MP के ग्वालियर-चंबल अंचल में 2 दिग्गज नेताओ के बीच वर्चस्व की लड़ाई !

चुनाव से पहले ग्वालियर-चंबल अंचल में भाजपा नेताओं के बीच गुटबाजी की  खबरें …

मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल अंचल में दो दिग्गज नेताओ के बीच वर्चस्व की लड़ाई !

ग्वालियर l  2023 विधानसभा चुनाव की तैयारी अपने चरम पर चल रहीं है। मध्य प्रदेश में दोनों ही मुख्य पार्टियां अपने वर्चस्व की लड़ाई में जुटी हुई है। चुनाव से पहले अक्सर कांग्रेस की गुटबाजी की खबरें सामने आया करती हैं। लेकिन इस बार चुनाव से पहले ग्वालियर-चंबल अंचल में भाजपा नेताओं के बीच लगातार गुटबाजी की खबर सामने आ रहीं है। और इस गुटबाजी से सरकार को भी परेशानी हो रही है। इस समय ग्वालियर-चंबल अंचल में मोदी सरकार के दो कैबिनेट मंत्रियों के बीच आपसी वर्चस्व की जंग खुलकर सामने आ रही है। 

दरअसल चुनाव से पहले ग्वालियर-चंबल अंचल में भाजपा के दोनों दिग्गज नेता एक-दूसरे को अंचल का सर्वमान्य नेता साबित करने के लिए लगातार जोर लगा रहे हैं। अंचल के दिग्गज नेता कहे जाने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर के बीच लगातार वर्चस्व की लड़ाई गति पकड़ रही है। 

राजनीतिक गुरुओं की माने तो अभी अपने जन्मदिन पर पीएम मोदी कूनो नेशनल पार्क आए थे। और इस कार्यक्रम का श्रेय केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को जा रहा है। लेकिन अब बताया जा रहा है कि अगले महीने ग्वालियर में बन रहे इंटरनेशनल एयरपोर्ट का भूमि पूजन करने के लिए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुलाने वाले हैं जिसे लेकर तैयारियां शुरू हो गई है।

चीता इवेंट'' से बाहर निकल कर गौमाता की सुध ले सरकार : कमलनाथ

 देश के साथ राज्य में लंपी वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए …

चीता इवेंट'' से बाहर निकल कर गौमाता की सुध ले सरकार : कमलनाथ

ग्वालियर l देश के साथ राज्य में लंपी वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार को आड़े हाथो लिया है। मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में लाए गए चीतों को पार्क में छोड़ने को इवेंट बताते हुए कमलनाथ ने कहा कि सरकार को अब गायों की भी सुध लेनी चाहिए। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार पर लंपी वायरस को लेकर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि सरकार अगर 'चीता इवेंट' से बाहर निकल आई हो तो अब गौमाता की भी सुध लें।कमलनाथ ने अपने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि मध्यप्रदेश में लंपी वायरस का प्रकोप दिन- प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। प्रदेश के कई हिस्सों में गौमाता बड़ी संख्या में इस वायरस से संक्रमित होती जा रही हैं, बड़ी संख्या में उनकी मौत भी हो रही है। जिसको लेकर सरकार के प्रति कमलनाथ ने नाराजगी जाहिर करते हुए ट्वीट किया।

गौरतलब है कि पिछले दिनों नमीबिया से लाए गए चीतों को श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया था। इस मौके पर शिवराज सिंह चौहान के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे। चीतों को पार्क में छोड़े जाने को लेकर किए गए इंतजाम पर कमलनाथ ने अपनी नाराजगी जाहिर की और राज्य सरकार से उचित कदम उठाने की बात कहीउन्होंने आरोप लगाया, 'समय रहते जो आवश्यक कदम सरकार को उठाना थे, वह उन्होंने अभी तक उठाये नहीं है। सरकार तो पिछले कई दिनों से "चीता इवेंट" में ही लगी रही, अभी यदि वो चीता इवेंट से बाहर निकल गई है तो उसे प्रदेश में गौ माता की सुध लेना चाहिए। प्रतिदिन इस वायरस से गौमाता की तड़प-तड़प कर हो रही मौत की तस्वीरें सामने आ रही हैं।' उन्होंने सरकार से मांग की कि इस संबंध में तत्काल सभी आवश्यक कदम उठाये जाएं।

पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा प्रदेश भर के दौरे पर निकलेंगे !


