G News 24:upsc ranker Shivam yadav's exclusive Interview

upsc ranker Shivam yadav's exclusive Interview




G News 24:संसद के उद्घाटन का विपक्षी दलों द्वारा विरोध ! कारण कुछ समझ नहीं आया !

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की राष्ट्रपति से नई संसद के उद्घाटन की मांग वाली याचिका..

संसद के उद्घाटन का विपक्षी दलों द्वारा विरोध ! कारण कुछ समझ नहीं आया !

1947 में जब सत्ता का हस्तांतरण हुआ था तब अंग्रजों ने प्रधानमंत्री की हैसियत से ही नेहरू जी हाथों में सौंपी गई थी तो फिर अब देश के PM द्वारा सत्ता के संचालन केंद्र संसद के  शुभारंभ का विरोध में खड़े दल बताएं तब और अब के बीच का अंतर जिसके कारण कर रहे हैं विरोध और इतना ही नहीं राजनैतिक लालसाओं की प्रतिपूर्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका तक लगा दी है l नेहरू जी ने एक PM की हैसियत से सत्ता का राजदंड अंग्रेजों से अपने हाथों में थमा था  फिर अब यदि दूसरा PM इसके संचालन केंद्र का उद्घाटन तो विपक्षी दल उसका विरोध कर रहे हैं बात कुछ हज़म नहीं हुई !!!

नए संसद भवन का उद्घाटन का मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंच गया है। तमिलनाडु के एक वकील सी आर जयासुकिन ने PIL दाखिल कर संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से करवाने का अनुरोध किया है। इस पीआईएल में कहा गया है कि राष्ट्रपति देश की प्रथम नागरिक हैं और संविधान के अनुच्छेद 79 के मुताबिक राष्ट्रपति संसद का भी अनिवार्य हिस्सा हैं। राष्ट्रपति ही संसद का सत्र बुलाते हैं और संसद से पारित सभी विधेयक राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही कानून बनते हैं। ऐसे में 18 मई को लोकसभा सचिवालय ने संसद भवन के उद्घाटन के लिए जो निमंत्रण पत्र जारी किया है, वह असंवैधानिक है। सुप्रीम कोर्ट यह निर्देश दे कि उद्घाटन राष्ट्रपति से करवाया जाए। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई करेगी।

बीएसपी ने किया समर्थन !

नये संसद भवन के उद्घाटन को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बयानबाजी का दौर जारी है। इस बीच सत्ता पक्ष को एक और क्षेत्रीय दल का समर्थन मिला है। बहुजन समाजवादी पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने प्रधानमंत्री द्वारा संसद के नये भवन के उद्घाटन का समर्थन किया है। बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर लिखा - "केन्द्र में पहले चाहे कांग्रेस पार्टी की सरकार रही हो या अब वर्तमान में बीजेपी की, बीएसपी ने देश व जनहित निहित मुद्दों पर हमेशा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर उनका समर्थन किया है तथा 28 मई को संसद के नये भवन के उद्घाटन को भी पार्टी इसी संदर्भ में देखते हुए इसका स्वागत करती है।"

पूर्व निर्धारित व्यस्तता के कारण समारोह में शामिल नहीं होंगी मायावती

वैसे उन्होंने इस कार्यक्रम में शामिल होने में असमर्थता जताई है। उन्होंने लिखा कि नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का निमंत्रण मुझे प्राप्त हुआ है, जिसके लिए आभार और मेरी शुभकामनायें। लेकिन अपनी पूर्व निर्धारित व्यस्तता के कारण मैं समारोह में शामिल नहीं हो पाऊंगी। इनके अलावा एनडीए से सहयोगी दलों बीजू जनता दल और शिरोमणि अकाली दल ने भी नये संसद भवन के उद्घाटन समारोह का समर्थन किया है।

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की राष्ट्रपति से नई संसद के उद्घाटन की मांग वाली याचिका

नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से करवाने की मांग वाली याचिका पर आज (26 मई) सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने नई संसद के पीएम मोदी से उद्घाटन किए जाने के खिलाफ दी गई याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए इसे खारिज कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा, 'हम आप पर ऐसी याचिका दाखिल करने के लिए जुर्माना क्यों न लगाएं.' ये याचिका सीआर जयासुकिन नाम के वकील ने दाखिल की थी.

10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री मोदी ने नए संसद भवन की नींव रखी थी. अब पीएम मोदी ही 28 मई को इसका उद्घाटन करेंगे. नया संसद भवन करीब 1200 करोड़ रुपये की लागत से तैयार है. नया संसद भवन 4 मंजिला है. इसमें आज के दौर के हिसाब से कई सुविधाएं हैं. इसके अलावा सिटिंग अरेंजमेंट को भी बढ़ाया गया है. नई संसद में लोकसभा के 888 मेंबर बैठक सकते हैं जबकि राज्यसभा के 384 सदस्य भी बैठ सकते हैं. नए संसद भवन की बिल्डिंग पुरानी संसद से 17,000 स्क्वायर मीटर बड़ी है.

G News 24:पानी में पेशाब करके पोछा लगाने वाली खातून गिरफ्तार

 फ्लैट मालिक की पत्नी की ओर से खातून के खिलाफ कराया केस दर्ज 

पानी में पेशाब करके पोछा लगाने वाली खातून गिरफ्तार

ग्रेटर नोएडा से एक मुस्लिम महिला द्वारा घृणित एवं शर्मनाक हरकत का वीडियो वायरल होने के बाद लोग दंग हैं।सोशल मीडिया पर सामने आए इस वीडियो को देखने के बाद लोगों में गुस्‍सा है। एक घरेलू नौकरानी ने मालिक के घर में बाल्‍टी में पेशाब करके उसी से पोंछा लगा दिया। इस औरत सबीना उर्फ सवेरा खातून को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वेस्ट स्थित अजनारा होम्स सोसायटी में फ्लैट मालिक आलोक सिह की पत्नी की ओर से घरेलू सहायिका के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। सबीना मूल रूप से बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले की रहने वाली है। वह इटैड़ा गांव में पति मकबूल के साथ किराए पर रहती है। वह 6 महीने से आलोक के फ्लैट पर बतौर घरेलू सहायिका नौकरी कर रही थी। बिसरख कोतवाली प्रभारी अनिल राजपूत ने बताया कि आरोपित महिला को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेजा गया है। जल्द ही चार्जशीट कोर्ट में दाखिल होगी।

पूछताछ में कबूल की शर्मनाक हरकत

बिसरख कोतवाली प्रभारी अनिल राजपूत ने बताया कि महिला से पूछताछ की गई है। उसने कबूल किया है कि उसने पानी में पेशाब करने के बाद उसी से पोछा लगाया। उसने ऐसा क्यों किया इस बारे में उसने कोई जवाब नहीं दिया है। मामले की सूचना महिला के स्वजन को दे दी गई है। जांच के दौरान पता चला है कि महिला सबीना खातून फ्लैट में करीब छह महीने से काम कर रही थी। ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित अजनारा होम्स सोसायटी के फ्लैट से यह वीडियो जैसे ही वायरल हुआ, लोग इसे देखकर दंग रह गए। वीडियो के अनुसार मेड सबीना खातून ने पानी में पहले पेशाब किया और उसके बाद उसी से पूरे फ्लैट में पोछा लगा दिया। उसकी यह करतूत फ्लैट में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। पुलिस ने महिला को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। फ्लैट मालिक हिंदू हैं।

वीडियो कब का अभी यह पता नहीं

अभी यह नहीं पता चल पाया है कि यह वीडियो कब का है, लेकिन वीडियो वायरल होने के तुरंत बाद पुलिस हरकत में आ गई और महिला को हिरासत में ले लिया है। वीडियो के अनुसार सबीना खातून फ्लैट में करीब 30 सेकंड तक पोछा लगाती है। पोछा लगाने के बाद वह पोछे के कपड़े को बाल्टी में धोने के लिए लाती है और बाल्टी में पेशाब करती है। उसके बाद कपड़े को पानी में डुबोकर फ्लैट के अन्य हिस्से में करीब तीन मिनट तक पोछा लगाते हुए सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है।

G News 24:उधार में उपज ली और पैसे देने के नाम पर दिखाया ठेंगा

 किसानों से 16 लाख की धोखाधड़ी करने वाला गिरफ्तार...

उधार में उपज ली और पैसे देने के नाम पर दिखाया ठेंगा

सीहोर। श्यामपुर के एक व्यापारी ने किसानों को अपने झांसे में लेकर उनकी फसल ये कहकर ले ली कि बेचने के बाद उपज के रुपये उन्हें दे देगा।  बाद में उसका मन डोल गया और व्यापार में घाटा होने का कहते हुए किसानों के रुपये देने से मुकरते हुए उन्हें ठेंगा दिखा दिया।   

किसानों के साथ गल्ला व्यापारी द्वारा गल्ला खरीदने के बाद धोखाधड़ी कर पैसे न देने के संबंध में किसानों से शिकायत की गई। पुलिस जांच में व्यापारी द्वारा करीब 16 लाख की धोखाधड़ी करने सामने आया। थाना प्रभारी श्यामपुर ने बताया कि नारायण लाल शर्मा, सफरुउद्दीन मेवाती ने शिकायत की थी कि दिनेश ने उनके साथ धोखाधडी की है। उन्होंने कहा कि दिनेश ने गेहूं, सोयबीन, सरसों की फसल को उधार में खरीदकर फसल बेचने के बाद पैसे देने का कहा था, मगर नहीं दिए। उसका कहना है कि बिजनेस में घाटा हो गया है, इसलिये पैसे नहीं दूंगा।

जांच में पाया गया कि व्यापारी दिनेश अहिरवार ने नारायण लाल शर्मा, सफरुउद्दीन समेत सात किसानों से 16 लाख 23 हजार 500 रुपये की धोखाधड़ी की है। आरोपी के खिलाफ 420, 406 में केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया।

G News 24 :वामपंथियों ने हिंदू परंपराओं की उपेक्षा कर सेंगोल को 'चलने वाली छड़ी' की तरह दिखाया !

