G News 24 : रोड शो के दौरान लगभग 200 मंच स्थलों से होगा भव्य स्वागत : डॉ.मोहन यादव

 राजधानी भोपाल का हर चप्पा-चप्पा होगा भगवामय...

रोड शो के दौरान लगभग 200 मंच स्थलों से होगा भव्य स्वागत : डॉ.मोहन यादव

भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी 24 अप्रैल, बुधवार को भोपाल में रोड-शो करेंगे। ये रोड-शो करीब एक किलोमीटर का होगा और रोड-शो के दौरान करीब 200 मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का भव्य स्वागत किया जाएगा। प्रधानमंत्री खुले रथ पर सवार हो क्षेत्रीय जनता का अभिवादन करेंगे और बीजेपी के लिए वोट मांगेंगे। भोपाल में विभिन्न समाज मंडल की महिलाओं द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की आरती उतारेंगी एवं आम जनता पुष्पवर्षा कर मोदी-मोदी के गगनभेदी नारियों के साथ प्रधानमंत्री का स्वागत करेगी। प्रधानमंत्री की यात्रा मार्ग में संत समाज, सामाजिक, व्यवसायिक सहित विभिन्न समाज के नागरिकों का मंच द्वारा स्वागत किया गया। यात्रा में लोकनृत्यों की झलक के साथ कलाकार पारंपरिक वेशभूषा में प्रधानमंत्री जी का स्वागत करेंगे। इस दौरान ढोल नगाड़े, बैंड, लेजर बीम सहित अन्य वाद्ययंत्रों के माध्यम से अपनी कला प्रस्तुतियाँ निकाली गईं। राजधानी भोपाल के दौरान रोड शो भगवानमय रहेगा। 

प्रधानमंत्री जी का मध्य प्रदेश में सदैव प्रेम रहता है

मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने मोदी से कहा कि यह प्रदेश की जनता का सौभाग्य है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र जी हमेशा मध्य प्रदेश को पसंद करते हैं और पांचवी बार 24 अप्रैल को होने वाले लोकसभा चुनाव के दौरान वह प्रदेश की जमीन पर जनता की नजरें गड़ाए हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने प्रदेश में एक सबसे बड़ा रिकॉर्ड भी बनाया है। इससे पहले आज तक कोई भी प्रधानमंत्री प्रदेश के दौरे पर इतनी बार नहीं आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने पिछले दस वर्षों में मध्य प्रदेश को केवल उदारतापूर्ण संसाधन उपलब्ध नहीं कराए हैं, बल्कि प्रदेश के हर क्षेत्र में विकास के स्तर को उजागर किया है। भगवा रंग हमारी संस्कृति की पहचान है। यह रोड शो देश के विकसित भारत संकल्प को लेकर प्रधानमंत्री जी ऐतिहासिक रोड शो करने जा रहे हैं। 

मध्यप्रदेश के विकास के लिए यह समय स्वर्णिम काल

मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी जी ने मध्य प्रदेश को एक लाख करोड़ से अधिक की कीमत पर विभिन्न मंडलों के माध्यम से दे दिए हैं। पिछले 100 दिनों में प्रदेश के विकास को लेकर केंद्र की ओर से 35 हजार करोड़ रुपये की विभिन्न बड़ी योजनाएं दी गईं। दिन में पार्वती-काली सिंध-चंबल नदी परियोजना और सौ केन-बेतवा परियोजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने की। वहीं, रेलवे का 2013 का पहला स्थान सौ करोड़ रुपए था। आज 15000 करोड़ रुपये से अधिक रेलवे आर्किटेक्चर के लिए खर्च कर रही है। आईटी से उद्योग, कृषि सहित सभी सेक्टर में विकास के लिए उदारता संसाधन केंद्र की ओर से मिल रहे हैं। सही मायनों में यह प्रदेश की जनता के लिए विकास का स्वर्णिम काल का समय है। प्रदेश के प्रधानमंत्री  नेतृत्व वाले देश में पांचवी बन अर्थव्यवस्था बनी हुई है और प्रदेश में भी आने वाले पांच पूर्वी देशों में तीसरी अर्थव्यवस्था बनी है और राज्य की दिशा में तेजी से वृद्धि हो रही है। 

प्रधानमंत्री जी ने कांग्रेस की खतरनाक वोट बैंक राजनीति से देशवासियों का अपमान किया

