गरबा डांडिया महोत्सव 2022 : Day - 1

गरबा डांडिया महोत्सव 2022 : Day - 1

फूलबाग परिसर के लक्ष्मीबाई मैदान पर सोमवार को देवी स्थापना के साथ ही हुआ गरबा डांडिया महोत्सव 2022 का आगाज़

कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस से गहलोत बाहर !

अब इन दिग्गजों के नाम पर विचार कर रहा आलाकमान...

कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस से गहलोत बाहर


नई दिल्ली l  कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव की रेस से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बाहर हो गए हैं l  सूत्रों के अनुसार अशोक गहलोत ने सीएम पद छोड़ने से मना कर दिया था l  जिससे की पार्टी आलाकमान नाराज था l  वहीं कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अब पार्टी दूसरे विकल्प की तलाश में लग गई है l  जानकारी के अनुसार अध्यक्ष पद की रेस में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी नहीं है l  मल्लिकार्जुन खड़गे और दिग्विजय सिंह के नाम पर पार्टी विचार कर रही है l 

दरअसल अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद राजस्थान के सीएम का पद खाली होने वाला था l  इस पद के लिए पार्टी आलाकमान की पहली पसंद सचिन पायलट थे l  लेकिन अशोक गहलोत का समर्थन करने वाले विधायकों को सचिन पायलट सीएम के तौर पर किसी हाल में मंजूर नहीं थी. ऐसे में पार्टी के कई विधायकों ने सामूहिक इस्तीफे की धमकी दी थी l राजस्थान में कांग्रेस विधायक दल की बैठक रविवार रात को मुख्यमंत्री आवास पर होनी थी, लेकिन गहलोत के वफादार कई विधायक बैठक में नहीं आए l  उन्होंने संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के बंगले पर बैठक की और फिर वहां से वे विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी से मिलने चले गए थे l 

वहीं इस मामले को सुलझाने के लिए गहलोत खेमे के विधायकों से अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे ने बात करने की कोशिश की थी l  लेकिन विधायकों ने बात करने से इंकार कर दिया था l बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए घोषित कार्यक्रम के अनुसार, नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया 24 से 30 सितंबर तक चलेगी l  नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तिथि आठ अक्टूबर है. एक से अधिक उम्मीदवार होने पर 17 अक्टूबर को मतदान होगा और नतीजे 19 अक्टूबर को घोषित किये जाएंगे l 

पीएफआई के ठिकानों पर आज फिर कार्रवाई

दिल्ली, यूपी समेत आठ राज्यों में छापेमारी जारी...

पीएफआई के ठिकानों पर आज फिर कार्रवाई


टेरर फंडिंग पर शिकंजा कसने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के निर्देश पर देश की दूसरी एजेंसियों ने एक बार फिर से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के कई ठिकानों पर छापेमारी की है। आठ राज्यों में छापेमारी के दौरान कर्नाटक के कोलार से छह लोग गिरफ्तार किए गए हैं। इसके अलावा SDPI के सचिव को भी गिरफ्तार किया गया है।

कर्नाटक के अलावा असम से भी पीएफआई से जुड़े चार लोगों को कल नगरबेरा इलाके से हिरासत में लिया गया। पीएफआई के खिलाफ जिले के कई हिस्सों में छापेमारी अभी भी जारी है। इस बात की जानकारी असम के एडीजीपी (विशेष शाखा) हिरेन नाथ ने  दी है। 

 इससे पहले, असम पुलिस ने राज्य के विभिन्न हिस्सों से पीएफआई के कार्यकर्ताओं के 11 नेताओं और दिल्ली से एक नेता को गिरफ्तार किया था। दिल्ली से जामिया तक पीएफआई के ठिकानों पर NIA की छापेमारी हो रही है। संदिग्ध लोगों से पूछताछ भी की जा रही है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के मेरठ से लेकर बुलंदशहर तक PFI के ठिकानों पर ATS की छापेमारी की जा रही है।

बता दें कि बीते गुरुवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी के नेतृत्व में कई एजेंसियों ने देशभर में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान सौ से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया था। वहीं महाराष्ट्र एटीएस ने राज्य से 20 लोगों को हिरासत में लिया था। 

पॉपुलर फ्रट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई का गठन 17 फरवरी 2007 को हुआ था। देश में स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट यानी सिमी पर बैन लगने के बाद पीएफआई का विस्तार तेजी से हुआ है। कर्नाटक, केरल जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों में इस संगठन की काफी पकड़ बताई जाती है। इसकी कई शाखाएं भी हैं। इसमें महिलाओं के लिए- नेशनल वीमेंस फ्रंट और विद्यार्थियों के लिए कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया जैसे संगठन शामिल हैं।  

यहां तक कि राजनीतिक पार्टियां चुनाव के वक्त एक दूसरे पर मुस्लिम मतदाताओं का समर्थन पाने के लिए पीएफआई की मदद लेने का भी आरोप लगाती हैं। गठन के बाद से ही पीएफआई पर समाज विरोधी और देश विरोधी गतिविधियां करने के आरोप लगते रहते हैं।

YouTube को 45 वीडियो ब्लॉक करने का निर्देश

 फर्जी खबरें प्रसारित करने के लिए 45 यूट्यूब वीडियो प्रतिबंधित ...