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने गुरुवार का आरोप...

वामपंथियों ने हिंदू परंपराओं की उपेक्षा कर सेंगोल को 'चलने वाली छड़ी' की तरह दिखाया !

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने गुरुवार को आरोप लगाया कि वामपंथियों ने सेंगोल की उपेक्षा कर, हिंदू परंपराओं की उपेक्षा की और सेंगोल को एक चलने वाली छड़ी के रूप में प्रदर्शित किया। बता दें कि 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन की इमारत का उद्घाटन करेंगे। इस दौरान मदुरै के विद्वानों द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को सेंगोल दिया जाएगा। यह राजदंड है, जो सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक है। 

असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि 'सेंगोल हमारी आजादी का अभिन्न अंग है लेकिन वामपंथियों ने इसे चलने वाली छड़ी के रूप में प्रदर्शित किया और म्यूजियम के कोने में रख दिया जबकि पंडित नेहरू की देश की आजादी में अहम भूमिका थी। यह उदाहरण है कि किस तरह एक पूरा इको सिस्टम है, जो प्राचीन भारत और हिंदू परंपराओं का महिमामंडन करने वाले किसी भी कार्यक्रम को सेंसर करने का काम करता है।'

बता दें कि देश की आजादी के समय 14 अगस्त 1947 को अंग्रेजों ने सत्ता के हस्तांतरण के रूप में पंडित जवाहर लाल नेहरू को सेंगोल दिया था। अब वही सेंगोल 28 मई को मदुरै के विद्वानों द्वारा पीएम मोदी को सौंपा जाएगा। हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि देश की आजादी के 75 साल बाद भी देश के अधिकतर लोग इस बात से वाकिफ नहीं हैं कि आजादी के समय सत्ता के हस्तांतरण के रूप में पंडित जवाहर लाल नेहरू को सेंगोल दिया गया था। तमिलनाडु के थिरुवदुथुरै अधीनम मठ के पुजारियों द्वारा पंडित नेहरू को यह सेंगोल दिया गया था।

आजादी के अमृत काल के राष्ट्रीय चिन्ह के तौर पर प्रधानमंत्री मोदी ने सेंगोल को अपनाने का फैसला किया है। यह सेंगोल लोकसभा में सभापति के आसन के नजदीक स्थापित किया जाएगा और खास मौकों पर इसे बाहर निकाला जाएगा। बता दें कि भारत के इतिहास के सबसे शक्तिशाली और समृद्ध राजवंशों में से एक चोल साम्राज्य में सत्ता हस्तांतरण के लिए सेंगोल का इस्तेमाल किया जाता था। 

G News 24 :नौ आरोपियों पर हो सकते हैं आरोप तय किसकी क्या रही है भूमिका !

 प्रयागराज केस में आज दाखिल होगी चार्जशीट...

नौ आरोपियों पर हो सकते हैं आरोप तय किसकी क्या रही है भूमिका !

प्रयागराज l उमेश पाल हत्याकांड में शुक्रवार को चार्जशीट दाखिल होगी। इसमें नौ आरोपियों का नाम हो सकता है।  जिला न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल करने की तैयारियां हो गई हैं। इससे पहले 24 मई को ही पुलिस चार्जशीट दाखिल करने वाली थी, लेकिन किसी वजह से नहीं कर पाई। 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या के बाद से अब तक इस हत्या मामले में आठ आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं। इनमें साजिशकर्ता सदाकत समेत वे शामिल हैं, जिन्हें उमेश पाल हत्याकांड का आरोपी बनाया गया है और जो जेल में हैं। चार्जशीट दाखिल करने की 90 दिन की समयावधि में तीन दिन शेष हैं। 

24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या के बाद से अब तक इस हत्या मामले में आठ आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं। इसके अलावा उम्रकैद की सजा काट रहे अतीक के वकील खान सौलत हनीफ को भी पुलिस आरोपी बना चुकी है। इस तरह से मौजूदा समय में इस मामले में कुल नौ लोग नैनी जेल में निरुद्ध हैं। प्रकरण में पहली गिरफ्तारी 27 फरवरी को हुई थी। पुलिस ने मुस्लिम बोर्डिंग हॉस्टल से सदाकत खान को अवैध असलहा के साथ गिरफ्तार किया था। इसके बाद 21 मार्च को अतीक अहमद के नौकर राकेश उर्फ लाला, ड्राइवर कैश अलावा हत्याकांड में रेकी करने वाले अख्तर कटरा, मो. सजद व नियाज अहमद को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।

हत्याकांड में एक और गिरफ्तारी एक अप्रैल को हुई जब एसटीएफ ने अतीक के नौकर शारुप उर्फ शाहरुख को गिरफ्तार किया। चार अप्रैल को अतीक के बहनोई डॉ. अखलाक को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। 27 अप्रैल को उमेश पाल हत्याकांड में खान सौलत हनीफ की रिमांड बनवाई गई। सूत्रों का कहना है कि इस मामले में जेल में निरुद्ध सभी नौ आरोपियों की हत्याकांड में संलिप्तता के पर्याप्त सबूत पुलिस जुटा चुकी है। सदाकत खान- साजिशकर्ता, जेल में साजिश रचे जाने के दौरान मौजूद।

राकेश, कैश, सजद, नियाज, अख्तर कटरा- रेकी, उमेश की लोकेशन देना और हथियार व कैश ठिकाने लगाना। शारुप उर्फ शाहरुख- हत्या में प्रयुक्त राइफल शूटरों के घर से निकलने से पहले क्रेटा में रखना, शाइस्ता से पांच लाख रुपये लेकर शूटर अरमान के भाई को पहुंचाना। अखलाक- शूटर गुड्डू मुस्लिम को शरण देना और घटना की साजिश में शामिल होना। खान सौलत हनीफ- साजिश में शामिल होना और उमेश की लोकेशन देना।

इनकी निशानदेही पर अतीक के चकिया स्थित कार्यालय से 72.73 लाख नकद व 10 असलहे बरामद किए गए।जांच में यह बात सामने आई थी कि सदाकत इस हत्याकांड की साजिश में शामिल रहा है।

G News 24: दो राज्यों के नेता इस पक्ष में नहीं हैं कि कांग्रेस किसी भी मुहिम में केजरीवाल के साथ दिखाई दें !

 दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज कांग्रेस से सपोर्ट मांगने वाले हैं

दो राज्यों के नेता इस पक्ष में नहीं हैं कि कांग्रेस किसी भी मुहिम में केजरीवाल के साथ दिखाई दें !

नई दिल्ली l केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ मुहिम चला रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज कांग्रेस से सपोर्ट मांगने वाले हैं। वह अपनी पार्टी के नेताओं के साथ आज कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से मुलाकात की कोशिश करने वाले हैं। हालांकि दिल्ली और पंजाब के कांग्रेस के नेता इस पक्ष में नहीं हैं कि कांग्रेस किसी भी मुहिम में केजरीवाल के साथ दिखाई दें, लेकिन आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो को उम्मीद है कि कांग्रेस उन्हें समर्थन दे सकती है। दरअसल, AAP के पक्ष में शरद पवार के बयान ने केजरीवाल के हौसलों को नई बुलंदी दी है।

पवार का साथ मिलने से उत्साहित हैं केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उस वक्त बड़ी कामयाबी हाथ लगी जब उन्हें दिल्ली में ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ शरद पवार का साथ मिल गया। गुरुवार को केजरीवाल ने अपनी पार्टी के नेताओं के साथ शरद पवार से मुलाकात की, और NCP चीफ ने विपक्ष की एकता और देश के लोकतंत्र को बचाने का हवाला देकर केजरीवाल का समर्थन करने का एलान कर दिया। पवार ने कहा कि यह मुद्दा सिर्फ दिल्ली का नहीं, बल्कि देश में लोकतंत्र को बचाने का है, इसलिए सभी पार्टियों को पुरानी बातें भुला कर केजरीवाल के साथ आना चाहिए।

उद्धव ने भी किया केजरीवाल का समर्थन

महाराष्ट्र की राजनीति में पवार अकेले नहीं हैं जिन्होंने केजरीवाल का समर्थन किया है। शिवसेना (UBT) के नेता उद्धव ठाकरे भी केजरीवाल को समर्थन दे चुके हैं। उद्धव का तर्क भी 2024 के लिए विपक्ष की एकता ही है। केजरीवाल अपनी इस मुहिम में अब तक विपक्ष के कई नेताओं से मिल चुके हैं और उनका समर्थन हासिल कर चुके हैं। इन नेताओं में उद्धव और पवार के अलावा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शामिल हैं। हालांकि केजरीवाल के लिए राज्यसभा में बड़ा समर्थन जुटाना अभी दूर की कौड़ी है और इसकी वजह है कांग्रेस।

अभी भी केजरीवाल के खिलाफ है कांग्रेस ?

