G News 24 : अब ग्वालियर में भी मिलेगी विदेश में जाकर पढ़ाई करने वालों को ट्रेनिंग

 अब ग्वालियर में भी मिलेगी विदेश में जाकर पढ़ाई करने वालों को ट्रेनिंग 



G News 24: सऊदी, तुर्किये और मिस्र घरेलू राजनीति के कारण रहे दूर !

 G20 में चीन-पाक नहीं,

सऊदी, तुर्किये और मिस्र घरेलू राजनीति के कारण रहे दूर !

जम्मू l जम्मू-कश्मीर में जी-20 पर्यटन कार्यसमूह की बैठक में सऊदी अरब, तुर्किये और मिस्र की अनुपस्थिति को पाकिस्तान अपनी बड़ी कूटनीतिक सफलता के रूप में प्रचारित कर रहा है। हालांकि, सच्चाई यह है कि ये देश चीन और पाकिस्तान के प्रभाव या दबाव में नहीं, बल्कि घरेलू राजनीति के कारण इस बैठक में शामिल नहीं हुए। इन देशों की बैठक से दूरी के  साथ-साथ आपत्ति जताने से भी दूरी बरते जाने को भारत अपनी बड़ी कूटनीतिक सफलता मान रहा है।

सरकारी सूत्र के मुताबिक, कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने के बाद खासतौर से तुर्किये ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया था। राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने भारत के विरोध के बावजूद संसदीय समिति का गठन किया था। संयुक्त राष्ट्र में भी तुर्किये ने इस फैसले के विरोध में आवाज उठाई थी। इस मुद्दे पर बहुत आगे बढ़ चुके तुर्किये के लिए यू टर्न लेना आसान नहीं था। हालांकि, बैठक में शामिल नहीं होने के बावजूद तुर्किये ने चीन और पाकिस्तान की तरह कश्मीर में हुए आयोजन का सार्वजनिक तौर पर विरोध नहीं किया। विरोध के सवाल पर उसने चुप्पी साध रखी है।

अर्दोआन की पार्टी को कड़ी टक्कर

दरअसल, तुर्किये में चुनाव हो रहे हैं। 28 मई को दूसरे चरण का मतदान है। कश्मीर मुद्दे पर बेहद तल्ख तेवर अपनाने के बाद इस बैठक में शामिल हो कर अर्दोआन बेवजह का विवाद खड़ा नहीं करना चाहते थे। वैसे भी चुनाव में अर्दोआन की पार्टी कड़े मुकाबले का सामना कर रही है।

मिस्र हां के बाद मिस्र ने की ना

बैठक से दो दिन पूर्व तक मिस्र का रुख सकारात्मक था। अर्दोआन की तरह मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतल अल सीसी भी घरेलू राजनीति में कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। वहां, मुस्लिम ब्रदहहुड सहित कई कट्टरपंथी ताकतों का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है। मिस्र के राष्ट्रपति मुस्लिम ब्रदरहुड जैसी कट्टरपंथी ताकतों का प्रभाव नहीं बढ़ने देना चाहते।

केंद्रीय मंत्री ने चीन के रुख पर कहा-इसमें उसी का नुकसान

जी-20 के पर्यटन कार्यसमूह की बैठक में शामिल नहीं होने के चीन के फैसले पर केंद्रीय राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि इसमें चीन का ही नुकसान है, भारत का नहीं। बैठक में 17 देशों के प्रतिनिधि कश्मीर पहुंच चुके हैं। लिहाजा, चीन के आने या नहीं आने से कोई फर्क नहीं पड़ता है। कश्मीर में बैठक के सवाल पर उन्होंने कहा, इससे विदेशी प्रतिनिधियों को अलग-अलग जगहों के बारे में पता चलेगा। भारत यूरोपीय देशों की तरह हर जगह एक जैसा दिखने वाला देश नहीं, यहां सांस्कृतिक व भौगोलिक विविधताएं हैं। 