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने राजस्थान में अपने भाषण में कांग्रेस पार्टी की खतरनाक वोट बैंक की राजनीति और आर्थिक संकट को लेकर देशवासियों का अपमान किया है। कांग्रेस पार्टी और गठबंधन की ये सोच हैरान कर देने वाली है कि देश की पहली हक़ीक़त गुड़िया ही है। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और कांग्रेस की विभाजनकारी सोच सामने आई है। जिस पार्टी ने दशकों तक देश पर शासन किया और देश को गरीबी में धकेला, उसकी यह सोच बहुत ही पसंदीदा है। कांग्रेस के 10 साल के कार्यकाल में कांग्रेस और उसके सहयोगियों की वोट बैंक की राजनीति अपने चरम पर थी। 

कांग्रेस के नटखट की भी पक्षधर थी और इसे साकीत बनाने में जी-जान से अभिषेक किया गया था। यह हमारे संविधान के दर्शन का अपमान है। अब उनकी नज़र हमारे गरीब भाई-बहनों की मेहनत की गाढ़ी कमाई और उनकी गहराई पर है, जो बेहद चिंता की बात है। लोगों के खून-पसीना की इस कमाई की हर कीमत पर रक्षा होनी चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी जी ने जिस तरह से इस मुद्दे को जनता-जनार्दन के सामने रखा है और कांग्रेस की कुटिल चाल को लेकर आगाह किया है, उसके लिए हम उनकी दिल से सराहना करते हैं। कांग्रेस को अपने मेनिफेस्टो पर माफ़ी मांगना चाहिए। मैं और भारतीय जनता पार्टी इसकी निंदा करती है।

G News 24 : चुनाव के दूसरे और तीसरे फेज की वोटिंग के दौरान भी जेल में रहेंगे केजरीवाल

 केजरीवाल और के.कविता की कस्टडी 7 मई तक बढ़ी...

 चुनाव के दूसरे और तीसरे फेज की वोटिंग के दौरान भी जेल में रहेंगे केजरीवाल 

दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार 23 अप्रैल को अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 7 मई तक बढ़ा दी। इसके पहले केजरीवाल और के.कविता की कस्टडी 1 अप्रैल से 15 अप्रैल, फिर उसके बाद 23 अप्रैल तक बढ़ाई गई थी। कोर्ट के इस आदेश के बाद केजरीवाल अब लोकसभा चुनाव के दूसरे (26 अप्रैल) और तीसरे (7 मई) फेज की वोटिंग के दौरान भी जेल में रहेंगे।

केजरीवाल के अलावा BRS नेता के. कविता और एक अन्य आरोपी चरनप्रीत की कस्टडी भी 7 मई तक बढ़ा दी गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सुनवाई के दौरान कहा कि के. कविता के केस में एजेंसी 60 दिन में चार्जशीट फाइल करेगी। ED ने शराब नीति केस में केजरीवाल को 21 मार्च को अरेस्ट किया था। 22 मार्च को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी हुई, जहां से उन्हें 28 मार्च तक ED की रिमांड पर भेजा गया। 1 अप्रैल से वे तिहाड़ जेल में हैं।

इस बीच, तिहाड़ प्रशासन ने बताया कि केजरीवाल को सोमवार शाम इंसुलिन दी गई। अधिकारियों ने कहा कि कम खुराक वाली इंसुलिन की 2 यूनिट दी गईं, क्योंकि सोमवार शाम 7 बजे उनका शुगर लेवल 217 हो गया था। एम्स की टीम ने कहा था कि स्तर 200 पार होने पर उन्हें कम खुराक वाली इंसुलिन दी जा सकती है।

G News 24 : 'रामनवमी पर जहां भड़की हिंसा, वहां नहीं होने देंगे लोकसभा चुनाव : HC

 दंगाइयों को प्रतिनिधि को चुनने का कोई अधिकार नहीं है,छीन लो उनसे वोटिंग का अधिकार ...

'रामनवमी पर जहां भड़की हिंसा, वहां नहीं होने देंगे लोकसभा चुनाव : HC

कोलकाता । कलकत्ता हाई कोर्ट ने चेताते हुए कहा कि इस साल जिन निर्वाचन क्षेत्रों में सांप्रदायिक हिंसा भड़की है, उन जगहों पर वह लोकसभा चुनाव 2024 की मंजूरी नहीं देगा. मंगलवार 23 अप्रैल, 2024 को अदालत की ओर से इस बारे में कहा कि अगर लोग शांति के साथ आठ घंटे भी कोई जश्न नहीं मना सकते हैं तब हमारी सिफारिश है कि चुनाव आयोग ऐसे निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव न कराए. चुनाव आचार संहिता के बाद भी उसका उल्लंघन होता है और दो समुदाय के लोग आपस में लड़ते हैं तब उन्हें प्रतिनिधि को चुनने का कोई अधिकार नहीं है. 