दरअसल, प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के नेता केजरीवाल की मुहिम के खिलाफ लगातार बयान दे रहे हैं। अजय माकन और संदीप दीक्षित जैसे दिल्ली कांग्रेस के बड़े नेता इस मुद्दे पर केजरीवाल के विरोध में खड़े हैं। वे कांग्रेस हाईकमान से केजरीवाल को किसी तरह का सपोर्ट न देने की अपील कर रहे हैं। ऐसे माहौल में आज अरविंद केजरीवाल कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से मुलाकात की कोशिश करने वाले हैं। देखना ये है कि क्या कांग्रेस हाईकमान अपने नेताओं के खिलाफ जाकर केजरीवाल को समर्थन देंगे, और अगर राहुल गांधी केजरीवाल को मिलने का वक्त देते हैं तो ये बड़ी बात होगी।

केजरीवाल के सामने हैं और भी मुश्किलें

अगर किसी वजह से कांग्रेस हाईकमान केजरीवाल का साथ दे भी देता है तो राज्यसभा के फ्लोर पर अध्यादेश के खिलाफ वोट जुटाना एकदम टेढ़ी खीर है। राज्यसभा के मौजूदा सदस्यों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो सदन में 238 सदस्य है, जिनमें से 5 नॉमिनेटेड हैं, यानी 233 ही सदस्य वोट कर पाएंगे। ऐसे में जिसके पास राज्यसभा में 117 वोट होंगे वह बाजी मार लेगा। मौजूदा स्थिति में केंद्र सरकार और केजरीवाल के समर्थन वाले दलों की राज्यसभा में स्थिति देखें तो तस्वीर और साफ हो जाएगी।

राज्यसभा में क्या है मौजूदा स्थिति?

बीजेपी के 93 सांसदों के अलावा बीजेडी के 9, AIADMK के 4 और वाईएसआर कांग्रेस के 9 सांसदों को मिला दें तो राज्यसभा में सरकार के पक्ष में 115 सांसद नजर आते हैं। इसी तरह, अगर आम आदमी पार्टी के समर्थन में खड़ी पार्टियों की स्थिति देखें तो फिलहाल आप के 10 सांसदों के अलावा केजरीवाल को TMC के 12, RJD के 6, JDU के 5, उद्धव के 3 और NCP के 4 सांसदों को मिलाकर सिर्फ 40 सांसदों का समर्थन हासिल है। इनके अलावा DMK के 10, BRS के 9, CPM के 5, समाजवादी पार्टी के 3, CPI के 2, JMM के 2 और RLD के 1 सांसद को मिलाकर कुल 32 सांसद होते हैं।

कांग्रेस के बिना अध्यादेश को रोकना मुश्किल

इस तरह देखा जाए तो केजरीवाल के पक्ष में कुल मिलाकर 40+32 यानी कि 72 सांसदों का समर्थन मिलता दिख रहा है। मतलब ये कि कांग्रेस के बिना केजरीवाल के लिए इस अध्यादेश को राज्यसभा में रोकना मुमकिन नहीं है। संसद की नई बिल्डिंग के मामले में जितनी पार्टियां मोदी सरकार के विरोध में है, उतनी पार्टियां भी अगर अध्यादेश के खिलाफ वोट दें तो भी अध्यादेश वाले बिल को रोक पाना संभव नहीं होगा।

G News 24 :अब आने वाली है "कोरोना से भी बड़ी और घातक महामारी !

  WHO प्रमुख ने दुनिया को किया अगाह...

अब आने वाली है "कोरोना से भी बड़ी और घातक महामारी !

कोरोना वायरस के घातक प्रकोप से भले ही दुनिया लगभग उबर चुकी हो, लेकिन अब इससे भी बड़ी और घातक महामारी ने दस्तक दे दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सभी देशों को अगली महामारी के लिए कमर कस लेने की चेतावनी दी है।

टेड्रोस अधनोम, डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि कोरोना वायरस के घातक प्रकोप से भले ही दुनिया लगभग उबर चुकी हो, लेकिन अब इससे भी बड़ी और घातक महामारी ने दस्तक दे दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सभी देशों को अगली महामारी के लिए कमर कस लेने की चेतावनी दी है। डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने दुनिया को अगाह किया है कि यह कोरोना वायरस से भी 'अधिक घातक' हो सकती है। उन्होंने बताया कि विभिन्न कारकों से जानलेवा महामारी का खतरा बना हुआ है। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि कोरोना से भी घातक मानी जाने वाली इस महामारी का नाम क्या है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ट्रेडोस अधनोम घेब्रेयसस, जिन्होंने हाल ही में घोषणा की थी कि कोविड-19 महामारी अब एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल नहीं है,ने इस बात को रेखांकित किया कि इस डाउनग्रेड का मतलब यह नहीं है कि यह वैश्विक स्वास्थ्य खतरा नहीं रह गया है।

उन्होंने 76वीं विश्व स्वास्थ्य सभा को संबोधित करते हुए कहा, बीमारी और मौत के नए उछाल का कारण बनने वाले एक अन्य प्रकार के उभरने का खतरा बना हुआ है, और इससे भी घातक क्षमता के साथ एक और रोगजनक के उभरने का खतरा बना हुआ है। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि कोविड-19 अब एक वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल न रह जाए, लेकिन देशों को अभी भी बीमारी के प्रति अपनी प्रतिक्रिया को मजबूत करना चाहिए और भविष्य की महामारियों और अन्य खतरों के लिए तैयार रहना चाहिए। ताकि अगली महामारी आने पर एक निर्णायक और सामूहिक प्रतिक्रिया हो सके।

महामारी ने हमें रास्ते से हटायाः डब्ल्यूएचओ

घेब्रेयसस ने दुनिया को यह भी याद दिलाया कि अतिव्यापी संकटों के सामने, महामारी हमारे सामने आने वाले एकमात्र खतरे से बहुत दूर हैं। सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के तहत, जिसकी समय सीमा 2030 है, कोविड-19 महामारी का स्वास्थ्य संबंधी लक्ष्यों के लिए महत्वपूर्ण प्रभाव था, और इसने 2017 विश्व स्वास्थ्य सभा में घोषित ट्रिपल बिलियन लक्ष्य की दिशा में हुई प्रगति को भी प्रभावित किया। डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा, महामारी ने हमें रास्ते से हटा दिया है, लेकिन इसने हमें दिखाया है कि एसडीजी को हमारा उत्तर सितारा क्यों रहना चाहिए, और हमें उसी तत्परता और दृढ़ संकल्प के साथ उनका पीछा क्यों करना चाहिए, जिसके साथ हमने महामारी का मुकाबला किया।

G News 24:पुलिस जमीन से निकाले 77.50 लाख रुपये के गुलाबी नोट !

 चोर गेंग ने नागपुर से चुराकर छत्तीसगढ़ में छिपाए थे 

पुलिस जमीन से निकाले  77.50 लाख रुपये के गुलाबी नोट !

नागपुर l 2 दिन पहले नागपुर के मनकापुर में रहने वाले मनीष विजय कपाई के घर से ये चोर 77.53 लाख रुपये चोरी कर छत्तीसगढ़ भाग गया था। चोर ने ये सारे पैसे छत्तीसगढ़ में गड्ढा खोदकर छुपा दिए थे। आरोपी ने दो गड्ढे खोदकर चोरी की सारी रकम छत्तीसगढ़ के राजनांद गांव में छुपा दी थी। पुलिस ने 1 शातिर चोर के पिता को धर दबोचा है। ये चोर इतना शातिर है कि चोरी की घटना को अंजाम महाराष्ट्र में देता था और चोरी का सामान, जिसमें आभूषण और पैसे हुआ करते थे, उसे लेकर छत्तीसगढ़ चला जाता था। 

नरेश अकालु महिलांगे नामक आरोपी का पुलिस को सुराग लगा कि वह राजनांद गांव का रहने वाला है। पुलिस ने उसके घर पर दबिश दी तो वह पहले ही अपनी गर्लफ्रेंड के साथ फरार हो चुका था। पुलिस ने उसके पिता के पास से चोरी की 77.50 लाख रकम गड्ढे से खोदकर बरामद कर ली है। पुलिस ने नरेश के पिता अकालू दूधेराम महिलांगे को गिरफ्तार कर लिया है। नरेश और उसकी गर्लफ्रेंड को पुलिस सरगर्मी से तलाश कर रही है।

पुलिस को गुमराह करता रहा चोर का पिता

पुलिस ने बताया कि नरेश कुमार नागपुर में चोरी करने के बाद सारा माल लेकर अपने घर छत्तीसगढ़ चला जाता था, उसके पिता अंकालू को यह बात पता थी कि उसका बेटा चोरी करता है। नरेश के पिता चोरी की सारी जानकारी के बावजूद भी पुलिस को गुमराह करने का प्रयास करता रहा। पूछताछ के बाद पुलिस उसे पकड़कर नागपुर लाई। पुलिस को उम्मीद है कि फरार नरेश कुमार और गायत्री को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

नरेश चोरी करता, पिता माल छुपाता

पुलिस ने खुफिया सूचना, सीसीटीवी फुटेज और फिंगरप्रिंट के आधार पर आरोपी नरेश कुमार का पता निकाला। जब पुलिस उसके घर छत्तीसगढ़ पहुंची तब तक वह घर से गायत्री के साथ कुछ नगदी लेकर फरार हो चुका था। उसके पिता से पूछताछ के बाद पता चला कि नकदी कमरे के अंदर गड्ढे में दबा कर रखी है। शातिर नरेश चोरी करता था और उसका पिता चोरी का माल गड्ढे में छुपाता था। नरेश के ऊपर वाहन चोरी और सेंधमारी के 26 से अधिक मामले दर्ज हैं।

गांव वालों के लिए रॉबिनहुड, प्रेमिकाओं की लंबी लिस्ट

मनकापुर पुलिस को महिलांगे के राजनांदगांव में कई लोगों से जुड़े होने का पता चला है। उसके पास पहुंचने पर पुलिस हैरान रह गई। अधिकांश लोग गरीब और मजदूर तबके के थे। उन्हें महिलांगे ने समय-समय पर रुपये दिए थे। उन्होंने उपचार, शादी-ब्याह, मकान के निर्माण आदि जरूरतें पूरी करने के लिए उससे पैसे लिए थे। इनमें से किसी ने भी महिलांगे को रुपये लौटाए नहीं थे। महिलांगे ने एक अपाहिज भिखारी को ₹50000 दिए थे। राजनंदगांव के कई लोगों के बीच उसकी मसीहा जैसी छवि बनी हुई थी। उसकी प्रेमिकाओं की फेहरिस्त भी काफी लंबी है।