नई राह पर है सऊदी अरब

मोदी सरकार के कार्यकाल में भारत और सऊदी अरब के द्विपक्षीय संबंध बेहद मजबूत हुए हैं। इसी बेहतर संबंध के कारण उसने अनुच्छेद-370 हटाने का विरोध नहीं किया था। क्राउन प्रिंस मोम्मद बिन सलमान अपने देश में परंपरावादियों और सुधारवादियों के बीच संतुलन स्थापित करने की कोशिश में जुटे हैं। क्राउन प्रिंस सऊदी अरब की रणनीतिक स्वायत्ता वाले देश की छवि बनाने में जुटे हैं। इसी रणनीति के तहत पहली बार अरब दुनिया के बाहर के देश यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को अरब लीग की बैठक में बुलाया गया।

अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को किया बेनकाब

अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को बेनकाब करने में भारत ने कोई कसर नहीं छोड़ी। जम्मू-कश्मीर में 30 वर्षों के आतंकवाद के दंश के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराते हुए उसे खरी खोटी सुनाई गई। उप राज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह व पर्यटन राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने सीमा पार से प्रायोजित आतंकवाद का सच श्रीनगर में आयोजित जी20 सम्मेलन में पूरी दुनिया के सामने रखा। विशेषज्ञ इसे भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत मानते हैं। इसके जरिये पाकिस्तान का समर्थन करने वाले चीन, तुर्किये व सऊदी अरब को भी कड़ा संदेश देने में भारत सफल रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि कश्मीर में जी20 का सफल आयोजन कई मायनों में महत्वपूर्ण रहा।

पाकिस्तान व चीन को संदेश देने के साथ ही भारत यह बताने में सफल रहा कि यहां विकास कार्य तेजी से हो रहे हैं। तीन दशक से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद ने यहां लगभग दम तोड़ दिया है। अलगाववाद खत्म हो गया है। पाकिस्तानी झंडे लहराने, आजादी की बात करने व पत्थरबाजी जैसी घटनाएं बीते दिनों की बात हो गई है। यहां का युवा अब कलम व लैपटॉप से चला रहा है। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह का कहना है कि हम श्रीनगर से पूरी दुनिया में पाकिस्तान व उसके दुष्प्रचार तंत्र को बेनकाब करने में सफल रहे हैं। पूरी दुनिया को यह संदेश देने में सफल हो सके हैं कि जम्मू-कश्मीर में अब सीमा पार का कोई भी आदेश यहां नहीं चलता है। बात-बात पर हड़ताल, पत्थरबाजी और पाकिस्तानी व आतंकी संगठनों के झंडे लहराने की घटनाएं बीते दिनों की बात हो गई है।

370 हटाने के बाद आए बदलावों का सच भी लाया सामने

विशेषज्ञों का मानना है कि सम्मेलन के जरिये भारत पिछले तीन साल यानी पांच अगस्त 2019 को जब 370 हटाया गया था, उसके बाद आए बदलावों को भी दुनिया के सामने रखने में सफलता मिली है। पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को पीछे छोड़कर जम्मू-कश्मीर अब विकास के रास्ते पर बढ़ चला है। आतंकवाद के चलते घाटी से दूर हुई बॉलीवुड ने अब स्विटजरलैंड के बजाय दोबारा कश्मीर का रुख करना शुरू कर दिया है। तीन साल से अधिक समय में 370 फिल्मों की शूटिंग को मंजूरी मिलना इस बात का प्रमाण है कि अब यहां दहशत का माहौल नहीं है। बेखौफ होकर फिल्म उद्योग के लोग श्रीनगर, गुलमर्ग, पहलगाम तथा अन्य स्थलों पर पहुंच रहे हैं। कश्मीर मामलों के विशेषज्ञ प्रो. हरि ओम बताते हैं कि जी20 से दुनिया को कई संदेश गए हैं। एक तो हम यह बताने में सफल हो सके हैं कि 370 हटाना क्यों जरूरी था। इससे पाकिस्तान के दुष्प्रचार पर भी ताला लगा है। दूसरा पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग थलग करने में भी कामयाबी मिली है।

G News 24: ‘अमेरिका में हर कोई पीएम मोदी से मिलना चाहता है’,

 व्हाइट हाउस की तरफ से आया ये बयान...