कलकत्ता हाई कोर्ट ने रामनवमी के दौरान हुई हिंसा से जुड़ी घटनाओं की न्यायिक संज्ञान लिया है. हाई कोर्ट की ओर से इस दौरान कहा गया कि वह चुनाव आयोग के सामने बहरामपुर संसदीय क्षेत्र में होने वाले चुनाव को टालने का प्रस्ताव रखेगा. सूत्रों से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक, मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम ने कहा, "हम चुनाव आयोग से सिफारिश करेंगे कि जब लोग कुछ घंटों के लिए शांति के साथ पर्व नहीं मना सकते हैं तब उन्हें संसदीय प्रतिनिधि चुनने का अधिकार भी नहीं दिया जाना चाहिए. ऐसे में चुनाव (वहां पर) टाल दिए जाने चाहिए. हमें अब देखने दीजिए."

हाई कोर्ट की ओर से आगे कहा गया कि कुछ तुच्छ घटनाओं के चलते बड़ा धमाका हो सकता है. ऐसा नहीं होता कि ये सारी घटनाएं पहले से सुनियोजित होती हैं. त्योहार के दिन...किसी आदमी के ऊपर कोई चीज सवार हो जाती है और वह (हो सकता है बाकी लोगों को भड़काए)...लेकिन इस तरह की असिहष्णुता दोनों तरफ से है. 

रामनवमी इस बार देश में 17 अप्रैल, 2024 को मनाई गई थी. पश्चिम बंगाल में इस दौरान कुछ जगहों पर हिंसा भड़क थी. मुर्शिदाबाद में रामनवमी जुलूस के दौरान झड़पों से जुड़ी छिटपुट घटनाओं के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग (ईसी) को जिम्मेदार ठहराया था. झड़प में कथित तौर पर कुछ लोग घायल हो गए थे, जबकि पिछले साल भी हावड़ा और हुगली जिलों में रामनवमी जुलूस पर हिंसा की दो अलग-अलग घटनाएं हुई थीं.

G News 24 : आज नजर आएगा Pink Moon गुलाबी चाँद

 पिंक मून को फसह का चांद भी कहा जाता है...

आज नजर आएगा Pink Moon गुलाबी चाँद 

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, साल का पहला महीना चैत्र महीना होता है. चैत्र के महीने में पूर्णिमा के दिन ही पिंक मून नजर आने वाला है. इस साल चैत्र पूर्णिमा (Chaitra Purnima) 23 अप्रैल, मंगलवार के दिन पड़ रही है और इसी दिन शाम को आकाश में पिंक मून का नजारा देखने को मिलेगा. पिंक मून असल में पूरी तरह गुलाबी दिखाई नहीं देता है बल्कि यह आम चांद की तरह ही सिल्वर और गोल्डन रंग का नजर आता है. इस पिंक मून को इसका नाम पूर्व अमेरिका में पाए जाने वाले एक हर्ब मॉस पिंक के नाम पर रखा गया है.

चैत्र पूर्णिमा पर पिंक मून 

इस साल चैत्र पूर्णिमा की शुरूआत 23 अप्रैल, मंगलवार की सुबह 3 बजकर 25 मिनट से होगी और इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 24 अप्रैल, बुधवार को 5 बजकर 18 मिनट पर होगा. 23 अप्रैल के दिन ही पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा. 

पिंक मून के और नाम 

पिंक मून को कई अलग-अलग नामों से जाना जाता है. इसे स्प्राउटिंग ग्रास मून, एग मून, फिश मून, फसह मून, पक पोया और फेस्टिवल मून के नाम से भी जाना जाता है. वहीं, चैत्र पूर्णिमा को चैती पूनम (Chaiti Punam) भी कहते हैं. इसी दिन हनुमान जयंती मनाई जाती है. 

कब दिखता है पिंक फुल मून 

पिंक फुल मून तब दिखता है जब 2 घटनाएं एकसाथ होती हैं. जब चांद धरती के करीब हो और उसी समय पूर्णिमा हो तो पिंक फुल मून (Pink Full Moon) होता है. इस पूर्णिमा के दिन आकाश में यही नजारा दिखने वाला है. 

चांद के अलग-अलग रंग 

पिंक मून के अलावा भी चांद पूर्णिमा के दिन अलग-अलग रंगों का नजर आ सकता है. कई बार प्रदूषण के कारण चांद का रंग नारंगी या फिर पीला दिख सकता है. इसके अलावा हवा में मौजूद कण चांद का रंग बदला हुआ दिखाते हैं और चांद भूरे रंग का दिख सकता है. चांद का सबसे साफ रंग चमकीला होता है जो साफ आकाश में दिखता है.