ठिकाने लगाए चोरी के लाखों रुपये

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार नागपुर के साईं बाबा नगर निवासी मनीष विजय कपई की मेडिकल उपकरण बिक्री की कंपनी है। यह परिवार अमृतसर कुछ दिनों के लिए चला गया था। इसी दौरान किसी ने बंगले में प्रवेश कर 70 लाख रुपए नगद और आभूषण चुरा लिए थे। चोर ने 17 मई को कवाई के घर चोरी की, उसने कार भी चुराई, उसमें सवार होकर शराब के अड्डे पर गया और वहां से प्रेमिका पिंकी के कलमना स्थित घर गया। पिंकी को लेकर वह छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव पहुंचा और रेलवे पटरी के पास उसने कार छोड़ दी। फिर यहां से पिता के घर पहुंचा और बोरी में रखे रुपए अलग-अलग किए और पिता के घर में गड्ढे खोदकर लाखों रुपए छुपा दिए।

G News 24: बजरंग दल ने 'द क्रिएटर सृजनहार' के खिलाफ किया विरोध प्रदर्शन

  'द केरल स्टोरी' के बाद एक और फिल्म पर विवाद

 बजरंग दल ने 'द क्रिएटर सृजनहार' के खिलाफ किया विरोध प्रदर्शन 

अहमदाबाद l 'द केरल स्टोरी' फिल्म को लेकर विवाद जारी है और कुछ राज्यों में इसका प्रदर्शन नहीं हो पा रहा है। वहीं इसी बीच एक और फिल्म का विरोध शुरू हो गया है। यह फिल्म है द क्रिएटर सृजनहार। दरअसल आरोप है कि फिल्म के जरिए लव जिहाद को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसकी वजह से बुधवार को गुजरात के अहमदाबाद में इस फिल्म की स्क्रीनिंग के विरोध में नारेबाजी और हंगामा किया गया। 

द क्रिएटर सृजनहार फिल्म 26 मई को रिलीज होने वाली है लेकिन रिलीज से पहले ही फिल्म विवादों में घिर गई है। दरअसल हिंदूवादी संगठन बजरंग दल फिल्म का विरोध कर रहा है। बजरंग दल का आरोप है कि फिल्म में लव जिहाद को बढ़ावा दिया गया है। बजरंग दल के सदस्यों ने बुधवार को गुजरात के अहमदाबाद में एक मल्टीप्लेक्स में फिल्म के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। बजरंग दल के सदस्यों ने फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की। 

विवाद पर निर्माता ने दी सफाई

वहीं फिल्म के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों पर फिल्म के निर्माता राजेश कराटे गुरुजी ने कहा कि 'हमने फिल्म में यह दिखाने की कोशिश की है कि दुनिया बदल सकती है। मैं किन्हीं धमकियों से नहीं डरता, उन्हें अपने धर्म से प्यार है और मैं इसमे कुछ नहीं कर सकता। मैं सभी धर्म के मानने वालों से अपील करता हूं कि वह धर्म के नाम पर दंगा-फसाद और हिंसा ना करें। धर्म के बचाने के नाम पर एक व्यक्ति को क्यों मारना? उसकी जगह धर्म को मारकर व्यक्ति को बचाना चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि क्या आप चाहते हैं कि आप अपने परिवार को खो दें।'

26 मई को रिलीज होगी फिल्म

बता दें कि द क्रिएटर सृजनहार के निर्माता राजेश कराटे गुरुजी  और राजू पटेल हैं। वहीं फिल्म का लेखन और निर्देशन प्रवीण हिंगोनिया ने किया है। यह फिल्म 26 मई को देशभर के 250 से ज्यादा सिनेमाघरों में रिलीज की जाएगी। फिल्म में सीआईडी धारावाहिक फेम दयानंद शेट्टी, मिर्जापुर वेब सीरीज फेम शाजी चौधरी और नवोदित अभिनेता जश्न कोहली ने मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं। 

G News 24 :सिडनी में PM मोदी को मिला सेरेमो‎‎नियल गार्ड ऑफ ऑनर

 भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंध आपसी विश्वास और भरोसे पर आधारित हैं…

सिडनी में PM मोदी को मिला सेरेमो‎‎नियल गार्ड ऑफ ऑनर

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‎सिडनी में सेरेमो‎‎नियल गार्ड ऑफ ऑनर ‎दिया गया। यहां पीएम मोदी ने बुधवार को सिडनी, ऑस्ट्रेलिया में अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष के साथ द्विपक्षीय बैठक की। बैठक में भारत के विदेश मंत्री (ईएएम) एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने भी भाग लिया। इस दौरान पीएम मोदी को बुधवार को ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में एडमिरल्टी हाउस में सेरेमोनियल गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने सिडनी में एडमिरल्टी हाउस में आगंतुक पुस्तिका पर भी हस्ताक्षर किए। वहीं इस बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष एंथनी अल्बनीज के साथ बातचीत के बाद कहा कि भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंध आपसी विश्वास और भरोसे पर आधारित हैं। ऑस्ट्रेलिया में भारतीय समुदाय भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सेतु है। हमने भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने पर चर्चा की है। हमने नए क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा की। 

पीएम मोदी ने कहा ‎कि हमने व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया, इससे आर्थिक संबंध और गहरे होंगे। हमने खनन और महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्रों में सामरिक सहयोग पर सार्थक चर्चा की। उन्होनें कहा कि प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और मैंने ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों पर हमलों के मुद्दे पर पहले भी चर्चा की थी और आज हमने फिर से इस पर बात की। यह हमें स्वीकार्य नहीं है कि कोई भी अपने कृत्यों या विचारधारा से भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों को ठेस पहुंचाए। भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंध द्विपक्षीय पहलुओं के अलावा क्षेत्रीय स्थिरता, शांति तथा वैश्विक कल्याण से भी जुड़े हैं। मोदी ने ऐसी घटनाओं में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अल्बनीज का शुक्रिया अदा किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा ‎कि प्रधानमंत्री अल्बनीज ने आज मुझे एक बार फिर आश्वासन दिया कि वह भविष्य में भी ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। 

ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष के साथ अपनी लगातार हो रही बैठकों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों की गहराई को दर्शाता है। उन्होंने कहा, पिछले एक वर्ष में यह हमारी छठवीं मुलाकात है। यह हमारे व्यापक संबंधों की गहराई और हमारे संबंधों की परिपक्वता को दर्शाता है। क्रिकेट की भाषा में कहें तो हमारे संबंध टी20 प्रारूप में हैं। मोदी ने बताया कि दोनों पक्षों ने खनन और महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्रों में रणनीतिक सहयोग पर भी सार्थक चर्चा की। वार्ता के दौरान दोनों पक्षों ने हरित हाइड्रोजन के क्षेत्रों में सहयोग पर ध्यान केंद्रित करने का भी फैसला किया। वहीं अल्बनीज ने अपने बयान में कहा कि ऑस्ट्रेलिया बेंगलुरु में एक नया महावाणिज्य दूतावास खोलेगा। इससे पहले मंगलवार को पीएम मोदी ने अपनी सिडनी यात्रा के दौरान एक सामुदायिक कार्यक्रम में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए पारस्परिक विश्वास और पारस्परिकता पर प्रकाश डाला।

G News 24:नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होंगे 19 विपक्षी दल !

 राजनीतिक बयानबाजी जारी…

नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होंगे 19 विपक्षी दल !

नई दिल्ली। नये संसद भवन के उद्घाटन को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। कांग्रेस समेत 19 विपक्षी दलों ने नये संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। विपक्ष का कहना है कि राष्ट्रपति के बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भवन के उद्घाटन करने का निर्णय राष्ट्रपति के उच्च कार्यालय का अपमान करता है, और संविधान की भावना का भी उल्लंघन करता है। एक संयुक्त बयान में विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री द्वारा भवन का उद्घाटन करने का निर्णय को लोकतंत्र पर सीधा हमला करार दिया है आपको बता दें कि नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई को होगा। 

उधर विपक्षी नेताओं से अलग AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने मांग की है कि नये संसद भवन का उद्धाटन विधानसभा अध्यक्ष द्वारा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ, तो उनकी पार्टी उद्धाटन समारोह का विरोध करेगी और इसमें शामिल नहीं होगी। वैसे बीजेपी के समर्थक दलों ने इसे व्यर्थ का विवाद बताया है। शिरोमणि अकाली दल के नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि नये संसद भवन का उद्घाटन देशवासियों के लिए गर्व का विषय है, इसलिए उनकी पार्टी ने इस समारोह में शिरकत करने का फैसला किया है। हम विपक्ष द्वारा उठाई गई आपत्तियों सहमत नहीं हैं। विपक्ष के कहना है कि राष्ट्रपति न केवल भारत में राज्य का प्रमुख है, बल्कि संसद का एक अभिन्न अंग भी है। 

वह संसद को बुलाता है, सत्रावसान करता है और संबोधित करता है। संक्षेप में, संसद राष्ट्रपति के बिना कार्य नहीं कर सकती है। ऐसे में उनके बजाए प्रधानमंत्री द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन, एक अशोभनीय कार्य है और राष्ट्रपति के उच्च पद का अपमान करता है। यह उस समावेशी भावना का अनादर है, जिसके तहत देश अपनी पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति का जश्न मना रहा है। 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, नए संसद भवन को राष्ट्र को समर्पित करेंगे।दोनों सदनों के सांसदों को भौतिक और डिजिटल दोनों रूपों में निमंत्रण भेजा गया है। 

संभावना है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस अवसर पर बधाई संदेश जारी करेंगे। बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर, 2020 को नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी। इसे रिकॉर्ड समय में गुणवत्तापूर्ण निर्माण के साथ बनाया गया है। संसद के वर्तमान भवन में लोक सभा में 543 तथा राज्य सभा में 250 सदस्यों के बैठने का प्रावधान है जबकि नये संसद भवन में भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए लोकसभा में 888 और राज्य सभा में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की गई है। दोनों सदनों का संयुक्त सत्र लोकसभा कक्ष में होगा।

G News 24: ख़राब मानसिक हालत के चलते माता-पिता ने अपनी ही बेटे का किया बेरहमी से कत्ल !

