G News 24 : World War II का हीरो 100 साल की उम्र में शादी करने जा रहा है !

 टेरेंस 96 साल की गर्लफ्रेंड के साथ शादी करने जा रहा है...

World War II का हीरो 100 साल की उम्र में शादी करने जा रहा है !

प्यार की कहानियां आपने भी खूब सुनी होंगी। प्यार करने की कोई उम्र नहीं होती है। प्यार तो किसी को कभी भी हो सकता है। फिल्मों में हीरो हीरोइन को आपने इश्क फरमाते भी देखा होगा लेकिन हम आपको एक अनोखी प्रेम कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं। असल में यह कहानी नहीं बल्कि सच्ची घटना है। घटना भी ऐसी जिसके बारे में जानकर आप हैरत में पड़ जाएंगे। दरअसल, 100 साल का एक शख्स अपनी 96 साल की गर्लफ्रेंड के साथ शादी करने जा रहा है। दोनों एक-दूसरे को साल 2021 से डेट कर रहे हैं।

खास है शादी की जगह 

अमेरिका के लिए विश्व युद्ध II में हेरोल्ड टेरेंस ने बड़ी बहादुरी से जंग लड़ी थी। विश्व युद्ध वो किसी हीरो से कम नहीं थे। जंग के दिन बीत गए, सालों गुजर गए लेकिन अब  टेरेंस अपने प्यार की वजह से चर्चा में आ गए हैं। हेरोल्ड टेरेंस की पर्सनल लाइफ को लेकर लोग बात कर रहे हैं। असल में टेरेंस फ्रांस में अपनी प्रेमिका के साथ शादी के बंधन में बंधने वाले हैं। दोनों की शादी उस समुद्री तट पर हो रही है जहां वर्ल्ड वॉर के दौरान अमेरिकी सेना जंग लड़ने के लिए उतरी थी।

किया जाएगा सम्मानित 

खास बात यह भी है कि विश्व युद्ध II के दौरान अमेरिकी एयरफोर्स का हिस्सा रह चुके हेरोल्ड को 6 जून के दिन डी-डे लैंडिंग की 80वीं वर्षगांठ पर सम्मानित किया जाएगा। यह वही दिन था जब अमेरिका ने मित्र देशों से जुड़कर वर्ल्ड वॉर का रुख बदल दिया था। इस वॉर में हेरोल्ड उन खुशकिस्मत लोगों में से थे जो जिन्दा बचकर लौट आए थे।

कौन हैं टेरेंस की प्रेमिका

हेरोल्ड टेरेंस की प्रेमिका का नाम स्वेरलिन है। स्वेरलिन की शादी 21 साल की उम्र में हुई थी और वह 40 की उम्र में विधवा होने से पहले दो लड़कियों और एक लड़के की मां थी। शादी के 18 साल बाद उनके दूसरे पति की मृत्यु हो गई। वह 2019 में सोल काट्ज़ की मृत्यु से पहले 25 साल तक उनके साथ रहीं। उनके सात पोते-पोतियां और सात परपोते हैं। यह काट्ज़ की बेटी, जोआन शोशेम थी, जिसने उन्हें 2021 में टेरेंस से मिलवाया था।

ऐसे शुरू हुई लव स्टोरी 

स्वेरलिन टेरेंस से तब मिलीं जब उनके बच्चे वर्षों पहले उनके पोते-पोतियों के साथ एक शिविर में गए थे। शोशेम ने स्वेरलिन के बारे में कहा, "उसने मेरे पिता को बहुत खुशी दी।" "मैं नहीं चाहती थी कि वो अकेली रहें।" लेकिन थेल्मा की मृत्यु के बाद, टेरेंस को अन्य महिलाओं में कोई दिलचस्पी नहीं थी और उसने बमुश्किल स्वेरलिन पर ध्यान दिया।

स्वेरलिन ने क्या बताया 

स्वेरलिन ने बताया, ''ऐसा कुछ भी नहीं था।'' फिर भी, टेरेंस के दोस्त स्टेनली ईसेनबर्ग उन्हें अगली रात डिनर पर ले गए। ईसेनबर्ग ने कहा, "मैंने उसे पहले कभी इस तरह चमकते हुए नहीं देखा था। मैंने कहा, 'तुम प्यार में हो'' टेरेंस ने कहा, 'मुझे नहीं पता, मेरे मन में इस तरह भावनाएं पहले कभी नहीं आई थीं।''

