G News 24 : इंडियंस की देश भक्ति और एकजुटता से,तुर्किए को लग रहे हैं झटके पर झटके !

 इंडियंस द्वारा तुर्की वायकॉट, मुहीम के चलते टिकट कैंसिल होने से गिर गए Turkish Airlines के शेयर...

इंडियंस की देश भक्ति और एकजुटता से,तुर्किए को लग रहे हैं झटके पर झटके !

तुर्किए के राजनीतिक स्टैंड का असर ना सिर्फ उसकी डिप्लोमैसी पर पड़ा है, बल्कि उसकी इकोनॉमी और शेयर मार्केट पर भी साफ दिख रहा है.इंडियंस द्वारा तुर्की वायकॉट, मुहीम के चलते तुर्किए को झटके पर झटके लग रहे हैं। इसी मुहीम के चलते टिकट कैंसिल होने से गिर गए Turkish Airlines के शेयर धड़ाम से नीचे पहुंच गए। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का असर अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी दिखने लगा है और सबसे तगड़ा झटका लगा है तुर्किए के टूरिज्म और एविएशन सेक्टर को. खासतौर से Turkish Airlines के शेयरों में बीते एक महीने में 10 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है। 

दरअसल, भारत ने हाल ही में 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की थी. इस ऑपरेशन के बाद तुर्किए ने पाकिस्तान का खुलकर समर्थन किया, जिससे भारतीय लोगों में नाराज़गी फैल गई। इस नाराज़गी का सबसे सीधा असर पड़ा तुर्किए जाने वाले भारतीय पर्यटकों पर. MakeMyTrip के मुताबिक, सिर्फ एक हफ्ते में तुर्किए के लिए फ्लाइट बुकिंग्स में 60 फीसदी की गिरावट आई है और कैंसिलेशन्स 250 फीसदी तक बढ़ गए हैं। 

EaseMyTrip के चेयरमैन न‍िशांत पिट्टी ने द मिंट से बात करते हुए बताया कि 2023 में करीब 2.87 लाख भारतीय टूरिस्ट्स तुर्किए गए, जो कि 2022 के मुकाबले 25 फीसदी ज्यादा है. हर भारतीय टूरिस्ट औसतन 1 लाख से 1.3 लाख रुपये तक तुर्किए में खर्च करता है. कुल मिलाकर 2023 में भारतीय पर्यटकों ने तुर्किए में 3,000 करोड़ रुपये के आस-पास का खर्च किया. अब जब भारी संख्या में फ्लाइट्स कैंसिल हो रही हैं और नई बुकिंग्स भी रुक रही हैं, तो ये रकम अगले कुछ महीनों में तुर्किए को शायद ही मिले। 

Turkish Airlines के शेयर 312.75 लिरा से गिरकर 279.75 लिरा पर पहुंच गए हैं, यानी लगभग 10.5 फीसदी की गिरावट. एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारतीय पर्यटकों की फ्लाइट्स कैंसिल होने और नई बुकिंग्स ठप पड़ने से निवेशकों को लगने लगा है कि कंपनी के आगामी क्वार्टर में रेवेन्यू गिर सकता है। 

तुर्किए के राजनीतिक स्टैंड का असर ना सिर्फ उसकी डिप्लोमैसी पर पड़ा है, बल्कि उसकी इकोनॉमी और शेयर मार्केट पर भी साफ दिख रहा है. भारत के टूरिस्ट्स के लिए यह एक मजबूत संदेश भी है कि उनका फैसला अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को सीधा प्रभावित कर सकता है। 

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