पहले पाल-पोसकर बड़ा किया और फिर…

ख़राब मानसिक हालत के चलते  माता-पिता ने अपनी ही  बेटे का किया बेरहमी से कत्ल !

छत्तीसगढ़। जब किसी घर में बच्चे की पहली किलकारी गूंजती है तो सबसे ज्यादा मां खुश होती है। बच्चा जब पहली बार चलना सीखता है तो पिता का सीना गर्व से फूल जाता है। बच्चे की हर खुशी, हर चाहत के लिए माता पिता अपनी पूरी जिंदगी लगा देते हैं, लेकिन जब ऐसी बात सुनने को मिले कि माता-पिता ही अपनी औलाद के हत्यारे बन गए हैं तो यकीन करना मुश्किल हो जाता है। ऐसी घटनाएं जिनकी कल्पना भी नहीं होती जब हकीकत में सामने आती हैं तो तो होश उड़ा देती हैं हैं। पिछले कुछ दिनों में कई ऐसे मामले सामने आए जिसमें माता-पिता ने अपने बच्चों को मौत दी है।

छत्तीसगढ़ में रायगढ़ के जार-पारा गंगरेल इलाके में 40 साल के गणेश पटेल धारदार हथियार से हत्या कर दी गई। लड़के की मां फुलेश्नेवरी ने पुलिस को मामले की जानकारी दी। गणेश की मानसिक हालत ठीक नहीं थी। पुलिस ने जांच शुरू की तो हैरानी की खबर सामने आई। 65 साल की फुलेश्वरी ने ही अपने बेटे की हत्या कर दी। बेटा शादी-शुदा था। घर में अक्सर झगड़े होते थे। घर का खर्चा भी फुलेश्वरी को चलाना पड़ता था, ऊपर से बेटे की मानसिक हालत भी ठीक नहीं थी। उस दिन गणेश की पत्नी अपने मायके गई हुई थी। मौका पाकर फुलेश्वरी ने अपने बेटे की किचन में रखे हंसिया से हत्या कर दी। पुलिस ने फुलेश्वरी को गिरफ्तार कर लिया है।

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में ही एक और ऐसा ही दिल दहला देने वाला मामला सामने आया। 16 साल के एक लड़के की लाश सड़क किनारे मिली। पहले लगा कि शायद लड़के का एक्सीडेंट हुआ है, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि असल में लड़के की हत्या की गई है। जांच शुरू हुई तो पता चला कि 16 साल के लड़के को उसके माता-पिता ने ही मार डाला। पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो माता-पिता ने अपना जुर्म कबूल किया। उन्होंने बताया कि लड़का कुछ दिन पहले अपने हॉस्टल से लौटकर आया था और घर पर सबसे से काफी झगड़ रहा था। गुस्से में डंडे से पीटकर एक रात माता-पिता ने उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद लाश को बोरे में रखकर सड़क किनारे फेंक आए ताकि पुलिस को लगे कि केस एक्सीडेंट का है।

इसी तरह पिछले साल आगरा में एक मामला सामने आया था जहां माता-पिता ने अपने 2 बेटों और एक बेटी के साथ मिलकर अपने सबसे बड़े बेटे की हत्या कर दी। नेपाल सिंह अपनी पत्नी रूबी के साथ अपने माता-पिता से अलग रहता था। पिता ने 6 लाख रुपये में एक जमीन बेची थी जिसमें नेपाल सिंह भी हिस्से की मांग कर रहा था जबकि माता पिता अपने दोनों छोटे बेटों में ही ये पैसा बांटना चाहते थे। नेपाल सिंह जिस दिन उनके घर आया माता-पिता ने अपने दूसरे बच्चों के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी। इतना ही नहीं अगले दिन उसका अंतिम संस्कार भी करने लगे। इसी दौरान नेपाल की सिंह की पत्नी की शिकायत के बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई और अधजली लाश को निकाला गया। जांच शुरू हुई तो पूरी हकीकत सामने आई।

G News 24:मुख्तार अंसारी की पत्नी को अवैध रूप से ज़मीन बेचने के मामले में वक्फ निरीक्षक सस्पेंड

 आखिर बेचने वाले ने किस अधिकार से उस जमीन को बेचा…

मुख्तार अंसारी की पत्नी को अवैध रूप से ज़मीन बेचने के मामले में वक्फ निरीक्षक सस्पेंड

लखनऊ। यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने लखनऊ  की एक वक्फ संपत्ति को माफिया मुख्तार अंसारी की पत्नी  को अवैध रूप से बेचने के मामले में एक वक्फ निरीक्षक को सस्पेंड कर दिया गया। बोर्ड के अध्यक्ष अली जैदी ने बताया कि लखनऊ के सआदतगंज थाना क्षेत्र स्थित वक्फ दरोगा मीर वाजिद अली की एक जमीन 25 अप्रैल 2013 को माफिया-नेता मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी को अवैध रूप से बेची गई थी। उन्होंने बताया कि इस मामले में कार्रवाई करते हुए वक्फ निरीक्षक मुंतज़िर महदी को सस्पेंड कर दिया गया है। 

उन्होंने बताया कि इस मामले में मुख्तार की पत्नी अफशां अंसारी और संबंधित जमीन के बेचने वाले नजमुल हसन तथा संबंधित अन्य लोगों को नोटिस भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि इस नोटिस में उनसे पूछा जाएगा कि आखिर बेचने वाले ने किस अधिकार से उस जमीन को बेचा और खरीदार ने बिना जांचे-परखे उसे कैसे खरीद लिया। जैदी ने बताया कि दोनों पक्षों को अपनी बात रखने के लिए 15 दिन का वक्त दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उसके बाद वक्फ अधिनियम की धारा 52 के तहत कार्यवाही करके जिला प्रशासन से गुजारिश की जाएगी कि वह उस जमीन पर वक्फ बोर्ड को कब्जा दिलाए।

गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी विभिन्न आपराधिक मामलों में जेल में बंद है। वहीं उसकी पत्नी अफशां अंसारी फरार है। जैदी ने बताया कि वक्फ दरोगा मीर वाजिद अली में वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के मामले में मुतवल्ली अब्बास अमीर को पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि वक्फ दरोगा मीर वाजिद अली की ही थाना हसनगंज स्थित अनूप गोयल और नंदकिशोर वर्मा नामक व्यक्तियों की एक निजी संपत्ति को जालसाजी से वक्फ अभिलेखों में दर्ज कर लिया गया था। उन्होंने बताया कि मामला सामने आने पर उन्हें बोर्ड के रिकॉर्ड से हटा दिया गया है।

G News 24:अमृतकाल में लोकतंत्र के मूल्यों पर वैचारिक आपातकाल !

 जिस संसद के मंदिर में सजदा कर सांसद जनता की सेवा की सौगंध लेते हैं…

अमृतकाल में लोकतंत्र के मूल्यों पर वैचारिक आपातकाल !

लोकतंत्र के लिए ऐतिहासिक अवसर नई संसद का लोकार्पण लोकतंत्र के मूल्यों पर वैचारिक आपातकाल के अवसर के रूप में बदलता दिखाई पड़ रहा है. जिस संसद के मंदिर में सजदा कर सांसद जनता की सेवा की सौगंध लेते हैं उसी मंदिर को राष्ट्र को समर्पित करने के कार्यक्रम का विरोध विपक्षी एकता के प्रहसन के रूप में प्रदर्शित किया जा रहा है. पहले तो नए संसद भवन के निर्माण के प्रोजेक्ट का ही पुरजोर विरोध किया गया. सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद ही नई संसद बन पाई है. कभी नए संसद परिसर में लगाये गए शेरों की छवि पर विवाद किया गया तो कभी इस पर खर्च हो रही राशि को लेकर विपक्ष ने विरोध की पराकाष्ठा पार की. रिकॉर्ड समय में अब जब नया संसद भवन बन गया है और सावरकर जयंती पर 28 मई को इसका उद्घाटन हो रहा है तो उद्घाटन किसके हाथों हो इसको लेकर राजनीतिक विवाद और उद्घाटन समारोह के बायकॉट का शंखनाद वैचारिक अदावत और अतिवाद की सारी सीमाएं तोड़ता दिखाई पड़ रहा है. विपक्ष का सारा विरोध इस बात पर है कि नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नहीं करना चाहिए बल्कि इसका उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा किया जाना ही संवैधानिक मूल्यों के अनुरूप होगा. 