‘अमेरिका में हर कोई पीएम मोदी से मिलना चाहता है’,

पूरी दुनिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकप्रिय हैं। उनसे मिलने के लिए हर कोई उत्सुक रहता है। आजकल पीएम ऑस्ट्रेलिया में तीन दिवसीय दौरे पर हैं। इसके बाद जूून में वह अमेरिका की यात्रा पर जाएंगे। इस दौरान 22 जून को पीएम मोदी के लिए एक राजकीय रात्रिभोज रखा गया है। व्हाइट हाउस के अनुसार, अमेरिका में बड़ी संख्या में लोग उनसे मिलना चाहते हैं। इसके लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को बड़ी संख्या में अनुरोध प्राप्त हो रहे हैं। 

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव काराइन जीन पियरे ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हर कोई मिलना चाहता है। उनसे मिलने के लिए लोग लगातार राष्ट्रपति बाइडन को फोन कर रहे हैं। पियरे ने कहा कि हमें लगता है कि यह अच्छी बात है। इससे पता चलता है कि अमेरिका के लिए भारत के साथ साझेदारी रखना कितना महत्वपूर्ण है।

जीन पियरे ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि अगले महीने राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन पीएम मोदी के लिए एक राजकीय रात्रिभोज आयोजित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आप यकीन नहीं करेंगे कि पीएम मोदी से मिलने के लिए हमें भारतीय-अमेरिकियों से बड़ी संख्या में अनुरोध प्राप्त हो रहे हैं। इसके अलावा सांसद और कॉर्पोरेट क्षेत्र के नेता भी लगातार निमंत्रण की मांग कर रहे हैं। 

 उन्होंने आगे कहा कि पीएम मोदी की संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा दोनों देशों के बीच गहरी और करीबी साझेदारी की पुष्टि करने का एक अवसर होगा, जो अमेरिका, अमेरिकियों और स्पष्ट रूप से भारतीयों को एक साथ जोड़ता है। इसलिए अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि  यात्रा रक्षा, स्वच्छ ऊर्जा और अंतरिक्ष सहित सामरिक प्रौद्योगिकी साझेदारी का मूल्यांकन करने के लिए एक स्वतंत्र, खुले, समृद्ध और सुरक्षित हिंद-प्रशांत और साझा संकल्प के लिए अमेरिका-भारत की साझा प्रतिबद्धता को भी मजबूत करेगी।

 व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव ने कहा कि राष्ट्रपति और प्रथम महिला आधिकारिक राजकीय यात्रा के लिए प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं। पियरे ने आगे कहा कि राष्ट्रपति और उनकी पत्नी 22 जून को होने वाली आधिकारिक राजकीय यात्रा के लिए प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करने को उत्सुक हैं। जब हम 22 तारीख के करीब पहुंच जाएंगे, तो निश्चित रूप से हम बैकग्राउंड कॉल करेंगे और ज्यादा जानकारी और ज्यादा विवरण प्राप्त करेंगे। हाल ही में, अमेरिका और भारत के बीच साझेदारी के बारे में बात करते हुए अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा था कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की यात्रा की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

G News 24:दिल्ली-एनसीआर से लेकर यूपी-बिहार तक हीटवेव का प्रकोप !

 गर्म हवाओ से पूरा जनजीवन अस्त-व्यस्त…

दिल्ली-एनसीआर से लेकर यूपी-बिहार तक हीटवेव का प्रकोप !

दिल्ली l एनसीआर से लेकर यूपी और बिहार तक लोग हीटवेव के प्रकोप से परेशान हैं। गर्म हवाओं ने लोगों का जीना दूभर कर रखा है। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, एमपी, महाराष्ट्र और राजस्थान में भी गर्म हवाओ से पूरा जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। दिल्लीर में कई जगहों पर अधिकतम तापमान  45 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया  है। मंगलवार को बिहार के कुछ हिस्सो में बारिश हुई है। मौसम विभाग का कहना है कि बुधवार से मौसम में बदलाव देखंने को मिलेगा। वहीं, दक्षिणी राज्यों में बारिश से हाल-बेहाल है। बेंगलुरु में मंगलवार को भी तेज बारिश हुई। मौसम विभाग के मुताबिक बुधवार को पूरी दिल्ली और एनसीआर के आसपास के इलाकों में 30-60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी। 

