कलकत्ता का बड़ा बाजार अब बन गया है मिनी पाकिस्तान !

 विगत 15  वर्षो में महात्मा गांधी रोड…

कलकत्ता का बड़ा बाजार अब बन गया है मिनी पाकिस्तान !

कलकत्ते में पिछले 20 वर्षो में खास करके वृहत्तर बड़ा बाजार में हावड़ा ब्रिज से ले कर राइटर्स बिल्डिंग तक और हावड़ा ब्रिज से ले कर सियालदह स्टेशन तक जो कि मुख्यता वाणिज्यिक क्षेत्र है वहां पर देखा गया है कि अधिकांश दुकान, गद्दी, ऑफिस, मकान, आवासिक घर कमोबेश 90 % तक मुस्लिम समुदाय द्धारा खरीदा गया है और आज भी यह क्रम जारी है।दो हिंदू आपस में मोल भाव में लगे रहते हैं, वहींं मुस्लिम समुदाय के लोग आपसे आपका बिक्री मूल्य सुन कर जो कि अधिकांशतः हिंदू को बताए मूल्य से अधिक ही होता है वह सौदा को उसी मूल्य पर लेने को राजी हो जाता है l 

और 10  से 15  दिनों के अन्दर पूर्ण मूल्य चुका कर वह जगह अपनें कब्जे में ले लेता है। मैने तीन ऐसे खरीददारों से पूछा कि आप क्यों ऊंचे मूल्य पर लेने को तैयार हैं और इतने पैसे कैसे व्यवस्था करेंगे, कयोंकि अभी तो आप फुटपाथ पर छोटी सी दुकान लगाते हैं तो उनका जवाब था उन्हें मस्जिद से आर्थिक सहायता राशि मिलती है वह भी बिना ब्याज के और अगले 10 से 15 वर्षो के बीच किस्तों में उन्हें अपने कमाई से धीरे धीरे चुकाना है। अतः उन्हें कोई परेशानी नहीं है और अगर मेरे पास दुकान रहेगी तो धीरे धीरे मेरे समुदाय का अधिपत्य बढ़ता जाएगा और फिर बाजार पर कब्जा जमा कर हम ज्यादा कमाई कर सकेंगे। हावड़ा ब्रिज से ले कर सियालदह स्टेशन तक और उसके 500  मीटर के करीब की परिसिमा में कोई भी विवादित अथवा अविवादित सम्पत्ति यदि बिक्री पर है तो वे कोई भी हालत में उसे खरीद ले रहे हैं। पूरे महात्मा गांधी रोड पर विगत 15  वर्षो में मेरी जानकारी में 13 होटल या तो नए बने हैं या हस्तांतरित हुए हैं और शत प्रतिशत यह सभी मुस्लिम समुदाय द्धारा खरीदा गया है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आज की तारीख में कैनिंग स्ट्रीट, जकरिया स्ट्रीट, कोलूटोला स्ट्रीट, सियालदाह स्टेशन के संलग्न इलाके, धरमतल्ला, डलहौसी, चाइना बाजार, न्यू मार्केट, चांदनी मार्केट, ग्रैंड होटल के समक्ष, मैदान मार्केट, नेताजी सुभाष रोड, फ्री स्कूल स्ट्रीट, जानबाजार इलाके जोकि मुख्यतः व्यावसायिक क्षेत्र है वहां जितने भी जगह बिक्री हुई है वह 90 % से 95 % तक मुस्लिम समुदाय द्धारा खरीदा गया है और धीरे धीरे व्यवसाय में उनका प्रभुत्व बढ़ता जा रहा है। यह सभी इलाके पहले 90 % तक हिंदू समुदाय के द्धारा अधिग्रहित थे। इसके अलावा मुस्लिम बहुल पुराने इलाके तो अब 99 % तक उनके द्धारा ही अधिग्रहित है। और यह सब एक सोची समझी व्यवस्था के हिसाब से किया जा रहा है इसीलिए आज सभी राजनीतिक दल इनके वोट लेने के लिए इन्हें प्रोत्साहित करते हैं और इनकी कारगुजारियां को नजरंदाज कर रहे हैं। और वे इसका फायदा उठाते हुए अपना प्रभुत्व कायम कर रहे हैं और सभी तरह की गैर कानूनी गतिविधियों को निर्बाध रूप से बड़ी संख्या में बिना कोई भय के चला रहे हैं। 

