असम में बाढ़ से 22 लाख लोगों पर आफत, अब तक 178 की मौत

1934 गांवों में घुसा पानी, ब्रह्मपुत्र खतरे के निशान से ऊपर…

असम में बाढ़ से 22 लाख लोगों पर आफत, अब तक 178 की मौत

देश के ज्यादातर हिस्सों में बारिश की दस्तक से लोगों को गर्मी और उमस से राहत मिली हैं। वहीं, दूसरी और पूर्वोत्तर के राज्यों के लिए यही बारिश आफत का सबब बनी हुई है। इनमें भी सबसे ज्यादा परेशानी असम को झेलनी पड़ रही है। असम में बाढ़ की वजह से अब तक 22 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। 

राज्य के 34 में से 27 जिलों के कम से कम 1,934 गांव अभी भी बाढ़ की चपेट में हैं। अप्रैल से लेकर अब तक बाढ़ और लैंडस्लाइड से मरने वालों की कुल संख्या 174 हो गई है। कुछ नदियों में जलस्तर घटने से हालात में सुधार हुआ है, लेकिन ब्रह्मपुत्र, कोपिली, दिसांग और बुरहीडीहिंग जैसी नदियां अभी भी कई जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। 

जिला अधिकारियों ने 23 जिलों में 404 राहत शिविर स्थापित किए हैं, जिसमें 2 लाख 77 हजार लोगों के रहने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा 138 रिलीफ सेंटर्स के जरिए से बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत सामग्री भेजी जा रही है। बाढ़ की वजह से 50,714 हेक्टेयर में फसल को नुकसान हुआ है। सैकड़ों घरों, सड़कों, पुलों, पुलियों, सिंचाई नहरों को नुकसान पहुंचा है, और लाखों की तादाद में घरेलू जानवरों को भी परेशानी झेलनी पड़ रही है।

SDFR और NDRF की टीमें लगातार रहात और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। इस बीच, असम में बाढ़ प्रभावित जिलों का दौरा करने के बाद, केंद्र सरकार की इंटर मिनिस्ट्रियल टीम और गृह मंत्रालय की टीम ने राज्य सरकार, भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की। केंद्र भी हालात पर नजर बनाए हुए है और हर संभव मदद का भरोसा दिया है।

जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में ग्रामीणों ने लश्कर के 2 आतंकियों को दबोचा

उपराज्यपाल ने किया इनाम का ऐलान…

जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में ग्रामीणों ने लश्कर के 2 आतंकियों को दबोचा

जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले के तुकसान गांव से लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादी पकड़े गए हैं। इन आतंकवादियों को ग्रामीणों की मदद से पुलिस ने गिरफ्तार किया कर लिया है। इनके पास से 2AK-47 राइफल, 7 ग्रेनडेस और 2 पिस्टल बरामद हुए हैं। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बहादुर गांव वालों को 5 लाख रुपए के इनाम की घोषणा की है। वहीं डीजीपी ने भी ग्रामीणों को 2 लाख नकद इनाम देने की घोषणा की है। पकड़े गए आतंकियों की पहचान फैजल अहमद डार और राजौरी के तालिब हुसैन के रूप में हुई है। 

पुलिस के मुताबिक जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में भारी हथियारों से लैस लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादियों को पकड़कर गांव वालों ने पुलिस के हवाले किया। लश्यर तैयबा ने अमरनाथ यात्रा पर हमला करने की साजिश रची थी। इसके लिए जम्मू-श्रीनगर नेशलन हाईवे पर अमरनाथ यात्रियों को निशाना बनाया जाना था। पकड़े गए गोला बारूद से अंदाजा लगाया जा सकता है कि दोनों आतंकी बड़ा हमला करने वाले थे। गनीमत रही कि समय रहते स्थानीय लोगों ने उनको पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया। आतंकी हमले के खतरे को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। अमरनाथ यात्रा पर पहली बार आतंकी हमला 1993 में हुआ था। फिर आतंकियों ने साल 2000 में अमरनाथ यात्रा पर सबसे बड़ा हमला किया था। पहलगाम बेसकैंप में आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर श्रद्धालुओं समेत कुल 35 लोगों की हत्या कर दी थी। 

इसके बाद आतंकियों ने 2001 में  12 श्रद्धालुओं की हत्या कर दी। 2002 में आतंकियों के हमले में 10 श्रद्धालुओं की जान चली गई। इसके बाद वर्ष 2006 में एक बार फिर आतंकियों ने अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाया। 2006 के बाद से यात्रा शांतिपूर्ण तरीके से चलती रही और आतंकियों ने अमरनाथ यात्रा पर हमला नहीं किया। लंबे अंतराल बाद वर्ष 2017 में आतंकियों ने अमरनाथ श्रद्धालुओं को लेकर जा रही बस को निशाना बनाया। 10 जुलाई 2017 को हुए इस हमले में 7 अमरनाथ यात्रियों की मौत हो गई जबकि 32 लोग घायल हो गए।

स्लीपर सेल की तरह काम कर रहे थे 40 लोग !

