G News 24 : मोदी वो हुनरमंद हैं जो गाली को ताली में बदलने का हुनर मोदी जानते हैं !

 चुनाव से पहले विपक्ष की ये चूक भारी न पड़े !

मोदी वो हुनरमंद हैं जो गाली को ताली में बदलने का हुनर मोदी जानते हैं !

कांग्रेस ने पिछले लोकसभा चुनाव में जब 'चौकीदार चोर है' का नारा उछाला तो पीएम नरेंद्र मोदी ने 'मैं भी चौकीदार' कैंपेन खड़ा कर सियासी फिजा ही बदल दी. गली-गली पोस्टर लग गए. सिर पर टोपी आई जिस पर लिखा था- मैं भी चौकीदार. हर बड़ी हस्ती खुद को चौकीदार बताने लगी थी. चायवाला बनकर अगर पीएम रिक्शा, रेहड़ी-पटरी वाले तबके से जुड़ते हैं तो 'मैं भी चौकीदार' से उन्होंने एक बड़े तबके को खुद से जोड़ने की कोशिश की. वो प्रयोग सफल रहा. 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इस बार विपक्ष ने फिर से वही गलती कर दी है. कहते हैं इंसान अनुभव से सीखता है लेकिन कांग्रेस समेत विपक्षी दल 10 साल में भी नहीं समझ सके कि भाजपा से चुनाव में मुकाबला कैसे करना है. जी हां,

इस बार INDIA अलायंस के मंच से पटना में लालू प्रसाद यादव ने मोदी पर निजी हमले किए. जवाब में सोशल मीडिया पर #ModiKaParivar हैशटैग तूफान मचा रहा है. पीएम मोदी ने कल रैली में इसका जवाब भी दे दिया. उन्होंने कहा कि 140 करोड़ लोग ही उनका परिवार हैं. जिसका कोई नहीं है, वह भी मोदी के हैं और मोदी उनका है. पीएम ने इस मौके को अपने पक्ष में भुनाया. फिर क्या था पूरी भाजपा मैदान में आ गई. प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू हो गए, सोशल मीडिया का रंग बदल गया. गृह मंत्री अमित शाह से लेकर सभी बड़े-छोटे नेता (मोदी का परिवार) लिख रहे हैं. 

माहौल बनाने में पीछे है कांग्रेस

एक दौर था जब नेता घर-घर जाकर वोट मांगते थे. खासतौर से 1990 के दशक में जब नेता घर पर आएं, बैठें, पानी पिएं, बतियाएं तब वोट मिलते थे. अब जनता तक अपना मैसेज पहुंचाने के कई रास्ते हो गए हैं. अब लोकसभा चुनाव लड़ने वाले नेता घर-घर नहीं जाते हैं. वे इलाके में रैली कर लें या रोडशो कर लें, उसे ही बहुत मानते हैं. आजकल सोशल मीडिया, विज्ञापन, एक दूसरे दल पर अटैक जैसे कई रास्ते हैं जिससे जनता के दिल को जीतने की कोशिश होती है. इसमें सबसे बड़ा रोल नरैटिव का होता है. सरल शब्दों में कहें तो चुनाव में किसकी हवा है, यह जताने या भरोसा दिलाने की कोशिश होती है जिससे मैसेज ऐसा जाए कि फला पार्टी जीत रही है या सारा देश फला को ही वोट कर रहा है जबकि चुनाव अभी दूर होते हैं. 

मोदी का भावुक अंदाज

विपक्ष को समझना चाहिए कि भाजपा के पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूप में करिश्माई चेहरा है. उनकी नीतियों और फैसलों में खामी ढूंढकर जनता के सामने रखा जा सकता है लेकिन जब पीएम खुद को सबसे बड़ा ओबीसी नेता बता रहे हों, चुनाव करीब हो तब विपक्ष की एक गलती सारे समीकरण गड़बड़ा सकती है. अब परिवार वाले तंज पर ही देखिए कैसे पीएम ने रैली में भावुक अंदाज में देशभर के लोगों तक मैसेज पहुंचा दिया. हां, पीएम ने कहा, ‘मेरा भारत - मेरा परिवार, इन्हीं भावनाओं को लेकर मैं आपके लिए जी रहा हूं, आपके लिए जूझ रहा हूं और आपके लिए जूझता रहूंगा.' 