आज किसे नहीं पता है कि खिदिरपुर इलाके में अधिकांश दुकान स्मगलिंग के सामान को खुले रूप में और वृहद स्तर पर बेच रही है किन्तु पुलिस और प्रशासन इस ओर आंख बंद कर रखा है। आज न्यू मार्केट के एक किलोमीटर के संलग्न इलाके में पिछले १५ वर्षो में ५० से ज्यादा नए अवासिक होटल खुले हैं और शत प्रतिशत यह सभी मुस्लिम समुदाय द्धारा संचालित है और इन सभी के निर्माण में कलकत्ता कॉर्पोरेशन के नियमों की धज्जियाँ उड़ाई गई है और फिर भी प्रशासन आंख बंद करके रखा है। कलकत्ते का मेयर मटिया ब्रूज इलाके को मिनी पाकिस्तान कह कर परिचय देता है और वह आज की तारीख में यहां की मुख्यमंत्री का सबसे चहेता, सबसे ज्यादा मालामाल विभाग का मंत्री और हर संकट में संकट मोचक बन कर सामने आता है और आज राज्य में उसकी स्थिति नम्बर दो सबसे शक्तिशाली मंत्री की है। इन सब परिस्थितियों में कैसे सब समझते बूझते इनकी  पाक  के लोगो से ज्यादा है और हम सिर्फ आपस मे उलझने में लगे है और वो अंदर ही अंदर अपना दबदबा कायम करते जा रहे है।

मुस्लिम पक्ष की सुनवाई टालने की याचिका खारिज

 सुनवाई 8 हफ्ते टालने की याचिका दी थी…

मुस्लिम पक्ष की सुनवाई टालने की याचिका खारिज

वाराणसी। वाराणसी के श्रृंगार गौरी ज्ञानवापी केस में मुस्लिम पक्ष को एक और झटका लगा है। मुस्लिम पक्ष ने जिला अदालत के सक्षम मामले की सुनवाई 8 हफ्ते टालने की याचिका दी थी, जिसे खारिज कर दिया गया। वहीं हिंदू पक्ष की ओर से शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग की गई। इस याचिका पर 29 सितंबर को सुनवाई होगी बता दें, वाराणसी की निचली अदालत ने पिछली सुनवाई में इस केस को सुनवाई योग्य पाया था। 

हिंदू पक्ष ने इसे अपनी बड़ी जीत बताया था वहीं मुस्लिम पक्ष ने कहा था कि वह फैसले के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। गुरुवार की सुनवाई से पहले हिंदू पक्ष के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा था, 12 सितंबर को अदालत ने मामले को सुनवाई योग्य रखने का फैसला दिया था आज कई याचिकाओं पर सुनवाई होनी है मुस्लिम पक्ष ने भी अपनी दलील रखी है हम इसका विरोध करेंगे।

हम 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण नहीं दे सकते

 सुप्रीम कोर्ट का राज्य सरकार  जवाब …

हम 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण नहीं दे सकते 

सागर।  मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार आरक्षण के नाम पर सिर्फ वोटों की राजनीति कर रही है और पिछले 5 साल से बेरोजगार युवा चयनित हो जाने के बाद भी रोजगार के लिए भटक रहे हैं. जया ठाकुर ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में ईडब्ल्यूएस आरक्षण को लेकर जो सुनवाई चल रही है, उसमें मध्य प्रदेश सरकार ने बुधवार को अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि आरक्षण की सीमा किसी भी हालत में 50% से ज्यादा नहीं बढ़ाई जा सकती. 50% की सीमा सिर्फ ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग के लिए है. इसलिए ईडब्ल्यूएस कैटेगरी को अलग रखा जाए l

याचिकाकर्ता ने कहा कि जहां मध्य प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में कहती है कि 50% से ज्यादा रिजर्वेशन नहीं दिया जा सकता है, लेकिन मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में राज्य सरकार कहती है कि हम 50% से ज्यादा रिजर्वेशन दे सकते हैं. ऐसी स्थिति में ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग के साथ बड़ा अन्याय हो रहा है. क्योंकि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी तो कांग्रेस सरकार ने कुछ ही महीने में 27% आरक्षण लागू कर दिया था, लेकिन सरकार बदल गई और भाजपा सरकार ने आरक्षण पर स्टे ले लिया. आज स्थिति ये है कि कई युवा जिनका नौकरी के लिए चयन हो चुका था, वह सुप्रीम कोर्ट में चल रहे प्रकरण के कारण पिछले 5 साल से ही नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं l

