अब ग्वालियर में भी मिलेगी दिल्ली में मिलने वाली PET CT Scan की सुविधा

कैंसर पीड़ितों के पैसे और समय की रुकेगी बर्बादी...

अब ग्वालियर में भी मिलेगी दिल्ली में मिलने वाली PET CT Scan की सुविधा

45 वर्ष पूर्व कैंसर चिकित्सालय एवं शोध संस्थान के स्थापना ग्वालियर में स्वर्गीय श्री शीतला सहाय जी के द्वारा की गई थी। वर्तमान में यह संस्थान डॉक्टर बीआर श्रीवास्तव के संचालन में नए आयाम छू रहा है। निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर यह संस्थान कैंसर की रोकथाम शीघ्र निदान एवं उपचार के लिए जाना जाता है। आने वाले रोगियों को एक ही स्थान पर संपूर्ण इलाज मिल सके इसके लिए निरंतर प्रबंधन द्वारा प्रयास किए जाते रहे हैं। प्रयासों के चलते कैंसर चिकित्सालय एवं शोध संस्थान में मध्य भारत की प्रथम अत्याधुनिक पेट सीटी स्कैन मशीन स्थापित की गई है। 

पत्रकारों को जानकारी देते हुए श्रीवास्तव जी ने बताया कि इस मशीन के लग जाने से सभी प्रकार के कैंसर की जांच बिना किसी चीर फाड़ के की जा सकेगी। मैंने बताया कि चिकित्सालय में पेट सीटी स्कैन के लिए एक अलग विभाग तथा तकनीकी स्तर के डॉक्टर एवं स्टाफ की 10 टीम नियुक्त कर दी गई है चिकित्सालय में मशीन के शुरू होने से न केवल मध्य प्रदेश बल्कि पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश राजस्थान आदि के समीपवर्ती जिलों के लोगों को भी अब सीटी स्कैन कराने के लिए दिल्ली जैसे बड़े शहरों में नहीं जाना पड़ेगा। श्रीवास्तव जी ने मशीन की विशेषताओं के बारे में बताते हुए कहा कि पैट सीटी स्कैन मशीन के द्वारा शरीर में किसी भी प्रकार के कैंसर का पता 99.9 प्रतिशत एकदम सटीक लगाया जा सकता है। व्यक्ति के अंदर बॉडी में कहां कैंसर है और वह किस स्तर का है इसकी पिन पाइंट जानकारी इस मशीन के द्वारा केवल 15 मिनट में लगायी जा सकती है।

इस विशेषता के कारण उस व्यक्ति को उसी स्तर का इलाज दिया जा सकता है जिस स्तर पर उसे कैंसर है। उउन्होंनेबताया कि इस मशीन की कीमत लगभग 8:30 करोड़ रुपये है और इसमें स्क्रीनिंग के दौरान जांच के लिए संदिग्ध मरीज को जो इंजेक्शन लगताया जाता है उसकी कीमत दिल्ली में 15000 से लेकर ₹25000 तक होती है और स्कैनिंग दौरान जो इंजेक्शन लगाया जाता है उसे आइसोटोप ग्लूकोज इंजेक्शन कहते हैं की लाइफ प्रति घंटे 25% कम होती जाती है। यह वाष्पीकृत होकर कम होता जाता है। इसलिए इंजेक्शन इतना महंगा है। और प्रत्येक मरीज को 8 या 10 मिलीग्राम की मात्रा दी जाती है। यही कारण है कि इंजेक्शन इतना महंगा है। 

श्रीवास्तव जी ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया की सप्ताह में 2 दिन मंगलवार और शुक्रवार को इस मशीन के द्वारा कैंसर के मरीजों की जांच की जाएगी लेकिन उससे पहले आने वाले मरीजों की संख्या का विशेष ध्यान रखा जाएगा जिससे कि जांच में शामिल होने वाले मरीजों को लगने वाले इंजेक्शन की कीमत मरीजों को कम से कम चुकानी पड़े। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास रहेगा कि मरीजों को इसका अधिकतम ₹15000 ही चुकाना पड़े। श्रीवास्तव जी का कहना है कि हम एक ऐसे भविष्य का निर्माण करने की ओर अग्रसर हैं जहां कैंसर रोग मानव शरीर में जन्म लेने का साहस न कर सके।

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