Olympics : सिंधु ने टोक्यो ओलंपिक में रचा इतिहास

दो ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं…

सिंधु ने टोक्यो ओलंपिक में रचा इतिहास

भारत की बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु ने रविवार को चीन की जियाओ हे बिंग को हराकर टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया. सिंधु दो ओलंपिक पदक जीतने वाली भारत की पहली बैडमिंटन खिलाड़ी बन गईं हैं. सिंधु ने इस मुकाबले में शुरुआत से ही दबदबा बनाए रखा और पहले गेम में चीनी खिलाड़ी को 21-13 से हराकर अपनी पकड़ मजबूत कर ली. इसके बाद उन्होंने दूसरे गेम में भी शानदार प्रदर्शन करते हुए मेडल अपने नाम कर लिया. सिंधु ने चीनी खिलाड़ी बिंग को 52 मिनट तक चले मुकाबले में 21-13, 21-15 से हराया. सिंधु का दूसरा ओलंपिक था. रियो में सिंधु ने डेब्यू किया था और सिल्वर मेडल जीता था. 

पहलवान सुशील कुमार के बाद लगातार दो ओलंपिक पदक जीतने वाली सिधु दूसरी भारतीय खिलाड़ी हैं. सुशील ने 2008 के बीजिंग ओलंपिक में कांस्य और 2012 के लंदन ओलंपिक में रजत पदक जीता था. भारत के लिए टोक्यो ओलंपिक में यह दूसरा मेडल है. बीते शनिवार को पीवी सिंधु सेमीफाइनल मुकाबले में जीत हासिल नहीं कर पाई थीं, जिसकी वजह से उनका स्वर्ण पदक जीतने का सपना टूट गया था. हालांकि उनके पास सेमीफाइनल हारने के बाद ब्रॉन्ज मेडल जीतने का मौका था, जिसका उन्होंने बखूबी फायदा उठाया. उनकी इस जीत से पूरे देश में खुशी की लहर है. 

दुनिया की सातवें नंबर की खिलाड़ी सिंधु ने मुसाहिनो फॉरेस्ट स्पोर्ट्स प्लाजा में 53 मिनट चले इस मुकाबले में चीन की खिलाड़ी बिंग जियाओ को 21-13, 21-15 से शिकस्त दी.दोनों खिलाड़ियों के बीच अच्छा संघर्ष देखने को मिला. सिंधु ने लंबी रैली के बाद क्रॉस कोर्ट स्मैश से अंक जुटाया और फिर चीन की खिलाड़ी के रिटर्न लौटाने में नाकाम रहने पर ब्रेक तक 11-8 की बढ़त बना ली. इसके बाद उन्होंने चीनी खिलाड़ी को वापसी का मौका नहीं दिया और जीत हासिल कर ली. सिंधु को सेमीफाइनल में चीनी ताइपे की ताइ जू यिंग के खिलाफ 18-21, 12-21 से शिकस्त झेलनी पड़ी थी. हालांकि उन्होंने ब्रॉन्ज के साथ ओलंपिक का सफर पूरा किया है.

करारी हार के लिए तैयार रहे विपक्ष : Amit Shah

बीजेपी की होगी प्रचंड जीत…

करारी हार के लिए तैयार रहे विपक्ष : अमित शाह

एक दिन के यूपी दौरे पर पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर जोरदार हमला किया. उन्होंने दावा किया कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी की प्रचंड जीत होगी और विपक्ष को करारी हार के लिए तैयार रहना चाहिए. उन्होंने यूपी को कई योजनाओं की सौगात दी. योगी आदित्यनाथ सरकार की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा, “कोरोना की दो लहरों में उत्तर प्रदेश सरकार ने बेहतर कोरोना प्रबंधन किया. योगी आदित्यनाथ ने परिश्रम, मेहनत, सूझबूझ और अपनी प्रशासनिक क्षमता से जो कार्य किये, उससे उत्तर प्रदेश लगभग-लगभग कोरोना मुक्त हो रहा है. सबसे ज्यादा टीकाकरण, टैस्टिंग, बेड की व्यवस्था यहीं हुई.” 