'प्यार में होना सिर्फ युवाओं के लिए नहीं है'

स्वेरलिन ने कहा, उस डेट के बाद टेरेंस ने मुझे उसे ठुकराने का "मौका नहीं दिया"। 94 साल की उम्र में भी वह प्यार में थीं। उन्होंने हंसते हुए कहा, "वह मुझे पूरी दुनिया से परिचित करा रहा था, 'मैं चाहता हूं कि तुम मेरी प्रियतमा से मिलो,' और मैं उसे दो दिन से ज्यादा नहीं जानती थी।" “प्यार में होना सिर्फ युवाओं के लिए नहीं है।'' फिलहाल, अब पूरी दुनिया में मशहूर हो चुके इस जोड़े की शादी होने वाली है। लोग बेहद दिलचस्पी ने इनके बारे में जानना चाह रहे हैं।

G News 24 : भारत में 7.82 प्रतिशत घट गई हिंदुओं की आबादी एवं मुस्लिमों की 43.15 फीसदी बढ़ गई !

 इकोनॉमिक एडवायजरी काउंसिल टू प्राइम मिनिस्टर द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में हुआ है खुलासा ...

भारत में 7.82 प्रतिशत घट गई हिंदुओं की आबादी एवं मुस्लिमों की 43.15 फीसदी बढ़ गई  !

प्रधानमंत्री को सलाह देने वाली इकोनॉमिक एडवायजरी काउंसिल ने काफी अहम आंकड़ा जारी किया है। काउंसिल की ओर से जारी किए गए एक वर्किंग पेपर के मुताबिक, भारत में 1950 के बाद से हिंदुओं की आबादी में बड़ी गिरावट देखी गई है। वहीं, मुस्लिमों की आबादी का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। बहुसंख्यकों की आबादी में गिरावट का ये ट्रेंड नेपाल और म्यांमार में भी देखा गया है। हालांकि, 38 इस्लामिक देशों में मु्स्लिमों की आबादी में बढ़ोतरी देखी गई है। 

हिंदुओं की आबादी में कमी

इकोनॉमिक एडवायजरी काउंसिल की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में साल 1950 से 2015 के बीच हिंदुओं की आबादी 7.82 फीसदी कम हो गई है। वहीं, इसी दौरान मुस्लिमों की आबादी में 43.15 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। आसान भाषा में समझें तो 1951 में हुई जनगणना के अनुसार, भारत में हिंदू 84.10 प्रतिशत थे। हालांकि, 2015 में हिंदुओं की हिस्सेदारी 77.52 फीसदी पर आ गई। इश दौरान हिंदुओं की आबादी में 7.82 प्रतिशत की कमी हुई। वहीं, 1951 में मुस्लिम भारत में 9.80 फीसदी थे। 2015 में बढ़ोतरी के साथ ये संख्या 14.02 फीसदी हो गई है। 1951-2015 के बीच मुस्लिमों की आबादी में 43.15 फीसदी का इजाफा देखा गया। 

भारत में फल-फूल रहे हैं अल्पसंख्यक

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट बताती है कि भारत में अल्पसंख्यक सुरक्षित हैं काफी अच्छी तरह फल-फूल रहे हैं। भारत में सिर्फ मुस्लिम ही नहीं बल्कि सिख और ईसाई धर्म की आबादी में भी बढ़ोतरी हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, देश में सिख आबादी में  6.58 प्रतिशत और ईसाई आबादी में  5.38 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, देश में पारसी और जैन धर्म के लोगों की आबादी घटी है। 

मुस्लिमों देशों में अलग है ट्रेंड

किसी मुस्लिम बहुल देश में आबादी में परिवर्तन का ये ट्रेंड थोड़ा अलग है। जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक,  38 मुस्लिम बहुल देशों में मुसलमानों की हिस्सेदारी बढ़ी है। पाकिस्तान में 1950 में मुस्लिम 77.45 फीसदी थे। अब पड़ोसी देश में मुस्लिम 80.36 प्रतिशत हो गए। इस दौरान बांग्लादेश में मुस्लिम 74.24 प्रतिशत से बढ़कर 88.02 प्रतिशत हो गए। अफगानिस्तान में मुस्लिम आबादी 88.75 प्रतिशत से बढ़कर 89.01 प्रतिशत हो गई। मालदीव में मुस्लिम 99.83 प्रतिशत से घटकर 98.36 प्रतिशत हैं जो कि मामूली गिरावट है। 