G News 24 : सोनिया और राहुल और प्रियंका गांधी बाड्रा का परिवार दवाएगा झाड़ू वाला बटन !

 पहली बार कांग्रेसी देंगे आम आदमी पार्टी को वोट...

सोनिया और राहुल और प्रियंका गांधी बाड्रा का परिवार दवाएगा झाड़ू वाला बटन !

नई दिल्ली। नई दिल्ली लोकसभा सीट पर भाजपा ने अब तक 11 बार जीत दर्ज की है। इस बार भाजपा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्‍वराज की बेटी बांसुरी स्‍वराज को अपना उम्‍मीदवार बनाया है। आम आदमी पार्टी की ओर से सोमनाथ भारती मैदान में हैं। इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि कांग्रेस लोगों का भरोसा खो चुकी है, उन्हें उम्मीदवार नहीं मिल रहे हैं, यही कारण है कि कांग्रेस का शाही परिवार पहली बार दिल्ली में अपनी ही पार्टी को वोट नहीं देगा। 

दरअसल, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा जैसे बड़े कांग्रेस नेता नई दिल्ली की जिस लोकसभा सीट के मतदाता है, वहां कांग्रेस का कोई उम्मीदवार ही नहीं है। इसलिए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस का शाही परिवार दिल्ली में अपनी ही पार्टी को वोट नहीं करेगा। नई दिल्‍ली लोकसभा सीट पर इस बार आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है।

आज तक नई दिल्ली सीट नहीं जीती है AAP

आजादी के बाद यह पहला अवसर है जब कांग्रेस पार्टी का कोई उम्‍मीदवार यहां मैदान में नहीं है। कांग्रेस यहां मुकाबले से बाहर है। कांग्रेस के भी कई नेता मानते हैं कि आम आदमी पार्टी आज तक नई दिल्ली लोकसभा सीट नहीं जीती है, जबकि कांग्रेस 7 बार नई दिल्‍ली लोकसभा का चुनाव जीत चुकी है। बावजूद इसके कांग्रेस को यह सीट छोड़नी पड़ी है। दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच हुए सीट समझौते के कारण कांग्रेस यहां मुकाबले में नहीं है। यह वही सीट हैं जहां के मतदाताओं में कांग्रेस संसदीय दल की अध्‍यक्ष सोनिया गांधी, सांसद राहुल गांधी और उनकी बहन प्र‍ियंका वाड्रा शामिल हैं।

गठबंधन के विरोध में थे कांग्रेस नेता !

दबी जुबान में कांग्रेस के कई वरिष्ठ व स्थानीय नेता इस समझौते को लेकर अपनी आपत्ति जताते रहे हैं। शुरुआती दौर में तो दिल्ली कांग्रेस के अधिकांश नेता पूरी तरह से इस गठबंधन के विरोध में थे। इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि कांग्रेस व 'आप' में हुए गठबंधन से पहले आम आदमी पार्टी के विधायक जरनैल सिंह व अन्य सदस्यों ने दिल्‍ली विधानसभा में राजीव गांधी से भारत रत्‍न वापस लेने का प्रस्‍ताव किया था। विधानसभा में न केवल यह प्रस्ताव रखा गया था बल्कि विधानसभा अध्‍यक्ष समेत आम आदमी पार्टी के अधिकांश सदस्‍यों ने इस प्रस्ताव का समर्थन भी किया था।

सोनिया की गिरफ्तारी की मांग कर चुके हैं केजरीवाल

यही नहीं स्वयं दिल्ली के मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल सोनिया गांधी की गिरफ्तारी की मांग भी कर चुके हैं। कई स्थानों पर अभी भी आप व कांग्रेस के नेताओं के संबंध आपस में सहज नहीं हो सके हैं। कांग्रेस व 'आप' अभी भी पंजाब में एक-दूसरे के विरोधी हैं और अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं।

बांसुरी स्वराज Vs सोमनाथ भारती

वहीं, भाजपा ने अब तक नई दिल्ली लोकसभा सीट पर 11 बार जीत दर्ज की है। इस बार भाजपा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्‍वराज की बेटी बांसुरी स्‍वराज को अपना उम्‍मीदवार बनाया है। आम आदमी पार्टी की ओर से सोमनाथ भारती मैदान में हैं। सोमनाथ भारती आम आदमी पार्टी के विधायक हैं और दिल्‍ली सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं।

भाजपा उम्मीदवार बांसुरी स्वराज ने वारविक विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में ग्रेजुएशन की है। उन्होंने लंदन के बीपीपी लॉ स्कूल से कानून की पढ़ाई और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के सेंट कैथरीन कॉलेज से मास्टर्स की है। 'आप' के सोमनाथ भारती की बात की जाए तो वह भी पेशे से वकील हैं। वह दिल्ली की केजरीवाल सरकार में कानून मंत्री रह चुके हैं। वर्तमान में वह दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष हैं। सोमनाथ भारती ने 1997 में आईआईटी दिल्ली से एमएससी की थी। इसके बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से लॉ की और दिल्ली हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस भी की है।

G News 24 : चुनावी इंपेक्ट है या गर्मी का असर,बरेली में पिछले 24 घंटे के अंदर 4 लोगों की हत्या !