करनाल और आसपास के इलाकों में हल्की से मध्यम तीव्रता की बारिश और 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं। पानीपत (हरियाणा) शामली, कांधला, देबाई, नरोरा, अतरौली, नंदगाँव, बरसाना, मथुरा, आगरा (यू.पी.) नदबई, भरतपुर, महवा, महंदीपुर बालाजी (राजस्थान) आदमपुर, हिसार, हांसी, सिवानी, महम, तोशाम, के आस-पास के क्षेत्रों में हल्की बारिश/बूंदा बांदी होगी। MD के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से गर्मी से राहत मिलेगी।  IMD ने बिहार में बारिश के साथ ही ओलावृष्टि को लेकर 'येलो' अलर्ट जारी किया है। 

वहीं, हिमाचल प्रदेश में 23 और 24 मई को 10 जिलों में आंधी, बिजली चमकने और ओले गिरने की संभावना है. वहां के लिए'ऑरेंज' अलर्ट जारी किया गया है। दिल्ली -यूपी-राजस्थान सहित कई राज्यों में बुधवार से मौसम में सुधार का अनुमान है। बुधवार और गुरुवार को बारिश के बाद अधिकतम तापमान के 40 डिग्री से नीचे पहुंचने के आसार हैं। पश्चिमी विक्षोभ की वजह से एक-दो दिन बाद कई हिस्सों में आंधी-बारिश का सिलसिला शुरू हो सकता है। उसके बाद, अगले पांच दिनों तक मौसम सुहावना रहने की संभावना है। सोमवार की शाम 5 बजे 10 शहरों की सूची जारी की गई जहां सबसे ज्यादा गर्म हवाएं चलीं जिसमें 46.5 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ झांसी देश का सबसे गर्म शहर रहा। 

राजस्थारन का चुरू 45.7 डिग्री के साथ दूसरे नंबर पर  था तो वहीं दिल्ली्-रिज में भी तापमान 44.9°C रहा। बिहार के कई हिस्सों में अगले तीन-चार दिनों में गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। IMD के अनुसार, 26 मई तक अधिकांश जिलों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ ओलावृष्टि की संभावना को लेकर ‘येलो अलर्ट’ जारी किया गया है। हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में 23-24 मई को आंधी आने, बिजली चमकने और ओले गिरने की संभावना है। IMD ने के राज्य के 10 जिलों में इसके लिए 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया है। राजस्थान के जयपुर और भरतपुर संभाग में  बुधवार तक बारिश की संभावना है।

G News 24:7 जुलाई को ज्ञानवापी मामले में अगली सुनवाई

 अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने दाखिल की आपत्ति…

7 जुलाई को ज्ञानवापी मामले में अगली सुनवाई 

वाराणसी। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर परिसर से सटे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के पूरे विवादित स्थल की कार्बन डेटिंग और ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) तकनीक से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वे कराने संबंधी आवेदन पर अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने सोमवार को आपत्ति दाखिल कर दी। इस मामले में जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने सुनवाई की अगली तिथि सात जुलाई तय कर की। 

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने ज्ञानवापी परिसर के सर्वे से संबंधित प्रार्थना पत्र नौ आवेदकों मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी, सीता साहू, रेखा पाठक, आदि महादेव धर्मालय मुक्ति न्यास परिषद के राम प्रसाद सिंह, शीतला मंदिर के महंत शिवनरायण पांडेय, रंजना अग्निहोत्री, शिशिर चतुर्वेदी और राकेश कुमार अग्रवाल की तरफ से मां श्रृंगार गौरी के मूल वाद के तहत दाखिल किया है। प्रार्थना पत्र के जरिये ज्ञानवापी परिसर स्थित विवादित स्थल यानी आराजी नंबर 9130 के सर्वेक्षण की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कराने का अनुरोध भी किया गया है।

 एडवोकेट विष्णु शंकर जैन ने बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेशानुसार वजूखाने के पास मिले शिवलिंग की चार चरणों में जांच होने पर स्थिति स्पष्ट होगी। शिवलिंग के ऊपर कटे खांचे की जांच होगी, तब पता चलेगा कि उसे कब नुकसान पहुंचाया गया। जीपीआर तकनीक से जमीन के नीचे की भी वास्तविकता का पता चल सकेगा। साइंटिफिक सर्वे से विवादित स्थल पर मौजूद स्ट्रक्चर की उम्र और प्रकृति का पता चल सकेगा।