सरकार के इस जवाब से सरकार की मंशा साफ है कि वह सिर्फ और सिर्फ वोटों की राजनीति कर रही है. उसे ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग के आरक्षण से कोई लेना देना नहीं है, उसे सिर्फ वोट चाहिए. हमें समझना होगा कि सरकार किस तरह से खेल खेल रही है और पढ़े लखे योग्य और चयनित उम्मीदवारों की नौकरी लगने से रोक रही है l

दरअसल, कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने याचिका लगाई थी कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ सिर्फ सामान्य वर्ग को ना देकर सभी वर्गों में देना चाहिए. इंदिरा साहनी प्रकरण का तर्क रखते हुए उन्होंने कहा था कि जाट आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आरक्षण का लाभ देने के लिए आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक 3 आधार होते हैं. सामाजिक पिछड़ापन सिर्फ आरक्षण का आधार नहीं हो सकता है, इसीलिए जाट आरक्षण रद्द हो गया था. इसी आधार पर याचिकाकर्ता जया ठाकुर का कहना है कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण सभी वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को देना चाहिए l

अध्यक्ष पद के लिए पूर्व CM दिग्विजय सिंह ने ठोक दिया है दावा

 राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के साथ चल रहे हैं दिग्विजय सिंह ...

अध्यक्ष पद के लिए पूर्व CM दिग्विजय सिंह ने ठोक दिया है दावा 

कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपना दावा ठोक दिया है। इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने पद पर रहते हुए पार्ट टाइम कांग्रेस अध्यक्ष पद संभालने के लिए तैयार थे।

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह इन दिनों राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के साथ चल रहे हैं। कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी से राष्ट्रीय अध्यक्ष पद संभालने की अपील की थी, परंतु राहुल गांधी ने स्पष्ट इंकार कर दिया। अनुमान लगाया जा रहा है कि राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी में महात्मा गांधी की भूमिका में रहेंगे जिनके पास कोई पद नहीं था परंतु पूरी पार्टी पर जिनका नियंत्रण था।

दिग्विजय सिंह अचानक भारत जोड़ो यात्रा को छोड़कर दिल्ली रवाना हो गए। वह सोनिया गांधी से मिलेंगे। उन्होंने बयान दिया है कि वह चुनाव नहीं लड़ना चाहते परंतु हाईकमान आदेश करेगा तो उसका पालन करेंगे। इससे पहले दिग्विजय सिंह ने अशोक गहलोत द्वारा दावा प्रस्तुत किए जाने के बाद कहा था कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर बैठे हुए व्यक्ति को मुख्यमंत्री का पद छोड़ देना चाहिए।

यूनियन कार्बाइड के 340 मीट्रिक टन कचरे के विनिष्टीकरण पर जवाब मांगा

 मप्र हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार के सचिव से …

यूनियन कार्बाइड के 340 मीट्रिक टन कचरे के विनिष्टीकरण पर जवाब मांगा

जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार के पेट्रोलियम व केमिकल विभाग के सचिव से सवाल किया है कि पूर्व में पारित निर्देशों के पालन में जहरीले कचरे के विनिष्टीकरण के लिए उचित कदम क्यों नहीं उठाए गए। इसी के साथ यूनियन कार्बाइड, भोपाल के शेष 340 मीट्रिक टन कचरे के विनिष्टीकरण की प्रक्रिया का वर्तमान स्टेटस तलब कर लिया है। प्रशासनिक न्यायाधीश शील नागू व न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की युगलपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 29 सितंबर को निर्धारित की है।

मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र शासन की ओर से असिस्टेंट सालिसिटर जनरल पुष्पेंद्र यादव व मध्य प्रदेश शासन की ओर से उप महाधिवक्ता विवेक शर्मा खड़े हुए। जनहित याचिकाकर्ता का पक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ ने रखा। उन्होंने कोर्ट को बताया कि वर्ष 2004 में भोपाल निवासी आलोक प्रताप सिंह ने जनहित याचिका दायर कर यूनियन कार्बाइड के वैज्ञानिक और सुरक्षित विनिष्टीकरण की मांग करते हुए जनहित याचिका दायर की थी।