 अलग-अलग थाना क्षेत्रों में हुई हैं हत्याएं...

चुनावी इंपेक्ट है या गर्मी का असर,बरेली में पिछले 24 घंटे के अंदर 4 लोगों की हत्या !

बरेली। बरेली में पुलिस लोकसभा चुनाव में व्यस्त है तो वहीं दूसरी ओर बदमाश आपराधिक वारदातों को अंजाम देने में जुटे हुए है। जिले में पिछले 24 घंटे के अंदर चार हत्याओं ने पुलिस प्रशासन के दावों की पोल खोल कर के रख दी है। बरेली के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में गौ रक्षक, ईट भट्टा मालिक, किसान और महिला की हत्या से हर कोई हैरान है।

गौ रक्षक की गोली मारकर हत्या

बिथरी चैनपुर के महेशपुर इमामुद्दीन निवासी 23 साल के अमन पटेल घर से मोटर साइकिल से कपड़े खरीदने की बात कहकर दोपहर के वक्त निकले थे। रात तक जब अमन वापस घर नही लौटे तो घर वालों ने उसे फोन किया लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ। कुछ देर बाद बिथरी चैनपुर थाने की पुलिस ने अमन के घर वालों को फोन कर बताया कि अमन को किसी ने गोली मारी है। उसे सरकारी अस्पताल ले गए हैं। अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अमन की हत्या के बाद उसके परिवार में कोहराम मच गया। अमन गौ रक्षक थे और कई बार अमन ने गौ तस्करों को जेल भिजवाने का काम किया। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। 

ईट भट्टा मालिक की मजदूर ने थप्पड़ मारने पर की हत्या

फरीदपुर थाना क्षेत्र के पदारथपुर में ईट भट्टा मालिक और पूर्व प्रधान मजहर खान उर्फ बॉबी एडवोकेट की भट्टे पर काम करने वाले मजदूरों से कहासुनी हो गई। जिस पर मजहर खान ने एक मजदूर के थप्पड़ मार दिया। जिस पर मजदूर ने उनको गोली मार दी। मजहर को अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने नामजद मुकदमा दर्ज कर आरोपी रेहान और उसके साथियों की तलाश शुरू कर दी है। 

महिला की पीट पीट कर हत्या  

शाही थाना क्षेत्र के भमोरा गांव निवासी चंपा देवी की बेटी घूरे पर कूड़ा डालने गई थी, वहां पर पड़ोस के ही लोगो से उसकी कूड़ा डालने को लेकर कहासुनी हो गई। जिस पर वो लोग चंपा देवी की बेटी को पीटने लगे। बेटी की चीख पुकार सुनकर मां चंपा देवी उसे बचाने पहुंची तो दबंगों ने लाठी डंडों से उन्हें बेरहमी से पीट पीट कर मौत के घाट उतार दिया। चंपा देवी की मौत के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए है। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया है और हत्यारों की तलाश शुरू कर दी है। 

किसान की धारदार हथियार से हत्या 

मीरगंज थाना क्षेत्र के करनपुर गांव निवासी 50 साल के किसान नेपाल सिंह उर्फ विधायक अपने खेत पर लगे ट्यूबबेल पर गए थे वहां कुछ लोग आकर शराब पीने लगे। जिस पर नेपाल सिंह ने विरोध किया और शराब पीने को मना किया। तभी शराबियो ने धारदार हथियार से उनकी गर्दन पर पूरे शरीर पर कई वार किए जिससे उनकी मौत हो गई। सूचना पर सीओ दीपशिखा मौके पर पहुंची और मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम का गठन किया है। 

बरेली के एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान का कहना है कि चारों हत्याये अलग-अलग थाना क्षेत्रों में हत्याएं हुई है। उन पर पुलिस तत्काल पहुंची है और मुकदमा दर्ज कर कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। जल्द ही सभी मामलों का खुलासा कर दिया जाएगा।

G News 24 : विश्व के सबसे सफल डिप्लोमेट,हनुमान जी के अवतरण दिवस की,सभी को हार्दिक शुभकामनाएं...