G News 24:पहले जनता का ध्यान फिर देव अनुष्ठान: सीएम योगी

 जनता दर्शन में सुनीं लोगों की समस्याएं

पहले जनता का ध्यान फिर देव अनुष्ठान: सीएम योगी

 

गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर प्रवास के दौरान लगातार तीसरे दिन जनता दर्शन में लोगों की समस्याएं सुनीं और उन्हें समाधान के प्रति आश्वस्त किया। मुख्यमंत्री का यह प्रवास धार्मिक कार्यक्रमों से जुड़ा था लेकिन उन्होंने प्रतिदिन पहले जनता का ध्यान रखा फिर देव अनुष्ठान किया।

गोरखनाथ मंदिर में नवीन देव विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान में सम्मिलित होने के लिए मुख्यमंत्री शुक्रवार दोपहर बाद गोरखपुर पहुंचे। शुक्रवार शाम और शनिवार-रविवार दोनों पहर वह मंदिर परिसर के कार्यकमों से जुड़े। इसके अलावा सोमवार पूर्वाह्न वह महराजगंज के चौक बाजार में स्थित गुरु गोरखनाथ मंदिर में भी धार्मिक अनुष्ठान में सम्मिलित होने पहुंचे।

 इस बीच गोरखनाथ मंदिर प्रवास के दौरान तीन दिन (शनिवार, रविवार व सोमवार) लगातार उन्होंने अनुष्ठान से जुड़ने से पूर्व जनता दर्शन का आयोजन किया। सोमवार को जनता दर्शन में उन्होंने करीब तीन सौ लोगों से मुलाकात की। उनकी समस्याएं सुनीं अधिकारियों को शीघ्रता से निस्तारण के लिए निर्देशित किया।

सोमवार को मुख्यमंत्री से मुलाकात करने वालों में इलाज के लिए आर्थिक सहायता की गुहार करने वाले अधिक रहे। मुख्यमंत्री ने उनसे कहा कि किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है। उपचार के लिए धन की व्यवस्था वह कराएंगे। सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि इलाज में आर्थिक मदद संबंधी आवेदनों पर अस्पताल के इस्टीमेट की प्रक्रिया को जल्द पूरा कराकर शासन को भेजें।

G News 24: कांग्रेस चुनावी मुद्दा PAYCM पोस्टर कैंपेन का नया वर्जन अब MP में चलेगा !

 जिसके दम पर कर्नाटक में पाई सत्ता…

कांग्रेस चुनावी मुद्दा PAYCM पोस्टर कैंपेन का नया वर्जन अब MP  में चलेगा !

कांग्रेस को कर्नाटक में मिली जीत के बाद पार्टी मध्यप्रदेश में भी वहां की तर्ज पर बीजेपी को घेरने का प्लान बना रही है। कांग्रेस कर्नाटक में सबसे सफल चुनावी मुद्दा PAYCM पोस्टर कैंपेन का नया वर्जन बीजेपी के खिलाफ लाने की तैयारी में है। वह आने वाले दिनों में भ्रष्टाचार को लेकर बीजेपी पर हमले तेज करेगी। कांग्रेस 396 पॉइंट की एक बुकलेट तैयार कर रही है, जो प्रदेश के हर घर में बांटी जाएगी। इसमें आर्थिक अनियमितता, कुशासन और कुप्रबंधन के मामले शामिल हैं। पार्टी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को घेरने के लिए उनके कार्यकाल के 5 बड़े ऐसे मुद्दों को उछालेगी, जिसकी वजह से सरकार समय-समय पर बैकफुट पर रही है।

कांग्रेस कर्नाटक में बीजेपी को कमीशनखोरी, करप्शन, महंगाई, कट्टरवाद के मामले में घेरने में सफल रही है। मध्यप्रदेश में भी बीजेपी को हराने के लिए पार्टी इसी लाइन पर स्ट्रेटजी तैयार कर रही है। कांग्रेस की रणनीति के मुताबिक जैसे-जैसे चुनाव करीब आते जाएंगे, शिवराज सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार पर हमले तेज किए जाएंगे। कांग्रेस मानती है कि 40 फीसदी कमीशन का फार्मूला कर्नाटक में हिट रहा है। कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस ने भ्रष्टाचार को प्रमुख मुद्दे के रूप में उठाया था। वह केंद्र से लेकर राज्य सरकार के नेताओं पर हमलावर रही थी।