वरिष्ठ अधिवक्ता नागरथ ने कोर्ट को अवगत कराया कि जनहित याचिकाकर्ता आलोक अब दिवंगत हो चुका है, लेकिन चूंकि यह जनहित याचिका है, इसलिए इसका तर्कसम्मत निराकरण आवश्यक है। हाई कोर्ट ने कचरे के विनिष्टीकरण के लिए कई निर्देश दिए हैं, लेकिन अभी भी साइट पर 340 मीट्रिक टन जहरीला कचरा पड़ा है, जोकि घातक साबित हो सकता है। कोर्ट ने इस मामले में 2005 को तीन चरणों में दिए आदेशों के अनुपालन में गैस त्रासदी राहत व पुनर्वास विभाग के सचिव और मप्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल के सचिव को भी हलफनामा पेश करने के निर्देश दिए। कोर्ट को बताया गया कि केंद्र सरकार ने इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर करने के लिए ट्रांसफर याचिका दायर की है। हाई कोर्ट ने उसका स्टेटस भी बताने के निर्देश दिए हैं।

इमाम प्रमुख ने संघ प्रमुख डॉ मोहन भागवत को दी राष्ट्रपिता की उपाधि !

 संघ और भाजपा के लोग कब तक कांग्रेस के राष्ट्रपिता को अपने कांधों पर ढोते रहेंगे…

इमाम प्रमुख ने  संघ प्रमुख डॉ मोहन भागवत को दी राष्ट्रपिता की उपाधि !


कांग्रेस के मोहनदास को राष्ट्रपिता की उपाधि किसी विश्व विद्यालय ने थोड़े ही दी थी. नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने मोहनदास करमचंद गाँधी को महात्मा और राष्ट्रपिता कह दिया और पूरे देश ने मान भी लिया .इसी तरह डॉ मोहन भागवत को इलियासी जी ने राष्ट्रपिता कह दिया है अब और कोई माने या न माने  लेकिन संघ और भाजपा के कार्यकर्ता तो उन्हें राष्ट्रपिता मान ही लेंगे. वैसे भी बेचारे जाने कब से गांधी को राष्ट्रपिता कहे जाने से क्षुब्ध थे. अब उन्हें अपना राष्ट्रपिता मिल गया है l बधाई l 

जब मोहनदास करमचंद गांधी राष्ट्रपिता कहे जा सकते हैं तो मोहन भागवत को राष्ट्रपिता क्यों नहीं कहा जा सकता ? आखिर भाजपा को भी तो अपना राष्ट्रपिता चाहिए ? बेचारे संघ और भाजपा के असंख्य कार्यकर्ता कब तक कांग्रेस के राष्ट्रपिता को अपने कांधों पर ढोते फिरेंगे ? भला हो ऑल इंडिया मुस्लिम इमाम ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख इमाम उमर अहमद इलियासी का कि उन्होंने दरियादिली दिखते हुए संघ प्रमुख डॉ मोहन भागवत को राष्ट्रपिता की उपाधि दे ही दी l 

डॉ मोहन भागवत और मोहनदास करमचंद गांधी की कोई तुलना न मै कर रहा हूँ और न कोई और कर सकता है .क्योंकि दोनों के बीच कोई समान्य है ही नहीं .हो भी नहीं सकता ,लेकिन मै डॉ भागवत,संघ और भाजपा के सपने की बात कर रहा हूँ . इन तीनों का सपना नए राष्ट्रपिता का है. ये तीनों खुली आँखों से ये सपना देख रहे हैं और आज से नहीं दशकों से देख रहे हैं ,लेकिन सपना है कि पूरा होने का नाम ही नहीं लेता .बहरहाल इलियासी अब भाजपा के नए सुभाषचंद्र बोस और डॉ मोहन भागवत नए राष्ट्रपिता बन गए हैं l 

जहाँ तक मेरी अल्पबुद्धि कहती है उसके मुताबिक डॉ भागवत हिन्दुओं के बीच अपना दर्जा महात्मा या राष्ट्रपिता का नहीं बल्कि ईसाइयों के सबसे महान गुरु पोप जैसा चाहते हैं. यानि शंकराचार्य और महामंडलेश्वरों से भी ऊपर का दर्जा.डॉ भागवत चाहते हैं कि उनके पास भी एक ख़ास किस्म का चौंगा हो,लोग उनके भी हाथ चूमें और उनके कमंडल के पवित्र जल से अपने आपको पवित्र कर धन्य माने .उनका नागपुर भी वेटिकन सिटी जैसा पवित्र नगर बन जाये. उसकी अपनी तमाम व्यवस्थाएं हों .आदि..आदि.आखिर हिन्दुओं में भी तो कोई पोप होना चाहिए  की नहीं ? 