कन्हैया लाल हत्याकांड में बड़ा खुलासा…

स्लीपर सेल की तरह काम कर रहे थे 40 लोग !

राजस्थान के उदयपुर में हुए कन्हैया लाल हत्याकांड में बड़ा खुलासा हुआ है। बताया गया है कि कन्हैया लाल की हत्या में इस्तेमाल खंजर उत्तर प्रदेश के कानपुर से आए थे। उदयपुर की एसके इंजीनियरिंग नाम की फैक्ट्री में इन हथियारों को धार दी गयी थी। इन हथियारों की तस्वीर एक व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर की गई, जिसमें पाकिस्तान के कुछ नंबर जुड़े हुए थे। इस खुलासे के बाद हत्यारों के पाकिस्तान कनेक्शन वाली बात और पुख्ता हो जाती है। 

बता दें कि कानपुर में ही दावत-ए-इस्लामिया नामक पाकिस्तानी कट्टरपंथी संगठन का हेडक्वार्टर है। अभी तक की तफ्तीश में गोस मोहम्मद को कन्हैया लाल की हत्या की साजिश का सूत्रधार माना गया है, जिसे रियाज़ और अन्य लोगों की मदद से अंजाम दिया गया। जांच एजेंसियों के पास करीब 40 लोगों की डिटेल मौजूद हैं, ये सभी गोस मोहम्मद और रियाज़ के इशारे पर स्लीपर सेल की तरह काम कर रहे थे। ये सभी 40 लोग उदयपुर और उसके आसपास के इलाकों के रहने वाले हैं। 

आरोपियों की धरपकड़ के लिए उनके संभावित ठिकानों पर जांच एजेंसियां रेड कर रही हैं। ज्यादातर आरोपी उदयपुर के पास सिलावटवाड़ी, खांजीपीर और सवीना के रहने वाले हैं। ये सभी गोस और रियाज़ के व्हाट्सएप के जरिये संपर्क में आए थे। रियाज़ और गोस मोहम्मद के मोबाइल से पाकिस्तानी मौलानाओं के जहरीले और भड़काऊ भाषण वाले सैकड़ों वीडियो क्लिप भी मिले हैं। इसमें कुछ वीडियो में लॉन वुल्फ अटैक और आतंकी हमलों के तरीकों की जानकारी भी दी गयी थी।

गुना में बर्बरता की हदें पार, आदिवासी महिला को जिंदा जलाया

जमीनी विवाद में 80 फीसदी झुलसी पीड़िता…

गुना में बर्बरता की हदें पार, आदिवासी महिला को जिंदा जलाया

मध्य प्रदेश के गुना जिले के बमोरी थाना इलाके के धनोरिया गांव में एक आदिवासी महिला को कुछ लोगों ने जिंदा जलाने की कोशिश की। बताया जा रहा है कि आरोपियों ने खेत पर काम कर रही महिला के ऊपर डीजल डालकर उसमें आग लगा दी, जिससे महिला 70 से 80 फीसदी  झुलस गई है। फिलहाल महिला को गंभीर हालत में भोपाल रैफर किया गया है। बताया जा रहा है कि जमीनी विवाद के चलते आदिवासी महिला को जिंदा जलाने की कोशिश की गई है। 

पीड़िता के पति अर्जुन ने बताया है कि गांव के ही कथित आरोपी हनुमत, प्रताप और श्याम किरार उनकी जमीन पर कब्जा करने के लिए दबाव बना रहे हैं। शनिवार शाम को पता लगा कि आरोपी द्वारा जमीन की जुताई की जा रही है, सूचना मिलने पर महिला रामप्यारी खेत पर पहुंच गई और उसके बाद आरोपियों ने महिला पर डीजल डालकर उसे जिंदा जलाने की कोशिश की। 

जब पीड़िता का पति अर्जुन खेत पर पहुंचा तो वहां से आरोपी हनुमत, प्रताप और श्याम किरार और तीनों की पत्नियां ट्रैक्टर से भाग रही थीं। पीड़ित महिला लगभग 80% जल चुकी है पहले उसको जिला अस्पताल में भर्ती कराया लेकिन गंभीर हालत होने के कारण उसे भोपाल रेफर कर दिया है। मामले को लेकर गुना एसपी पंकज श्रीवास्तव का कहना है कि पीड़ित महिला के पति अर्जुन सहरिया की शिकायत पर तीन आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है, जिसमें से 2 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