अपने खास समर्थकों को दौरे की तैयारियों के लिये कहा …

पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा प्रदेश भर के दौरे पर निकलेंगे !

ग्वालियर। भाजपा की राजनीति में युवा तुर्क कहे जाने वाले पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा जल्दी ही प्रदेशभर के दौरे पर निकलेंगे, यह दौरा किसलिये इसका खुलासा तो नहीं हो सका, लेकिन पूर्व मंत्री ने अपनी तैयारी बेहद गोपनीय तौर पर कर ली है। वह अपने दौरे में प्रदेश भर में अपने मित्र, समर्थक, शुभचिंतक व भाजपा कार्यकर्ताओं से मिलेंगे। 

सूत्रों के अनुसार इधर अनूप मिश्रा के प्रदेशभर के दौरे की खबर भाजपा मुख्यालय में भी पहुंची है। वहीं अनूप मिश्रा ने अपने खास समर्थकों को दौरे की तैयारियों के लिये आगाह कर दिया है। ज्ञांतव्य हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे अनूप मिश्रा ने इन दिनों अपना ध्यान अपनी पुरानी विधानसभा सीट दक्षिण पर भी लगा रखा हैं। वह लगातार यहां घर-घर कार्यकर्ताओं के संपर्क में है। उन्होंने बीते दिनों सार्वजनिक तौर पर कहा भी है कि वह दक्षिण से ही विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।

माता-पिता के सम्मान में बनाया मंदिर

 रिटायर्ड पुलिस अधिकारी ने अपने ...

माता-पिता के सम्मान में बनाया मंदिर 


मदुरै। माता-पिता अपने बच्चों के लिए भगवान होते हैं। हमने अक्सर इस बात को अपने बुजुर्गों से सुना है। लेकिन तमिलनाडु के मदुरै में एक शख्स ने तो कमाल कर दिया है। उन्होंने अपने माता-पिता को भगवान का दर्जा देते हुए उनका मंदिर बनाया है। मदुरै में रिटायर्ड पुलिस अधिकारी रमेश बाबू ने मां और पिता के सम्मान में एक मंदिर बनाया, जिसमें उनकी मूर्तियां भी स्थापित की गई हैं। रमेश बाबू रिटायर्ड SI हैं। उन्होंने बताया कि वह अपने माता-पिता के लिए एक मंदिर बनाना चाहते थे लेकिन काम में व्यस्त होने के कारण नहीं बना सके। इसलिए मैंने रिटायरमेंट के बाद उन्होंने इसे बनाया।

रमेश बाबू बताते हैं कि वो प्रतिदिन इस मंदिर में अपने माता-पिता की पूजा करते हैं। इस मंदिर के निर्माण के बाद मेरे माता-पिता की मृत्यु हो गई थी, लेकिन वे हमेशा मेरे साथ हैं। हरदोई के एक गांव में भी सरकारी कर्मचारी ने बनवाया था मंदिर इससे पहले यूपी के हरदोई जिले के अंतर्गत आने वाले पाली के एक गांव अतरजी में एक सरकारी कर्मचारी ने रिटायरमेंट के बाद अपने माता-पिता के सम्मान में मंदिर बनवाया था और उनकी मूर्तियां मंदिर में स्थापित की थीं। पेशे से लेखपाल रहे वीरेंद्र दीक्षित जब रिटायर हो गए तो उन्होंने अपने गांव अतरजी में एक भव्य मंदिर का निर्माण करवाया। इस मंदिर में उन्होंने अपने‌ दिवंगत माता-पिता की मूर्ति स्थापित करवाई और उनकी पूजा करने लगे। 

एक महीने के अंदर अब होगी वक्फ बोर्ड की संपत्ति की जांच

  

योगी सरकार का बड़ा फैसला...

एक महीने के अंदर अब होगी वक्फ बोर्ड की संपत्ति की  जांच

यूपी ।  यूपी में मदरसों के सर्वे को लेकर विवाद थमा नहीं था कि इस बीच यूपी सरकार ने एक और बड़ा फैसला ले लिया है। योगी सरकार ने वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की जांच के आदेश दे दिए हैं। सरकार ने निर्देश दिया है कि सभी जिलों में एक महीने के अंदर वक्फ बोर्ड की संपत्ति की जांच होगी। इसी कड़ी में शासन ने सभी कमिश्नर और डीएम को पत्र लिख दिया है। जानकारी के लिए बता दें कि राज्य सरकार को ऐसे इनपुट मिले हैं कि वक्फ बोर्ड की प्रॉपर्टी पर अवैध कब्जे चल रहे हैं, ऐसे में उसी की जांच के लिए ये फैसला लिया गया है।

