दुनिया में कितने ताकतवर हैं हम भारतीय !

 आज प्रवासी भारतीय दिवस है...

दुनिया में कितने ताकतवर हैं हम भारतीय !

आज प्रवासी भारतीय दिवस है। केंद्र सरकार ने इंदौर में तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय सम्मेलन का आयोजन किया है। आज इसका दूसरा दिन है। सम्मेलन में शामिल होने के लिए 500 से ज्यादा प्रवासी भारतीय इंदौर पहुंच चुके हैं। 

दुनियाभर के 100 से ज्यादा देशों में 3.2 करोड़ से ज्यादा भारतीय रहते हैं। पिछले 28 साल के अंदर विदेश जाकर बसने वाले भारतीयों की संख्या में 346% का इजाफा हुआ है। 1990 में विदेश में रहने वाले भारतीयों की संख्या 90 लाख थी। सबसे ज्यादा भारतीय नागरिक अमेरिका में बस गए हैं। यहां रहने वाले भारतीयों की संख्या 44 लाख 60 हजार से ज्यादा है। दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा भारतीय यूएई में रहते हैं। यहां रहने वाले भारतीयों की संख्या 34 लाख 25 हजार से ज्यादा है। आइए जानते हैं कि दुनिया में रहने वाले भारतीयों की कितनी ताकत है? इनसे देश को कितना फायदा मिलता है? इस बार प्रवासी भारतीय सम्मेलन की क्या खासियत है ?

प्रवासी भारतीय 

विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत से जो लोग दूसरे देशों में चले गए उन्हें ही प्रवासी भारतीय कहते हैं। प्रवासी भारतीय को अभी तीन कैटैगिरी में बांटा गया है। 

1. NRI (नॉन रेजिडेंट इंडियन) : मतलब ऐसे भारतीय नागरिक जो रोजगार या शिक्षा के लिए अस्थायी रूप से छह महीने के लिए दूसरे देश में चले गए गए हों। इनमें से कुछ लोग विदेश में ही बस जाते हैं और उस देश की नागरिकता हासिल कर लेते है, ऐसे लोगो को एनआरआई कहा जाता है।

 2. PIO (पर्सन ऑफ इंडियन ओरिजिन) :  इसमें वो लोग आते हैं, जो जन्म से या वंश से तो भारतीय होते हैं, लेकिन अब वो भारत में नहीं रहते हैं। 

3. OCI (ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया) : इसमें वो लोग आते हैं जो 26 जनवरी 1950 को या उसके बाद भारत के नागरिक थे या उस तारीख पर भारत का नागरिक बनने योग्य थे या 15 अगस्त, 1947 के बाद भारत का हिस्सा बने किसी क्षेत्र से संबंधित थे या ऐसे व्यक्ति का बच्चा या पोता, जो अन्य मानदंड पूरे करता हो। हालांकि, अब दूसरे देश में रहते हैं। 

इन 10 देशों में रहते हैं सबसे ज्यादा भारतीय

देश  प्रवासी भारतीयों की संख्या

अमेरिका 44.60 लाख

यूएई  34.25 लाख

मलेशिया 29.87 लाख

सऊदी अरब 25.94 लाख

म्यांमार 20.09 लाख

ब्रिटेन  18.92 लाख

कनाडा  16.89 लाख

श्रीलंका 15.04 लाख

दक्षिण अफ्रीका 14.90 लाख

कुवैत  10.29 लाख 

कितने ताकतवर हैं प्रवासी भारतीय? 

