सामाजिक समरसता का संदेश दे रहा मैथाना गांव...

जात-पात से ऊपर उठकर एक साथ कर रहे भोजन, किसी के घर नहीं जल रहा है चूल्हा

सामाजिक समरसता का संदेश दे रहा मैथाना गांव...

ग्वालियर। सियाराम मय सब जग जानी, करहुं प्रणाम जोरि जुग पानी।...जड़ चेतन जग जीव जत सकल राममय जानि, बंदऊं सब के पद कमल सदा जोरि जुग पानि। रामचरित मानस की यह चौपाई इन दिनों मुरार से करीब 12 किलोमीटर दूर स्थित मैथाना गांव में चरितार्थ हो रही है। यहां चल रही श्रीमद्भागवत कथा में जहां ज्ञान की गंगा प्रवाहित हो रही है, वहीं यहां जात-पात, ऊंच-नीच की भावना से ऊपर उठकर भाईचारे की भावना से सभी एक साथ भोजन कर सामाजिक समरसता का संदेश दे रहे हैं। कहते हैं जहां प्रेम होता है, वहां ईश्वर का वास होता है। मैथाना गांव में भी इन दिनों ऐसा ही महसूस हो रहा है। 

श्रीमद्भागवत कथा की वजह से यहां का माहौल भक्ति से सराबोर है। गांव के सभी लोग वसुधैव कुटुम्बकम और सर्वे भवन्तु सुखिन: की भावना से काम कर रहे हैं। ग्रामीणों का सहयोग, सद्भाव और समरसता देखते ही बनती है। करीब एक हजार आबादी वाले इस गांव में शाम को किसी के घर में चूल्हा नहीं जल रहा है। सभी एक साथ मिलजुलकर भोजन कर रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुषांगिक संगठन किसान संघ और ग्राम विकास के कार्यकर्ता भी पूरी तल्लीनता के साथ व्यवस्था करने में जुटे हुए हैं। कथा के परीक्षित देव सिंह किरार के छोटे भाई पूर्व सरपंच हरी सिंह किरार ने बताया कि चार धाम यात्रा करने के बाद बड़े भाई के मन में श्रीमद्भागवत कथा करने की इच्छा थी, लेकिन पिछले तीन साल से कोरोना काल की वजह से वह नहीं कर पा रहे थे। 

कार्यक्रमों पर पाबंदी हटने के बाद प्रभू की कृपा से अब कथा का आयोजन हो पा रहा है। कथा वाचक पं. धर्मेन्द्र उपाध्याय हैं। श्रीमद्भागवत कथा के समापन पर 22 मई को होने वाले भंडारे में 28 गांवों का धुंआ बंद न्योता किया गया है। जिसमें करीब 40 हजार लोग प्रसादी ग्रहण करेंगे। कथा के आखिरी के दो दिन भोजन का खर्चा परीक्षत देव सिंह किरार उठाएंगे। पांच दिन की प्रसादी की व्यवस्था परिवार के लोगों ने की थी। गांव और आसपास के लोग भी पूरे तन, मन से व्यवस्था संभाल रहे हैं। व्यवस्था के लिए समितियां बनाई गई हैं। पूर्व सरपंच हरी सिंह किरार ने बताया कि कथा में पूरे गांव की बेटियों को भी आमंत्रित किया गया है। उन्हें सम्मान सहित बर्तन देकर विदा किया जाएगा।

भारत विकास परिषद ने गोद लिया मैथाना गांव

भारत विकास परिषद शाखा ग्वालियर ने मैथाना गांव को गोद लिया है। समग्र ग्राम विकास योजना के तहत यहां 31 मार्च 2022 को स्वास्थ्य केन्द्र का शुभारंभ किया गया है। हर सप्ताह शनिवार या रविवार को यहां भारत विकास परिषद से जुड़े चिकित्सक आसपास के 12 गांवों के मरीजों का सुबह 10 से दोपहर 1 बजे तक नि:शुल्क प्राथमिक उपचार करते हैं। साथ ही उन्हें नि:शुल्क दवाई देते हैं। 

बताया गया है कि यहां के समीपस्थ 12 गांवों में कोई भी स्वास्थ्य केन्द्र नहीं है। परिषद से जुड़े लोग एक दिन पहले ही गांवों मेें सूचना कर देते हैं कि इस दिन स्वास्थ्य शिविर आयोजित किया जाएगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग संघचालक विजय गुप्ता ने बताया कि स्वास्थ्य केन्द्र के पास सत्संग भवन बनाया जा रहा है। इसके अलावा तीन बीघा जमीन पर खेल मैदान बनाएंगे। साथ ही मुक्तिधाम का निर्माण करेंगे। 

श्री गुप्ता ने बताया कि सांसद विवेक शेजवलकर ने इस कार्य में अपनी सांसद निधि से सहयोग करनेे का आश्वासन दिया है। इस अवसर पर डॉ. प्रकाश लोहिया, डॉ.वीरा लोहिया, डॉ.रेखा त्रिपाठी, रामकुमार चौपड़ा, भारत विकास परिषद शाखा ग्वालियर के अध्यक्ष अमित सेठी, सचिव मोहन अग्रवाल, राम मोहन त्रिपाठी, ओपी जैन, प्रदीप सक्सेना, अलोपी बंसल, रमा सक्सेना, आलोक खंडेलवाल आदि उपस्थित थे।

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