नए संसद भवन के विचार से ही विपक्षी विरोध की शुरुआत हुई थी जो उद्घाटन तक कायम है. विपक्षियों को राष्ट्रपति के मान-सम्मान से तो कोई लेना देना नहीं हो सकता क्योंकि अगर ऐसा होता तो बीजेपी की महिला और आदिवासी राष्ट्रपति प्रत्याशी का सभी विपक्षी दलों द्वारा समर्थन किया जाता. राष्ट्रपति के निर्वाचन में वर्तमान राष्ट्रपति के लिए जिस तरीके की बातें कही गई वह सब सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं. विपक्ष का विरोध शायद इस बात पर है कि आजादी के अमृतकाल में बन रही नई संसद का शिलान्यास और उद्घाटन का इतिहास नरेंद्र मोदी के नाम दर्ज हो जाएगा. मोदी विरोध जहां विपक्ष की राजनीति का आधार बन गया हो वहां इतिहास में मोदी के नाम की पट्टिका विपक्ष के सीने पर पत्थर जैसी लग रही है. सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट जिसके अंतर्गत नई संसद का निर्माण हो रहा है वह नरेंद्र मोदी की ही परिकल्पना कही जाएगी. राजपथ का नाम बदलकर ‘कर्तव्यपथ’ करने का इतिहास भी प्रधानमंत्री ने ही रचा है. इंडिया गेट पर पहली बार सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण भी आजाद भारत में इतने लंबे समय बाद नरेंद्र मोदी के हाथों ही संभव हो सका है. गुलामी की मानसिकता और गुलामी के प्रतीकों को बदलने की योजना के अंतर्गत ही नया संसद भवन बनकर तैयार हुआ है. 

नरेंद्र मोदी की लीडरशिप में ऐसे जितने भी गुलामी के प्रतीकों को बदला जा रहा है वह उन ताकतों को पसंद नहीं आ रहा है जो अब तक देश में शासन संचालन का नियंत्रण कर रहे थे. गुलामी के प्रतीक कुछ लोगों की आस्था के प्रतीक बन गए हैं. उन प्रतीकों को जो भी खंडित कर रहा है वह पुराने राजनीतिक कर्णधारों के वारिसों को पसंद कैसे आ सकता है ? राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और संसद के संवैधानिक अधिकार और कर्तव्य को लेकर उद्घाटन राष्ट्रपति से कराने के राजनीतिक बयानों का संवैधानिक रूप से उतना महत्व नहीं है लेकिन इसके राजनीतिक संदेश निश्चित रूप से हैं. लोकसभा के सेक्रेटरी जनरल की ओर से नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के आमंत्रण पत्र वितरित किए गए हैं. संसद भवन का प्रशासनिक नियंत्रण लोकसभा सचिवालय के पास ही होता है. इस दृष्टि से लोकसभा स्पीकर उद्घाटन समारोह के मेजबान कहे जाएंगे. किसी भी मेजबान को इस बात का अधिकार होता है कि वह कार्यक्रम का मुख्य अतिथि किसे आमंत्रित करे. इस बारे में किसी भी नियम कानून या संविधान के अंदर कार्यक्रम के आयोजन के लिए मुख्य अतिथि का कोई प्रोटोकॉल अभी तक तो निर्धारित नहीं है. नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने वाले कांग्रेस समेत 19 विपक्षी दलों का कहना है कि उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा किया जाना चाहिए. 

राहुल गांधी भी इसी तरह की बात कह रहे हैं. राहुल गांधी ने कहा है कि संसद भवन ईटों से नहीं संवैधानिक मूल्यों से बनता है. उन्होंने अहंकार की बात भी अपने ट्वीट में की है. आजादी के बाद नया संसद भवन भले ही पहली बार बन रहा हो लेकिन राज्यों में विधान सभाओं के नए भवन का निर्माण कई जगह हुआ है. इन राज्यों में विधानसभा भवनों का लोकार्पण किसी सुनिश्चित प्रोटोकाल के तहत नहीं किया गया है. कहीं-कहीं राष्ट्रपति तो कहीं राज्यपाल तो कुछ राज्यों में नई विधानसभा भवनों का लोकार्पण मुख्यमंत्रियों द्वारा भी किया गया है. विधानसभा भवन के नामकरण को लेकर भी हर राज्य में अलग-अलग ढंग से काम किया गया है. किसी भी राज्य में किसी भी विधान भवन या संसद भवन का नामकरण किसी भी राष्ट्रपति के नाम करके राष्ट्रपतियों को सम्मान देने की परंपरा अब तक क्यों नहीं डाली गई इस बारे में भी कांग्रेसियों को बताना चाहिए. मध्यप्रदेश में नए विधानसभा भवन का उद्घाटन तीन अगस्त 1996 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ शंकरदयाल शर्मा ने किया था. विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी थे. इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह थे. 

मध्यप्रदेश के नए विधान भवन के उद्घाटन समारोह में इस भवन के नामकरण को लेकर भारी विवाद हुआ था. सदन में बीजेपी के नेता प्रतिपक्ष विक्रम वर्मा ने नए विधान भवन का नामकरण इंदिरा गांधी के नाम से करने के प्रयासों का पुरजोर विरोध किया था. उन्होंने तो लगाई गई उद्घाटन पट्टिका को ही उखाड़ने की कोशिश की थी. कांग्रेस की सरकार और स्पीकर ने विधानसभा भवन का नाम इंदिरा गांधी के नाम पर रखने की जिद की थी. उस समय संवैधानिक मूल्यों और लोकतांत्रिक मूल्यों का शायद कांग्रेस को स्मरण नहीं था. मध्यप्रदेश के विधानसभा भवन का नाम आज भी इंदिरा गांधी विधान भवन चल रहा है. मध्यप्रदेश में 2003 के बाद से ही कमोबेश बीजेपी की सरकार काम कर रही है. किसी भी विधानसभा भवन का नाम किसी राजनीतिक दल के नेता के नाम से रखे जाना लोकतांत्रिक मूल्यों की अच्छी परंपरा तो नहीं कही जा सकती. जो कांग्रेस पार्टी बीजेपी को लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों का पाठ पढ़ाने की कोशिश कर रही है उसे शायद यह नहीं भूलना चाहिए कि एमपी की बीजेपी सरकार ने अभी तक विधानसभा भवन का नाम नहीं बदला है. 

अभी भी यह भवन इंदिरा विधान भवन के रूप में स्थापित है. इससे तो ऐसा लगता है कि बीजेपी लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति ज्यादा समर्पित है. कांग्रेस की परम्परा को देखते हुए तो वर्तमान सरकार अगर नए संसद भवन का नामकरण भी कर दे तो इसे परम्परा का पालन ही कहा जाएगा. नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई को नरेंद्र मोदी के हाथों होगा. कम से कम इतनी तो खुशी की बात है कि कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दल अपने विरोध में इस बात क़ा अब ज़िक्र नहीं कर रहे हैं कि वीर सावरकर की जयंती पर नए संसद भवन का उद्घाटन क्यों किया जा रहा है?  राहुल गांधी तो अभी तक हर मोर्चे पर यही बयान देते थे कि वे माफी नहीं मांगेंगे वे सावरकर नहीं है, गांधी कभी माफी नहीं मांगते. जब से कांग्रेस और राहुल गांधी को यह समझ आ गया कि सावरकर के खिलाफ उनका बयान विपक्षी एकता को तार-तार कर देगा तब से उन्होंने इस पर चुप्पी साध ली है. सावरकर की जयंती पर नए संसद भवन का राष्ट्र को समर्पण भारत में नई वैचारिक धारा की पुनर्स्थापना है. विपक्षी विरोध के पीछे शायद यही सोच काम कर रही है कि इतने लंबे समय तक देश का शासन चलाने के बाद भी नया संसद भवन बनाने की परिकल्पना तक नहीं की जा सकी. 

नरेंद्र मोदी ने न केवल नए संसद भवन की परिकल्पना की बल्कि एक रिकॉर्ड समय में उसका निर्माण भी पूरा कराया. देश में बड़े-बड़े निर्माण के ऐसे इतिहास कम ही देखने को मिलते हैं, जब एक ही जननेता द्वारा शिलान्यास भी किया जाए उसी जननेता द्वारा उसका लोकार्पण भी किया जाए. लोकतंत्र विचार से विचार को मात देने और संवाद से सरकार संचालन की व्यवस्था है. नए भवन के उद्घाटन समारोह के विरोध की राजनीति विरोध का अतिवाद मानी जाएगी. आज भले ही प्रधानमंत्री के रूप में कोई भी उसका उद्घाटन कर रहा हो लेकिन संसद भवन सदियों के लिए इस देश की धरोहर है. राजनीति कोई भी हो लेकिन देश की धरोहर के विरोध की राजनीति कतई स्वीकार नहीं की जा सकती. सरकार की ओर से विपक्षी दलों से आग्रह किया जाना चाहिए कि इस ऐतिहासिक अवसर पर लोकतंत्र के स्वस्थ और सशक्त स्वरूप का दिग्दर्शन दुनिया को कराने के लिए सब एक साथ आएं. सरकार को अपने प्रयास में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहिए. 

संसद भवन के उद्घाटन अवसर पर एक और ऐतिहासिक उपलब्धि सार्वजनिक की जा रही है. जब आजादी के समय सत्ता के हस्तांतरण के प्रतीक के रूप में पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा स्वीकार किए गए राजदंड सिंगोल को संसद में लोकसभा स्पीकर के चेयर के साथ प्रदर्शित किया जाएगा. राजदंड को निष्पक्ष न्याय का प्रतीक माना जाता है. अभी तक इसे संग्रहालय में रखा गया था. यह पहली बार होगा कि इसे संसद भवन में अध्यक्ष के साथ स्थापित किया जा रहा है. गुलामी से मुक्त भारत के स्वदेशी प्रतीकों में इस प्रतीक का ऐतिहासिक महत्व है. देश की संसद सियासत का अखाड़ा बनती जा रही है. संसद संवाद और विचार विमर्श से ज्यादा बंद रहने का रिकॉर्ड बनाती रही है. नया संसद भवन संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए नए आदर्श स्थापित करे ऐसी लोककामना है.