दुनियाभर में प्रवासी भारतीयों का काफी दबदबा है। 70 से ज्यादा भारतीय मूल के नेता हैं, जिन्होंने दुनिया के अलग-अलग देशों के सर्वोच्च पदों को हासिल किया है। सबसे ज्यादा नौ बार मॉरिशस में भारतीय मूल के नेताओं ने राष्ट्रपति या फिर प्रधानमंत्री का पद संभाला है। इनमें सर शिवसागर रामगुलाम सबसे पहले हैं। शिवसागर 14 साल तक मॉरिशस के प्रधानमंत्री रहे। इनके पिता भारतीय थे और कुशवाहा समाज से आते थे। 1968 से 1982 तक शिवसागर मॉरिशस के प्रधानमंत्री रहे। इनके अलावा अनिरुद्ध जगन्नाथ पहले प्रधानमंत्री और बाद में राष्ट्रपति रहे। वीरासामी रिंगादू, कसम उतीम, नवीन रामगुलाम कुशवाहा, कैलाश पुरयाग, अमीना गुरीब-फकीम, प्रविंद जगन्नाथ, पृथ्वीराज सिंह रूपुन भी मॉरिशस के प्रधानमंत्री और फिर राष्ट्रपति रह चुके हैं। इनके अलावा 40 देशों में 350 से ज्यादा सांसद भारतीय मूल के हैं।

 कई देशों के मुखिया भी भारतीय मूल के हैं

1. हलीमा याकूब: सिंगापुर की राष्ट्रपति हलीमा भारतीय मूल की हैं। इनका जन्म सिंगापुर में ही हुआ है। इनके पिता भारतीय और माता मलेशियन थीं। हलीमा के पिता वॉचमैन थे। जब हलीमा आठ साल की थीं, तभी उनके पिता का निधन हो गया था। पिता की मौत के बाद वह अपनी मां के साथ सिंगापुर की सड़कों पर स्ट्रीट फूड बेचा करती थीं।

 2. एंटोनियो कास्टा: पुर्तगाल के प्रधानमंत्री एंटोनियो भी भारतीय मूल के हैं। 61 साल के एंटोनियो ने 2015 में पुर्तगाल के प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाली थी। एंटोनिया के पिता का जन्म गोवा में हुआ था।  

 3. प्रविंद जगन्नाथ : मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद भी भारतीय मूल के हैं। जगन्नाथ का जन्म हिंदू अहीर परिवार में हुआ है। इनके पिता भारतीय थे। जगन्नाथ ने यूनिवर्सिटी ऑफ बरकिंघम से लॉ की पढ़ाई की है। 2017 से वह मॉरिशस के प्रधानमंत्री हैं। इसी साल अगस्त में प्रविंद जगन्नाथ वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर के तीन दिवसीय दौरे पर आए थे।

 4. पृथ्वीराज रूपन : मॉरिशस के राष्ट्रपति पृथ्वीराज सिंह रूपन भी भारतीय मूल के हैं। रूपन 2019 से मॉरिशस के राष्ट्रपति हैं। उनका जन्म 24 मई 1959 को मॉरिशस के एक भारतीय आर्य समाजी हिंदू परिवार में हुआ था। उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ सेंट्रल लंकशायर से इंटरनेशनल बिजनेस लॉ में मास्टर्स डिग्री हासिल की है। 

 5. चंद्रिका प्रसाद उर्फ चान संतोखी : सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद उर्फ चान संतोखी भी भारतीय मूल के हैं। चंद्रिका पुलिस अधिकारी से राजनेता बने हैं। 63 साल के चंद्रिका प्रसाद का जन्म 3 फरवरी 1959 को भारतीय-सूनीनामीज हिंदू परिवार में हुआ था। 19वीं सदी की शुरुआत में संतोखी के दादा को अंग्रेज बिहार से मजदूर के रूप में सूरीनाम ले गए थे। 

 6. इरफान अली : गुयाना के मौजूदा राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली भी भारतीय मूल के हैं। गुयाना की आठ लाख की आबादी में से करीब आधे भारतीय मूल के लोग हैं। अली का जन्म 25 अप्रैल 1980 को गुयाना में एक भारतीय-गायनीज मुस्लिम परिवार में हुआ था। अली ने यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टइंडीज से अर्बन और रीजनल प्लानिंग में डॉक्टरेक्ट की डिग्री हासिल की है।  

 7. वेवल रामखेलावन: सेशेल्स के राष्ट्रपति रामखेलावन भी भारतीय मूल के हैं। रामखेलावन के दादा बिहार के रहने वाले थे। रामखेलावन के पिता मेटल का काम करते थे, जबकि मां शिक्षिका थीं। रामखेलावन का जन्म 15 मार्च 1961 में हुआ था।  