 गंभीर चिंतक, महान कूटनीतिज्ञ, महाबुद्धिशाली और महान पराक्रमी ...

विश्व के सबसे सफल डिप्लोमेट,हनुमान जी के अवतरण दिवस की,सभी को हार्दिक शुभकामनाएं...


पौराणिक ग्रंथों में हनुमान जी को प्रेम, करुणा, भक्ति, शक्ति और ज्ञान का प्रतीक बताया गया हैं. जनमानस में धारणा प्रबल है कि हनुमान जी पूजा से जीवन की सभी बाधाएं समाप्त हो जाती हैं. अंजना और केसरी के पुत्र हनुमान को पवनपुत्र भी कहा जाता है. ये वायुदेव के रक्षक और सूर्य नारायण के शिष्य हैं. सूर्य देव से ही इन्हें वेदकोश, धनुर्वेद, गंधर्व विद्या, नीति, न्याय, प्रबंध और राजनीति की शिक्षा मिली.

हनुमान को क्यों कहा जाता दुनिया का सबसे सफल डिप्लोमेट !

चैत्र पूर्णिमा के दिन मंगलवार, 23 अप्रैल को हनुमान जयंती यानी हनुमान जी का जन्मोत्सव मनाया जाएगा. भगवान हनुमान रामायण के प्रचलित पात्रों में एक हैं. इन्हें कलियुग का जागृत यानी जीवित देवता कहा जाता है. इसलिए ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी आज भी धरती पर विराजमान हैं. क्योंकि इन्हें अमरता का वरदान प्राप्त है. 

डिप्लोमेट यानी कूटनीतिज्ञ का काम है !

कूटनीतिज्ञ रिश्तों को बनाने और बनाए रखने के लिए चातुर्य और आपसी सम्मान का उपयोग करके बातचीत की कला और अभ्यास है. हालांकि कूटनीतिज्ञ की परिभाषा में अंतर हो सकता है. लेकिन सामान्य तौर पर कूटनीतिज्ञ बातचीत प्रणाली में अपने लक्ष्यों को प्राप्त करना और संघर्षों व विवादों को हल करने के उद्देश्य से किया गया संचार, बातचीत की प्रक्रिया और अभ्यास है.

हनुमान जी हैं महान कूटनीतिज्ञ !

  • भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी भगवान श्रीकृष्ण और हनुमान जी को विश्व का सबसे महान कूटनीतिज्ञ मानते हैं. इनके अनुसार, हनुमान जी तो कूटनीति को भी पार कर गए थे. 
  • वो लंका गए और वहां उन्होंने माता सीता से संपर्क किया. लंका में आग भी लगाई. एस. जयशंकर ने कूटनीतिज्ञ को परिभाषित करते हुए कहा था कि, कूटनीति के दृष्टिकोण से हमें श्रीकृष्णजी और हनुमानजी की ओर देखना चाहिए तब जाकर उनकी महानता का पता चलेगा.
  • ‘हनुमानजी को कौन सा कार्य सोंपा गया था?’, ‘वह कार्य हनुमान जी ने किस प्रकार पूरा किया?’, अपनी बुद्धीमत्ता का परिचय देते हुए वे इतने आगे निकल गए कि, उन्होंने कार्य तो पूरा किया ही, साथ ही आगे जाकर लंका भी जलाई .

हनुमान जी में थे ये कूटनीतिज्ञ गुण

  • वफादारी - सूर्य देव से वेदकोश, धनुर्वेद, गंधर्व विद्या, नीति, न्याय, प्रबंध और राजनीति की शिक्षा प्राप्त करने के बाद हनुमान किष्किंधा नरेश वानरराज सुग्रीव के दरबार के मंत्री बने. मंत्री पद में वफादारी की विशेष जरूरत होती है, जिसेस राजा और राज्य की रक्षा हो. जब सुग्रीव को वालि ने गद्दी से उतारा तो वे ऋष्यमूक पहाड़ी पर चले गए. इसके बाद हनुमान ने कठिन परिस्थिति में सुग्रीव को वालि के हमलों से बचाया.
  • जासूसी व चतुराई - सुग्रीव ने जब हनुमान को राम और लक्ष्मण के ऋष्यमूक पर्वत पर जाने का कारण पूछने के लिए भेजा तो वे अपना भेष बदलकर वहां गए. इससे हनुमानजी की जासूसी क्षमता की झलक मिलती है. हनुमान जी ने शांत, संयमित और बड़े ही चतुराई से राम-लक्ष्मण से बात कर उनकी प्रशंसा की. जब उन्होंने राम और लक्ष्मण के मन को पढ़ लिया तब जाकर उन्होंने अपनी पहचान और उद्देश्य को उजागर किया. हनुमान की बातें सुनकर रामजी ने उनकी प्रशंसा की और ऋष्यमूक जाने का कारण भी बताया. इस तरह से हनुमान जी ने अपनी कूटनीतिज्ञ कुशलता का परियच दिया.
  • इसके बाद हनुमान राम को ऋष्यमूक पहाड़ी पर सुग्रीव के गुफा ले गए और इसी स्थान पर राम और सुग्रीव मित्र व सहयोगी बने. इससे हमें यह सीख मिलती है कि भले ही दो सहयोगियों का लक्ष्य समान न हों फिर भी यह जरूरी है कि दोनों अपने-अपने लक्ष्यों को पूरा करने में एक-दूसरे की सहायता करें. जैसा कि हनुमान जी के कारण राम और सुग्रीव के बीच संभव हो पाया.

