G News 24 : दंगें और दंगाइयों के समर्थन में बोलने वालों को सभी नेशनल चैनल करें बेन !

 देश में छुपे हैं कितने गद्दार भाईजान !

दंगें और दंगाइयों के समर्थन में बोलने वालों को सभी नेशनल चैनल करें बेन !

भारत देश में अल्पसंख्यक तो कई और तमाम समूह भी है। लेकिन देश में जहां भी दंगा होता है, पत्थर बाजी होती है, तोड़फोड़ होती है, आगजनी की घटनाएं होती है, एवं ब्लास्ट की घटनाएं होती हैं उनमें देश के सबसे बड़े अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों के शामिल होने का खुलासा होता हैं ! ऐसा क्यों ? जहां भी दंगा होता है ये ही क्यों शामिल होते हैं। कभी कोई जैन,सिख,ईसाई को इस प्रकार देश में अराजकता फैलते तो नहीं देखा है। फिर ये लोग किस मानसिकता के चलते इस तरह के कार्य करते है।  

मैं आज यहां स्पष्ट करना चाहता हूं कि सभी मुस्लिम लोग ऐसे नहीं है ना ही इस प्रकार की गतिविधियों में संलगन होते हैं। इस प्रकार की गतिविधियों में वही लोग संलग्न होते हैं जो आवारा,अनपढ़ हैं नशेड़ी होते हैं। और कट्टरता वाली  मानसिकता के शिकार हैं। ऐसे लोगों को भड़काने का काम कुछ तथाकथित इस्लामिक  स्कॉलर्स, रिसर्चर,कुछ कट्टर मुल्ले मौलवी और राजनीतिक लोग करते हैं। 

ये तथाकथित लोग अपने आपको समाज का सबसे बड़ा हितैसी बताने  प्रयास करते हैं। जबकि ये मुस्लिम्स के सबसे बड़े दुश्मन हैं। क्योंकि ऐसे लोगों ने ही पूरी दुनिया में आज मुस्लिमों को बदनाम करवा दिया है। ये लोग जो सिर्फ और सिर्फ अपने फायदे के लिए इन अनपढ़ और गरीब मुस्लिमों को भड़का कर अपनी राजनीतिक रोटियां सेकते हैं।   अपनी दुकान चलाते हैं। ऐसे लोगों की संख्या बहुत कम है। लेकिन ये अपनी तकरीरों और भड़काऊ भाषडों से लोगों को भ्रमित करते है। ये दंगाई इनके बहकाबे में आकर ये कृत्य तो कर देते हैं इसके बाद जो होता है। वो सिर्फ दंगाइयों और इनके परिजनों को भुगतना पड़ता है और ये भड़काऊ भाईजान ऐसे गायब हो जाते हैं जैसे गधे के सर से सींग। इसलिए इन दंगा फ़ैलाने वालों को भी ऐसे भाईजनों के बहकावे में आने से बचना चाहिए। 

ऐसे लोगों की बात को दूर तक पहुंचाने में हमारे देश की नेशनल मीडिया और tv चैनल भी बहुत बड़ी भूमिका इन दिनों निभा रहे हैं। जो अपनी टीआरपी बढ़ाने के लिए ऐसे लोगों को अपने चैनल पर बारी-बारी से डिबेट के लिए शामिल करते हैं।डिबेट के दौरान  कुछ गिने चुने स्वार्थी देशद्रोही भाईजान, हिंदू मुस्लिम के बीच कभी ना भरने देने वाली खाई को और चौड़ा करने में अहम भूमिका निभाने वाले ये लोग इन चैनलों पर सिर्फ और सिर्फ अपने दुकान चलाने और राजनीतिक रोटियां सीखने के लिए अपने आप को समाज का अगवा बताने का प्रयास करते हैं और मुस्लिमों को भड़काते हैं।

 टीवी चैनलों विक्टिम कार्ड खेलते हैं। अधिकारों और संविधान की दुहाई देते हैं।  जबकि संविधान का सबसे ज्यादा ये ही लोग मज़ाक बनाते हैं। ये सिर्फ और सिर्फ अधिकारों की बात करते हैं और देश और समाज के प्रति अपने कर्तव्य भूल जाते है। जब इन्हें क़ानून इन्हें इनकी ड्यूटी याद दिलाता है। तो ये विक्टिम कार्ड खेलने लगते हैं मुस्लिम होने के नाम पर सिपैथी लेने का प्रयास करने लगते हैं।  हमारी नेशनल मीडिया इनके इस प्रोपेगंडा को समझकर भी नासमझ बनी हुई है। ये नेशनल मीडिया का उपयोग देश  का माहौल बिगाड़ने वाले ऐसे लोगों को डिबेट में बुलाकर कहीं न कहीं इनकी इस मुहिम का समर्थन करती दिखाई देती है। 

जब भी कहीं आग जनि, तोड़फोड़, दंगा, विदेश में भी मुस्लिमों के साथ या मुस्लिमों के द्वारा कोई घटाना या दुर्घटना होती है तब भी अपने गाल  बजाने टीवी चैनल पर आ आते। ये बार-बार संविधान और उस से मिले अधिकारों की दुहाई देते हैं अरे भैया संविधान में अधिकारों बात तभी होती जब हम अपने कर्तव्य पूरे करें। संविधान ने अधिकार हमें और आप सभी को बराबर दिए हैं। जबाबदेही भी तय की है। तो कर्तव्य सिर्फ हम निभाएं और आपको सिर्फ अधिकार चाहिए तो जनाव ऐसा नहीं चलने वाला है। आपको अधिकार चाहिए तो आप अपनी ड्यूटी ठीक से करो कर्तव्य निभाओ जब आप कर्तव्य ही नहीं निभाओगे अधिकार कहां से मिलेंगे। पहले देश के प्रति अपनी कर्तव्यनिष्ठा तो रखो। 

क्या कभी बहू समयक समाज इस प्रकार की गतिविधियों में इतने बड़े पैमाने पर देश में तबाही मचाई है। मेरी नजर में तो शायद कभी  नहीं। लेकिन आप तो जहां देखो वहां आप ही आप हो। और फिर भी नेशनल चेनल पर बैठकर के देश के खिलाफ बोलने  सरकार को, बहुसंख्यक समाज को गाली देना आपकी फितरत बन गई है। ओवैसी तौकीर रजा अतीक उर्रहमान जैसे तमाम लोगों पर शासन को एनएसए के तहत कार्रवाई करना चाहिए।ये लोग सार्वजानिक रूप से जनसभाओं, टीवी चैनल्स पर दंगे कराने के लिए लोगों को भड़काने,हत्या करने के लिए उकसाने का काम करते है। इसलिए सबसे पहले इनका इलाज करना जरूरी है। 

जो भी दंगाइयों के बचाव में टीवी चैनलों पर डिबेट में आता है इन सभी पर दंगे के लिए प्रोत्साहित करने  दंगा फैलाने, वालों के खिलाफ भी सरकार को एनएसए के तहत कार्रवाई और जहां भी जो भी नुकसान हो उसकी भरपाई करनी चाहिए। ऐसे लोगों पर पूरी तरह नेशनल मीडिया पर बोलने से प्रतिबंधित लगना चाहिए। ऐसे लोगों को कहीं भी किसी भी प्रकार की आम सभा सा जनसभा करने की अनुमति भी नहीं होनी चाहिए। क्योंकि जहां समाज को तोड़ने की बात है। 

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