डॉ मोहन भागवत स्वभाव से महात्मा लगते हैं,हैं या नहीं ये वे जानें ,इसलिए उनकी मुस्लिम इमामों के नेता से मेल-जोल  को संदेह की नजर से नहीं देखा जाना चाहिए .ऐसा दुर्लभ काम वे ही कर सकते हैं. जो लोग  मुस्लिम टोपी नहीं पहन सकते,रोजा इफ्तार की दावतें नहीं दे सकते ,वे ये काम नहीं कर सकते,जो डॉ मोहन भागवत कर रहे हैं .डॉ भागवत के हाथों में एक ' सीरा पोता ' है .भाजपा मुसलमानों को जख्म देती है और डॉ भागवत पीछे से अपना सीरा पोता लेकर उन जख्मों को सहलाने पहुँच जाते हैं .ये संघ और भाजपा की अंदरूनी रणनीति है .इस पर बाहर वालों को  चिंतन नहीं करना चाहिए l 

भाजपा ने पिछले दिनों मुस्लिमों को लोकसभा ,राजयसभा से साफ़ किया ,विधानसभाओं में उनका प्रवेश रोका ,लेकिन कोई इमाम इलियासी नहीं बोला.कैसे बोल सकता है .उसने तो डॉ भागवत को अपना नया राष्ट्रपिता और राष्ट्रऋषि मान लिया है नहीं मांगेगा तो यहां रहेगा कैसे ? खैर बात नए राष्ट्रपिता की है. हमारी सरकार को चाहिए कि वो  इलियासी द्वारा   डॉ भगवत  को दी गयी  इस उपाधि को लेकर राजपत्र में भी सूचना  छपवा दे .डॉ भागवत  को राष्ट्रपिता कहने की दरियादिली दिखने के लिए इलियासी की प्रतिमा  भी नेताजी  की प्रतिमा  की तरह किसी चौराहे  पर खड़ी की जाये .आखिर उन्होंने वो ही काम तो किया है जो नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने किया था l 

डॉ भागवत भी अकेले  मोहन नहीं हैं. वे मोहन मधुकर  भागवत हैं ,कांग्रेस के राष्ट्रपिता मोहन दास करमचंद गांधी थे .गांधी गुजराती  थे,ये मराठी  हैं. गांधी बैरिष्टर  थे,भागवत ढोरों  के डाक्टर  हैं .गांधी ने देश को आजाद  करने के लिए अपनी वैरिस्ट्री छोड़ी ,भागवत ने संघ के प्रचार के लिए अपनी ढोरों की डाक्टरी छोड़ी .यानि त्याग दोनों ने किया .गांधी ने गोली खाई ,भागवत इस तरह के खानपान  से दूर  हैं .'राम ' दोनों के आराध्य  हैं .यानि दोनों में कम  से कम ' राम ' तो कॉमन हैं .दोनों में एक ही बात कॉमन नहीं है की कांग्रेस ने अपने राष्ट्रपिता को न सीआईएसएफ की सुरक्षा  दी थी  और न जेड  प्लस वीवीआईपी  माना  था. माना  होता  तो कोई  गोडसे  महात्मा गांधी की हत्या  कैसे कर लेता ? 

कुल मिलाकर  बात ये है की संघ ,भाजपा और मियां  इलियासी  के नए राष्ट्रपिता देश को जोड़ने के लिए एक मंच  पर हैं. कांग्रेस वाले  देश जोड़ने  के लिए सड़कों  पर हैं .भागवत के पास डॉक्टरेट  की उपाधि भी मानद   है.वे संघ कार्य  में इतने  व्यस्त रहे कि डाक्टर की उपाधि हासिल  करने  के लिए स्नातकोत्तर  उपाधि हासिल  करने  का  समय  ही नहीं निकाल  पाए  थे,सो  उन्हें एक विश्वविद्यालय  ने डीएससी  की मानद  उपाधि देकर  डाक्टर बना  दिया l 

संघ दीक्षित  भाजपा की सरकारें  भले  ही मदरसों  की आर्थिक  मदद  रोकतीं  हों,उन्हें आतंकवादियों  कि प्रशिक्षण  का केंद्र  मानती  हों लेकिन इलियासी को इस सबसे कोई लेना  देना  नहीं है. वे भी डॉ भागवत की तरह मानते  हैं कि  हिंदुयों  और मुसलमानों का डीएनए  एक ही है .डॉ भागवत कि मुसिलम  बुद्धिजीवी   ठीक  वैसे ही हैं जैसे भाजपा कि किसान नेता थे ,जो किसान  आंदोलन  के  समय  प्रधानमंत्री  जी  का समर्थन  करने गुजरात  में और दिल्ली  में दिखाई  दिए  थे .देश को खुश होना चाहिए की देश तेजी से जुड़ रहा है .सड़कों पर कांग्रेस जोड़ रही है और बैठकों के जरिये डॉ  भागवत ये पुण्य कार्य कर रहे हैं l 

