शुक्रवार को ग्वालियर में मिले 218 नए संक्रमित

कुल संक्रमितों की संख्या 8941…

शुक्रवार को ग्वालियर में मिले 218 नए संक्रमित 

ग्वालियर । कोरोना ने लगातार 5वें दिन दोहरा शतक लगाया। शुक्रवार को आई आइसीएमआर की 788 सैंपलों की जांच रिपोर्ट में 218 नए संक्रमित मिले। इसमें 158 लोग जीआरएमसी की रिपोर्ट में पॉजिटिव मिले हैं। जेएएच में हुए रेपिड एंटीजन टेस्ट में 9 पॉजिटिव और जिला अस्पताल के रेपिड एंटीजन टेस्ट में 11 लोग पॉजिटिव मिले हैं। 

निजी अस्पताल में 5 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। वहीं प्राइवेट लैब में जांच कराने वाले 35 लोग संक्रमित निकले हैं। अब शहर में कुल संक्रमितों की संख्या 8941 हो गई है। यदि शहर में संक्रमण की यही दर रही तो अगले पांच दिनों में संक्रमितों का आंकड़ा 10 हजार के पार होगा। शहर में अब एक्टिव केस 2047 हैं।

शुक्रवार को संक्रमित मिलने वालों में उटीला के एसएसआइ, कैंसर अस्पताल का वार्ड बॉय चेतकपुरी का व्यापारी, किराना कारोबारी, जेएएच के 30 वर्षीय जूनियर डॉक्टर, बटालियन का 32 साल का जवान, रेस्टोरेंट संचालक आदि शामिल हैं। डबरा के एक ही परिवार के 6 लोग संक्रमित मिले हैं। 

शुक्रवार को सुपर स्पेशियलिटी में इलाज के दौरान ग्वालियर के 70 वर्षीय बलवीर सिंह की मौत भी हो गई। शुक्रवार को संक्रमण की दर 27.66 प्रतिशत रही। इस तरह जांच कराने वाले 100 व्यक्तियों में से 27 लोग संक्रमित निकले। 218 संक्रमित मिलने के मुकाबले 248 लोग ठीक होकर अपने घर भी गए। इस तरह अब तक कुल 6791 लोग स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं।

प्रदेश में कोई मंडी बन्द नहीं होगी : मुख्यमंत्री

सिंगल क्लिक से 22 लाख किसानों के खाते में पहुँचे 4686 करोड़ रुपये…

प्रदेश में कोई मंडी बन्द नहीं होगी : मुख्यमंत्री 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज उज्जैन में आयोजित कार्यक्रम में सिंगल क्लिक से प्रदेश के 22 लाख किसानों के खाते में प्रधानमंत्री फसल बीमा के 4 हजार 686 करोड़ रुपये की राशि अंतरित की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश की सरकार किसान हितैषी सरकार है और सरकार का मुख्य केन्द्र बिन्दु किसान एवं खेती है। हर परिस्थिति में सरकार किसान के साथ खड़ी है। कार्यक्रम में मौजूद किसानों एवं वेब कास्टिंग के माध्यम से जुड़े लाखों किसानों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमने सरकार में आते ही किसानों की प्रधानमंत्री फसल बीमा की पुरानी किश्त भरने का काम किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसानों के हित में निर्णय लिया गया है कि मध्यप्रदेश में कोई भी मंडी बन्द नहीं होगी। प्रदेश के किसान को यह सुविधा दी गई है कि वह चाहे तो अपने खेत से या अपने घर से भी अपनी उपज बेच सकता हैं। खेती को लाभ का धंधा बनाया जायेगा और माँ नर्मदा का जल मालवा क्षेत्र में लाकर रहेंगे। आगामी तीन वर्षों में सूक्ष्म सिंचाई के लिये हरित क्रान्ति समिति का गठन भी किया जायेगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि अब कोई भी किसान क्रेडिट कार्ड से वंचित नहीं रहेगा। दूध उत्पादक कृषकों के भी किसान क्रेडिट कार्ड बनाये जायेंगे। यदि कोई व्यक्ति गोवंश के लिये ऋण लेता है तो उसे जीरो प्रतिशत ब्याज पर ऋण की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। स्वामित्व योजना के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र का सर्वे कर ग्रामीण व्यक्तियों को भू-अधिकार दिया जायेगा। वह अपने घर के माध्यम से ऋण ले सकेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्राकृतिक आपदा में 13 हजार लोगों की जान बचाई गई और फसल नुकसान का सर्वे किया गया। उन्होंने कहा कि सोयाबीन, उड़द एवं मक्का की फसल में जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई की जायेगी, चाहे इसके लिये कहीं से भी उधारी लेनी पड़े। प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत का संकल्प लिया है और हमने आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का संकल्प लिया है। आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश किसानों के सहयोग से ही बन सकेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी कभी बन्द नहीं की जायेगी।