सरपंच प्रत्याशी की जीत पर समर्थकों ने लगाए देश विरोधी नारे

मुस्लिम प्रत्याशी की जीत का जश्न मनाते हुए…

सरपंच प्रत्याशी की जीत पर समर्थकों ने लगाए देश विरोधी नारे

कटनी जिले की चाका पंचायत में सरपंच पद के मुस्लिम प्रत्याशी की जीत पर समर्थकों ने देश विरोधी नारे लगाएं। इसका एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें कुछ युवा समर्थक मुस्लिम प्रत्याशी की जीत का जश्न मनाते हुए और देश विरोधी नारे लगाते हुए नजर आ रहे हैं। वीडियो में समर्थक नारे लगाते सुनाई दे रहे हैं। ये वीडियो पंचायत चुनाव के दूसरे चरण की मतगणना के बाद शुक्रवार रात का बताया जा रहा हैं। वीडियो शनिवार को मीडिया के संज्ञान में आया। अमर उजाला वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता। देश विरोधी नारे लगाने का वीडियो सामने आने के बाद से हड़कंप की स्थिति बन गई।

वीडियो के वायरल होने के बाद शनिवार सुबह गांव के लोग आक्रोशित हो गए और थाने पहुंचे। ग्रामीणों ने मामले की शिकायत करते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है। इस मामले पर ग्रामीणों का कहना है कि युवाओं ने पहले गांव में रैली निकालकर नारेबाजी की, इसके बाद प्रत्याशी के घर के पास देश विरोधी नारे लगाए। वहीं, शिकायतकर्ताओं ने नारे लगाने वाले कई लोगों को पहचानने की बात कही है, जबकि कुछ लोगों के बाहरी होने की बात सामने आ रही है। 

दरअसल कटनी चाका ग्राम पंचायत में रहीसा बेगम पति वाजिद खान ने सरपंच पद पर जीत दर्ज की, जिसके बाद उनके समर्थकों ने देश विरोधी नारे लगाते हुए जश्न मनाया। वीडियो सामने आने के बाद मामले का खुलासा हुआ। वहीं, इस मामले पर सीएसपी विजय प्रताप सिंह ने बताया कि ग्राम चाका के सचिन परोहा और करीब 30 से 40 लोग आए थे। उनके द्वारा शिकायत की गई है कि सरपंच का चुनाव जीतने के बाद रहीसा वाजिद खान के समर्थन के साथ ही देश विरोधी नारे लगाए गए। इसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। शिकायत की जांच की जा रही। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

पत्रकारों ने किया बीजेपी की पत्रकारवार्ता का बहिष्कार

भाजपा के संकल्प पत्र विमोचन कार्यक्रम में मचा हंगामा…

पत्रकारों ने किया बीजेपी की पत्रकारवार्ता का बहिष्कार

ग्वालियर। शनिवार को भाजपा ने नगर निगम चुनाव के लिए घोषणा पत्र जारी किया है, लेकिन यह घोषणा पत्र कार्यक्रम में उस समय हंगामा मच गया जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे प्रदेश सरकार में मंत्री रह चुके अनूप मिश्रा नाराज हो गए। अनूप गुस्से में बैठक छोड़कर चले गए। उनकी नाराजगी का कारण मंच पर उनको स्थान नहीं देना था, जबकि पिछले कुछ समय से जब भी केन्द्रीय मंत्री सिंधिया शहर में होते हैं अनूप मिश्रा उनके सबसे करीब होते हैं। अनूप के नाराज होने पर पूरी भाजपा में खलबली मच गई। भाजपा प्रत्याशी सुमन शर्मा अपना पूरा कामकाज छोड़कर उन्हें मनाने पहुंची हैं।शनिवार को ग्वालियर में नगर निगम चुनाव के लिए भाजपा ने अपना घोषणा पत्र जारी किया है। 

इस कार्यक्रम के दौरान मंच पर भाजपा महापौर प्रत्याशी सुमन शर्मा, सांसद विवेक शेजवलकर, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, भाजपा जिलाध्यक्ष कमल माखीजानी, पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता, पूर्व मंत्री मायासिंह, पूर्व विधायक मदन कुशवाह, रमेश अग्रवाल आदि मौजूद थे, लेकिन ग्वालियर के एक कद्दावर नेता व बड़ा नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे अनूप मिश्रा जो खुद भी प्रदेश सरकार में कई बड़े मंत्रालय संभाल चुके हैं नीचे कुर्सी पर बैठे हुए थे। मंच संचालन करने वालों ने उन्हें मंच पर जगह नहीं दी। घोषणा पत्र जारी होने तक अनूप मिश्रा बैठक में मौजूद रहे, लेकिन जैसे ही घोषणा पत्र जारी हुआ वह सीधे कुर्सी से उठे और नाराज होकर बैठक से बाहर निकल गए। 