भारत के इन पड़ोसियों का हाल भी जानें

इस रिपोर्ट में म्यांमार में बौद्धों की आबादी 78.53 प्रतिशत से घटकर 70.80 प्रतिशत, श्रीलंका में बौद्धों की आबादी 64.28 प्रतिशत से बढ़कर 67.65 प्रतिशत और भूटान में बौद्धों की आबादी 71.44 प्रतिशत से बढ़कर 84.07 प्रतिशत हो गई है। हालांकि, दूसरी ओर नेपाल में देखें तो हिंदुओं की आबादी 84.30 प्रतिशत से घटकर 81.26 प्रतिशत हो गई है।

G News 24 : डैमेज कंट्रोल होते देख सैम पित्रोदा को अपने पद से देना पड़ गया इस्तीफा !

विवादित बयानों के सरताज पर गिरी गाज.. 

डैमेज कंट्रोल होते देख सैम पित्रोदा को अपने पद से देना पड़ गया इस्तीफा !

सैम पित्रोदा ने इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के चीफ रहते हुए उन्होंने जो जो बयान दिए हैं, उनसे डैमेज कंट्रोल होते देख सैम पित्रोदा को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ गया है। असल में इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के चीफ सैम पित्रोदा ने हाल ही में नया विवादित बयान दिया जब उन्होंने कहा कि उत्तर भारत के लोग तो गोरे जैसे नजर आते हैं, जबकि, पूर्वी भारत के लोग चाइनीज जैसे दिखते हैं. दक्षिण भारतीय लोग अफ्रीकन जैसे और पश्चिम भारत के लोग अरब के लोगों जैसे दिखते हैं.

वैसे तो सैम पित्रोदा लंबे समय से अपने बयानों के चलते चर्चा में रहे लेकिन हुआ यह कि इस बार पित्रोदा ने जो टिप्पणी कर दी, वो कांग्रेस भी नहीं पच पाया. बीजेपी हमलावर हो गई. यहां तक कि एक रैली में पीएम मोदी ने इन टिप्पणियों को ‘‘नस्ली’’ बताते हुए कहा कि लोग त्वचा के रंग के आधार पर देशवासियों का अपमान करने के प्रयास को बर्दाश्त नहीं करेंगे.

नस्लीय टिप्पणी को लेकर पूरे देश में विवाद बढ़ गया

अब चूंकि नस्लीय टिप्पणी को लेकर पूरे देश में विवाद बढ़ गया, ऐसे में सैम पित्रोदा ने इस पद से इस्तीफा दे दिया है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी इसकी पुष्टि की है. जयराम रमेश ने कहा कि सैम पित्रोदा ने अपनी मर्ज़ी से इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का फ़ैसला किया है. कांग्रेस अध्यक्ष ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है.

कांग्रेस ने खुद को अलग कर लिया..

इससे पहले पित्रोदा के बयान पर विवाद बढ़ने के बाद कांग्रेस ने उनके बयान से खुद को अलग कर लिया था. कांग्रेस महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने यह भी लिखा कि सैम पित्रोदा द्वारा भारत की विविधताओं को जो उपमाएं दी गई हैं, वह अत्यंत गलत व अस्वीकार्य हैं. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इन उपमाओं से अपने-आप को पूर्ण रूप से अलग करती है.

सैम पित्रोदा का एक पॉडकास्ट सामने उठा विवाद 

हाल ही में यह पूरा मामला तब शुरू हुआ जब सैम पित्रोदा का एक पॉडकास्ट सामने आया था जिसमें उन्होंने कहा था कि वह उस भारत में विश्वास रखते हैं जहां भाषा, धर्म, संस्कृति, रंग-रूप, रिवाज, खान-पान आदि की विविधता के बावजूद लोग 70-75 साल से, कुछ छिटपुट झगड़ों को छोड़कर, खुशनुमा माहौल में एक साथ रह रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम भारत जैसे विविधता से भरे देश को एक साथ लेकर चल सकें, जहां पूरब के लोग चीनियों जैसे दिखते हैं तो पश्चिम के लोग अरब जैसे, उत्तर के लोग संभवतः गोरों जैसे तो दक्षिण के लोग अफ्रीकियों जैसे, लेकिन इन सबसे कोई फर्क नहीं पड़ता.

