौधरी के बयान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस को घेरा. उन्होंने कहा, "कांग्रेस इस देश में कमजोर हो गई है...माइक्रोस्कोप से देखने के बाद भी हमें उसका नामो-निशान नहीं मिलता है. आप देखिए, कांग्रेस खत्म होती जा रही है...दूसरी तरफ पाकिस्तान बिलख रहा है. पाकिस्तानी नेता भी शहजादा (राहुल गांधी के संदर्भ में) को हिंदुस्तान का पीएम बनाने के लिए दुआएं मांग रहे हैं. हो सकता है कि आपने यह कल भी देखा हो...हम सबको पता कि कांग्रेस पाकिस्तान की पार्टनर (साझेदार) है और उनकी साझेदारी बेनकाब हो गई है.

G News 24 : सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस के मास्टरमाइंड,गोल्डी बराड़ की हुई अमरीका मेंहत्या !

 गोल्डी बराड़ की हत्या की जिम्मेदारी गैंगस्टर अर्श डल्ला और लखबीर ने ली ...

सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस के मास्टरमाइंड,गोल्डी बराड़ की हुई अमरीका में हत्या ! 

चंडीगढ़। पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के मास्टरमाइंड गोल्डी बराड़ की अमेरिका में हत्या की चर्चा है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में इसको लेकर चर्चा बनी हुई है। हालांकि, अभी तक किसी जांच एजेंसी या अंबेसी ने इसकी पुष्टि नहीं की है। गैंगस्टर गोल्डी बराड़ की हत्या की जिम्मेदारी गैंगस्टर अर्श डल्ला और लखबीर ने ली है। एक अमेरिकी न्यूज चैनल ने दावा किया कि अमेरिका के फेयरमोंट और होल्ट एवेन्यू में बीते मंगलवार को शाम 5:25 बजे गोलियां मारकर गोल्डी बराड़ की हत्या कर दी गई। गोल्डी बराड़ अपने एक साथी के साथ घर के बाहर गली में खड़ा था। इसी दौरान कुछ बदमाश आए और गोलियां मारकर भाग गए। लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, इस वजह से माना जा रहा है कि गोल्डी बराड़ की हत्या पर संशय है।

गोल्डी बराड़ पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब का रहने वाला था। गोल्डी बराड़ के चचेरे भाई गुरलाल बराड़ की चंडीगढ़ में हत्या की गई थी। गुरलाल को इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 स्थित एक क्लब के बाहर 11 अक्टूबर, 2020 की रात गोली मारी गई थी। वह पंजाब यूनिवर्सिटी का छात्र नेता था। लॉरेंस बिश्नोई भी पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्र संघ सोपू से जुड़ा हुआ था। गुरलाल बराड़ लॉरेंस बिश्नोई का सबसे करीबी बताया जाता था। गुरलाल बराड़ और लॉरेंस स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी-सोपू से जुड़े रहे। गुरलाल बराड़ की हत्या के बाद से लॉरेंस गैंग ने अपने विरोधी गैंग से बदला लेना शुरू किया, जिसके बाद चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा में कई गैंगवॉर हुईं। इनमें 12 से अधिक नामी गैंगस्टर मारे जा चुके हैं। गुरलाल बराड़ की हत्या के बाद उसका भाई गोल्डी बराड़ लॉरेंस और जग्गू भगवानपुरिया के संपर्क में आया। गैंग को जिंदा रखने और विरोधी गैंग से बदला लेने के लिए गोल्डी कनाडा भाग गया। यहां से ही गोल्डी बराड़ और लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला हत्या की साजिश रची। गोल्डी ने अपने भाई के कत्ल के आरोपी जिला यूथ कांग्रेस अध्यक्ष गुरलाल सिंह पहलवान की फरीदकोट में 8 फरवरी, 2021 को गोली मारकर हत्या कर दी। इस हत्या के बाद गोल्डी कनाडा भाग गया था।