कर्नाटक में 'PAYCM' अभियान स्टेट कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन के पत्र के आधार पर शुरू किया गया था। एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा था कि टेंडर पास करने के लिए कॉन्ट्रैक्टरों से 40% कमीशन मांगा जा रहा है और वे देने के लिए मजबूर हैं। इसके लिए कांग्रेस ने यूपीआई ऐप के क्यूआर कोड की कॉपी करते हुए PAYCM अभियान चलाया ताकि लोगों को ये संदेश दिया जा सके कि भाजपा सरकार भ्रष्ट है। इसके पोस्टर पूरे बेंगलुरु में चिपकाए गए थे। ऐसा करते हुए जब कुछ पार्टी कार्यकर्ता गिरफ्तार हुए तो कांग्रेस नेताओं ने सरकार को चुनौती दी। शिवकुमार और सिद्धारमैया जैसे शीर्ष नेताओं ने खुद जाकर पोस्टर चिपकाना शुरू किए थे। नेताओं ने प्रदर्शन कर गिरफ्तारी भी दी थी।

110 करोड़ का टेक होम राशन घोटाला : मध्यप्रदेश में पिछले साल टेक होम राशन और मुफ्त भोजन योजना में बड़ा घोटाला सामने आया है। यह खुलासा सीएजी (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) की रिपोर्ट में हुआ था। कांग्रेस इस घोटाले को बिहार के चारा घोटाले की तरह जनता के सामने पेश करेगी। कांग्रेस इसे इसलिए भी चुनावी मुद्दा बना रही है, क्योंकि महिला एवं बाल विकास विभाग मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास है। कांग्रेस के मुताबिक रिपोर्ट कहती है कि प्रदेश की विभिन्न फर्मों ने घटिया क्वालिटी का करीब 40 हजार मीट्रिक टन पोषण आहार बांटा है। इसकी एवज में अफसरों ने करीब 238 करोड़ रुपए का भुगतान भी कर दिया, लेकिन घटिया क्वालिटी का पोषण आहार सप्लाई करने वाली फर्मों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई। इतना ही नहीं, जिम्मेदार अधिकारियों से इस संबंध में कोई पूछताछ भी नहीं की गई।

चेक पोस्टों पर अवैध वसूली : कांग्रेस ने कर्नाटक में भ्रष्टाचार को निशाना बनाने वाला 'PAYCM' अभियान स्टेट कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन के पत्र पर खड़ा किया था। उसी तरह मध्यप्रदेश में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस को लिखे पत्र को कांग्रेस शिवराज सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मुद्दे का हथियार बनाएगी। बैस को दो बार सेवा विस्तार दिया गया है। गडकरी ने पिछले साल 16 जुलाई को एक पत्र मुख्य सचिव को लिखा था। इसमें प्रदेश की चेक पोस्ट पर वसूली का जिक्र था। उन्होंने नागपुर बीजेपी के महामंत्री जेपी शर्मा की शिकायत का हवाला दिया था। पत्र में मध्यप्रदेश के आरटीओ अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा चेक पोस्ट एंट्री के लिए बड़े पैमाने पर हो रिश्वतखोरी के बारे में जिक्र किया गया था। कांग्रेस इसी पत्र के साथ पोस्टर तैयार कराकर प्रदेश में जगह-जगह चस्पा करने की रणनीति पर काम कर रही है।

व्यापमं से बड़ा नर्सिंग घोटाला : मध्यप्रदेश का नर्सिंग घोटाला भी कांग्रेस का चुनावी मुद्दा होगा। हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में नर्सिंग कॉलेजों के फर्जीवाडे़ को लेकर याचिका दायर की गई थी। दो से चार कमरों में चल रहे नर्सिंग कॉलेजों को नियम तोड़कर मान्यता देने पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। इसके बाद से अब तक करीब 70 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता निलंबित की गई है। कोरोना के संकटकाल के पहले साल 2018-19 में प्रदेश में 448 प्राइवेट नर्सिंग कॉलेज थे, लेकिन कोरोना संकट में इनकी संख्या एक साल में तेजी से बढ़कर 667 हो गई। इस दौरान अस्पतालों में मरीजों के लिए बिस्तर कम पड़ गए। लोग प्राथमिक उपचार तक के लिए परेशान थे। इस गड़बड़ी को लेकर एक याचिका दायर की गई थी। इसके बाद हुई जांच में यह तथ्य सामने आया कि 600 नर्सिंग कॉलेजों में 500 से ज्यादा फैकल्टी फर्जी हैं। इन नर्सिंग कॉलेजों के पास अस्पताल तो छोड़िए बिल्डिंग, मूलभूत संसाधन और फैकल्टी तक नहीं हैं। जब जांच की तो सब कागजों में ही मिले।