पीएम मोदी ने भी लिया था आड़े हाथ ..

पित्रोदा के बयान पर भारत में बवाल मच गया. पीएम मोदी ने भी तंज कसा. पीएम मोदी ने तेलंगाना के वारंगल में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि शहजादे के फिलॉस्फर और गाइड अंकल ने बड़ा रहस्य खोला है. उन्होंने कहा कि जिनकी चमड़ी का रंग काला होता है, वो सब अफ्रीका के हैं, मतलब देश के अनेक लोगों को चमड़ी के रंग के आधार पर उन्होंने इतनी बड़ी गाली दे दी. इसके अलावा कई भाजपा नेताओं ने भी पित्रोदा के बयान पर जमकर हमला बोला.

सैम पित्रोदा गांधी परिवार के करीबी माने जाते हैं

एक जमाने में राजीव के करीबी रहे और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा गांधी परिवार के करीबी माने जाते हैं. वे अमेरिका में रहते हैं. ये वही सैम पित्रोदा हैं जो अभी कुछ ही साल पहले सिख विरोधी दंगों पर आपत्तिजनक बयान देकर चर्चा में आए थे. तब उन्होंने कहा था कि मैं इसके बारे में नहीं सोचता हूं. 

विवादित बयानों के सरताज...

कुछ दिन पहले ही उन्होंने कहा था कि एक बार जब राजीव गांधी ने ने लगातार पांच हजार लोगों से हाथ मिलाया तो उनकी हथेली से खून बहने लगा था. हालांकि पित्रोदा ने यह भी कहा कि वे सभी लोग गांवों के थे और उनमें से ज्यादातर खुरदरी त्वचा वाले मेहनत वाले लोग थे. उन्होंने बताया कि इसके बाद राजीव गांधी की हथेली से खून बहने लगा. उन्होंने राम मंदिर पर बयान देते हुए कहा था कि यह राष्ट्रीय महत्व का मुद्दा नहीं होना चाहिए. हालांकि कांग्रेस ने राम मंदिर वाले उनके बयान से खुद को अलग कर लिया था.

G News 24 : टोल से बचने के लिए एक्टर ने CM के कारकेड के साथ निकलना चाहा और धरा गया !

 लगाया ऐसा दिमाग कि होना पड़ा शर्मिंदा...

टोल से बचने के लिए एक्टर ने CM के कारकेड के साथ निकलना चाहा और धरा गया !

महाराष्ट में एक एक्टर को टोल से बचने के लिए अपना दिमाग दौड़ाना काफी महंगा पड़ गया है, क्योंकि उसे बाद में काफी शर्मिंदा होना पड़ गया. टोल से बचने के लिए एक्टर ने कुछ ऐसा कर दिया था, जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है. सोशल मीडिया पर वीडियो बनाने वाले एक 30 साल के एक्टर ने मुंबई में बांद्रा वर्ली 'सी लिंक' पर टोल चुकाने से बचने के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के काफिले का कथित तौर पर सहारा लिया. इस एक्टर ने सीएम शिंदे के काफिले के साथ अपनी कार को जोड़ लिया, ताकि मुख्यमंत्री के काफिले के साथ उसकी भी कार निकल जाए और टोल भी ना देना पड़े. लेकिन एक्टर का यह दांव उन पर उल्टा पड़ गया है, क्योंकि एक्टर को गिरफ्तार कर लिया गया. एक पुलिस अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी.

शुभम कुमार के रूप में हुई आरोपी की पहचान

बांद्रा थाने के एक अधिकारी के मुताबिक, आरोपी व्यक्ति की पहचान शुभम कुमार के रूप में हुई है, जो अपने परिवार के सदस्यों के साथ एक कार में था. उन्होंने बताया कि सोमवार को सी लिंक टोल प्लाजा के वीआईपी लेन (टोल मुक्त) पर आरोपी ने अपनी कार को मुख्यमंत्री के काफिले में शामिल गाड़ियों के पीछे लगा दिया था. ड्यूटी पर तैनात ट्रैफिक पुलिस के एक जवान ने उसे रुकने का इशारा किया था.