इसके साथ ही उन्होंने कहा, “पहले उत्तर प्रदेश में खुलेआम माफिया घूमते थे. लेकिन आज कोई माफिया दिखाई नहीं पड़ता. उत्तर प्रदेश को दंगा मुक्त, माफिया मुक्त, भू-माफियाओं से मुक्ति करने का काम और उत्तर प्रदेश की माताओं-बहनों को सुरक्षा देने का काम बीजेपी की सरकार ने किया है. उन्होंने कहा कि मिर्जापुर, चंदौली और सोनभद्र नक्सलवाद के प्रभाव से पूर्ण रूप से मुक्त हो चुके हैं. उत्तर प्रदेश में 1,574 करोड़ रुपये की माफियाओं की संपत्ति जब्त की गई है. लूट, डकैती, हत्या जैसी घटनाओं में 28 से 50 फीसदी तक की कमी दर्ज की गई है. अमित शाह ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश मेक इन इंडिया के तहत निवेश की पहली पसंद बनता जा रहा है. 

करीब 3.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश उत्तर प्रदेश की जमीन पर लाने का काम योगी आदित्यनाथ ने किया है. मिर्जापुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आपके आशीर्वाद का परिणाम है कि 2014 और 2019 में जो पूर्ण बहुमत आपने दिया. उसी का परिणाम है कि जो 500 सालों से लंबित था अब अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बनने की शुरुआत हो चुकी है. अमित शाह ने कहा, “पीएम मोदी उत्तर प्रदेश से सांसद बनकर देश की संसद में जाते हैं. वे जानते हैं कि उत्तर प्रदेश वालों की अपेक्षा क्या है. वे जानते हैं कि उत्तर प्रदेश की जरूरत क्या है.  पीएम जानते हैं कि उत्तर प्रदेश को कैसे आगे बढ़ाना है.”

पत्थरबाजों को नहीं मिलेगी Government Job

देशद्रोहियों पर नकेल…

पत्थरबाजों को नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने रविवार को पत्थरबाजों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। अब यहां पत्थरबाजी जैसी गतिविधियों में शामिल होने वालों को न तो सरकारी नौकरी मिलेगी और न ही इन्हें पासपोर्ट मिल सकेगा। ऐसे लोगों के पासपोर्ट का वेरिफिकेशन नहीं किया जाएगा। इस संबंध में कश्मीर सीआईडी ने एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें ऐसे लोगों को सिक्योरिटी क्लियरेंस न दिए जाने की बात कही गई है। यह सर्कुलर जम्मू-कश्मीर सीआईडी की विशेष शाखा के एसएसपी ने जारी किया है। सर्कुलर में कहा गया है कि पासपोर्ट, सरकारी नौकरी या सरकारी योजनाओं से जुड़े मामलों में किसी व्यक्ति की सिक्योरिटी क्लियरेंस की रिपोर्ट तैयार की जाए, तो उस वक्त इस बात का भी ध्यान रखा जाए कि वह व्यक्ति पत्थरबाजी, कानून-व्यवस्था भंग करने या किसी दूसरे अपराध में शामिल न रहा हो। 

सर्कुलर में कहा गया कि अगर कोई ऐसा मिलता है तो उसे सिक्योरिटी क्लियरेंस न दिया जाए। सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि ऐसे लोगों की पहचान के लिए संबंधित पुलिस स्टेशन से रिपोर्ट ली जाए। कश्मीर में सीआईडी की विशेष शाखा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने शनिवार को जारी आदेश में अपने अधीन सभी क्षेत्र यूनिटों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि पासपोर्ट और सरकारी नौकरी अथवा अन्य सरकारी योजनाओं के वास्ते सत्यापन के दौरान व्यक्ति की कानून-व्यवस्था उल्लघंन, पत्थरबाजी के मामलों और राज्य में सुरक्षाबलों के खिलाफ अन्य आपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता की विशेष तौर पर जांच हो। आदेश में कहा गया है, ‘‘ऐसे मामलों का मिलान स्थानीय थाने में मौजूद रिकॉर्ड से किया जाना चाहिए।’’ 

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा कि इस तरह के सत्यापन के दौरान पुलिस, सुरक्षाबलों और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के पास मौजूद डिजिटल सबूतों जैसे सीसीटीवी फुटेज, फोटोग्राफ, वीडियो और ऑडियो क्लिप को भी संज्ञान में लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई व्यक्ति ऐसे मामलों में संलिप्त पाया जाता है तो उसको सुरक्षा मंजूरी देने से इनकार किया जाना चाहिए।’’ भारतीय जनता पार्टी की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रविंदर रैना ने रविवार को कहा कि पथराव और अन्य विध्वंसक गतिविधियों में शामिल लोगों को पासपोर्ट एवं सरकारी सेवाओं के लिए सुरक्षा मंजूरी न देना केंद्रशासित प्रदेश के प्रशासन का स्वागतयोग्य कदम है। रैना ने कहा कि यह एक बड़ा कदम है तथा यह देश के खिलाफ षड्यंत्र करने वालों और फिर जिम्मेदारी से बचने के लिए विदेश भाग जाने वालों के लिए एक बड़ा झटका है। 

आदेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए रैना ने कहा कि जम्मू कश्मीर में कुछ ‘‘राष्ट्र विरोधी ताकतें’’ हैं जो आतंकवाद और पाकिस्तान के समर्थक हैं। रैना ने कहा, ‘‘वे देश से भागने के लिए पासपोर्ट का इस्तेमाल करते हैं और सरकारी नौकरियां तथा विकास परियोजनाओं के ठेके प्राप्त करने में भी कामयाब हो जाते हैं। नए आदेश के अनुसार, उनको सुरक्षा मंजूरी नहीं मिलेगी जो एक अच्छा कदम है तथा यह ऐसे तत्वों के लिए एक बड़ा झटका साबित होगा।’’ उन्होंने कहा कि आतंकवाद रोधी अभियानों में तेजी आने के साथ ही इस तरह का ‘‘बड़ा फैसला’’ करने के लिए जम्मू कश्मीर का गृह विभाग, पुलिस और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा प्रशंसा के पात्र हैं।

Friendship Day Special

मित्रता दिवस स्पेशल

जिसके साथ खून का सम्बन्ध नहीं होता, फिर भी प्रिय लगे..

वह है दोस्त

जिसके साथ दुनियां भर की बातें करके भी थकान ना लगे .... 

वह है दोस्त

जिसके साथ छोटी सी बात पर भी खुल कर हंस लेते हैं...

वह है दोस्त

जिसके कंधे पर माथा रख कर रो सकते हैं ....

वह है दोस्त

जिसके साथ ठंडी चाय भी एक दम गरम लगे ....

वह है दोस्त

जिसके साथ खिचड़ी भी खाने में दावत जैसी लगे....

वह है दोस्त

जिसको आधी रात को भी उठा कर दिल की बात कर सके....

वह है दोस्त

जिसके साथ बिताए गए पलों को याद करने भर से, चहरे पर मुस्कान आ जाए.......

वह है दोस्त

जिसके साथ कोई भूमिका बनाए बिना खुल कर बात करें और वह स्वीकार करे .....

वह है दोस्त

एक अरसे के बाद भी जिसको मिलते ही दिल झूम उठे....

वह है दोस्त

दूर रहते हुए भी जिसके साथ दिल के तार जुड़े हो.....

वह है दोस्त

दोस्ती वो है मेरे दोस्त जो बेजान जिंदगी में भी जान डाल दे..

वह है दोस्त

संक्षेप में दोस्त वो है जो हर मुसीबत में हर तरह से साथ निभाये

सभी दोस्तों को समर्पित

Interesting News

गाय माता गोमती, भैंसड़ी तो भूतनी…

रोचक ख़बर 

हमने बचपन में दादी और मां से एक दोहा सुना था...

गाय माता गोमती बाछडियो गणेश !

भैंसड़ी तो भूतनी, पाडड़ियो पगलेट !!