हालांकि, अभी तक वक्फ बोर्ड की तरफ से सरकार के इस फैसले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है, चूंकि अभी मदरसों के सर्वे को लेकर बवाल चल रहा है, ऐसे में इस आदेश पर भी बखेड़ा खड़ा हो सकता है। अगर सर्वे के विवाद की बात करें तो योगी सरकार ने 31 अगस्त को यूपी के मदरसों का सर्वे करने का फैसला किया था। पता चला था कि यूपी में कुल 16,461 मदरसा हैं, लेकिन रजिस्टर्ड हैं सिर्फ 560। इसी वजह से सभी मदरसों के सर्वे का फैसला लिया गया। ये तर्क दिया गया कि इसके जरिए यह जानने का प्रयास रहेगा कि मदरसों में कितने छात्र हैं, कितने शिक्षक हैं और वहां कैसी सुविधाएं दी जा रही हैं।

कानपुर में तो इस प्रक्रिया को शुरू भी कर दिया गया है। वहां पर कुल 23 ऐसे मदरसे सामने आए हैं जो अनधिकृत बताए जा रहे हैं। इन दावों से जमीयत उलेमा-ए- हिंद ज्यादा संतुष्ट नहीं है। इस बारे में अरशद मदानी कहते हैं कि कुछ सांप्रदायिक ताकतों ने देश में नफरत फैलाने का काम किया है। इस पूरे मामले में सरकार की भूमिका ऐसी हो गई है कि जब भी योजना आती है मुस्लिम समाज को लगने लगता है कि ये उन्हें बर्बाद करने के लिए आई है।

वहीं मुस्लिम धर्मगुरु कल्बे जवाद ने कहा कि मदरसे के सर्वे पर हम सहमत नहीं हैं। एक पक्ष का सर्वे नहीं होना चाहिए। 70 फ़ीसदी वक्फ बोर्ड के कब्जे माफियाओं और सरकार के पास हैं। इंदिरा भवन पर वक्फ बोर्ड का कब्जा है। 30 फ़ीसदी केवल जमीन वक्फ के पास है। सरकार नाजायज कब्जे छुड़वाए, तब तो ठीक है लेकिन सिर्फ मुसलमानों का सर्वे कराकर जमीन देख ले तब कोई फायदा नहीं है। वक्फ की जमीन को कोई जबरदस्ती खाली नहीं करवा पाएगा और अगर कोई रहना चाहता है तो वहां किराया लेने के बारे में सरकार को मालूम होगा।

सर्वे को लेकर AIMIM नेता असीम वकार ने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने नया फरमान जारी किया है। वकार ने कहा कि पहले वक्फ बोर्ड के चेयरमैन को तो आपने करप्शन के आरोप में जेल नहीं भेजा। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को जांच के नाम पर परेशान किया जा रहा है। कभी मदरसों की जांच तो कभी मुस्लिमों की जांच। ये एकतरफा कार्रवाई है। उन्होंने कहा कि बड़ी धर्मशाला और मंदिरों के ट्रस्ट हैं, उनकी जांच भी होनी चाहिए। क्या इनके घोटाले आपकी नजर में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भले ही वक्फ बोर्ड का सर्वे करिए, लेकिन अपनी मंशा साफ कीजिए। सबका एक लाइन से सर्वे कराइए।

महसा अमीनी के समर्थन में भारत में उठी आवाज !

 हिजाब पर ईरान से हिंदुस्तान तक जंग...

महसा अमीनी के समर्थन में भारत में उठी आवाज !

महसा अमीनी की मौत के ईरान में हिजाब का विवाद काफी गहरा गया है. इस बीच ईरान में जो एंटी हिजाब क्रांति शुरू हुई है, उसकी गूंज भारत में भी सुनाई देने लगी है. ईरानी महिलाओं के समर्थन में वाराणसी से आवाज उठी है. महिलाओं ने हिजाब पहनने की बंदिशों के खिलाफ प्रदर्शन किया. महिलाएं सवाल पूछ रही हैं कि जिंदगी जरूरी है या हिजाब ?