प्रधानमंत्री फसल बीमा वितरण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वेब कास्टिंग के माध्यम से खंडवा, सागर एवं धार के किसानों से सीधे बातचीत की एवं उनके खाते में फसल बीमा राशि डालने की जानकारी के बारे में पूछताछ की। धार के कृषक श्री तरूण ने कहा कि उनके पास छह हेक्टेयर जमीन है और 90 हजार 164 रुपये बीमे का मिला है। मुख्यमंत्री को जब पता लगा कि श्री तरूण की चार बेटियां हैं तो उन्होंने कहा कि बेटियों को अच्छे से शिक्षा देना। आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने उज्जैन जिले के छह किसानों को खरीफ-2019 की फसल बीमा राशि के भुगतान का प्रमाण-पत्र वितरित किया। मुख्यमंत्री ने जयरामपुरा के बद्रीलाल को तीन लाख 13 हजार रुपये की राशि का प्रमाण-पत्र वितरित किया। 

इसी क्रम में तालोद के अर्जुनसिंह रघुवंशी को तीन लाख 66 हजार 24 रुपये का, जलवा के जालमसिंह सोलंकी को तीन लाख 50 हजार 60 रुपये का, उमरिया के बनेसिंह को तीन लाख दो हजार 49 रुपये का, जवासिया के करणसिंह को 66 हजार 605 रुपये तथा लिघोड़ा के आत्माराम को एक लाख छह हजार रुपये की राशि के प्रमाण-पत्र वितरित किये। कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव, सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक पारस जैन, बहादुरसिंह चौहान, विवेक जोशी, बहादुरसिंह बोरमुंडला, प्रमुख सचिव कृषि अजीत केसरी, संभागायुक्त आनन्द कुमार शर्मा, आईजी राकेश गुप्ता, कलेक्टर आशीष सिंह सहित गणमान्य अतिथि एवं कृषकगण मौजूद थे। कार्यक्रम में प्रमुख सचिव कृषि अजीत केसरी ने आभार प्रकट किया।

सिंधिया के गढ़ ग्वालियर में पहुंचे कमलनाथ

पुष्पवर्षा और आतिशबाजी के साथ हुआ स्वागत…

सिंधिया के गढ़ ग्वालियर में पहुंचे कमलनाथ


ग्वालियर । कई बार के स्थगन और रद्दोबदल के बाद आखिरकार अपनी सत्ता गंवा चुके पूर्व मुख्यमंत्री अंततोगत्वा आज ज्योतिरादित्य सिंधिया की मांद में ही चुनौती देने पहुंचे गए । श्री नाथ के सत्ता में पहुंचने का रास्ता ग्वालियर से ही होकर गुजरा था। और ग्वालियर की सियासत ने ही उनकी सत्ता छीन ली थी। 2019 के ज्यादातर विधानसभा सीटें कांग्रेस ने जीती थी और मप्र से भाजपा की शिवराज सरकार चली गयी थी । कमलनाथ सीएम बन गए । लेकिन पार्टी के अंदर कमलनाथ की चुनौतियां बढ़ती रही । 