यूनिफाॅर्म घोटाला : मध्यप्रदेश में स्कूली बच्चों की यूनिफॉर्म, किताबें और मिड-डे-मील में बड़ा घोटाला हुआ है। सरकारी रिकाॅर्ड में 65 लाख बच्चों पर 1100 करोड़ रुपए खर्च किए गए, जबकि लोक लेखा समिति की बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग के अफसरों ने स्वीकार किया कि माध्यमिक स्कूलों में औसतन बच्चों की उपस्थिति 20 से 25 फीसदी ही रहती है। कांग्रेस का आरोप है कि सिर्फ 5 लाख बच्चों पर इतनी राशि खर्च कर दी गई? कांग्रेस इसे चुनाव में मुद्दा बनाकर शिवराज सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस का सवाल है कि सरकारी स्कूलों में बच्चे बढ़ने के बजाय घट कैसे गए? हाल ही में स्कूलों में बच्चों को घटिया यूनिफॉर्म दिए जाने का मामला सामने आया है। सरकार ने कपड़ा खरीदकर इसे महिला समूहों से सिलवाकर वितरित करने के निर्देश दिए थे। एक यूनिफॉर्म के कपड़े के लिए 220 रुपए और सिलाई के लिए 70 रुपए तय किए थे। प्रति यूनिफॉर्म 290 रु. की लागत थी। राज्य शिक्षा केंद्र और राष्ट्रीय आजीविका मिशन के अधिकारियों को बुनकर संघ से कपड़ा खरीदकर इन्हें महिला समूहों से तैयार करवाकर 130 दिन में वितरित करना था। फिलहाल मुख्य सचिव ने इसकी जांच के निर्देश दिए हैं। राष्ट्रीय आजीविका मिशन के सीईओ एलएम बेलवाल ने इस पूरी प्रक्रिया को सही बताया है। वहीं, माध्यमिक शिक्षा के अफसरों का जवाब है कि जिन बच्चों ने सरकारी स्कूल छोड़ा, वे शिक्षा के अधिकार कानून (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में गए।

जल जीवन मिशन : कांग्रेस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट जल जीवन मिशन में मध्यप्रदेश में हुए घोटाले पर शिवराज सरकार को घेरने की तैयारी में है। कांग्रेस का आरोप है कि मध्यप्रदेश में जल जीवन मिशन पर 30 हजार करोड़ रुपये खर्च होने के बावजूद आज भी 57% घरों में पानी नहीं पहुंचा। जहां योजना को पूरा दिखाया गया है, वहां भी इससे कोई लाभ नहीं मिल रहा है। मिशन का अधिकांश काम गुजरात की कंपनियों को दिया गया है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि जल जीवन मिशन में हुए भ्रष्टाचार को ग्रामीण इलाकों में उठाने की तैयारी है। इस मिशन के अंतर्गत ही स्किल के नाम पर बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसके तहत गांव के युवाओं को स्किल ट्रेनिंग देकर उन्हें इस काबिल बनाना था कि वे गांव में ही रोजगार प्राप्त कर सकें, लेकिन योजना के नाम पर 11 संस्थाओं ने सिर्फ कागजों पर पूरी ट्रेनिंग कर दी। हद तब हो गई जब इस ट्रेनिंग में मृतकों और ओवरएज लोगाें के भी नाम कागजों पर दिखे। जल जीवन मिशन को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में बैठक ली थी। उन्होंने समीक्षा के दौरान पाया था कि योजना की रफ्तार धीमी है। उन्होंने अफसरों को चेतावनी भरे लहजे में काम तेजी से करने के निर्देश भी दिए थे।