G News 24 :प्रदेश के शासकीय और निजी महाविद्यालयों में आज से होंगे प्रवेश प्रारंभ

 ऑनलाइन होगी प्रवेश प्रक्रिया…

प्रदेश के शासकीय और निजी महाविद्यालयों में आज से होंगे प्रवेश प्रारंभ

भोपाल । प्रदेश में उच्च शिक्षा से संबंधित 1304 से अधिक सभी शासकीय और निजी महाविद्यालयों में वर्ष 2023-24 शैक्षणिक सत्र के लिये गुरूवार 25 मई से प्रवेश प्रारंभ होंगे। यह प्रवेश प्रक्रिया epravesh.mponline.gov.in से पूर्णत: ऑनलाइन होगी। इसमें एक मुख्य चरण और तीन सीएलसी राउंड होंगे। विद्यार्थियों को अपने दस्तावेज के सत्यापन के लिये महाविद्यालय जाने की आवश्यकता नहीं है। इस वर्ष स्नातकोत्तर में प्रवेश के लिये भी ई-सत्यापन प्रक्रिया प्रारंभ की जा रही है। इस वर्ष प्रवेश प्रक्रिया को अधिक सरल और विद्यार्थी हितैषी बनाया गया है। विद्यार्थी, त्रुटि होने पर ऑनलाइन शुल्क जमा करने के पहले महाविद्यालय के हेल्प सेंटर में सुधार कर पुन: विकल्प का चयन कर सत्यापन की प्रक्रिया कर सकेंगे। प्रवेश प्रक्रिया के दौरान निरस्तीकरण पर प्रवेश शुल्क राशि खाते में वापस ट्रांसफर की जाएगी। 

इस वर्ष से स्नातकोत्तर की 2 लाख 13 हजार सीटों पर प्रवेश के लिये ऑनलाइन ई-सत्यापन प्रक्रिया प्रारंभ होगी। नामांकन के आधार पर प्रदेश के शासकीय विश्वविद्यालयों से संबंधित विद्यार्थियों का डाटा सीधे पोर्टल पर प्राप्त होगा। प्रदेश के बाहर या अन्य शैक्षणिक संस्थानों के विद्यार्थी, जिनका डाटा एमपी ऑनलाइन पर उपलब्ध नहीं है, सिर्फ वे ही अपने दस्तावेज अपलोड करेंगे। विद्यार्थी, पंजीयन करते समय माध्यमिक स्तर पर प्रदान की गई स्कॉलरशिप की आईडी भी दर्ज करेंगे। एक विद्यार्थी अधिकतम 15 महाविद्यालयों के लिए च्वॉइस फिलिंग कर सकेंगे। छात्राओं को पंजीयन शुल्क से छूट रहेगी। स्नातक प्रथम चरण की प्रक्रिया के लिये पंजीयन 25 मई से 12 जून तक होंगे। यूजी की सीट आवंटन एवं कटऑफ 19 जून से 30 जुलाई तक होगा। 

शुल्क भुगतान एवं अपग्रेडेशन का विकल्प 19 से 23 जून और 3 से 7 जुलाई तक रहेगा। अपग्रेडेड कॉलेज 25 जून से 10 जुलाई तक आवंटित किया जाएगा। अपग्रेडेशन से रिक्त स्थानों पर ऑनलाइन शुल्क का भुगतान 25 से 29 जून और 10 से 13 जुलाई तक किया जाएगा। स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष की प्रथम सीएलसी के ऑनलाइन पंजीयन 26 मई से 13 जून तक और 20 से 28 जून तक होंगे। ऑनलाइन दस्तावेजों का सत्यापन 27 मई 16 जून तक और 21 जून से 1 जुलाई तक किया जाएगा। इसके अतिरिक्त सीट आवंटन एवं कटऑफ 20 जून से 4 जुलाई तक जारी रहेगा। प्रवेश शुल्क का भुगतान एवं अपग्रेडेश का विकल्प 20 से 24 जून तक और 4 से 8 जुलाई तक रहेगा। अपग्रेडेड कॉलेज 26 जून से 11 जुलाई तक आवंटित किया जाएगा। फीस 26 से 30 जून तक और 11 से 14 जुलाई तक भरी जाएगी।

G News 24: मध्य प्रदेश में स्थापित होंगे कौशल विश्वविद्यालय

कालेजों में जुलाई से परिवहन व्यवस्था होगी लागू…

मध्य प्रदेश में स्थापित होंगे कौशल विश्वविद्यालय

भोपाल। मध्य  प्रदेश में कौशल विश्वविद्यालय स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए कांसेप्ट नोट तैयार किया जा चुका है। अन्य राज्यों में स्थापित 12 कौशल विश्वविद्यालयों और संस्थानों का अध्ययन कर उनमें संचालित किए जा रहे पाठ्यक्रमों के आधार पर प्रस्ताव तैयार किया गया है। उक्त जानकारी देते हुए उच्च शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केसी गुप्ता ने मंगलवार को विभागीय मंत्री डा मोहन यादव को मंत्रालय में समीक्षा बैठक में विभाग के कार्यों से अवगत कराया। समीक्षा के दौरान मंत्री यादव ने निर्देश दिए है कि छात्राओं को आवागमन में परेशानी न हो, इसलिए सभी कालेज और विश्वविद्यालय परिवहन व्यवस्था जुलाई से अनिवार्य रूप से लागू करें। 

मंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर, बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा, जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर और विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में इन्क्यूवेशन सेंटर स्थापित किया गया है। इन विश्वविद्यालयों द्वारा 27 पेटेंट प्रगतिशील हैं। छात्रों द्वारा किए जा रहे इनोवेशन का प्रचार-प्रसार अनिवार्य रूप से किया जाए। वीडियो बना कर सोशल मीडिया से प्रचारित करें।


G. News :क्लस्टर एवं नवीन व्यवसायिक स्थलों के निर्माण में अपनी पूर्ण भूमिका का निर्वाहन करूंगा : ऊर्जा मंत्री

 MPCCI का 118वां स्थापना दिवस समारोह…

क्लस्टर  एवं नवीन व्यवसायिक स्थलों के निर्माण में अपनी पूर्ण भूमिका का निर्वाहन करूंगा : ऊर्जा मंत्री

ग्वालियर। मध्यप्रदेश चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री (MPCCI) के 118वें स्थापना दिवस के अवसर पर बुधवार, दिनांक 24 मई,2023 को इण्डस्ट्रियल क्लस्टर एवं नवीन व्यवसायिक स्थलों की आवश्य कता एवं निर्माण की संभावनायें विषय पर सेमीनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में संभागीय आयुक्त दीपक सिंह मौजूद रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्बारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन कर, किया गया। तदुपरांत पदाधिकारियों द्बारा अतिथियों का बुके देकर स्वागत किया गया। इस अवसर पर स्वागत उद्बोधन में अध्यक्ष डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने कहा कि ग्वालियर में इण्डस्ट्री तो हैं परंतु यहां क्लस्टर निर्माण नहीं हो पाया है। यहां पर कंफेक्शनरी, फूड, स्टोन, इंजीनियरिंग आदि के क्लस्टर्स डवलप हो सकते हैं। इसके साथ ही नवीन व्यवसायिक स्थलों के निर्माण की भी पूर्ण संभावनायें हैं। आज का यह कार्यक्रम इन्हीं पर फोकस करके किया गया है। यह कार्यक्रम आज शुरूआत है। इस कार्यक्रम में प्राप्त विचारों एवं संभावनाओं के क्रियान्वयन की दिशा में चेम्बर निरंतर कार्य करेगा और लक्ष्य तक पहुंचेगा। क्लस्टर डवलपमेंट के संबंध में जानकारी देते हुए सेडमैप की कार्यकारी संचालक अनुराधा सिंघई द्बारा ऑनलाइन प्रजेंटेशन के माध्यम से बताया कि क्लस्टर डवलपमेंट के लिए सबसे पहली आवश्य कता ट्रस्ट बिल्डिंग की है। जो इकाईयां क्लस्टर डवलपमेंट की दिशा में आगे बढना चाहती हैं, उन्हें इस बात पर विशेष ध्यान देना चाहिए। क्लस्टर डवलपमेंट बहुत खूबसूरत योजना है। मध्यप्रदेश सरकार एवं भारत सरकार का इस योजना पर विशेष जोर है। सैडमैप क्लस्टर डवलपमेंट में मार्गदर्शन की भूमिका का निर्वाहन करता है। इसके लिए आपको एस.पी.व्ही, बनाना होता है। 

इससे आशय एक समूह 10 से 20 लोगों का समूह जिसका प्रतिनिधित्व करने के लिए एक प्रतिनिधि/सूत्रधार होना चाहिए। इसके बाद डी.पी.आर. बनाकर सिडबी से एप्रूव कराकर शासन के पास भेजना होती है। उसकी स्क्रूटनी करने के बाद क्लस्टर डवलपमेंट का मार्ग प्रशस्त होता है। क्लस्टर के किसी भी स्टेज पर यदि कोई कमी रह जाती है तो उसमें सहायता करने के लिए सैडमेप तत्पर है। आप अपने प्रस्ताव के साथ भोपाल आकर मिल सकते हैं। जिला उद्योग एवं व्यापार केन्द्र के सहायक प्रबंधक आनंद शर्मा ने राज्य शासन की क्लस्टर योजना के विषय में बताया कि जो भी भूमि क्लस्टर के लिए चिन्हित हो, उसमें 80 प्रतिशत एमएसएमई इकाईयां होना चाहिए। एसपीव्ही में कम से कम 5 सदस्य हों, जिनमें ब्लड रिलेशन नहीं होना चाहिए। उसके बाद विकासक जो कि क्लस्टर के लिए आवश्यएक सुविधाओं का विकास करेगा तथा निवेशक जो कि उसमें निवेश करेंगे। विकासक को दो वर्ष में भूमि विकसित करके देना होगी तथा निवेशक द्बारा शासन को लीजरेंट अदा किया जायेगा। क्लस्टर के तहत स्थापित इकाईयों को शासन की सभी अनुदान योजनाओं का लाभ प्राप्त हो सकेगा। एमएसएमई ग्वालियर ब्रांच के डायरेक्टर इनचार्ज राजीव कुमार ने बताया कि क्लस्टर मुख्यत: माइक्रो एवं मीडियम इकाईयों के लिए बनाये जाते हैं। इसमें 5 से 10 करोड़ के प्रोजेक्ट के लिए शासन से 60 से 70% तक अनुदान मिलता है। यदि सभी इकाईयां माइक्रो हैं तो यह ग्रांट 75% तक हो जाती है। बाकी 25% राशि एसपीव्ही को जुटानी होती है। क्लस्टर की डीपीआर टेक्निकली वायबल होना चाहिए तभी वह अप्रूव हो सकेगी। 

