ईवीएम के मायाजाल में छिपा संघ और जनता का विरोध...
कलयुग में अब "ईवीएम की ही सरकार" है !
भाजपा की जीत के पीछे कुछ अनसुलझे सवाल और रहस्य जनता के मन में छाए हुए हैं, जहां वर्तमान विधानसभा चुनाव में बीजेपी की बंपर जीत से जहां मीडिया, जनता और स्वयं बीजेपी के जमीनी नेता भी आश्चर्यचकित है, आखिर कैसे ये चमत्कार हो गया...?
ईवीएम की आड़ में भाजपा संघ की मेहनत का ढिंढोरा पीट रही है जबकि संघ ने मप्र, राजस्थान छत्तीसगढ़ सहित भाजपा नेताओ का विरोध किया, देवास में भी हिंदुत्व की छवि लिए कांग्रेस के युवा प्रत्याशी प्रदीप चौधरी का खुलकर समर्थन किया। जबकि देवास सांसद ने परदे के पीछे प्रदीप की सहायता जगजाहिर है।
भाजपा के कुछ नेताओं की हार की पटकथा संघ ने लिखी !
सूत्रों का कहना है कि हिदुत्व के असली मुद्दों से भाजपा भाग रही, जिसके विपरीत आज प्रदेश में भाजपा का भ्रष्टाचार और कानून अव्यवस्था का बोल बाला है। इस बार सभी पूर्व रुझानों में कांग्रेस की सरकार बनती नजर आ रही थी, संघ और अपने नेताओ की गुटबाज़ी से भाजपा परेशान थी। संघ से नाराज स्वयं सेवकों ने भी भाजपा के खिलाफ दमदारी से प्रचार किया।
अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि मोदी और शाह ने जमाया ईवीएम का मायाजाल !
भाजपा के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि सारा मामला ईवीएम में सेट है, किसको जिताना है किसको हराना है इसकी पटकथा दिल्ली में लिखी गई, शिवराज के चेहरे को जनता ने नकारा अब 2024 के पहले फिर हार का तमगा मोदी अपने माथे पर नही लेना चाहते थे, इसीलिए गोदी मीडिया को साथ लेकर रचा ईवीएम का मायाजाल।
कांग्रेस की तेलंगाना में जीत दिखावा !
तेलंगाना में कांग्रेस सरकार बनी या यूं कहे की ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं की क्योंकि कि एक जीत के पीछे 3 राज्यों में की गई बदमाशी भी जायज़ लगे। एक राज्य गंवाने की शर्त पर 3 बड़े हिंदी भाषी राज्य भाजपा ने हथिया लिए। अब तेलंगाना की जीत पर कांग्रेसियों के मुंह पर ताले भी लग गए और कोई ईवीएम के मायाजाल की बात नही कहेगा।
2024 की लड़ाई आसान नहीं
कुछ लोगों का मनना है कि भारत में मीडिया और जनता मजबूत होते एक नए राहुल गांधी की ओर आकर्षित हो रही है ! इसी का डर मोदी और भाजपा को सता रहा है रोज नई इवेंट के सहारे मोदी अपनी लोकप्रियता को बढ़ाने की जुगत में थे लेकिन लगातार उनका ग्राफ गिरता जा रहा था, इसलिए ईवीएम का स्वांग रचा गया।
कांग्रेस से सवाल
सवाल– जीतू पटवारी को क्यों हराया......?
जवाब– कांग्रेस के सक्रिय नेता बोलने में माहिर
सवाल– कमलेश्वर पटेल को क्यों हराया गया....?
जवाब–लगातार कांग्रेस पार्टी में सक्रियता और ऊपर तक पहुंच
सवाल– नीलांशु को क्यों हराया....?
जवाब– आरएसएस के गढ़ में लगातार कांग्रेस सक्रियता विंध्य क्षेत्र में राष्ट्रीय स्थिर का नेता होना
भाजपा से सवाल
सवाल - नरोत्तम को क्यों हराया....?
जवाब - क्योंकि वे खुद को मुख्यमंत्री का दावेदार मानने लगे थे, उनकी कार्यशैली से भाजपा और संघ नाराज था इसलिए हार के लिए सेट थी ईवीएम
सवाल - इमरती देवी को क्यों हराया..?
सिंधिया समर्थकों में कई नेताओं को हराने के लिए सेट थी ईवीएम जिसकी पूरी जानकारी सिंधिया को भी थी, दरअसल उनके कई नेता खुद सिंधिया की गले की फांस बन गए थे इमरती सहित कई और हारे नेताओ के आने से भाजपा और सिंधिया की छवि टूट रही थी l इसलिए हार के लिए सेट थी ईवीएम।
कांग्रेस के दिग्गज नेताओं खिलाफ मोर्चाबंदी
2024 के मोदी मिशन में कमलनाथ सरकार रोड़ा थी, कांग्रेस के 2 और राज्यों में जहां कांग्रेस की सरकार थी यानी छत्तीसगढ़ और राजस्थान। दोनो राज्यों में कांग्रेस ने बेहतर काम किया जनता का बढ़ता रुझान देख दोनो राज्यों की कहानी ईवीएम ने लिखी। 3 राज्यों में अप्रत्याशित नतीजे निश्चित तौर पर किसी षड्यंत्र की ओर इशारा कर रहे हैं। दिग्गज कांग्रेस नेताओ को ईवीएम ने हराया, जबकि भाजपा के कई नेता भारी विरोध के बावजूद जीते। नतीजे के बाद जनता बस यही बोल रही है हमने तो कांग्रेस को वोट दिया...लेकिन हमारे साथ फिर धोखा हुआ...
जितेन्द्र सिंह
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