बांद्रा पुलिस ने किया गिरफ्तार

अधिकारी ने आगे बताया कि ट्रैफिक पुलिस सिपाही के इशारा करने के बावजूद एक्टर नहीं रुका, इसलिए उसे वर्ली के पास पकड़ लिया गया. जिसके बाद उसे बांद्रा पुलिस को सौंप दिया गया. बांद्रा पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.

पूछताछ में उगला सच

पुलिस को पूछताछ के दौरान पता चला कि आरोपी ने टोल से बचने के चक्कर में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के काफिले का सहारा लिया था. पुलिस ने यह भी बताया कि शुभम कुमार पर भारतीय दंड संहिता (IPC) और मोटर वाहन एक्ट के प्रोविजन के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.

G News 24 : बीमारी का बहाना बना छुट्टी लेने वाले कर्मचारियों को,एयर इंडिया एक्सप्रेस ने कर दिया टर्मिनेट !

 'आपने नियमों का उल्लंघन किया...

बीमारी का बहाना बना छुट्टी लेने वाले कर्मचारियों को,एयर इंडिया एक्सप्रेस ने कर दिया टर्मिनेट !

बिना किसी नोटिस के सामूहिक तौर पर 'बीमारी' का हवाला देकर छुट्टी पर जाने वाले कर्मचारियों को एयर इंडिया एक्सप्रेस ने नौकरी से निकाल दिया है. टाटा ग्रुप के स्वामित्व वाली एयर इंडिया एक्सप्रेस के 100 से ज्यादा केबिन क्रू मेंबर्स ने अचानक 'सिक लीव' लगाकर छुट्टी ले ली, जिसकी वजह से मंगलवार रात से एयरलाइन को अपनी 90 से ज्यादा फ्लाइट्स को कैंसिल करना पड़ी. इसके चलते हजारों यात्री परेशान हुए हैं. 

दरअसल, सीनियर केबिन क्रू मेंबर्स का एक ग्रुप एयर इंडिया एक्सप्रेस की ह्यूमन रिसोर्स (एचआर) पॉलिसी में हुए बदलाव को लेकर विरोध जताने के लिए छुट्टी पर चला गया था. एयर इंडिया एक्सप्रेस और एआईएक्स कनेक्ट (जिसे पूर्व में एयर एशिया इंडिया के तौर पर जाना जाता था) का विलय होने वाला है. इस विस्तार को ध्यान में रखते हुए अब एयरलाइन में केबिन क्रू के लिए हायरिंग भी शुरू कर दी है. इस बात को लेकर कुछ केबिन क्रू नाराज चल रहे हैं.

नियमों का उल्लंघन कर ली गई छुट्टी: एयर इंडिया एक्सप्रेस

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, छुट्टी पर जाने वाले केबिन क्रू मेंबर्स को ईमेल कर टर्मिनेट करने की जानकारी दी गई है. एयरलाइन में ईमेल में कहा है कि क्रू मेंबर्स बिना किसी कारण जानबूझकर गैर हाजिर हुए. अनुपस्थित होने की कोई खास वजह भी नजर नहीं आ रही है. बड़े पैमाने पर सिक लीव लेना नियमों का उल्लंघन है. सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि ऐसा करके कर्मचारियों ने अपने ऊपर लागू 'एयर इंडिया एक्सप्रेस लिमिटेड एंप्लॉय सर्विस रूल्स' का भी उल्लंघन किया है.

एक ही वक्त बीमार पड़े कई क्रू मेंबर्स: एयर इंडिया एक्सप्रेस

एयरलाइन ने आगे कहा कि क्रू मेंबर्स का रोस्टर मंगलवार को ही तय कर दिया गया था. हालांकि आपने आखिरी पलों में शेड्यूलिंग टीम को बताया कि आप बीमार हैं और सीक लीव ली. इसने कहा, "यह देखने को मिला है कि ठीक उसी समय बड़ी संख्या में अन्य केबिन क्रू मेंबर्स ने भी बीमार होने की बात कही और ड्यूटी पर नहीं आए. यह साफ तौर पर दिखाता है कि बिना किसी ठोस वजह से गैरहाजिर होने की योजना थी. एयर इंडिया एक्सप्रेस ने कहा, "केबिन क्रू के छुट्टी पर जाने की वजह से बड़ी संख्या में फ्लाइट्स को कैंसिल करना पड़ा है. इसकी वजह से पूरा शेड्यूल बाधित हुआ है, जो हमारे यात्रियों के लिए बड़ी परेशानी बनकर उभरा है." इसने कहा, "आपकी ये हरकत दिखाती है कि आप लोग ऑपरेशन और सर्विस को बाधित करना चाहते थे.