केंद्र ने घोषित किया था आतंकी

गैंगस्टर के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी हुआ था। गैंगस्टर गोल्डी बराड़ को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आतंकी घोषित किया है। उसके खालिस्तानी आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) से कनेक्शन सामने आए थे। गोल्डी बराड़ को कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का राइट हैंड बताया जाता रहा है। वह पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला के कत्ल के बाद सुर्खियों में आया था। गोल्डी बराड़ पंजाब पुलिस के रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर का बेटा है।

पंजाब पुलिस में थे बराड़ के पिता

गोल्डी बराड़ का असली नाम सतिंदरजीत सिंह है। जन्म 1994 में पंजाब के मुक्तसर साहिब जिले में हुआ। बता दें कि गोल्डी बराड़ के पिता पंजाब पुलिस से रिटायर्ड उप निरीक्षक हैं। 

मई 2022 में हुई थी मूसेवाला की हत्या

29 मई 2022 को पंजाब के मानसा जिले के जवाहरके गांव के पास पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्या की जिम्मेदारी गोल्डी बराड़ ने ली थी। गोल्डी ने हत्या की वजह भी बताई थी। गोल्डी के मुताबिक मोहाली में मिड्डूखेड़ा की हत्या में शामिल लोगों को मूसेवाला के मैनेजर ने आश्रय दिया था। बाद में मूसेवाला ने अपने मैनेजर की मदद की। इसी रंजिश में लॉरेंस गैंग ने मूसेवाला की हत्या की। पंजाब के मुक्तसर जिले के मलौट में रणजीत सिंह उर्फ राणा सिद्धू की हत्या में भी गोल्डी बराड़ शामिल था। हत्याओं से शुरु हुआ अपराध का यह सिलसिला अभी तक जारी है। 

G News 24 : डॉक्टरों ने महिला को सुअर की किडनी ट्रांसप्लांट कर बचाई जान !

 मौत की दहलीज पर खड़ी थी महिला...

डॉक्टरों ने महिला को सुअर की किडनी ट्रांसप्लांट कर बचाई जान !

                                                                            सांकेतिक तस्वीर 

न्यूयॉर्क। मौत की दहलीज पर खड़ी एक महिला के लिए डॉक्टर उस वक्त भगवान बन गए, जब उन्होंने सारी उम्मीदें तोड़ चुकी और अपनी आखिरी सांसें गिन रही महिला को फिर से जीवनदान दे दिया। बता दें कि यह महिला किडनी रोग से ग्रस्त थी। महिला की दोनों किडनी ने काम करना बंद कर दिया था। कोई दूसरी किडनी उसके लिए उपलब्ध नहीं थी। ऐसे में महिला मरीज की सांसें उखड़ने ही वाली थीं, मगर अमेरिकी डॉक्टरों ने उसमें सुअर की किडनी ट्रांसप्लांट कर कमाल कर दिया। 

अमेरिका में डॉक्टरों ने न्यूजर्सी की एक मरणासन्न महिला के शरीर में सुअर की किडनी प्रतिरोपित कर और यांत्रिक तरीके से उसकी धड़कनें चलाकर उसकी जान बचाई है। यह चिकित्सा जगत में किसी बड़े चमत्कार से कम नहीं है। लिसा पिसानो नामक महिला के हृदय और गुर्दे ने काम करना बंद कर दिया था और वह इतनी अस्वस्थ हो गई थी कि परंपरागत अंग प्रतिरोपण संभव नहीं था। ‘एनवाईयू लैंगोन हेल्थ’ चिकित्सा संस्थान के डॉक्टरों ने एक अनोखा तरीका निकाला जिसमें महिला के दिल की धड़कन बनाए रखने के लिए एक यांत्रिक पंप लगाया और कुछ दिन बाद आनुवंशिक रूप से संवर्धित सुअर की एक किडनी प्रतिरोपित की गई।