मजहब के नाम पर हिजाब की बातें खुद मुस्लिम महिलाएं अस्वीकार कर रही हैं, लेकिन इस्लाम के ठेकदारों को ये बात अच्छी नहीं लग रही है. महसा अमीनी की मौत के बाद ईरान पिछले कई दिनों से हिजाब की आग में जल रहा है l

ईरानी महिलाओं के समर्थन में वाराणसी से भी महिलाओं ने आवाज उठाई है और हिजाब पर बैन को लेकर सवाल खड़े किए हैं. महिलाओं की अपनी पसंद की ड्रेस चुनने का अधिकार एक बात है और मजहब के नाम पर पैरों में बेड़ियां बांधना दूसरी बात. ईरान का प्रदर्शन इन्हीं बेड़ियों पर सवाल उठा रहा है. ईरान में 22 साल की महसा अमीनी की मौत के बाद से काफी हंगामा मचा है. विरोध प्रदर्शन के दौरान कई महिलाओं ने हिजाब जलाए, कुछ महिलाओं ने अपने बाल तक काट लिए l

ईरान में 22 साल की महसा अमीनी को हिजाब ना पहनने के कारण 13 सितंबर को पुलिस ने हिरासत में लिया था और फिर उनकी पिटाई की गई, जिससे वो कोमा में चली गई थीं. इस घटना के तीन दिन बाद महसा अमीनी ने दम तोड़ दिया. बताया गया कि वो अपने परिवार के साथ तेहरान घूमने गई थीं और इसी दौरान हिजाब न पहनने पर उन्हें हिरासत में लिया गया था. बहरहाल महसा अमीनी की मौत ने ईरान में मानवाधिकार और महिलाओं की आज़ादी के मसले को एक बार फिर से हवा दे दी है. ऐसे में सवाल ये भी है कि क्या भारत में धर्म के ठेकेदार इससे कुछ सीखेंगे ?

केंद्रीय मंत्री के बंगले का अवैध हिस्सा गिराने कोर्ट का आदेश

 बंगले में अवैध निर्माण को लेकर नोटिस भेजा …

केंद्रीय मंत्री के बंगले का अवैध हिस्सा गिराने कोर्ट का आदेश


मुंबई l बॉम्बे उच्च न्यायालय ने बीएमसी को केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बंगले पर हुए अवैध निर्माण को ढहाने के निर्देश दिए गए हैं। अवैध निर्माण को दो सप्ताह के भीतर गिराने का निर्देश दिया है। राणे का यह बंगला मुंबई के जूहू में है।अवैध निर्माण को लेकर कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री पर 10 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। इससे पहले बीएमसी ने उन्हें बंगले में अवैध निर्माण को लेकर नोटिस भेजा था। मामले की सुनवाई कर रही जज आरडी धनुका और जज कमल खाटा की पीठ ने कहा कि इस निर्माण में फ्लोर स्पेस इंडेक्स और कोस्टल रेगुलेशन जोन के नियमों का उल्लंघन किया गया है कोर्ट   ने कहा  ने बीएमसी से कहा कि राणे के परिवार द्वारा संचालित कंपनी की ओर से दायर दूसरे आवेदन को अनुमति नहीं दी जा सकती, जिसमें अनधिकृत निर्माण को नियमित करने की मांग की गई है। कोर्ट ने कहा कि इसकी अनुमति देना और ज्यादा अनाधिकृत निर्माणों को प्रोत्साहित करेंगे l

अदालत ने बीएमसी को दो सप्ताह के भीतर अनधिकृत हिस्सों को ध्वस्त करने और एक हफ्ते के बाद अदालत को अनुपालन रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। पीठ ने राणे पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया और महाराष्ट्र राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण के पास उन्हें 2 हफ्तों के अंदर यह राशि जमा करने के लिए कहा है।

राणे के वकील शार्दुल सिंह ने अदालत से 6 हफ्तों के लिए अपने आदेश पर रोक लगाने की मांग की ताकि वह सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर सकें। हालांकि बेंच ने उनकी इस मांग को खारिज कर दिया है। अदालत ने राणे के परिवार के स्वामित्व वाली कंपनी कालका रियल एस्टेट्स द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें बीएमसी को निर्देश देने की मांग की गई थी कि वह पहले उनके दूसरे आवेदन पर फैसला करें।बीएमसी ने इस साल जून में नियमितीकरण के आवेदन को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि निर्माण में उल्लंघन हुआ है। कंपनी ने जुलाई में एक दूसरा आवेदन दायर कर कहा था कि वह विकास नियंत्रण और संवर्धन विनियमन के नए प्रावधानों के तहत एक छोटे हिस्से को नियमित करने की मांग कर रही है।