G News 24 : एंटीवायरस अभियान के तहत 1 हजार लोगों से ठगी करने वाले 23 साइबर ठगों को पकड़ा

डीग जिला पुलिस ने र 23 साइबर ठगों को पकड़ा !

 एंटीवायरस अभियान के तहत 1 हजार लोगों से ठगी करने वाले 23 साइबर ठगों को पकड़ा

राजस्थान। राजस्थान के भरतपुर और डीग का मेवात क्षेत्र ऑनलाइन साइबर ठगी को लेकर देशभर में चर्चित है. लेकिन जब से यहां साइबर ठगों को पकड़ने के लिए Operation Anti-Virus चलाया जा रहा. इस क्षेत्र में पुलिस की कार्रवाई से साइबर ठगी के मामलों में गिरावट देखी गई है और पुलिस के भय के चलते साइबर ठग क्षेत्र को छोड़कर अन्य जगह चले गए हैं. 

साइबर ठगों पर नकेल कसने का काम भरतपुर रेंज आईजी राहुल प्रकाश के द्वारा चलाए गए एंटी वायरस अभियान से ही संभव हो पाया है. एंटी वायरस अभियान की शुरुआत 1 मार्च को हुई थी.मार्च और अप्रैल माह में साइबर ठगी के मामलो में कमी देखी गई है.अभियान के तहत आज बुधवार को भी डीग जिला पुलिस ने 23 साइबर ठगों को पकड़ा है जिनमें 5 नाबालिग भी शामिल है. जिनके पास से 46 मोबाइल सिमकार्ड सहित,6 मोबाइल सिम,1 एटीएम 3 चेक़बूक ,4 जमीनों के कागजात ,क्रेटा कार, 1 ट्रेक्टर व 2 बाइक जब्त की है. आरोपी अब तक 1 हजार से ज्यादा लोगों से करोड़ो रूपये की ठगी कर चुके है.

भरतपुर रेंज आईजी राहुल प्रकाश ने बताया कि भरतपुर डीग का मेवात क्षेत्र ऑनलाइन साइबर ठगी का गढ़ है. इन ठगों पर नकेल कसने के लिए भरतपुर रेंज में 1 मार्च को एंटीवायरस अभियान शुरू किया था. इस अभियान के चलते साईबर ठगी के मामलो में 33.89% कमी आई है. डीग जिले के मेवात क्षेत्र में फरवरी माह में 6530 मामले थे जबकि एंटी वायरस अभियान के बाद अप्रैल माह में मामलो की संख्या 4317 रह गई है. इन मामलों की जानकारी केंद्र सरकार के इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर को दी गई है.

मार्च और अप्रैल में 133 गिरफ्तारी

एंटीवायरस अभियान के तहत मार्च और अप्रैल माह में 51 केस दर्ज करते हुए 133 अपराधियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए अपराधियों के कब्जे से 28.60 लाख रुपए जप्त किए हैं.252 मोबाइल ,134 एटीएम कार्ड,294 सिम कार्ड,9 माइक्रो एटीएम,6 स्वेप मशीन,25 कार,6 लैपटॉप ,6 कम्प्यूटर ,एक टैबलेट,28 पास बुक्स,37 चेक बुक,एक रुपए गिनने की मशीन ,5 पिस्तौल के साथ 6 कोर्टेज को बरामद किया जा चुका  है.

आईजी राहुल प्रकाश ने बताया कि मेवात क्षेत्र में इन अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के पुलिस को निर्देश दे रखे हैं. पुलिस के द्वारा इस क्षेत्र में लगातार निगरानी रखने के साथ जीरो टॉलरेंस नीति पर काम किया जा रहा है. यही वजह है कि ऑनलाइन ठगी में सक्रिय अपराधी या तो इस काम को छोड़ रहे हैं या फिर क्षेत्र को छोड़कर अन्य जगह चले गए हैं।

G News 24 :भारत बन गया विश्व का पहला प्रेषित धन (remittances) प्राप्त करने वाला देश !

  संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार,भारत अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों का उद्गम स्थल है...

भारत बन गया विश्व का पहला प्रेषित धन (remittances) प्राप्त करने वाला देश !

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संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र प्रवासन एजेंसी ने कहा है कि भारत को 2022 में 111 अरब डॉलर से अधिक धन प्रेषण प्राप्त हुआ जो दुनिया में सबसे अधिक है. इसके साथ ही वह 100 अरब डॉलर के आंकड़े तक पहुंचने वाला और उसे पार करने वाला पहला देश बन जाएगा. अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) ने मंगलवार को जारी अपनी विश्व प्रवासन रिपोर्ट 2024 में कहा कि 2022 में भारत, मैक्सिको, चीन, फिलीपींस और फ्रांस शीर्ष पांच धन प्रेषण प्राप्तकर्ता देश (remittance recipient countries) होंगे. धन प्रेषण का मतलब है कि भुगतान या उपहार के रूप में भेजी गई धनराशि.

रिपोर्ट में कहा गया, 'भारत बाकी देशों से काफी आगे रहा, जिसने 111 अरब डॉलर से अधिक प्राप्त किया, वह 100 अरब डॉलर के आंकड़े तक पहुंचने और उसे पार करने वाला पहला देश बना. वर्ष 2022 में मैक्सिको दूसरा सबसे बड़ा धन प्रेषण प्राप्तकर्ता रहा. यह स्थान इसने 2021 में भी बरकरार रखा, जब उसने चीन को पीछे छोड़ दिया, जो ऐतिहासिक रूप से भारत के बाद दूसरा सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता रहा था.'

रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार, भारत 2010 (53.48 बिलियन यूएसडी), 2015 ( 68.91 बिलियन यूएसएस) और 2020 ( 83.15 बिलियन यूएसडी) में प्रेषण प्राप्त करने वाला शीर्ष देश था, जिसमें प्रेषण 2022 में 100 बिलियन यूएसडी का आंकड़ा पार कर 111.22 बिलियन यूएसडी तक पहुंच गया. इसमें कहा गया है कि उपक्षेत्र से बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों के साथ, दक्षिण एशिया विश्व स्तर पर सबसे अधिक धन प्रेषण प्राप्त करने वाले देशों में से एक है.

दक्षिण एशिया में भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश टॉप पर: दक्षिण एशिया के तीन देश - भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश विश्व में अंतरराष्ट्रीय धन प्रेषण के शीर्ष दस प्राप्तकर्ताओं में शामिल हैं. ये इस उपक्षेत्र से श्रम प्रवास के महत्व को रेखांकित करता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को 2022 में 111 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक प्राप्त होने का अनुमान है.

यह दुनिया में अब तक का सबसे बड़ा अंतर्राष्ट्रीय धन प्रेषण प्राप्तकर्ता है और इस आंकड़े तक पहुंचने वाला पहला देश है. पाकिस्तान और बांग्लादेश 2022 में क्रमश: छठे और आठवें सबसे बड़े अंतर्राष्ट्रीय धन प्रेषण प्राप्तकर्ता थे जिन्हें क्रमशः लगभग 30 बिलियन अमरीकी डॉलर और 21.5 बिलियन अमरीकी डॉलर प्राप्त हुए.

हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि इस उपक्षेत्र में कई लोगों के लिए धन प्रेषण एक जीवन रेखा बनी हुई है, लेकिन इन देशों के प्रवासी श्रमिकों को अनेक प्रकार के जोखिमों का सामना करना पड़ रहा है, जिनमें वित्तीय शोषण, प्रवास लागत के कारण अत्यधिक वित्तीय ऋण, विदेशी द्वेष और कार्यस्थल पर दुर्व्यवहार शामिल हैं. खाड़ी देश विश्व भर के प्रवासी श्रमिकों के लिए महत्वपूर्ण गंतव्य बने हुए हैं.