केन्द्र सरकार द्बारा क्लस्टर के तहत कॉमन फेसिलिटी सेंटर के लिए 18 करोड़ रूपये तथा इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 15 करोड़ रूपये तक दिये जाते हैं। डीपीआर एप्रूवल तथा सब्मिट करने के बाद आप उसकी स्थिति ऑनलाइन चैक कर सकते हैं। ग्वालियर में इण्डस्ट्रियल क्लस्टर स्थापित हों इसके लिए हम पूर्ण सहयोग करने के लिए तत्पर हैं। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे आयुक्त ग्वालियर संभाग दीपक सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि चेम्बर के स्थापना दिवस पर चेम्बर के मिशनरी पूर्वजों को हमें नमन करना चाहिए जिन्होंने इसकी स्थापना की। आप सभी को स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई शुभकामनायें। आपने कहा कि आप किसी भी शहर को देखें तो वहां सरार्फा बाजार, बर्तन बाजार, किराना बाजार आपको समान रूप से मिलेंगे। किसी एक जगह किसी वस्तु का उत्पादन या व्यापार करने की सोच पूर्व से रही है। ग्वालियर शहर में जो पुराने बाजार अथवा इण्डस्ट्रियल एरिया हैं। उनमें अब स्थान नहीं हैं तो हमें नये बाजार, नवीन स्थान पर स्थापित करने ही होंगे। चेम्बर की पहल अच्छी है। चेम्बर को मास्टर प्लान के साथ एसोसिएशन व जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर लांग टर्म और शॉर्ट टर्म प्लान बनाकर कार्य करना चाहिए। आप पहले नवीन क्लस्टर/बाजार की संभावनाओं को आईडेंटिफाय करें फिर सेक्टरवाइज बैठक करें तब हम किसी परिणाम पर पहुंच पायेंगे। इस पहल से हम ग्वालियर को नवीन और आधुनिक पहचान दिलाने में कामयाब होंगे। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे ऊर्जा मंत्री, मध्यप्रदेश शासन प्रद्युम्न सिंह तोमर ने अपने उद्बोधन में कहा कि सकारात्मक सोच/चर्चा का परिणाम जरूर निकलता है। आपने कहा कि हम पहले स्वर्ण रेखा नदी पर एलीवेटेड रोड की कल्पना करते थे जो कि आज साकार होने जा रही है। 

इसी प्रकार आज जो हम क्लस्टर डवलपमेंट और नवीन व्यवसायिक स्थलों की चर्चा कर रहे हैं, यह भी एक दिन जरूर साकार होगी। हमारा ग्वालियर म.प्र. की स्थापना के समय औद्योगिक रूप से समृद्घ था, उसका यह स्वरूप हम वापिस ला सकते हैं। आज इसकी शुरूआत हुई है। इसको पंख लगाने का कार्य हमारे मुख्यमंत्री जी, श्री सिंधिया व आपका यह सेवक करेगा।  हमें पूर्व में स्थापित चीजों का विस्तार करना है, इस पर अमल होगा। शासन की ओर से मैं आपको इसका विश्वाास दिलाता हॅूं। इस पर शीघ्र ही चेम्बर व अधिकारियों के साथ बैठक  कर  चर्चा की जायेगी। गारबेज शुल्क पर आपने कहा कि ग्वालियरवासियों को अन्य महानगरों से ज्यादा शुल्क नहीं देना पड़ेगा, आपके साथ अन्याय नहीं होने दिया जायेगा। साथ ही विद्युत बिल जमा करने में 2000 रूपये का नोट स्वीकार करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया जायेगा। सवाल-जवाब सेशन में खालिद कुरैशी, आशीष जैन, संजय धवन, दिलीप पंजवानी, संतोष जैन, उमेश उप्पल, पूर्व कोषाध्यक्ष-वसंत अग्रवाल, दीपक जैस्वानी, महेन्द्र गुप्ता, पूर्व उपाध्यक्ष-सुरेश बंसल, राजेश माखीजा द्बारा अपनी जिज्ञासा संबंधी प्रश्न किये गये जिनका कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों द्बारा समाधान किया गया। कार्यक्रम के अंत में अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान किये गये। कार्यक्रम का संचालन मानसेवी सचिव-दीपक अग्रवाल तथा आभार कोषाध्यक्ष-संदीप नारायण अग्रवाल द्बारा व्यक्त किया गया। कार्यक्रम में संयुक्त अध्यक्ष-हेमंत गुप्ता, उपाध्यक्ष-डॉ. राकेश अग्रवाल, मानसेवी संयुक्त सचिव-पवन कुमार अग्रवाल सहित पूर्व मानसेवी संयुक्त सचिव-जगदीश मित्तल सहित काफी संख्या में कार्यकारिणी समिति सदस्यगण व चेम्बर सदस्यगण उपस्थित रहे।

G News 24:एक किलोमीटर लंबी भव्य गंगायात्रा के स्वागत में उमड़ा शहर !

 21 बग्घियों पर सवार थे संत महंत और धर्मगुरू…

एक किलोमीटर लंबी भव्य गंगायात्रा के स्वागत में उमड़ा शहर !



ग्वालियर। गंगा दशहरा के उपलक्ष्य में गंगागुरू धाम कृष्णापुरी थाटीपुर से  विशाल एवं भव्य गंगा यात्रा निकाली गई, जिसमें ंमहामंडलेश्वर संतोषानंद महाराज, महामंडलेश्वर आनंदेश्वर महाराज, रोकड़िया सरकार सहित अनेक संत महंत 12 बग्घियों पर सवार होकर चले। कार्यक्रम संयोजक रामेश्वर भदौरिया के नेतृत्व में यात्रा आगे बढ़ी। इस मौके पर इस मौके पर सांसद विवेक नारायण शेजवलकर, पूर्व साडा अध्यक्ष जयसिंह कुशवाह, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष देवेश शर्मा, मेला के पूर्व अध्यक्ष अनुराग वंसल प्रमुख रूप से शामिल हुए। शाम 5 बजे से वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ कलश पूजन एवं गणेश पूजन आरंभ हुआ,जिसके बाद यात्रा आरंभ हुई, जो दर्पण कॉलोनी की विभिन्न गलियों से होते हुए चौहान प्याऊ, थाटीपुर चौराहा, बलवंत नगर तिराहे से विश्वविद्यालय मार्ग, सचिन तेंदुलकर मार्ग होते हुए कथा स्थल हरदौल गार्डन पहुंची। गंगायात्रा में 11 सौ महिलाएं पीली साड़ी पहनकर सिर पर कलश रखकर शामिल हुईं। 

युवक सिर पर पगड़ी और हाथों में धर्म ध्वजा लेकर चल रहे थे। बैंडवादकों ने भजनों की मधुर धुन निकालकर वातावरण को धर्ममय कर दिया। यात्रामार्ग को स्वागत द्वारों से सजाए गया था। श्रद्धालुओं ने जगह जगह पुष्पवर्षा तथा मिष्ठान वितरण किया। स्थान स्थान पर शर्बत,पेयजल और आइसक्रीम के स्टॉल लगाए गए थे। इस मौके पर सुरेंद्र शर्मा, नूतन श्रीवास्तव, अमितानंद महाराज, ओमानंद महाराज, माधवदास, प्रशांत पाराशर सहित हजारों श्रद्धालु शामिल हुए। गंगायात्रा के बाद व्यासपीठ का पूजन किया गया,तत्पश्चात कथाव्यास विष्णु शास्त्री ने भागवत महत्व की कथा सुनाते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत की कथा सुनने मात्र से ही कल्याण हो जाता है,इसलिए जहां भी कथा हो, समय निकालकर जरूर कथा श्रवण करें। जितना अधिक आप कथा का श्रवण करेंगे, उतना ही आनंद आपके जीवन में घुलता चला जाएगा।

G News 24:विधायक डॉ. सिकरवार ने वार्ड 28 में किया सीसी रोड का भूमिपूजन

 लगभग 12 लाख रुपए की पार्षद निधि से…

विधायक डॉ. सिकरवार ने  वार्ड 28 में किया सीसी रोड का भूमिपूजन

16 ग्वालियर पूर्व से विधायक डॉ सतीश सिकरवार ने वार्ड 28 कुम्हारपुरा देसी कलारी वाली गली का लगभग 12 लाख रुपए की पार्षद निधि से सीसी रोड का भूमिपूजन किया l

इस अवसर पर क्षेत्रीय पार्षद गायत्री मंडलिया, सुधीर मण्डेलिया, कमलेश इन्दोरिया, आवेद नकवी, अशोक सुमन, राजेश तोमर, पंचम सिंह भदोरिया, गौतम कौशल, राजू बाथम, पप्पू पंडित, शशि मंडेलिया, प्रीति पंडित, केशव शर्मा पंडित, जबर सिंह गुर्जर, रवि रमन, मनोज वर्मा, राजवीर सिसोदिया, आर के श्रोत्रिय, टेक सिंह, विशाल बागरे, रमेश झा, मोहन बनर्जी, गिर्राज दंडोतिया, रामहेत जाटव, एडवोकेट अजय गुप्ता, देव आनंद एसवार, सिसोदिया आदि सहित  क्षेत्रीय लोग उपस्थित रहे ।