यह देखकर वहां हंगामा खड़ा हो गया। अनूप मिश्रा को नाराज होकर जाते देख वहां मौजूद महापौर प्रत्याशी को समझ आ गया कि उनका कार्यक्रम बिगड़ने वाला है। वह भी सीधे बैठक छोड़कर पूर्व मंत्री मिश्रा के घर पहुंच गई। यहां उनसे बातचीत की और उनको मनाया। उधर सूत्र बताते हैं की जिला अध्यक्ष कमल माखीजानी ने सांसद के इसारे पर श्री मिश्रा को मंच पर जगह नहीं दी। यह बात पार्टी में चर्चा का विषय बानी हुई है |भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को मंच पर बुलाया जा रहा था। अनूप मिश्रा को मंच पर आमंत्रित किये जाने पर उन्होंने साफतौर पर कहा कि मैं मंच पर नहीं आऊंगा। कुछ वरिष्ठ नेताओं के उन्हें मनाने का प्रयास करने पर उनका कहना था कि मुझे मालूम हैं कि अब मेरी जगह कहां हैं और मैं उचित स्थान पर बैठा हूं। अब अगर किसी ने इससे आगे कुछ कहा तो यहां से चला जाऊंगा।

दिल्ली-पंजाब की तर्ज पर हम भी देंगे बिजली फ्री : डॉ. रुचि गुप्ता

पभोक्ताओं को भारी-भरकम बिजली बिल से मुक्ति दिलाने…

दिल्ली-पंजाब की तर्ज पर हम भी देंगे बिजली फ्री : डॉ. रुचि गुप्ता

ग्वालियर। पंजाब में विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश के लोगों से किया वादा पूरा करते हुए मान सरकार ने प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को 1 जुलाई से 300 यूनिट प्रति माह मुफ्त बिजली मुहैया कराने का ऐलान किया है। दिल्ली में भी मुख्यमंत्री केजरीवाल जी की सरकार ने २०० यूनिट तक बिजली मुफ्त कर उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी है। मैं भाजपा की शिवराज सरकार से ये पूछना चाहती हूं कि जब पंजाब और दिल्ली में उपभोक्ताओं को भारी-भरकम बिजली बिल से मुक्ति दिलाई जा सकती है। 

तो ग्वालियर सहित मध्यप्रदेश में क्यों नहीं? यह बात आज आम सभा को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी की महापौर उम्मीदवार डॉ. रुचि गुप्ता ने मतदाताओं के बीच कही। उन्होंने मतदाताओं से कहा कि आप सभी लोग इस बार झाडू के सामने वाला बटन दबाकर मुझे विजयश्री का अशीर्वाद दें एवं 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में प्रदेश में आम आदमी पार्टी की सरकार बनाएं, तो अरविंद केजरीवाल जी के नेतृत्व में प्रदेश विकास के नए पायदान को छुएगा, मध्यप्रदेश में भी बिजली उपभोक्ताओं को पंजाब और दिल्ली की तर्ज पर ही बड़ी राहत दी जाएगी।

रुचि गुप्ता का जनसम्पर्कअभियान शनिवार को वीरांगना लक्ष्मीबाई स्थल से लेकर इंदरगंज चौराहा, दाल बाजार, केआरजी कॉलेज, रॉक्सी पुल होते हुए महाराज बाड़ा, सराफा बाजार, राम मंदिर, शिंदे की छावनी, डी डी माल, शास्त्री चौक, पड़ाव, गांधीनगर, तानसेन रोड, हजीरा चौराहा, चार शहर का नाका, सिस्को तिराहा, गोले का मंदिर, मेला ग्राउंड, आकाशवाणी चौराहा, थाटीपुर चौराहा, बारादरी चौराहा, 7 नंबर चौराहा, सूर्य मंदिर मार्ग, पिंटू पार्क तिराहा, डीडी नगर गेट, माधव चौक, धरमवीर पेट्रोल पंप, गोले का मंदिर होते हुए एयरपोर्ट तक पहुंचा। इस दौरान श्रीमती गुप्ता कई स्थानों पर जनसभाओं को भी संबोधित किया। इस दौरान हजारों की संख्या में मतदातागण, आप पार्षद प्रत्याशी, प्रदेश एवं जिला पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।