देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार...
देश में किस प्रधानमंत्री ने कब और कितने भारत रत्न दिए अब तक !
मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले अब पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव, चौधरी चरण सिंह और साइंटिस्ट एमएस स्वामीनाथन को भी भारत रत्न सम्मान देने का ऐलान किया है. इससे पहले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर और पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित करने का ऐलान किया गया है. मोदी सरकार ने 15 दिन के भीतर कुल पांच लोगों को भारत रत्न देने की घोषणा की है. साथ ही 10 साल के कार्यकाल में पीएम नरेंद्र मोदी ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के मुकाबले तीन गुना ज्यादा भारत रत्न सम्मान बांटे हैं.
किस प्रधानमंत्री ने किसे, कब और कितने भारत रत्न दिए
देश में किस प्रधानमंत्री ने कितने भारत रत्न सम्मान देना का ऐलान किया, किस प्रधानमंत्री ने खुद को भारत रत्न से सम्मनित किया, क्या अब तक किसी आदिवासी को मिला है भारत रत्न सम्मान, अब तक कितनी महिलाओं और किस राज्य को मिले सबसे ज्यादा भारत रत्न.
देश के लिए दिया जाता है भारत रत्न
भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है. भारत रत्न किसे दिया जाना चाहिए, इसकी कोई योग्यता या खास परिभाषा तय नहीं की गई है. हालांकि ये माना जाता है कि देश के लिए सेवा करने में असाधारण योगदान देने वाले खास लोगों भारत रत्न से सम्मानित किया जाता है. भारत रत्न किसी औपचारिक नामांकन प्रक्रिया के अधीन नहीं है. देश के प्रधानमंत्री किसी भी व्यक्ति को नामित कर सकते हैं. मंत्रिमंडल के सदस्य, राज्यपाल और मुख्यमंत्री भी प्रधानमंत्री को अपनी सिफारिशें भेज सकते हैं. इन सिफारिशों पर प्रधानमंत्री की मुहर लगने के बाद राष्ट्रपति को अंतिम मंजूरी के लिए भेजा जाता है.
1954 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के कार्यकाल में हुई थी शुरुआत
भारत रत्न देने की शुरुआत 1954 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के कार्यकाल में हुई थी. तब जवाहर लाल नेहरू के शासनकाल के दौरान देश के पहले गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, तत्कालीन राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन और साइंटिस्ट चंद्रशेखर वेंकट रमन को सम्मानित किया गया था. इसके बाद अब तक 53 हस्तियों को भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका है. जवाहर लाल नेहरू 1947 से 1964 तक 16 साल 286 दिन प्रधानमंत्री पद पर रहे. उनके लगातार चार बार के कार्यकाल के दौरान कुल 13 लोगों को पुरस्कार दिया गया. अगर एक साल की बात करें तो 2024 में प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे ज्यादा 5 लोगों का नाम भारत रत्न के लिए नामित किया. सभी के नामों का ऐलान 15 दिन के भीतर किया गया है. उनसे पहले 1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने चार लोगों को नामित किया था. ये हस्तियां हैं- जयप्रकाश नारायण, अमर्त्य सेन, गोपीनाथ बोरदोलो, रवि शंकर.
PM पद पर रहते जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी ने खुद को भारत रत्न दिया
मिनस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स की वेबसाइट के अनुसार, साल 1955 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को पीएम पद पर रहते भारत रत्न दिया गया था. तब डॉ राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रपति थे. उनके अलावा इसी साल स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भगवान दास और महान इंजीनियर एम विश्वेश्वरैया को भी पुरस्कार दिया गया. जवाहरलाल नेहरू के बाद इंदिरा गांधी दूसरी ऐसी शख्सियत रहीं, जिन्हें प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए भारत रत्न दिया गया. तब वीवी गिरि राष्ट्रपति थे. साल 1971 में सिर्फ इंदिरा गांधी का नाम ही दर्ज है.
आजतक आदिवासी समाज के किसी भी व्यक्ति को भारत रत्न सम्मान नहीं मिला है
भारत को आजाद हुए 77 साल से ज्यादा हो गए, लेकिन ये सच है कि आजतक आदिवासी समाज के किसी भी व्यक्ति को भारत रत्न सम्मान नहीं मिला है, जबकि 2011 की जनगणना के अनुसार देश की आबादी का करीब 9 फीसदी हिस्सा आदिवासी हैं. कई आदिवासी नेता और कार्यकर्ता इस बात को लेकर आवाज उठाते रहे हैं कि आदिवासी समाज के किसी व्यक्ति को भी भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए. कुछ लोग बिरसा मुंडा, टंट्या भील और जयपाल सिंह मुंडा जैसे आदिवासी नेताओं को भारत रत्न देने की मांग करते रहे हैं. आदिवासी समाज ने भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
अब तक केवल 5 महिलाओं को भारत रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया है
अब तक केवल 5 महिलाओं को भारत रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया है. यह संख्या पुरस्कार प्राप्त करने वाले कुल 53 लोगों में से 9.40% है. इंदिरा गांधी देश की पहली महिला थीं जिन्हें भारत रत्न दिया गया था. समाज सेवा के क्षेत्र में असाधारण योगदान के लिए उन्हें ये सम्मान दिया गया था. इंदिरा गांधी ने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में बांग्लादेश को मुक्त कराया था. वह साल 1966 से 1977 और 1980 से 1984 तक प्रधानमंत्री रहीं थीं.