- राकेश अचल



पकड़ा गया ख़राब मावा से मिठाई निर्मित का कारखाना

 सड़ी नारियल गरीऔर नकली पिस्ता दिल्ली से लाते थे …

पकड़ा गया ख़राब मावा से मिठाई निर्मित का कारखाना 


भिण्ड l  एक के खाद्य एवं सुरक्षा विभाग की टीम में एक मिस ब्रांड की मिठाई का कारखाना पकड़ा गया है। अधिकारियों ने काजू कतली, सफद बर्फी, लाल बर्फी और काली बर्फी बनाता देखा तो चौक गये। यह मिठाई में सड़े खाद्य सामग्री का उपयोग किया जा रहा थाि। मिठाई के अंदर नारियल का बुरादा डालने के लिये दिल्ली से सड़े नारियल मंगाये जातो थे। वहीं, बर्फी पर पिस्ता डालने के लिये मंूगफली में कलर करके पिस्ता तैयार किया जाता था। यह मिठाई ग्रामीण क्षेत्र में बेची जा रही थीं। फूड सेफ्टी अधिकारियों ने सड़ा गली सामग्री को नष्ट कराया औद 2 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली।


भिंड पुलिस और खाद्य एवं सुरक्षा विभाग के अफसरों ने कुरथरा गांव के नजदीक खेतों के बीच एक मकान पर छापा मारा। इस मकान में जब पुलिस और फूड सेफ्टी अफसर पहुंचे तो देखकर चौंक गए। उन्होंने देखा कि मकान के अंदर एक बाड़ा कारखाना संचालित हो रहा है। जिसमें जगह-जगह बरफी बनाने वाली सामग्री सड़ रहीहै।यहां मौजूद कर्मचारियों से पता चला तो उन्हाेंनें बतायाकि ये मकान अखिलेश बघेल का है।अखिलेश बघेल व उसके मित्र यूपी के रहने वाले अमित बघेल द्वारा यहां ये कारखाना संचालित किया जा रहा था। ये बिना किसी परमीशन के काजू कतली, बरफी, लाल बरफी और काली बरफी तैयार करते थे। जिसे वे बाजार में महंगे दामों में बेचते थे। ये कारखान पिछले एक साल से इसी तरह से संचालित हो रहा था। यहां फूड सेफ्टी अफसरों को सड़ी गरी भी मिली। जिसे नष्ट कराया।पूछताछ पर पता चला किये बरफी को स्वादिष्ट बनाने के लिए सड़ी गली गरी मिलाते थे। इसे को वे सस्ते दामों में दिल्ली से लेकर आते थे। इसी तरह से बरफी को महंगा दिखाने के लिए मूंगफली के दानों को कलरफुल करते थे।जिसे पिस्ता का रूप देते थे।


यहां तैयार होने वाली बर्फी में मावा का उपयोग नहीं किया जाता था। वह आलू व अन्य सामग्री से नकली मावा तैयार करते थे। इसे ही बर्फी तैयार करके बेचते थे। यहां छापामार दल के सदस्यों को एक बोरी में 25 किलोग्राम स्किम्ड मिल्क पाउडर मिला। सोयाबीन का तेल, गरी, मूंगफली के दाने सहित अन्य मिला। जिसमें फफंूदी लगी थी। जिससे बदबू आ रही थी। वहीं 40 डिब्बे प्लेन बर्फी, लाल बर्फी 12 किलो, मिल्क के 120 किलो इसके अलावा 300 किलो मिक्स मिठाईयां मिली। इन सभी को फूड सेफ्टी अधिकारियों ने नष्ट कराकर 2 लोगों पर एफाआईआर दर्ज करवाई है। इस पूरे मामले में जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी रीना बंसल ने बताया है कि बिना परमिशन के मिस ब्रांड की मिठाईयां तैयार कराने का कारखाना मिला। यहां मिठाई तैयार करने की तारीख, एक्सपायरी डेट, मिठाई तैयार करने के विधि व सामग्री का उल्लेख पैकिंग पर नहीं किया जा रहा था। कारखाना संचालक अखिलेश बघेल व अमित बघेल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी गयी है। उनके पर कारखाना संचालक का कोई रजिस्ट्रेशन नहीं था।