मैसाचूसेट्स के जनरल अस्पताल में हुआ प्रत्यारोपण

महिला में किडनी का यह प्रत्यारोपण आसान नहीं था। मगर पिछले महीने मैसाचूसेट्स जनरल अस्पताल में उनकी प्रतिरोपण सर्जरी की गई। एनवाईयू की टीम ने बुधवार को घोषणा की कि पिसानो की सेहत में सुधार हो रहा है। वह दूसरी महिला हैं जिनके शरीर में सुअर की किडनी लगाई गई है। पिसानो ने कहा, ‘‘मेरी सारी उम्मीदें खत्म हो गई थीं। मैंने एक कोशिश करके देखी थी।

G News 24 : पाकिस्तान के कानून मंत्री ने संसद में बोला सच,रावी नदी पर भारत का अधिकार !

हम उसके खिलाफ इंटरनेशनल कोर्ट नहीं जा सकते...

पाकिस्तान के कानून मंत्री ने संसद में बोला सच,रावी नदी पर भारत का अधिकार !

सिंधु जल संधि को पहली बार पाकिस्तान के कानून मंत्री को देश की  पाकिस्तान संसद में सच बताना पड़ा. पाकिस्तान के कानून मंत्री आजम नजीर तरार ने कहा है कि रावी नदी पर भारत का अधिकार है और हम उसके खिलाफ इंटरनेशनल कोर्ट नहीं जा सकते. यह संधि पाकिस्तान को कानूनी रूप से बाध्य करती है कि वह पड़ोसी देश के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में न जाए. तरार ने पाकिस्तानी संसद में एक चर्चा के दौरान कहा, पाकिस्तान और भारत के बीच एक जल संधि है. रावी नदी के पानी का अधिकार भारत का है और हम इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकते. दरअसल, मंगलवार को पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में सिंधु जल संधि को लेकर सवाल पूछा गया था. इसमें पूछा गया कि  रावी नदी पर भारत की आक्रामकता को लेकर पाकिस्तान सरकार क्या कर रही है? इसपर पाकिस्तान के कानून मंत्री आजम नजीर तरार ने कहा कि पाकिस्तान और भारत के बीच एक जल संधि है, हम इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकते. इस मुद्दे पर भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अदालत का सहारा भी नहीं लिया जा सकता

कानूनी मुद्दों का न हो राजनीतिकरण

उन्होंने कहा, दोनों देशों के बीच 1960 में सिंधु जल संधि हुई थी. इसके तहत भारत रावी, सतलज और ब्यास नदियों के पानी पर दावा करता है. संसद के निचले सदन में नोटिस पेश करने वाले जरताज गुल ने तरार पर प्रहार करते हुए कहा कि आज कानून मंत्री ने रावी नदी पर भारत का अधिकार स्वीकार कर लिया है, जो खेदजनक है. इस पर कानून मंत्री ने कहा कि कानूनी मुद्दों का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए. जो सच है, वह बताया जा रहा है.

दोनों देशों ने किए थे जल संधि पर हस्ताक्षर

कानून मंत्री ने कहा, सिंधु जल संधि पर दोनों देशों ने 1960 में हस्ताक्षर किए थे. वहीं, मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत ने शाहपुर कंडी बैराज के पूरा होने के साथ रावी नदी से पाकिस्तान की ओर पानी रोक दिया है. शाहपुर कंडी बैराज पंजाब और जम्मू-कश्मीर की सीमा पर है. रावी से जम्मू और कश्मीर को अब 1,150 क्यूसेक पानी मिलेगा, जो पहले पाकिस्तान को दिया गया था. इसलिए पाकिस्तान की संसद में यह मुद्दा चर्चा का विषय बना रहा.

G News 24 : पाकिस्तानी लड़की के सीने में धड़केगा 'भारत का दिल'

 19 साल की आयशा रशन को बॉर्डर पार भारत में मिली नई जिंदगी...