YouTube को 45 वीडियो ब्लॉक करने का निर्देश

नई दिल्ली l केंद्र सरकार ने यूट्यूब को 10 यूट्यूब चैनलों से 45 वीडियो को ब्लॉक करने का निर्देश दिया है. ये प्रतिबंधित वीडियो को 1 करोड़ 30 लाख से अधिक बार देखा गया था. सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सरकार ने धार्मिक समुदायों के बीच घृणा फैलाने के इरादे से सामग्री में छेड़छाड़ करने और फर्जी खबरें प्रसारित करने के लिए 45 यूट्यूब वीडियो को प्रतिबंधित करने का आदेश दिया है.

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि जिन वीडियो को प्रतिबंधित किया गया है, उन्हें कुल मिलाकर 1.30 करोड़ बार देखा जा चुका है और उनमें दावा किया गया है कि सरकार ने कुछ समुदायों के धार्मिक अधिकार छीन लिए हैं. सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, "इन चैनलों में ऐसी सामग्री थी, जो समुदायों के बीच भय और भ्रम फैलाती है l

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रतिबंधित सामग्री में धार्मिक समुदायों के बीच घृणा फैलाने की मंशा से प्रसारित फर्जी खबरें और छेड़छाड़ किये गए वीडियो शामिल हैं. इसमें कहा गया है कि मंत्रालय द्वारा प्रतिबंधित किये गए कुछ वीडियो का इस्तेमाल अग्निपथ योजना, भारतीय सशस्त्र बलों, भारत का राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र, कश्मीर से जुड़े मुद्दों पर गलत सूचनाएं प्रसारित करने के लिए किया जा रहा था l

बयान के अनुसार, यह सामग्री राष्ट्रीय सुरक्षा और दूसरे देशों के साथ भारत के मैत्रीपूर्ण संबंधों के नजरिए से झूठी और संवेदनशील मानी गयी. इसमें कहा गया है कि इन वीडियो को प्रतिबंधित करने का आदेश सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशा निर्देश एवं डिजिटल मीडिया नैतिकता संहिता) नियम 2021 के प्रावधानों के तहत 23 सितंबर को जारी किया गया. ठाकुर ने बताया कि इससे पहले सरकार ने साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले 102 यूट्यूब चैनल और फेसबुक अकाउंट को प्रतिबंधित किया था।

प्रदेश में एक साल में नौ लाख आवास और बनेंगे

 मध्य-प्रदेश में अभी तक चार लाख प्रधानमंत्री आवास बने है…

प्रदेश में एक साल में नौ लाख आवास और बनेंगे

भोपाल। मध्य प्रदेश में छह माह में चार लाख प्रधानमंत्री आवास (ग्रामीण) बन चुके हैं। सितंबर 2023 तक कुल 13 लाख आवास बनाने का लक्ष्य है। जो चार लाख आवास बन गए हैं, उनमें जल्द हितग्राहियों का गृह प्रवेश कराया जाएगा। केंद्र सरकार ने प्रदेश को कुल 38 लाख आवास बनाने का लक्ष्य दिया था। एक अप्रैल 2022 से अभी तक चार लाख आवास का निर्माण हुआ है। इन्हें मिलाकर अभी तक 28 लाख 18 हजार आवास बन चुके हैं। नौ लाख से अधिक आवास सितंबर 2023 तक बनाए जाएंगे।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आवास प्लस योजना में साढ़े सात लाख आवास ग्रामीण क्षेत्र में बनाने का लक्ष्य मिला है। इनमें से एक लाख बन चुके हैं। आवास निर्माण को गति देने के लिए दस हजार व्यक्तियों को राज मिस्त्री का प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। इसके पहले 50 हजार व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। आवास निर्माण के लिए सेंट्रिंग बढ़ाने के लिए महिला स्व-सहायता समूहों को बैंकों से ऋण दिलाया जा रहा है।



आठवीं तक के विद्यार्थियों को चार जोड़ी गणवेश मिलेगी


प्रदेश के सरकारी स्कूलों में ...

आठवीं तक के विद्यार्थियों को चार जोड़ी गणवेश मिलेगी


भोपाल। प्रदेश के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को जल्द ही गणवेश मिलेगी स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा पहली से आठवीं तक के 66 लाख विद्यार्थियों के लिए स्व सहायता समूहों को गणवेश तैयार करने के निर्देश दे दिए गए हैं। इस बार विद्यार्थियों को चार जोड़ी गणवेश मिलेगी। सत्र 2021-22 व वर्तमान सत्र 2022-23 के गणवेश एक साथ देने का शासन ने निर्णय लिया है। हालांकि, गणवेश मिलने में विद्यार्थियों को अभी कम से कम दो-तीन माह का इंतजार करना पड़ सकता है। बता दें, कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं तक के विद्यार्थियों को निश्शुल्क दो जोड़ी गणवेश हर साल दी जाती है।