आखिरकार सिंधिया अपने समर्थकों के साथ भाजपा से मिल गए । उनके समर्थक विधायको ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया । कुछ और कांग्रेस विधायकों से भाजपा ने इस्तीफा दिलाकर सरकार को अल्पमत में ला दिया । कमलनाथ ने सदन में बहुमत साबित करने की जगह त्यागपत्र देने का निर्णय लिया । श्रीनाथ के इस्तीफा देने के बाद मध्य प्रदेश की सत्ता की बागडोर एक बार फिर से शिवराज सिंह चौहान जी के हाथ में आ गई और वह वर्तमान में प्रदेश के सीएम हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह इस इलाके में सिंधिया और नरेंद्र तोमर के साथ तीन दिन का साझा केम्प ग्वालियर में कर चुके है जिसमे काफी आयोजन भी हुए। इनके बाद भी सिंधिया एक चक्कर यहां लगा चुके है जिसमे वे भाजपा दफ्तर में भी जा चुके है । वे हर दौरे में कमलनाथ पर सीधा हमला साधते है । सबसे बड़ा सवाल पूछते है कि 15 माह की सरकार में उन्होंने ग्वालियर आने के लिए 15 मिनिट का समय क्यों नही निकाल पाए ।

सीएम शिवराज से लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा मंच से कई सवाल पूछ चुके है तो भाजपा प्रवक्ता लोकेंद्र पाराशर प्रेस रिलीज के जरिये उन पर प्रश्न उछलते रहे है। अब जबाव भी देने होंगे। कमलनाथ पहली बार ग्वालियर पहुंचे तो ग्वालियर के कार्यकर्ताओं द्वारा श्रीनाथ का अभूतपूर्व स्वागत किया गया 14 किलोमीटर के सफर में श्रीनाथ का सैकड़ों जगह पुष्प वर्षा कर आतिशबाजी चलाकर श्रीनाथ का स्वागत किया गया शुक्रवार को कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का उत्साह सड़कों पर देखते ही बन रहा था।

इधर कमलनाथ जी का स्वागत चल रहा था तो दूसरी तरफ फूलबाग चौराहे पर भा जा पा के द्वारा कमलनाथ जी के ग्वालियर आने का विरोध प्रदर्शन चल रहा था इस विरोध प्रदर्शन में ग्वालियर के सभी छोटे बड़े स्थानीय भाजपा नेता शामिल हुए। आप श्रीनाथ के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। टिकिट वितरण के समय सबके बीच सामंजस्य बैठाना । उन्हें अब देखना होगा कि टिकट वितरण के दौरान किसी भी प्रकार का विद्रोह उत्पन्न ना होने पाए। इस विद्रोह को शांत करना ,नेताओ के बीच एकता स्थापित कराना और कार्यकर्ताओं में हौसला भरना जैसे बड़े काम करना होंगे क्योंकि सिंधिया जैसे एक बड़े सियासी नाम का भाजपा से जुड़ जाना कांग्रेस के लिए तमाम मुसीबतें खड़ी कर सकता है।

क्षेत्र का चहुँमुखी विकास ही प्राथमिकता : ऊर्जा मंत्री

श्री तोमर ने 55 लाख के विकास कार्यों का किया भूमिपूजन…

क्षेत्र का चहुँमुखी विकास ही प्राथमिकता : ऊर्जा मंत्री


ग्वालियर। प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने वार्ड 4 व 5 में 55 लाख के विकास कार्यों का भूमि पूजन करते हुए कहा कि विकास निरंतर चलने वाली वाली प्रक्रिया है। क्षेत्र में विकास कार्यों की गति तेज हो गई है, विकास अब रूकने वाला नही है। क्षेत्र में सड़क, सीवर व पानी की लाइन डाली जा रही है। जिससे क्षेत्र का चहूमुखी विकास होगा। ऊर्जा मंत्री श्री तोमर ने वार्ड 4 के एकता नगर में 16 लाख 54 हजार की लागत से बनने वाली सीसी रोड़, उल्लास नगर में 11 लाख 50 हजार की लागत से बनने वाली सीसी रोड एवं वार्ड 5 में जैन मंदिर की विभिन्न गलियों में 27 लाख की लागत से बनने वाली सीसी रोड़ का भूमि पूजन करते हुए कहा कि क्षेत्र में विकास की गति तीव्र हो चुकी है। 