 8.  कमला हैरिस: कमला हैरिस अमेरिका की उपराष्ट्रपति हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी से आने वाली कमला अमेरिकी इतिहास में उपराष्ट्रपति बनने वाली पहली महिला और इस पद पर पहुंचने वाली भारतीय मूल की भी पहली महिला हैं। कमला हैरिस हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी, कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी और हेस्टिंग्स कॉलेज ऑफ लॉ से ग्रैजुएट हैं। 57 वर्षीय हैरिस की जड़ें भारत के तमिलनाडु राज्य से जुड़ी हैं। उनकी मां श्यामला गोपालन का जन्म तमिलनाडु में हुआ था। कमला के पिता जमैका-अमेरिका मूल के डोनाल्ड जे हैरिस थे।

9. भरत जगदेव: भारतीय मूल के भरत जगदेव 2020 से गुयाना के उपराष्ट्रपति हैं। वह भारतीय मूल के गुयाना के राष्ट्रपति इरफान अली के एडमिनिस्ट्रेशन में शामिल हैं। इससे पहले वह 1997 से 1999 तक गुयाना के उपराष्ट्रपति रह चुके हैं। उनका जन्म 23 जनवरी 1964 को गुयाना में एक भारतीय हिंदू परिवार में हुआ था। 1912 में जगदेव के दादा राज जियावन को अंग्रेज उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले से मजूदर के रूप में गुयाना ले गए थे।  

 10. ऋषि सुनक : ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भी भारतीय मूल के हैं। ऋषि का जन्म 12 मई 1980 को ब्रिटेन के साउथेम्पटन में हुआ था। उनकी मां का नाम ऊषा सुनक और पिता का नाम यशवीर सुनक था। वह तीन भाई बहनों में सबसे बड़े हैं। उनके दादा-दादी पंजाब के रहने वाले थे। 1960 में वह अपने बच्चों के साथ पूर्वी अफ्रीका चले गए थे। बाद में यहीं से उनका परिवार इंग्लैंड शिफ्ट हो गया। तब से सुनक का पूरा परिवार इंग्लैंड में ही रहता है। ऋषि ने भारत के बड़े उद्योगपतियों में शुमार इंफोसिस के संस्थापक नारायणमूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से शादी की है। सुनक और अक्षता की दो बेटियां हैं। उनकी बेटियों के नाम अनुष्का सुनक और कृष्णा सुनक है।  

 देश की कैसे मदद करते हैं प्रवासी भारतीय?

दुनियाभर में रहने वाले प्रवासी भारतीय अपने देश की मदद करने में भी पीछे नहीं हटते हैं। पिछले साल यानी 2022 में प्रवासी भारतीयों ने सबसे ज्यादा 100 अरब डॉलर रुपये भारत में भेजे। अपने देश विदेशी मुद्रा भेजने के मामले में प्रवासी भारतीय सबसे आगे हैं। दूसरे नंबर पर मैक्सिको है। विदेशों में रहने वाले मैक्सिको के लोगों ने 60 अरब डॉलर से ज्यादा रकम अपने देश भेजी थी। चीनी प्रवासियों ने अपने देश 51 अरब डॉलर, फिलिपींस ने 38 अरब डॉलर, मिस्त्र के प्रवासियों ने 31 अरब डॉलर, पाकिस्तानियों ने 29 अरब डॉलर, बांग्लादेशियों ने 21 अरब डॉलर और नाइजीरियंस ने 21 अरब डॉलर अपने-अपने देशों में भेजे।

कई कंपनियों के CEO भी भारतीय मूल के 

दुनियाभर की टॉप 500 से ज्यादा कंपनियों में 17% से ज्यादा चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) भारतीय मूल के ही हैं। गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई, माइक्रोसॉफ्ट के सत्या नडेला, एडोब के शांतनु नारायण, चैनल की लीना नायर, आईबीएम के अरविंद कृष्णा, माइक्रॉन के संजय मेहरोत्रा, मास्टरकार्ड के अजयपाल सिंह, अरिस्टा नेटवर्क्स की जयश्री उल्लाल, नेटऐप के जॉर्ज कुरियन समेत कई ग्लोबली कंपनियों के सीईओ भारतीय मूल के ही हैं। 

 


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