पिछले सालों में स्कूल शिक्षा विभाग गणवेश के लिए 75 प्रतिशत राशि का अग्रिम भुगतान पंचायत एवं ग्रामीण विकास विकास विभाग के अंतर्गत ग्रामीण आजीविका मिशन को किया था, लेकिन जब स्कूलों में गणवेश मिली तो उसकी क्वालिटी खराब थी। इस बार विभाग ने प्रस्ताव भेजा है कि गणवेश के लिए 50 प्रतिशत राशि का अग्रिम भुगतान किया जाएगा। जब गणवेश सिलकर मिलेगी तो उसकी गुणवत्ता चेक की जाएगी। अगर गुणवत्ता अच्छी होगी तो शेष 50 प्रतिशत राशि का भुगतान किया जाएगा।  पहली से आठवीं तक के विद्यार्थियों के लिए दो जोड़ी गणवेश तैयार करने के लिए 600 रुपये की राशि दी जाती है। हर साल राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा 390 करोड़ रुपये खर्च किए जाते हैं, लेकिन इस बार चार जोड़ी गणवेश वितरित की जाएंगी। वहीं सीएम राइज के स्कूलों में सिर्फ इसी सत्र के लिए पहली से आठवीं तक के विद्यार्थियों को उनके बैैंक खाते में दो जोड़ी गणवेश के लिए 600 रुपये की राशि दी जाएगी। 

इस बार पिछले और वर्तमान सत्र के गणवेश का वितरण एक साथ किया जाएगा। इसके लिए स्व सहायता समूहों को गणवेश तैयार करने के निर्देश दे दिए गए हैं।

- धनराजू एस, संचालक, राज्य शिक्षा केंद्र


मदरसों की जांच से तिलमिलाया पर्सनल लॉ बोर्ड


समुदाय विशेष को डराने की कोशिश : आरिफ अकील

मदरसों की जांच से तिलमिलाया पर्सनल लॉ बोर्ड

भोपाल। प्रदेश में शासन द्वारा की जा रही मदरसों की जांच के बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने आरोप लगाया कि प्रदेश में मदरसों को लेकर समुदाय विशेष को डराने की कोशिश की जा रही है. मदरसों में माता-पिता की इच्छा से ही बच्चों का दाखिला कराया जाता है. प्रदेश में अधिकतम मदरसे ट्रस्ट और संस्थाओं द्वारा संचालित है. जिन मदरसों का रजिस्ट्रेशन अभी तक नहीं हुआ है, उनके पंजीयन की प्रकिया की जाएगी. बोर्ड ने आरोप लगाया कि मदरसों के खिलाफ अभियान के नाम पर सिर्फ वसूली अभियान चलाया जा रहा है l समुदाय विशेष को डराने का हो रहा काम: प्रदेश में मदरसों को लेकर की जा रही प्रक्रिया के लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य व कांग्रेस विधायक आरिफ अकील ने कहा प्रदेश में अधिकांश मदरसे रजिस्टर्ड हैं. इसके बाद भी कई गली मोहल्लों में मदरसे खुल गए हैं, ऐसे सभी मदरसों का रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि जो भी काम हो रहा है, उसे नियमों के हिसाब से संचालित कराया जाए l

 सरकार की मंशा के मुताबिक प्रदेश भर में संचालित सभी मदरसा संचालकों को कहा गया है कि वे अपने दस्तावेज शासन को सौंपें, ताकि किसी तरह की भ्रम की स्थिति न रहे और जो बिना पंजीयन मदरसे चल रहे हैं, वे अपना रजिस्ट्रेशन कराएं ताकि प्रदेश को लेकर अच्छा संदेश जाए. भोपाल शहर काजी सैय्यद मुस्ताक अली नदवी ने कहा कि मदरसों में बच्चों को अच्छा इंसान बनना सिखाया जाता है. मदरसों में बुनियादी रूप से बच्चों को वफादारी और मानवता सिखाई जाती है. प्रदेश में संचालित सभी मदरसों को शासन के नियमों के हिसाब से संचालित कराया जाए, इसके लिए बेहतर व्यवस्थाएं कराए जाने के प्रयास किए जाएंगे l

प्रदेश भर में मसदसों की हो रही जांच: दरअसल शासन द्वारा प्रदेश भर में मदरसों की जांच की जा रही है. बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा पिछले दिनों कई मदरसों का निरीक्षण किया था, जिसमें पाया गया था कि कई मदरसे बिना रजिस्ट्रेशन के ही संचालित किए जा रहे हैं. इनमें कई दूसरे प्रदेशों के बच्चे भी दीनी तालीम ले रहे हैं. आयोग की रिपोर्ट के बाद करीब 50 मदरसों का नियमों के मुताबिक न पाए जाने पर भोपाल में बंद कर दिया गया. शासन की कार्रवाई के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा प्रदेश के कई शहरों के मदरसा संचालकों को बुलाकर बैठक की  है l