फिर भी कोई गली रह जाती है तो आप मुझे अवगत करायें वह कार्य भी शीघ्र पूर्ण कराया जायेगा। मंत्री श्री तोमर ने कहा कि आमजन की मूलभूत सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार कार्य कर रही है। पूर प्रदेश में 37 लाख पात्र हितग्राहियों को राशन की पात्रता पर्ची जारी की गई। फिर भी कोई पात्र हितग्राही रह गया है तो मुझे अवगत करायें जिससे उसको समय पर राशन मिल सके। साथ ही प्रदेश सरकार ने हर वर्ग के हितों को ध्यान में रखते हुए 1 किलोवाट तक के बिजली के बिल 31 अगस्त तके के बिल फ्रीज कर दिये हैं। मंत्री श्री तोमर ने कहा कि जिले में अवैध कॉलोनियों में रहने वाले आमजन की सुविधा के लिए विद्युतीकरण का कार्य प्रारम्भ हो गया है। 

अब उनको दूर से तार डालकर बिजली नही लानी पडेगी। मंत्री श्री तोमर ने कहा कि मंच बदला उदेश्य नही। उदेश्य वही है जन सेवा करना जो में आपकी करता रहूंगा। प्रदेश सरकार की मंशानुसार युवाओं के लिए नये उद्योग लगाये जायेगें जिससे उन्हे रोजगार के लिए अन्य शहर न जाना पडे। भूमि पूजन के अवसर पर मंडल अध्यक्ष प्रयाग तोमर, पार्षद जगतसिंह कौरव, पप्पू परिहार, लक्ष्मण सिसौधिया, शैलेन्द्र वैस, मन्नू भाई, परसुराम गुर्जर, नासिर भाई, मेहबूब भाई सहित बडी संख्या में क्षेत्रीय गणमान्य नागरिक उपस्थि रहे। 

ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने विधानसभा के पात्र हितग्राहियों को कामकाजी, हाथ ठेला, केश शिल्पी के कार्ड बंगला नं. 38 कार्यालय पर वितरित किए। इस अवसर पर मंत्री श्री तोमर ने कहा कि कोई भी हितग्राही प्रदेश सरकार की योजनाओं से वंचित न रह पाए, यही मेरा प्रयास है। सभी पात्र हितग्राहियों को राशन मिले।

ऊर्जा मंत्री श्री तोमर ने किसानों को किया सम्मानित

जिले के 7258 किसानों के खाते में पहुँची फसल बीमा की राशि…

ऊर्जा मंत्री श्री तोमर ने किसानों को किया सम्मानित 

ग्वालियर। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत प्रदेश के 22 लाख किसानों को 4 हजार 688 करोड़ रूपए का भुगतान एक क्लिक से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया। प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम उज्जैन में आयोजित हुआ। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम से प्रदेश के किसानों से सीधा संवाद भी किया। प्रदेश के प्रत्येक जिले में आयोजित कार्यक्रमों की कड़ी में ग्वालियर में कलेक्ट्रेट कार्यालय के सभाकक्ष में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 

प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। ग्वालियर जिले में 7 हजार 258 किसानों के खाते में एक करोड़ 26 लाख रूपए की बीमा राशि प्रदान की गई है। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कार्यक्रम में किसानों को पुष्प-गुच्छ देकर सम्मानित किया और प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के हित में किए जा रहे कार्यों के संबंध में जानकारी दी। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने किसानों से कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 22 लाख किसानों के खाते में फसल बीमा की राशि जमा की है। 