जब लंका में रामदूत बनें हनुमान

सुग्रीव और राम दोनों कुछ ही समय में हनुमान की क्षमता, कौशल और गुणों को जान चुके थे. इसलिए उन्होंने हनुमान को माता सीता की खोज के लिए दक्षिण की ओर भेजा.मार्ग में कई चुनौतियां आईं, जिसे पार करते हुए हनुमान ने यात्रा जारी रखी और लंका पहुंच गए. उन्होंने यहां सभी चीजों का बारीकी से अवलोकन किया और अशोक वाटिका के पास पहुंच गए, जहां माता सीता थीं. माता सीता से मिलकर हनुमान ने उन्हें रामजी का संदेश दिया.लंका में रावण हनुमान जी को पकड़कर उसे मृत्युदंड देना चाहता था. लेकिन विभीषण और कुंभकर्ण ने हनुमान को अन्य प्रकार से दंडित करने का सुझाव दिया. हनुमान जी ने इस अवसर का लाभ उठाया और पूरी लंका ही जला डाली.

राम दुआरे तुम रखवारे,

होत न आज्ञा बिनु पैसारे।

ज्ञान और गुण के सागर में हनुमान का बहुत महत्व और प्रताप है, जो राम के मन में बसते हैं और उनके द्वार पर द्वारपाल की तरह विराजमान हैं. यानी रामजी के द्वार पर हनुमान का पहरा है. हनुमान जी वहां के रखवाले हैं. इनकी आज्ञा और अनुमति के बिना कोई प्रवेश नहीं कर सकता है. तभी तो अपने प्रिय हनुमान के लिए, श्रीमद्वाल्मीकि रामायण किष्किन्धा कांड के श्लोक में राम जी हनुमान की इस प्रकार से स्तुति करते हैं-

सचिवोऽयं कपिन्द्रस्य सुग्रीवस्य महात्मनः।

तमेव काङ्क्षमंस्य ममन्तिकमुपागतः4.3.26।।

यहां वानरों के महान सरदार सुग्रीव के मंत्री हैं, जिन्हें मैं देखना चाहता हूं.

तमभ्यभाषमित्रे सौग्रीव सचिवं कपिम्।

वाक्यज्ञं मधुर्वाक्यैस्नेहयुक्तमरिन्दम।।4.3.27।।

हे सौमित्री, शत्रुओं को जीतने वाला यह वानर, सुग्रीव का मंत्री, मैत्रीपूर्ण संचार में कुशल है. उसे सौम्य और मधुर शब्दों में उत्तर दें.

नानृग्वेदविनीतस्य नायजुर्वेदधारिणः।

नासामवेदविदुषश्च्यमेवं विभाषितुम्4.3.28।।

जब तक ऋग्वेद, यजुर्वेद और सामवेद में पारंगत न हो, निश्चित रूप से किसी के लिए भी इतनी अच्छी तरह से बोलना संभव नहीं है.

नूनं व्याकरणं कृत्स्नमनेन बहुधा श्रुतम्।

बहु व्याहर्ताऽनेन न किञ्चिदपशब्दितम्4.3.29।।

निश्चित रूप से ऐसा लगता है कि उन्होंने पूरे व्याकरण का अच्छी तरह से अध्ययन किया है, क्योंकि उनके पूरे भाषण में एक भी गलत उच्चारण नहीं है.

न मुखे उत्सवयोर्वपि ललते च भ्रुवोस्तथा।

अन्येष्वपि च गत्रेषु दोषसंविदितः क्वचित्4.3.30।।

उसके चेहरे, आंखों, माथे, भौंहों के बीच या उसके शरीर के किसी भी हिस्से में कोई दोष नहीं.