इंदिरा गांधी के अलावा बाकी 4 महिलाएं हैं
- 1980 में समाजसेविका मदर टेरेसा को भारत रत्न से सम्मानित किया गया. 1979 में उन्हें नोबेल का शांति पुरस्कार भी दिया गया.
- 1997 में समाजसेविका अरुणा आसफ अली को सम्मानित किया गया. उन्होंने 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में मुख्य भूमिका निभाई थी.
- 1998 में कर्नाटकीय शास्त्रीय गायिका एमएस सुब्बुलक्ष्मी को भी सम्मानित किया गया. 1974 में मैग्सेसे पुरस्कार दिया गया.
- 2001 में गायिका लता मंगेशकर को भी भारत रत्न दिया गया था. उन्हें भारत की नाइटिंगेल भी कहा जाता है. उन्हें दादा साहब फाल्के पुरस्कार से भी नवाजा गया.
मोदी सरकार ने किसी महिला को नहीं है दिया भारत रत्न
साल 2014 से मोदी सरकार सत्ता में है. 10 साल के कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अलग-अलग क्षेत्र की 10 हस्तियों को भारत रत्न के लिए नामित किया. हालांकि इस लिस्ट में किसी भी महिला का नाम नहीं है. आखिरी बार 2001 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में गायिका लता मंगेशकर को सम्मानित किया गया था.
अबतक सबसे ज्यादा 10 भारत रत्न उत्तर प्रदेश से आने वाले लोगों को दिए गए
भारत रत्न किसी व्यक्ति को दिया जाता है, राज्य को नहीं, लेकिन हम आपको बताते हैं किस राज्य के सबसे ज्यादा लोगों को भारत रत्न से सम्मानित किया गया है. 53 में से अबतक सबसे ज्यादा 10 भारत रत्न उत्तर प्रदेश से आने वाले लोगों को दिए गए. इसके बाद 8-8 भारत रत्न महाराष्ट्र और तमिलनाडु के लोगों को दिए गए.
पाकिस्तान और साउथ अफ्रीका के एक-एक व्यक्ति को भारत रत्न दिया गया
आपको जानकर हैरानी होगी पाकिस्तान और साउथ अफ्रीका के एक-एक व्यक्ति को भारत रत्न दिया गया है. पाकिस्तान के अब्दुल गफ्फार खान और साउथ अफ्रीका के नेल्सन मंडेला को भारत में ये पुरस्कार दिया गया. अंग्रेजो भारत छोड़ो आंदोलन में अब्दुल गफ्फार खान ने अपना योगदान दिया था. उन्होंने महात्मा गांधी के पद्चिन्हों पर चलकर भारत को आजाद कराने में सहयोग किया था. वहीं नेल्सन मंडेला को साउथ अफ्रीका का गांधी कहा जाता था. उन्होंने काले-गोरे का भेद मिटाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी थी.
भारत रत्न को लेकर विवाद है कि ये राजनीतिक रूप से प्रेरित होता है
भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है लेकिन यह कई बार विवादों का विषय भी रहा है. कुछ लोगों का मानना है कि भारत रत्न राजनीतिक रूप से प्रेरित होता है. ये पुरस्कार अक्सर सरकार के समर्थभारत रत्न राजनीतिक रूप से प्रेरित होता है। 1990 में जब वीपी सिंह की सरकार ने संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर को भारत रत्न देने का ऐलान किया तो सवाल उठाया गया कि ये सम्मान उनके जीवित रहते क्यों नहीं दिया गया. वीपी सिंह सरकार पर उस समय आरोप लगा कि भीमराव अंबेडकर को जीते जी यह सम्मान न देने से दलित मतदाता नाराज थे, इसलिए मतदाताओं को लुभाने के लिए पुरस्कार दिया गया.
सुभाष चंद्र बोस को ‘मरणोपरांत’ भारत रत्न देने का ऐलान हुआ, लेकिन दिया आजतक गया
1992 में पीवी नरसिम्हा राव की सरकार ने स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस को ‘मरणोपरांत’ भारत रत्न से सम्मानित करने का ऐलान किया था, लेकिन इसपर ऐसा विवाद हुआ कि आजतक उन्हें भारत रत्न नहीं दिया जा सका. सरकार के फैसले के बाद एक याचिका दायर की जिसमें कहा गया कि जब भारत सरकार ने अभी तक यह माना ही नहीं है कि एक विमान दुर्घटना में बोस की मृत्यु हो गई थी तो ‘मरणोपरांत’ भारत रत्न कैसे दिया जा सकता है. इसके बाद सुभाष चंद्र बोस के परिवार ने भारत रत्न सम्मान लेने से इनकार कर दिया था.
आपको ये भी बता दें कि भारत रत्न हर साल 26 जनवरी को राष्ट्रपति द्वारा दिया जाता है. शुरुआत में ये सम्मान केवल जीवित रहते दिया जाता था, फिर बाद में 1955 में मरणोपरांत भी भारत रत्न दिए जाने का प्रावधान जोड़ा गया. खेल जगत से अबतक केवल सचिन तेंदुलकर को भारत रत्न मिला है. सचिन भारत रत्न प्राप्त करने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति भी हैं.
Follow Us On Social Media