गौमाता व भैंस में अंतर 

  1. भैंस अपने बच्चे से पीठ फेर कर बैठती है चाहे उसके बच्चे को कुत्ते खां जायें वह नही बचायेगी, जबकि गाय के बच्चे के पास अनजान आदमी तो क्या शेर भी आ जाये तो जान दे देगी परन्तु जीते जी बच्चे पर आंच नही आने देगी। इसीलिए उसके दूध में स्नेह का गुण भरपूर होता है।
  2. भैंस के दो बेटे बड़े होकर यानि  दो झोटे एक गांव में मिलकर नहीं रह सकते। आमना सामना होते ही एक दूसरे को मारेंगे, भाई भाई  का दुश्मन ! परन्तु  गाय के 10 साण्ड इकट्ठे रह सकते हैं, ये भाईचारे का प्रमाण है।
  3. भैंस गन्दगी पसन्द है, कीचड़ में लथपथ रहेगी पर गाय अपने गोबर पर भी नहीं बैठेगी वह स्वच्छता प्रिय है।
  4. भैंस को घर से 2 किमी दूर तालाब में छोड़कर आ जाओ वह घर नहीं आ सकती उसकी यादास्त जीरो है। गाय को घर से 5 किमी दूर छोड़ दो वह घर का रास्ता जानती है, आ जायेगी ! गाय के दूध में स्मृति तेज है।
  5. दस भैंस बान्धकर 20 फुट दूर से उनके बच्चों को छोड़ दो, एक भी बच्चा अपनी मां को नही पहचान सकता जबकि गोशालाओं में दिन भर गाय व बच्चे अलग अलग शैड में रखते हैं, सायंकाल जब सबका मिलन होता है तो सभी बच्चे (हजारों की स॔ख्या में) अपनी अपनी मां को पहचान कर दूध पीते हैं, ये है गोदुग्ध की मेमरी।
  6. जब भैंस का दूध निकालते हैं तो भैंस सारा दूध दे देती है परन्तु  गाय थोड़ा सा दूध ऊपर चढ़ा लेती है, और जब उसके बच्चे को छोड़ेंगे तो उस चढाये दूध को उतार देती है ! ये गुण माँ के हैं जो भैंस मे नही हैं।
  7. गली में बच्चे खेल रहे हों और भैंस भागती आ जाये तो बच्चों पर पैर अवश्य रखेगी लेकिन गाय आ जाये तो कभी भी बच्चों पर पैर नही रखेगी।
  8. भैंस धूप और गर्मी सहन नहीं कर सकती जबकि गाय मई जून में भी धूप में बैठ सकती है।
  9. भैंस का दूध तामसिक होता है जबकि गाय का सात्विक ! भैंस का दूध आलस्य भरा होता  है, उसका बच्चा दिन भर ऐसे पड़ा रहेगा जैसेे अफीम या भांग खाकर पड़ा है, जब दूध निकालने का समय होगा तो मालिक उसे ठोकरें मारकर उठायेगा परन्तु गाय का बछड़ा इतना उछलेगा कि आप रस्सा खोल नही पायेंगे ठीक से।

विद्यार्थियों के लिए अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों महत्वपूर्ण : CM शिवराज

5 अगस्त से प्रारंभ होंगी 9वीं एवं 10वीं की कक्षाएँ…

विद्यार्थियों के लिए अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों महत्वपूर्ण : CM शिवराज

ग्वालियर। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि विद्यार्थियों के लिए अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य, दोनों ही हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं। प्रदेश में कोरोना संक्रमण को देखते हुए धीरे-धीरे हमने कक्षाएँ प्रारंभ की हैं। नवीं एवं दसवीं की कक्षाएं भी 5 अगस्त से प्रारंभ की जा रही हैं। अभी ये कक्षाएँ सप्ताह में दो-दो दिन ही लगेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना काल में स्कूल, कॉलेज तो बंद थे, परन्तु शिक्षण कार्य निरंतर चलता रहा। फिर चाहे वो ऑनलाइन क्लासेस हों अथवा टीवी कार्यक्रम, रेडियो, वाट्सएप ग्रुप आदि के माध्यम से हों। इसमें अभिभावक और शिक्षकों ने भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज ‘विद्यार्थी संवाद कार्यक्रम’ में मुख्यमंत्री निवास से विद्यार्थी, शिक्षक एवं अभिभावकों से वर्चुअल चर्चा की। संवाद कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इंदर सिंह परमार भी उपस्थित थे। 

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि विद्यार्थियों को अपना लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। उन्होंने छात्रों को अपने लक्ष्य को अर्जुन की तरह सुनिश्चित करने के लिए कहा। जिस प्रकार तीरंदाजी के प्रशिक्षण के समय गुरु द्रोणाचार्य के यह पूछने पर कि उसे क्या दिखाई दे रहा है, अर्जुन ने कहा था कि उसे न पेड़ दिखाई दे रहा है और न चिड़िया, उसे सिर्फ चिड़िया की आँख दिखाई दे रही है, उसी प्रकार छात्रों को भी एकाग्रचित्त होकर अपनी पढ़ाई करनी चाहिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इस चुनौतीपूर्ण समय में को-एजुकेटर के रूप में अभिभावकों की भूमिका और अधिक बढ़ जाती है। आप लोग परिवार में पढ़ाई के लिए अनुकूल माहौल बनाएँ और "हमारा घर - हमारा विद्यालय" की परिकल्पना को साकार करें। अभिभावक शिक्षकों से जीवंत संपर्क बनाए रखें और बच्चों को पढ़ाई के साथ खेलकूद, व्यायाम, प्राणायाम आदि फिजिकल एक्टिविटी भी कराते रहें। 