किसानों के हित में प्रदेश सरकार द्वारा कार्य किया जा रहा है। कार्यक्रम में कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, सीईओ जिला पंचायत शिवम वर्मा, उप संचालक कृषि आनंद बड़ोनिया सहित जिले के वे किसान जिन्हें फसल बीमा का लाभ दिया जा रहा है, शामिल थे। कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने किसानों से कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा बीमा की राशि किसानों के खाते में भेज दी गई है। उप संचालक कृषि कार्यालय में एक हैल्पलाइन डेस्क भी स्थापित की जा रही है। 

जिन किसानों के खाते में फसल बीमा की राशि प्राप्त नहीं हुई है वे हैल्पडेस्क पर संपर्क कर सकते हैं। ऐसे किसान जिनकी फसल बीमा की राशि मंजूर हुई है उन सभी के खाते में राशि प्रदान कर दी गई है। ग्वालियर में आयोजित कार्यक्रम में जो किसान शामिल हुए उनमें सर्वश्री रामनाथ कुशवाह, दिनेश दीक्षित, रूस्तम सिंह, पंजाब सिंह, गब्बर सिंह, मोनू कुशवाह, सोनू कुशवाह, नाथू सिंह, बैजनाथ सिंह, वीरेन्द्र सिंह, अमर सिंह, मिथलेश एवं लोकेन्द्र सिंह शामिल थे।  

स्वस्थ परिवार के लिए पोषण आहार जरूरी : श्री सिंह

हर जीवन हो पोषण से रोशन : प्रचार अभियान…

स्वस्थ परिवार के लिए पोषण आहार जरूरी : श्री सिंह

ग्वालियर । कुपोषण को मिटाने में हम सभी को सजग होना पड़ेगा । हमारे खान-पान, दिनचर्या, योग ,ध्यान प्राणायाम पर भी ध्यान देने की जरूरत है। यह विचार महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी राजीव कुमार सिंह ने भारत सरकार सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के क्षेत्रीय लोक संपर्क ब्यूरो ग्वालियर द्वारा पोषण माह के अंतर्गत चलाए जा रहे विशेष प्रचार अभियान के शुभारंभ अवसर पर व्यक्त किए। उन्होंने प्रचार रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया । श्री सिंह ने कहा कि यह प्रचार रथ लोगों में निश्चित ही जागरूकता लाएगा । इस अवसर पर जिला आयुष अधिकारी डॉ राकेश शर्मा, सहायक संचालक महिला बाल विकास राहुल पाठक उपस्थित थे।

डॉ राकेश सिंह ने कहा कि संतुलित और पौष्टिक आहार ना केवल हमें स्वस्थ रखेगा ,बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता  बढ़ाकर कोरोना के संक्रमण से भी बचाएगा। सहायक संचालक राहुल पाठक ने कहा कि हमारा भोजन  पोषण वाला हो जिसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा ,तेल हरी सब्जियां, फल, अंडे, अनाज आदि शामिल हो। उन्होंने बताया कि हमारी थाली इस तरीके से तैयार होनी चाहिए कि वह रंग बिरंगी हो। 

इस अवसर पर लोक संपर्क ब्यूरो ग्वालियर के प्रचार अधिकारी दिलीप सिंह परमार ने बताया कि यह रथ 5 दिनों तक शहर की तंग बस्तियों मोहल्लों में आंगनबाड़ियों के सहयोग से प्रचार प्रसार करने के साथ ही संवाद के जरिए पौष्टिक आहार के प्रति लोगों में जागरूकता लाएगा। श्री परमार ने बताया कि प्रचार रथ में पोस्टर के जरिए पोषण आहार के बारे में सटीक जानकारी दी गई है । साथ ही प्रचार साहित्य भी वितरण किया जा रहा है। संवाद के दौरान व्याप्त शंकाओं का समाधान भी किया जा रहा है। गुरूवार से  शुरू हुए अभियान के पहले दिन ग्वालियर के विवेकानंद कॉलोनी, सागर वाले बाबा, बावन पाएगा, कैलाश टॉकीज, सुबे की गोट, करवास बाड़ा, गंगवाल फैक्ट्री, नक्कास वाली गली, शिंदे की छावनी, कमल सिंह का बाग सहित अन्य स्थानों पर प्रचार गतिविधियां हुई।