अविस्त्रमसन्दिग्धमविलम्बितमद्रुतम्।

उर्स्थं कण्ठगं वाक्यं वर्तते मध्यमे स्वरे4.3.31।।

उनके वाक्य बहुत विस्तृत नहीं हैं, अस्पष्ट नहीं हैं, खींचने वाले नहीं हैं, तेज़ नहीं हैं, छाती या गले में उभरे हुए हैं, मध्यम स्वर में हैं.

संस्कारक्रमसम्पन्नामद्रुतमविलम्बिताम्।

उच्चार्यति कल्याणीं वाचं हृदयहारिणीम्4.3.32।।

उनकी बातें शुभ हैं. वे परिष्कृत हैं. न तेज, न धीमी, उनकी बातें दिल को मोह लेती है.

अन्या चित्रया वाचा त्रिस्थानव्यंजनस्थया।

कस्य नाराध्यते चित्तमुद्यतासेरेरपि4.3.33।।

उनके रंगीन शब्द तीनों स्रोतों से प्रवाहित होते हैं. उनकी छाती के नीचे से, उनके गले से और उनके सिर से. यदि कोई शत्रु ही हो जिसके हाथ में तलवार हो तो भी किसका मन उनकी पूजा नहीं करेगा?

एवं विदो यस्य दूतो न भवेत्पार्थिवस्य तु।

सिद्धयन्ति हि कथं तस्य कार्याणां गतियोऽनघ4.3.34।।

हे निष्पाप, कोई राजा, चाहे वह कोई भी हो, ऐसे राजदूत के साथ अतीत में अपना लक्ष्य कैसे पूरा नहीं कर सकता?

एवं गुणगणैर्युक्ता यस्य सयुः कार्यसाधकः।

तस्य सिध्यन्ति सर्वार्थ दूतवाक्यप्रचोदिताः4.3.35।।

जिसके पास अपने दूत जैसे महान गुणों वाले महान कार्यपालक हों, वह अपने कूटनीतिक कौशल से प्रेरित होकर अपने सभी लक्ष्य पूरे कर सकता है.

हनुमान जी को अमरता के साथ इन्हें अलग-अलग देवी-देवताओं से कई वरदान मिलें। 

  • सीता से मिला वरदान - माता सीता से हनुमान जी को अमरत्व का वरदान मिला. जब माता सीता की खोज में हनुमान जी अशोक वाटिका पहुंचे तो इन्हें माता सीता ने अमरत्व का वरदान देते हुए कहा कि वे युगों-युगों तक रामभक्तों की रक्षा करते रहेंगे.
  • सूर्य से मिला वरदान- हनुमान को सूर्यदेव से तेज का प्राप्त हुआ. पौराणिक कथाओं के अनुसार, सूर्यदेव ने हनुमानजी को अपना सौवां अंश वरदान दिया.
  • कुबेर से मिला वरदान - कुबेर देवता से ही हनुमान को गदा प्राप्त हुई है. गदा के साथ ही उन्होंने हनुमान को यह वरदान भी दिया कि, युद्ध में उन्हें कोई परास्त नहीं कर पाएगा.
  • यमराज से मिला वरदान - यमराज से हनुमान जी को यह वरदान मिला कि, वो कभी भी उनके पास नहीं जाएंगे. क्योंकि उन्हें अमरत्व का वरदान पहले ही मिला है.
  • शिव से मिला वरदान - हनुमान जी को शिव का 11वां रुद्रावतार कहा जाता है. शिव ने हनुमान जी को यह वरदान दिया कि, उन्हें कभी भी किसी अस्त्र से मारा नहीं जा सकेगा.
  • इंद्र से मिला वरदान - पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार हनुमान और इंद्र के बीच युद्ध हुआ. युद्ध में ही इंद्र ने हनुमान को यह वरदान दिया कि भविष्य में कभी भी उनके वज्र का प्रभाव हनुमानजी पर नहीं पड़ेगा.
  • विश्वकर्मा से मिला वरदान - भगवान विश्वकर्मा ने हनुमान जी को यह वरदान दिया कि, उनके द्वारा बनाए गए अस्त्र-शस्त्र का प्रभाव भी हनुमान पर नहीं पड़ेगा.
  • ब्रह्मा से मिला वरदान - ब्रह्मा जी से हनुमान को दीर्घायु का वरदान मिला.

इस तरह से भगवान हनुमान को कई देवी-देवताओं से अलग-अलग वरदान प्राप्त हुए, जिससे वो पराक्रमी,अमर, बलशाली और शक्तिशाली बनें. लेकिन बलशाली होने के साथ ही हनुमान जी एक सफल कूटनीतिज्ञ भी थे. आइये जानते हैं कूटनीतिज्ञ का अर्थ