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बच्चों के पहले शिक्षक माता-पिता ही होते हैं। आप उन्हें कैसे संस्कार देते हैं, यह बच्चों का भविष्य तय करता है। मुझे याद है कि मेरे दोनों बेटों के जन्म के बाद मैंने उनके कान में सबसे पहले गायत्री मंत्र सुनाया था। आज भी मैं उन्हें धार्मिक ग्रंथों के अध्ययन के लिए प्रेरित करता रहता हूँ। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत नवम्बर में एन.ए.एस (राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण) भी आयोजित किया जायेगा, जिसमें मध्यप्रदेश राज्य को टॉप 10 में लाने का लक्ष्य रखें। नई शिक्षा नीति में व्यावसायिक शिक्षा पर अधिक जोर दिया गया है। विद्यार्थियों को विश्व-स्तरीय और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए ‘कल्चर ऑफ एक्सीलेंस’ विकसित करने और फ्यूचर जॉब्स के लिए तैयार करने की दृष्टि से प्रदेश में सीएम राइज स्कूल खोले जायेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बच्चों से कहा कि पढ़ाई के साथ अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें। 

अच्छा एवं स्वास्थ्यवर्धक भोजन करें। भोजन तीन प्रकार का करें। हित भोग- जो हितकारी हो, मित भोग- जो भूख से कम खाया जाए और ऋतु भोग- जो मौसम के अनुरूप हो। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने “गुजरा जमाना बचपन का” पंक्तियाँ गाते हुए कहा कि मुझे आज भी अपने बचपन के दोस्त, अपने टीचर, शैतानियाँ और खान-पान सब याद आता है। हम भी स्कूल में बेर, कबीट, आम आदि खाया करते थे। आज आप लोग पिज्जा, बर्गर, कोल्ड ड्रिंक जैसे जंक फूड ज्यादा खा रहे हैं, जो सेहत के लिए नुकसानदायक हैं। आप ये खायें, परंतु कभी कभी। संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विदिशा की कुमारी आस्था तिवारी, दमोह के प्रशांत, जबलपुर की मान्या साहू, रायसेन के मोहित शर्मा एवं भोपाल की श्रुति गुप्ता से चर्चा की। प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा रश्मी अरूण शमी ने कार्यक्रम की रूपरेखा रखी। संचालक राज्य शिक्षा केंद्र एस. धनराजू भी उपस्थित थे।

OBC को आरक्षण देने पर कप्तान सिंह सोलंकी ने उठाये सवाल

हरियाणा व त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल…

पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने पर कप्तान सिंह सोलंकी ने उठाये सवाल

भोपाल। भाजपा के वरिष्ठ नेता और हरियाणा व त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी ने दो ट्वीट कर केंद्र सरकार द्वारा पिछड़ा वर्ग को मेडिकल में दिए आरक्षण पर सवाल उठाए हैं। इस मुद्दे पर लोकसभा व राज्यसभा में चर्चा न कराने को लोकतंत्र की रुग्णता बताया है। शुक्रवार को किए ट्वीट में सोलंकी ने कहा कि केंद्र की नीट परीक्षा में 27+10+15+7.5 को उच्चतम न्यायालय मानेगा क्या? 

यह 50 प्रतिशत से ज्यादा हो रहा है। साथ ही मेरिट को कमतर आंकना क्वालिटी को कम करना है। दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा में बिना चर्चा किए विधेयक पास होना लोकतंत्र की रुग्णता का परिचायक है। सांसदों के महत्वपूर्ण सुझाओं से देश वंचित रह जाएगा। जनमत की इज्जत करें। मालूम हो, सोलंकी भाजपा के कद्दावर नेता रहे हैं। 

2003 में जब भाजपा ने मध्य प्रदेश में सरकार बनाई थी, तब सोलंकी भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री थे। वे राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं। सोलंकी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में भी लंबे समय तक काम किया और कई दायित्व संभाले। उधर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा कि कप्तान सिंह सोलंकी जी का भी जमीर जाग गया है। वे मोदी भक्त से देशभक्त बन गए हैं।