सपना लेकर मैंने घर छोड़ा था...

मोदी ने आगे कहा कि एक सपना लेकर बचपन में घर छोड़ा था. मैं देशवासियों के लिए जिऊंगा, ये सपना लेकर निकला था. मेरा पल-पल सिर्फ और सिर्फ आपके लिए होगा। मेरा कोई निजी सपना नहीं होगा, आपके सपने ही मेरा संकल्प होंगे. जिंदगी खपा दूंगा, आपके सपनों को पूरा करने के लिए, आपके बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल करने के लिए. पीएम ने अपने जीवन को ‘खुली किताब’ बताया. उन्होंने कहा कि देशवासी उन्हें अच्छी तरह जानते हैं और समझते हैं. उनके बारे में पल-पल की खबर रखते हैं. उन्होंने आगे कहा, ‘कभी जब मैं देर रात तक काम करता हूं और खबर बाहर निकल जाती है तो लाखों लोग मुझे लिखते हैं कि इतना काम मत करिए, कुछ आराम करिए.

अब जान लीजिए लालू ने क्या कहा था

दो दिन पहले RJD अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने पटना में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के वरिष्ठ नेताओं के सामने कटाक्ष किया, 'अगर नरेंद्र मोदी के पास अपना परिवार नहीं है तो हम क्या कर सकते हैं. वह राम मंदिर के बारे में डींगें मारते रहते हैं. वह सच्चे हिंदू भी नहीं हैं. हिंदू परंपरा में बेटे को अपने माता-पिता के निधन पर अपना सिर और दाढ़ी मुंडवानी चाहिए. जब मोदी की मां की मृत्यु हुई तो उन्होंने ऐसा नहीं किया.

प्रधानमंत्री मोदी ने लालू को तेलंगाना रैली में जवाब दिया कि अब इन्होंने 2024 के चुनाव का अपना असली घोषणा पत्र निकाला है. मैं इनके परिवारवाद पर सवाल उठाता हूं तो इन लोगों ने अब बोलना शुरू कर दिया है कि मोदी का कोई परिवार नहीं है. कल ये ऐसा भी कह सकते हैं कि तुम्हें कभी जेल की सजा नहीं हुई इसलिए तुम राजनीति में भी नहीं आ सकते.  उधर भाजपा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि पीएम कभी थकते नहीं हैं. अपने परिवार के लिए काम करते हुए किसी को थकान महसूस नहीं होती है. यही वजह है कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले 10 साल में एक दिन के लिए भी छुट्टी नहीं ली. ये सब बातें जनता में भाजपा के पक्ष में ही माहौल बनाएंगी, विपक्ष को शायद समझ नहीं आ रहा. 

कांग्रेस का जवाब

राहुल गांधी ने लिखा, ‘किसान कर्जदार, युवा बेरोजगार, मजदूर लाचार, और देश लूट रहा है मोदी का ‘असली परिवार’. उधर, पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि भाजपा सांसद अजय मिश्रा टेनी और बृजभूषण शरण सिंह प्रधानमंत्री मोदी का ‘असली परिवार’ हैं. 

खैर, भाजपा का यह कैंपेन रुकने वाला नहीं है. पार्टी इसे हर चुनाव प्रचार में शामिल करेगी. यह विपक्ष के खिलाफ निगेटिव माहौल बनाने में भाजपा का बड़ा 'हथियार' बन सकता है. देखते हैं विपक्षी दल इसकी काट ढूंढ पाते हैं या नहीं.


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