पाकिस्तानी लड़की के सीने में धड़केगा 'भारत का दिल'

                                                                           सांकेतिक तस्वीर 

भारत और पाकिस्तान के रिश्तों को लेकर दोनों देशों के बीच समय-समय पर टेंशन बढ़ती रहती है जो अभी कायम है  लेकिन इन सबके बीच एक और तस्वीर है जो मानवता को दिखाती है. पाकिस्तान की आयशा रशन (19) पिछले 10 साल से हार्ट की बीमारी से पीड़ित थीं. जो कि साल 2014 में इलाज के लिए भारत आई थीं. डॉक्टरों ने पेस मेकर लगाकर उन्हें कुछ समय के लिए राहत दी, लेकिन उन्हें फिर परेशानियों का सामना करना पड़ा. इसके बाद डॉक्टरों ने उसके परिवार को हार्ट ट्रांसप्लांट की सलाह दी. पाकिस्तानी लड़की आयशा रशन की किस्मत पलटी और भारतीय डॉक्टरों ने उसकी जिंदगी बदल दी. चेन्नई स्थित एमजीएम हेल्थकेयर हॉस्पिटल में तैनात इंस्टीट्यूट ऑफ हार्टएंड लंग ट्रां सप्लांट के डायरेक्टर डॉ. केआर बालाकृष्णन और को-डायरेक्टर डॉ. सुरेश राव ने फ्री में सर्जरी करने की पेशकश की. 

भारत से इस तरह जगी उम्मीद

चेन्नई स्थित एमजीएम हेल्थकेयर हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने परिजनों को बताया कि हार्ट ट्रांसप्लांट की जरूरत है, क्योंकि आयशा के हार्ट पंप में लीकेज हो गया था, जिसके चलते उसे एक्स्ट्रा कार्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन सिस्टम पर रखा गया था. परिवार के लोगों का कहना था कि आयशा के हार्ट प्लांट को बदलने के लिए करीब 35 लाख रुपए की जरूरत थी. मगर, उनके पास पैसों की आर्थिक तंगी थी. जिसको लेकर अस्पताल के डॉक्टरों ने परिजनों की ऐश्वर्यम ट्रस्ट से मुलाकात करवाई, जिन्होंने आयशा की आर्थिक मदद का भरोसा दिया.

हालांकि, आयशा को पिछले 6 महीने पहले हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए एक डोनर मिला. जिसके बाद परिवार के लोगों की उम्मीद जगी. इसके बाद डोनर के हार्ट को दिल्ली से लाया गया. इसके बाद चेन्नई के एमजीएम हेल्थकेयर ने आयशा की हार्ट ट्रांसप्लांट का ऑपरेशन मुफ्त में किया था.

पाकिस्तान से बेहतर इलाज की सुविधाएं हैं भारत में

इस दौरान आय़शा के परिवार वालों का कहना है कि वो फैशन डिजायनर बनना चाहती है. उधर, आय़शा ने अपने हार्ट के ट्रांसप्लांट का ऑपरेशन होने पर कहा, "मैं दिल पाकर बहुत खुश हूं. मैं इसके लिए भारत सरकार को यहां के डॉक्टरों को शुक्रिया कहती हूं." जबकि, आयशा की मां ने बताया कि जब आयशा को भारत लाया गया तो उसके जिंदा बचने के चांस महज 10% थे. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से बेहतर इलाज की सुविधाएं भारत में हैं.  

भारत में ऑपरेशन और सहायता के लिए के लिए मां ने दिया धन्यवाद

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में डॉक्टरों ने कहा कि वहां ट्रांसप्लांट की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है तो हमने डॉ. केआर बालाकृष्णन से संपर्क किया. जिसके चलते मैं इलाज के लिए भारत सरकार और डॉक्टरों को धन्यवाद देती हूं. भारत और यहां के डॉक्टर बहुत शानदार हैं. वहीं, डॉ. केआर बालाकृष्णन ने कहा कि आयशा मेरी बेटी की तरह है. वैसे भी हमारे लिए हर जिंदगी मायने रखती है.