वर्ष 2022 फुटबॉल विश्व कप ने उप-क्षेत्र के लिए प्रवासी श्रमिकों के महत्व के साथ-साथ अधिकारों के उल्लंघन को भी रेखांकित किया है. कई खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) देशों में कुल जनसंख्या में प्रवासियों का अनुपात अभी भी उच्च है. संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत और कतर में प्रवासियों की संख्या राष्ट्रीय जनसंख्या का क्रमशः 88 प्रतिशत, अर्थात् लगभग 73 और 77 प्रतिशत थी. अधिकांश प्रवासी, जिनमें से अनेक भारत, मिस्र, बांग्लादेश, इथियोपिया और केन्या जैसे देशों से आते हैं. वे निर्माण, आतिथ्य, सुरक्षा, घरेलू कार्य और खुदरा जैसे क्षेत्रों में काम करते हैं.

भारत अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों का उद्गम स्थल: रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग 18 मिलियन या कुल जनसंख्या का 1.3 प्रतिशत, भारत दुनिया में सबसे बड़ी संख्या में अंतर्राष्ट्रीय प्रवासियों का उद्गम स्थल भी है, जिनमें से बड़ी संख्या में प्रवासी संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका और सऊदी अरब जैसे देशों में रहते हैं. भारत 4.48 मिलियन प्रवासियों के साथ 13वें स्थान पर है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत शीर्ष 10 अंतर्राष्ट्रीय देश-से-देश प्रवास गलियारों में से एक है. इस गलियारे में भारत- संयुक्त अरब अमीरात, भारत- अमेरिका, भारत- सऊदी अरब और बांग्लादेश शामिल हैं. मैक्सिको अब भारत के बाद दुनिया में अंतरराष्ट्रीय धन प्रेषण का दूसरा सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता है.

धन प्रेषण प्राप्तकर्ता में पिछड़ा चीन: चीन लंबे समय से दूसरे स्थान पर था, लेकिन 2021 में मैक्सिको ने इसे पीछे छोड़ दिया. अनुमान है कि मध्य अमेरिकी देश को 2022 में 61 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक प्राप्त हुआ, जबकि चीन को लगभग 51 बिलियन अमरीकी डालर प्राप्त हुए. रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन में धन प्रेषण प्रवाह में कमी के लिए कई कारक जिम्मेदार हैं, जिनमें जनसांख्यिकीय बदलाव शामिल हैं. इसके परिणामस्वरूप कामकाजी आयु वर्ग की आबादी कम हो गई है और देश की शून्य-कोविड नीति, जिसने लोगों को काम के लिए विदेश यात्रा करने से रोक दिया है.

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि एशिया के देश दुनिया में सबसे बड़ी संख्या में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मोबाइल छात्रों का उदगम स्थान है. वर्ष 2021 में दस लाख से अधिक अंतरराष्ट्रीय मोबाइल छात्र चीन से थे, जो विश्व स्तर पर अब तक की सबसे अधिक संख्या है. यह भारत के छात्रों की संख्या से दोगुने से भी अधिक है जो दूसरे स्थान (लगभग 508,000) पर है.

दुनिया में अंतरराष्ट्रीय मोबाइल छात्रों के लिए सबसे बड़ा गंतव्य देश अमेरिका (833,000 से ज्यादा) है. उसके बाद ब्रिटेन (करीब 601,000), ऑस्ट्रेलिया (करीब 378,000), जर्मनी (376,000 से ज्यादा) और कनाडा (करीब 318,000) का स्थान है. चीन भी अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण गंतव्य है. खास तौर पर कोरिया, थाईलैंड, पाकिस्तान और भारत के छात्रों के लिए.

रिपोर्ट में कहा गया है कि यूरोप और उत्तरी अमेरिका के गंतव्य देशों जैसे अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, स्पेन, इटली और भारत में भी पुरुष अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों की तुलना में महिलायें अधिक हैं. भारत में पुरुषों की तुलना में महिला प्रवासियों की संख्या थोड़ी ज्यादा है. पुरुष प्रवासियों के उच्च अनुपात वाले देशों में भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान शामिल हैं.अमेरिका में अनियमित प्रवासन एक सतत चुनौती और प्रमुख नीतिगत मुद्दा बना हुआ है. इसमें असामान्य मूल देशों से आने वालों की संख्या बढ़ रही है.