पल्ला न झाड़े सरकार

बहाना बनाकर मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की अपनी जिम्मेदारी से…

पल्ला न झाड़े सरकार

लॉकडाउन के दौरान अमानवीय परिस्थितियों में भीषण तकलीफें झेलते हुए अपने-अपने गांवों की ओर सफर करने के क्रम में जान गंवाने वाले प्रवासी मजदूरों के प्रति केंद्र सरकार का जो रुख सामने आया है वह न केवल गैरजिम्मेदार और संवेदनहीन है बल्कि एक लोकतांत्रिक देश के लिए शर्मनाक भी है। लॉकडाउन के बहुचर्चित फैसले के बाद आयोजित संसद के इस पहले सत्र में प्रवासी मजदूरों का यह मसला स्वाभाविक रूप से उठा। एक सांसद के सवाल के लिखित जवाब में सरकार ने माना कि उस दौरान एक करोड़ से ज्यादा मजदूर देश के अलग-अलग हिस्सों से बदहवासी के आलम में अपने अपने गांवों की ओर चल पड़े थे। मगर इसके साथ ही उसका कहना है कि इस यात्रा में जान गंवाने वाले मजदूरों का कोई आंकड़ा उसके पास नहीं है, इसलिए उन मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने का सवाल ही नहीं उठता। यह भी गौर करने की बात है कि सरकार ने अचानक शुरू हुए उस पलायन के लिए फेक न्यूज को जिम्मेदार ठहराया है। 

सरकार को यह स्वीकार करना चाहिए कि देश में उत्पन्न हुई उस दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति के लिए बिना किसी तैयारी और पूर्वसूचना के अचानक देश भर में पूर्ण लॉकडाउन लागू करने का उसका फैसला जिम्मेदार था। लॉकडाउन से सारे काम धंधे बंद हो गए। बड़े शहरों में रोज मेहनत करके परिवार पाल रहे लोगों की आमदनी का जरिया समाप्त हो गया। कई मकान मालिकों ने किराया न मिलने की आशंका में उन्हें बाहर निकालकर कमरे पर ताला मार दिया। परिवार सहित बेघर रहने और भूखों मरने की स्थिति से बचने का मजदूरों को एक ही उपाय नजर आया कि किसी तरह अपने गांव पहुंच जाएं। लॉकडाउन के चलते बस-ट्रेन सब बंद थीं। मजबूरन सैकड़ों मील लंबी दूरियां उन लोगों ने पैदल ही नापने का फैसला किया। बाद में नैतिक दबाव की स्थिति में जो श्रमिक स्पेशल ट्रेनें सरकार ने चलवाईं वे भी तमाम अव्यवस्थाओं की शिकार रहीं। बहुत सी मौतें ट्रेन में भूख-प्यास और असह्य गर्मी के चलते हुईं जबकि कई मौतें सड़क और ट्रेन दुर्घटनाओं में हुईं।

यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार ने इन मौतों से जुड़ी सूचनाएं जुटाने की जहमत नहीं उठाई। फिर भी इसे बहाना बनाकर मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की अपनी जिम्मेदारी से सरकार पल्ला नहीं झाड़ सकती। सूचनाएं अब भी जुटाई जा सकती हैं। अखबारों में ब्यौरेवार खबरें मौजूद हैं। रेलवे के पास उसके रेकॉर्ड होंगे। अस्पताल, पुलिस और स्थानीय प्रशासन के पास जानकारी होगी। कुछ मौतें ऐसी हो सकती हैं जिनकी रिपोर्ट न आ पाई हो। उनके बारे में सूचनाएं अखबारों में नोटिस देकर मंगवाई जा सकती हैं और मुआवजे के दावों की सचाई कई तरीकों से जांची जा सकती है। लेकिन जिन गरीब परिवारों के कमाने वाले सदस्य मारे गए हैं वे आज भी बहुत बुरी दशा में हैं। इस राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय आपदा के समय अपने देश की सरकार से सहानुभूति और सहायता प्राप्त करना उनका अधिकार है।